Sansar डेली करंट अफेयर्स, 14 October 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 14 October 2020


GS Paper 1 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Important Geophysical phenomena such as earthquakes, Tsunami, Volcanic activity, cyclone etc.

Topic : WESTERN DISTURBANCE

संदर्भ

पूर्व मध्य और दक्षिण गुजरात तट से सटे पूर्वोत्तर अरब सागर और उत्तर-पश्चिम की ओर गहरा विक्षोभ बन रहा है और यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है. यह 17 अक्टूबर 2020 को 0530 बजे पूर्व मध्य और आसपास के पूर्वोत्तर अरब सागर की तरफ बढ़ सकता है.

पश्चिमी विक्षोभ क्या है?

पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्णकटिबंधीय आंधी है जो जाड़ों में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात् बरसात ले आती है. यह बरसात मानसून की बरसात से भिन्न होती है.

बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियाँ (Extratropical storms) विश्व में सब जगह होती हैं. इनमें आर्द्रता सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुँच जाती है जबकि उष्णकटिबंधीय आँधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है. भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो आर्द्रता कभी-कभी बरसात के रूप में बदल जाती है.

पश्चिमी विक्षोभ का निर्माण

पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) एक बाह्य उष्णकटिबंधीय चक्रवात के रूप में भूमध्यसागर में जन्म लेता है. युक्रेन और आस-पास के क्षेत्र में एक उच्च दाब का क्षेत्र बन जाता है जिसके चलते ध्रुवीय क्षेत्रों से ठंडी हवा तुलनात्मक रूप से स्फ्जोल गर्म और उच्च आर्द्रतायुक्त हवा वाले क्षेत्र की ओर दौड़ पड़ती है.  

फलस्वरूप ऊपरी वायुमंडल में चक्रवात उत्पन्न (cyclogenesis) करने के लिए एक उपयुक्त स्थिति बन जाती है जिस कारण पूर्व की दिशा की ओर बढ़ता हुआ एक दाब का निर्माण होता है. यह दाब धीरे-धीरे मध्य-पूर्व से बढ़ता हुआ  और ईरान, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान होता हुआ भारतीय महाद्वीप में प्रवेश कर जाता है.

प्रभाव

  • पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के निचले क्षेत्रों में हल्की से भारी वर्षा और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी हिमपात लाने में सहायक होता है.
  • जब पश्चिमी विक्षोभ आता है तो आकाश में बादल छा जाते हैं और रात का तापमान बढ़ जाता है और असमय वर्षा होती है. इस वर्षा का खेती के लिए, विशेषकर रबी फसलों के लिए, बड़ा महत्त्व है. इससे गेहूँ को लाभ होता है जो भारत के लिए एक महत्त्वपूर्ण फसल है और जिसका भारत की खाद्य सुरक्षा में बड़ा योगदान है.
  • यदि पश्चिमी विक्षोभ से अधिक वर्षा हो गयी तो फसल नष्ट हो सकती है तथा साथ ही भूस्खलन, हिमस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएँ घट सकती हैं. गंगा-यमुना के मैदानों में इससे कभी-कभी ठंडी हवाएं चलनी लगती हैं और घाना कुहासा छा जाता है.
  • जब पश्चिमी विक्षोभ मानसून आने के पहले पश्चिमोत्तर भारत की ओर आता है तो कुछ समय के लिए मानसून अपने समय से पहले ही आया हुआ प्रतीत होने लगता है.

GS Paper 1 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.

Topic : Matangini Hazra

संदर्भ

भारत में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ऐसी अनेक महिलाएं सामने आईं जिन्होंने अपने अपने कौशल से स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा थी. कुछ महिलाएं उदारवादी कानूनी मार्ग पर चल कर योगदान कर रही थीं तो कुछ क्रांतिकारी गतिविधियों के द्वारा. इन्हीं में एक महान वीरांगना थीं मातंगिनी हाजरा.

