Sansar Daily Current Affairs, 14 November 2018
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Leadership for Academicians Program (LEAP)
संदर्भ
उच्चतर शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों के लिए सरकार ने शिक्षक नेतृत्व कार्यक्रम (Leadership for Academicians Programme – LEAP) का अनावरण किया है.
LEAP क्या है?
- शिक्षक नेतृत्व कार्यक्रम (LEAP) एक मूर्धन्य नेतृत्व विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसकी कुल अवधि 3 सप्ताह की है. पहले दो हफ्ते देश में प्रशिक्षण होगा और फिर एक सप्ताह विदेश में प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह कार्यक्रम उन द्वितीय स्तर के शिक्षकों के लिए है जो सरकार द्वारा वित्त-पोषित उच्चतर शिक्षा संस्थानों में कार्यरत हैं.
- इस कार्यक्रम का प्रधान लक्ष्य शैक्षणिक कार्य करने वाले लोगों की दूसरी पंक्ति को तैयार करना है जो भविष्य में नेतृत्व की भूमिका निभाएँगे.
- यह कार्यक्रम वरिष्ठ शिक्षकों को नेतृत्व तो सिखलाएंगे ही, साथ ही साथ इन प्रबंधकीय कौशलों का ज्ञान भी देंगे – समस्या समाधान, तनाव का समाधान, कार्यदल का निर्माण, टकराव का समाधान, सम्वाद कौशल का विकास, उच्चतर शिक्षा संस्थानों के प्रशासन की जटिलता और चुनौतियों को समझना और उनका हल करना, वित्तीय एवं सामान्य प्रशासन.
- LEAP कार्यक्रम का कार्यान्वयन राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग ढाँचे (National Institute Ranking Framework – NIRF) की रैंकिंग के अनुसार भारत के शीर्षस्थ 15 संस्थानों के माध्यम से होगा. इसके अतिरिक्त वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष पर आने वाले 100 विदेशी संस्थानों में से उपयुक्त विश्वविद्यालयों का चयन कर वहाँ NIRF के अंतर्गत शिक्षण देने का काम होगा.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Annual Refresher Programme in Teaching (ARPIT)
संदर्भ
भारत सरकार ने उच्चतर शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों के लिए वार्षिक शिक्षण रिफ्रेशर कार्यक्रम (ARPIT) का अनावरण किया है.
ARPIT क्या है?
वार्षिक शिक्षण रिफ्रेशर कार्यक्रम (ARPIT) एक बड़ा और अनूठा कार्यक्रम है जिसके माध्यम से उच्चतर शिक्षा से जुड़े हुए 15 लाख शिक्षकों को ऑनलाइन पेशेवर विकास का अवसर दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण MOOCs के SWAYAM नामक मंच से दिया जाएगा. MOOCs का full form है – Massive Open Online Courses.
- अर्पित कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए प्रथम चरण में 75 विशेष डिसिप्लीन वाले संस्थानों का चयन कर लिया गया है और उन्हें संसाधन केन्द्रों (National Resource Centres -NRCs) के रूप में अधिसूचित भी कर दिया गया है. ये केंद्र ऑनलाइन प्रशिक्षण की सामग्री तैयार करेंगे. इस सामग्री में जिन विषयों पर ध्यान दिया जाएगा, वे हैं – सम्बन्धित डिसिप्लीन से सम्बन्धित नवीनतम जानकारियाँ, नए-नए एवं उभरते हुए रुझान, प्रशिक्षण पद्धति में होने वाले सुधार और संशोधित पाठ्यक्रम को लागू करने वाली प्रणालियाँ.
- अर्पित कार्यक्रम एक सदैव चलने वाला कार्यक्रम होगा जिससे कि प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय संसाधन केंद्र, विशेष रूप से चयन की गई डिसिप्लीन में, प्रत्येक वर्ष लगातार नए रिफ्रेशर पाठ्यक्रम तैयार करते रहें. केंद्र द्वारा तैयार की गई प्रशिक्षण सामग्रियाँ SWAYAM पर अपलोड की जाएँगी. NRCs उन शिक्षकों की सूची भी प्रकाशित करेगी जिन्हें इस प्रशिक्षण को पूरा करने का प्रमाणपत्र दिया गया है. इस प्रकार NRCs शिक्षकों के पेशेवर विकास की प्रक्रिया में क्रान्ति ला देंगे.