Matangini Hazra

9 अक्टूबर, 1870 को मातंगिनी हाजरा ने तमलूक शहर से कुछ दूरी पर मौजूद होगला मिदनीपुर जिला में एक साधारण परिवार में जन्म लिया. उन्हें बाल विवाह का दंश झेलना पड़ा और अत्यंत निर्धनता के चलते उनका विवाह मात्र 12 वर्ष की आयु में 62 वर्षीय विधुर त्रिलोचन हाजरा से कर दिया गया.

मातंगिनी हाजरा कौन थीं?

  • 1905 के स्वदेशी आंदोलन के दौरान मातंगिनी का राष्ट्रवादी चरित्र मुखर रूप में समक्ष आया.
  • बहिष्कार और निष्क्रिय प्रतिरोध की रणनीति के उस दौर में उन्होंने गांधीवादी कार्य पद्धति में पूर्ण आस्था बनाए रखी. सूत कातने और खादी वस्त्रों को धारण करने की दिशा में उस समय की भारतीय महिलाओं के समक्ष उन्होंने एक मिसाल पेश किया.
  • मातंगिनी हाजरा ने गाँधीजी के नमक सत्याग्रहमें भी सक्रिय रूप से भाग लिया. 1932 में उनके गाँव में एक जुलूस निकला. उसमें कोई भी महिला नहीं थी. यह देखकर मातंगिनी जुलूस में सम्मिलित हो गईं. इसके साथ ही वे गांधी जी के सविनय अवज्ञा आंदोलन की सक्रिय महिला सहभागी भी थीं.
  • 17 जनवरी, 1933 को ‘करबन्दी आन्दोलन’ को दबाने के लिए बंगाल के तत्कालीन गर्वनर एण्डरसन तामलुक आये, तो उनके विरोध में प्रदर्शन हुआ. वीरांगना मातंगिनी हाजरा सबसे आगे काला झण्डा लिये डटी थीं और उन्होंने काले झंडे पूर्ण निर्भीकता के साथ दिखाए भी . वह ब्रिटिश शासन के विरोध में नारे लगाते हुई दरबार तक पहुँच गयीं. इस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और छह महीने का सश्रम कारावास देकर मुर्शिदाबाद जेल में बन्द कर दिया.
  • इसके बाद सन 1942 में ‘भारत छोड़ो आन्दोलन‘ के दौरान ही एक घटना घटी. 29 सितम्बर, 1942 के दिन एक बड़ा जुलूस तामलुक की कचहरी और पुलिस लाइन पर क़ब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ा. मातंगिनी इसमें सबसे आगे रहना चाहती थीं. किंतु पुरुषों के रहते एक महिला को संकट में डालने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ. जैसे ही जुलूस आगे बढ़ा, अंग्रेज़ सशस्त्र सेना ने बन्दूकें तान लीं और प्रदर्शनकारियों को रुक जाने का आदेश दिया. इससे जुलूस में कुछ खलबली मच गई और लोग बिखरने लगे. ठीक इसी समय जुलूस के बीच से निकलकर मातंगिनी हज़ारा सबसे आगे आ गईं.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : ADB

संदर्भ

एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank – ADB) और भारत सरकार ने आज महाराष्ट्र में राज्य-राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के उन्नयन के लिए 177 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए. सुधार किये जाने वाले सडकों की कुल लम्बाई 450 किलोमीटर (किमी) है.

संभावित लाभ

परियोजना राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी केंद्रों के बीच सड़क-संपर्क को बेहतर बनायेगी, जिससे ग्रामीण समुदायों की बाजार, रोजगार के अवसरों और सेवाओं तक पहुँच आसान होगी. बेहतर गतिशीलता से राज्य के प्रमुख शहरी केंद्रों के अतिरिक्त 2 –टीअर शहरों और कस्बों में विकास और आजीविका के अवसरों का विस्तार होगा और इससे आय असमानता में कमी आयेगी.