- NRCs नाना प्रकार के संस्थानों में स्थापित किये गये हैं, जैसे – केन्द्रीय विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), IUCAA, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), IISER, राष्ट्रीय तकनीक संस्थान (NIT), पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं प्रशिक्षण मिशन (PMMMNMTT) के अंतर्गत आने वाले राज्य विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC) के मानव संसाधन विकास केंद्र (HRDC), राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (NITTTR), IIIT और IGNOU.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Indian Health Fund
संदर्भ
टाटा न्यास (Tata Trusts) और वश्विक कोष (The Global Fund) द्वारा समर्थित भारतीय स्वास्थ्य कोष (Indian Health Fund – IHF) ने यक्ष्मा (tuberculosis) और मलेरिया रोगों को आरम्भ में ही पकड़ लेने के लिए तथा इन रोगों के उन्मूलन के लिए कारगर उपाय ढूंढने के लिए चार नवचारियों (innovators) को चुन लिया है.
मुख्य तथ्य
- इन चार नवचारियों के चयन का उद्देश्य नई-नई तकनीकों का उपयोग कर यक्ष्मा और मलेरिया के आरम्भिक चरणों में ही निदान करना तथा तत्परता से उपचार प्रारम्भ कर देना है.
- इसका उद्देश्य यह भी है कि यक्ष्मा और मलेरिया के उन्मूलन के लिए देश-भर में किये जा रहे प्रयासों को बल मिल सके.
- सरकार ने यक्ष्मा को 2025 तक और मलेरिया को 2030 तक उन्मूलित करने का लक्ष्य रखा है. विदित हो कि विश्व-भर में होने वाले यक्ष्मा रोगियों में से 27% भारत के रोगी होते हैं. दूसरी ओर दक्षिण-पूर्वी एशियाई क्षेत्र में मलेरिया के जितने मामले आते हैं उनमें से 68% भारत से आते हैं.
IHF क्या है?
- भारतीय स्वास्थ्य कोष (Indian Health Fund) टाटा न्यास का एक कोष है जिसे 2016 में वैश्विक कोष के सहयोग से आरम्भ किया गया था. इसका उद्देश्य यक्ष्मा और मलेरिया जैसे भारत में होने वाले संक्रामक रोगों के निदान और उपचार के लिए नई खोज को प्रेरित करना है.
- यह कोष उन व्यक्तियों और संगठनों को सहायता करता है जिन्होंने पहले ही इन रोगों से लड़ने की रणनीतियों, सेवाओं, उत्पादों आदि के क्षेत्र में नवाचार किया है.
- यह पहल लम्बे समय तक चलती रहेगी क्योंकि भारत से यक्ष्मा को 2025 और मलेरिया को 2030 तक समाप्त करने का लक्ष्य है. इस पहल के अंतर्गत नए नवाचार आने से इन रोगों के निदान और उपचार के लिए सुलभ और सस्ते उपाय ढूंढे जा सकेंगे.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Indian Ocean Naval Symposium (IONS)
संदर्भ
कोची में हिन्द महासागर नौसैनिक सिम्पोजियम (Indian Ocean Naval Symposium – IONS) की 10वीं वर्षगाँठ मनाई जा रही है. इस अवसर पर हिन्द महासागर और हिन्द महासागर के तटीय देशों का एक मानचित्र बनाया गया है जो इस क्षेत्र में भारत के भू-राजनैतिक महत्त्व को दर्शाता है.
IONS क्या है?
- IONS 21वीं शताब्दी की पहली महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक सुरक्षा पहल है जिसका अनावरण फरवरी, 2008 में हुआ था. यह एक ऐसा मंच है जहाँ स्थानीय नौसैनिक समस्याओं पर विचार होता है और सदस्य देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों को बढ़ावा दिया जाता है.
- वर्तमान में इसमें 35 सदस्य देश हैं जिनको चार उपक्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है. ये क्षेत्र हैं – दक्षिण-एशिया, पश्चिम एशिया, पूर्वी अफ्रीका एवं दक्षिण-पूर्व एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया. इसके अतिरिक्त 9 देश इसमें पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हैं.
- यह पहल एक स्वैछिक पहल (voluntary initiative) है जिसका उद्देश्य हिन्द महासागर क्षेत्र के समुद्र तटों वाले देशों को एक मंच पर लाना और आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है.