एशियाई विकास बैंक के बारे में

  • यह एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना 19 दिसम्बर, 1966 को हुई थी.
  • ADB का मुख्यालय मनीलाफिलीपींस में है.
  • एशियाई विकास बैंक में 68 सदस्य देश शामिल हैं जिसमें 49 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं और और बाकी बाहर से हैं. (According to Wikipedia)
  • इस बैंक में सदस्य के रूप में एशियाई क्षेत्र के बाहर के कुछ विकसित देशों के अतिरिक्त UNESCAP अर्थात् संयुक्त राष्ट्र एशिया-प्रशांत आर्थिक एवं सामाजिक आयोग के सदस्य भी लिए जाते हैं.
  • ADB को विश्व बैंक की तर्ज पर ही तैयार किया गया था.
  • इसमें विश्व बैंक की तरह ही वोटिंग में वेटेज की प्रणाली है अर्थात् जो देश बैंक को जितनी पूँजी देता है, उसके वोट का महत्त्व उतना ही होता है.
  • ADB विश्व पूँजी बाजार में निर्गत बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाया करता है. यह अपने सदस्य देशों द्वारा किये गये आर्थिक योगदान, उधार से हुई कमाई एवं ऋणों की वापसी से अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करता है.
  • इसमें प्रत्येक सदस्य राज्य से एक प्रतिनिधि होता है.
  • बोर्ड ऑफ गवर्नर बैंक के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं.
  • इस बैंक के अध्यक्ष का कार्यकाल वर्षों का होता है और इसे पुनः निर्वाचित किया जा सकता है.
  • परंपरागत रूप से अब तक नियुक्त अध्यक्ष सदैव जापान से ही रहे हैं और यह संभवतः इसलिए भी है क्योंकि जापान बैंक के सर्वाधिक बड़े शेयरधारकों में से एक है.

GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Conservation related issues.

Topic : NCAP

संदर्भ

देश भर में वायु प्रदूषण में कमी के लिए एक समग्र दृष्टिकोण लागू किया जा रहा है और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के माध्यम से पर्यावरण मंत्रालय देश भर के 122 शहरों में इसे लागू कर रहा है. एनसीएपी ने देश भर में 2024 तक पीएम 10 और पीएम 2.5 सांद्रता में 20 से 30% की कमी हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 10 जनवरी 2019 को प्रदूषण से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) नाम से एक योजना का अनावरण किया है. इसके अंतर्गत इन सभी शहरों में प्रदूषण से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के मुख्य तत्त्व

  • 2017 से लेकर 2024 तक पूरे देश में 5 और PM10 संघनन (concentration) में 20-30% कमी के लक्ष्य को प्राप्त करना.
  • इस कार्यक्रम को पूरे देश में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board – CPCB) वायु (प्रदूषण प्रतिषेध एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1986 के अनुभाग 162 (b) के अनुसार लागू करेगा.
  • इस कार्यक्रम के लिए पहले 2 वर्ष में 300 करोड़ रू. का आरम्भिक बजट दिया गया है.
  • इस कार्यक्रम में 23 राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों के 102 शहरों को चुना गया है. इन शहरों का चुनाव केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 2011 और 2015 की अवधि में इन शहरों की वायु गुणवत्ता से सम्बंधित आँकड़ों के आधार पर किया गया है. इन शहरों में वायु गुणवत्ता के राष्ट्रीय मानकों के अनुसार वायु की गुणवत्ता लगातार अच्छी नहीं रही है. इनमें से कुछ शहर ये हैं – दिल्ली, वाराणसी, भोपाल, कोलकाता, नोएडा, मुजफ्फरपुर और मुंबई.
  • इस कार्यक्रम में केंद्र की यह भी योजना है कि वह पूरे भारत में वायु गुणवत्ता की निगरानी के नेटवर्क को सुदृढ़ करे. वर्तमान में हमारे पास 101 रियल-टाइम वायु गुणवत्ता मॉनिटर हैं. परन्तु निगरानी की व्यस्था को सुदृढ़ करने के लिए कम से कम 4,000 मॉनिटरों की आवश्यकता होगी.
  • राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में एक त्रि-स्तरीय प्रणाली भी प्रस्तावित है. इस प्रणाली के अंतर्गत रियल-टाइम भौतिक आँकड़ों के संकलन, उनके भंडारण और सभी 102 शहरों में एक्शन ट्रिगर प्रणाली की स्थापना अपेक्षित होगी. इसके अतिरिक्त व्यापक रूप से पौधे लगाये जाएँगे, स्वच्छ तकनीकों पर शोध होगा, बड़े-बड़े राजमार्गों की लैंडस्केपिंग की जायेगी और कठोर औद्योगिक मानदंड लागू किये जाएँगे.
  • इस कार्यक्रम के तहत राज्य-स्तर पर भी कई कदम उठाये जाएँगे, जैसे – दुपहिये वाहन का विद्युतीकरण, बैटरी चार्ज करने की व्यवस्था को सुदृढ़ करना, BS-VI मापदंडों को कठोरता से लागू करना, सार्वजनिक यातायात तन्त्र को मजबूत करना तथा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों का तीसरे पक्ष से अंकेक्षण कराना आदि.
  • इस राष्ट्रीय योजना में पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वोच्च समिति, अवर सचिव (पर्यावरण) की अध्यक्षता में एक संचालन समिति और संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति की स्थापना का भी प्रस्ताव है. इसी प्रकार राज्यों के स्तर पर भी परियोजना निगरानी के लिए समितियाँ होंगी जिनमें वैज्ञानिक और प्रशिक्षित कर्मचारी होंगे.