- 2014 में अंगीकृत इस संस्था के कारोबार प्रलेख के अनुसार इसमें कई कार्यसमूह होते हैं जो इन विषयों से सम्बंधित हैं – मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR), सूचना सुरक्षा एवं सह-संचालन तथा समुद्री डकैती-प्रतिरोध (जिसे आजकल सामुद्रिक सुरक्षा कहा जाता है).
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : New index to check ease of doing agri-business
संदर्भ
भारत सरकार एक ऑनलाइन डैशबोर्ड के निर्माण की योजना बना रही है जिसके माध्यम से कृषि व्यवसाय क्षेत्र में राज्यों के प्रदर्शन पर नजर रखी जायेगी और इसके लिए एक सूचकांक जनवरी 2019 में प्रकाशित किया जाएगा.
कृषि व्यवसाय करने में सरलता का नया सूचकांक क्या है?
- नए कृषि व्यवसाय करने में सरलता विषयक नए सूचकांक में राज्यों के प्रदर्शन के लिए न केवल इस क्षेत्र में उनके द्वारा किये गये सुधारों को आधार बनाया जायेगा अपितु यह भी देखा जायेगा कि उन्होंने इन क्षेत्रों में क्या-कुछ किया है – कृषि में निवेश, बढ़ी हुई उत्पादकता में वृद्धि, कृषि में लगाई गई लागत में कमी और जोखिम को घटाने के उपाय.
- कृषि मंत्रालय सूचकांक तैयार करते समय अधिक अच्छा काम करने वाले राज्यों के प्रदर्शन के अनुसार उनको अपनी मूर्धन्य योजनाओं के माध्यम से अधिक धनराशि आवंटित कर उन्हें प्रस्कृत भी करेगी.
- प्रस्तावित सूचकांक का मुख्य ध्यान सुधारों पर होगा. इन सुधारों में भी बाजार-सुधार (25%) तथा प्रशासन एवं भूमि सुधार (20%) के लिए ही लगभग आधा वेटेज दिया जाएगा.
मापदंड
- राज्यों को रैंकिंग देते समय जो मानदंड अपनाए जायेंगे उनमें एक मापदंड खेती की लागत को घटाने से सम्बन्धित है. लागत घटाने का काम मृदा स्वास्थ्य कार्ड बाँटकर और जैव-कृषि तथा लघु सिंचाई को प्रोत्साहन देकर किया जा सकता है.
- जहाँ तक जोखिम घटाने का प्रश्न है, इसके लिए फसल और मवेशी-बीमा को 15% वेटेज दिया जायेगा. दूसरी ओर उत्पादकता में वृद्धि और कृषि में निवेश के लिए 10-10% का वेटेज निर्धारित है.
चुनौतियाँ
ज्ञातव्य है कि कृषि राज्य का विषय है. अतः इसके लिए केंद्र जो भी नीतियाँ बनाए अथवा पहल करे इसकी सफलता इस बात पर निर्भर होती है कि राज्य इनका पालन कहाँ तक कर पाते हैं. कहा जा सकता है कि राज्यों को कृषि क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु प्रेरित करने के लिए यह आवश्यक है कि उनमें एक प्रतिस्पर्धात्मक भावना उपजाई जाये. कृषि व्यवसाय में सरलता सरलता विषयक नया सूचकांक इसी दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पग है.
Prelims Vishesh
INDRA 2018 :-
- INDRA भारत और रूस का एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है जो संयुक्त राष्ट्र (UN) के तत्त्ववधान में विद्रोह को दबाने से सम्बंधित है.
- इंद्र का नवीनतम सैन्य-अभ्यास उत्तरप्रदेश के झाँसी के पास स्थित बबीना सैन्य अड्डे के बबीना मैदानी चाँदमारी रेंज पर चल रहा है.
#PowerOf18 campaign :-
#पॉवरऑफ़18 अभियान Twitter India द्वारा आरम्भ किया गया एक अभियान है जिसका उद्देश्य 2019 आम चुनावों के संदर्भ में सार्वजनिक विमर्श में योगदान करने हेतु युवाओं को प्रोत्साहन देना है.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA
[vc_message icon_fontawesome=”fa fa-file-pdf-o”]October, 2018 Sansar DCA is available Now, Click to Download
[/vc_message][vc_column_text]