समिति के सदस्य

MoEFCC ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) को लागू करने के लिए एक समिति का गठन किया है.

  • इस समिति की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के सचिव करेंगे और इसके सदस्यों में संयुक्त सचिव (थर्मल), विद्युत मंत्रालय; महानिदेशक, ऊर्जा संसाधन संस्थान (TERI) आदि भी होंगे.
  • इस कार्यक्रम में 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 102 नॉन-अटेनमेंट शहरों  को शामिल किया गया है. इन शहरों का चुनाव केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 2011 से 2015 के बीच की वायु गुणवत्ता के आधार पर किया है. वे शहर नॉन-अटेनमेंट शहर हैं जिनमे राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक वायु गुणवत्ता निरंतर ख़राब रहती है. नॉन-अटेनमेंट शहरों की सूची में दिल्ली, वाराणसी, भोपाल, कलकत्ता, नॉएडा, मुजफ्फरपुर और मुंबई ऐसे बड़े शहर शामिल हैं.

कार्यक्रम के लाभ

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम से यह लाभ हुआ है कि वायु प्रदूषण को घटाने के लिए लक्ष्य निर्धारित हो गये हैं जिसके लिए बहुत दिनों से प्रतीक्षा थी. इन लक्ष्यों से यह लाभ होगा कि उन क्षेत्रों का पता चल जाएगा जहाँ प्रदूषण की समस्या गंभीर है और यह भी पता चलेगा कि वहाँ प्रदूषण घटाने का लक्ष्य पाने के लिए कौन-कौन से कारगर कदम उठाये जाने चाहिएँ.


Prelims Vishesh

SLINEX-20 :-

  • भारतीय नौसेना (आईएन) और श्रीलंका की नौसेना (एसएलएन) का संयुक्त वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘स्लीनेक्स-20’ का आठवां संस्करण 19 से 21 अक्टूबर 2020 तक त्रिंकोमाली श्रीलंका के तट पर आयोजित किया गया है.
  • ‘स्लीनेक्स-20’ का उद्देश्य परस्पर अंतर-संचालनशीलता को बढ़ाना, आपसी समझ को ज़्यादा परिपक्व करना और दोनों नौसेनाओं के बीच बहुआयामी समुद्री संचालन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं तथा प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है. इसके अतिरिक्त यह साझा नौसैनिक अभ्यास भारत में स्वदेशी रूप से निर्मित नौसैनिक जहाजों और विमानों की क्षमताओं को भी प्रदर्शित करेगा.
  • अभ्यास की यह श्रृंखला भारत और श्रीलंका के बीच गहरे जुड़ाव को व्यक्त करती है जिसने समुद्री क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूत किया है.

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