Prelims Vishesh
T+1 (T+2, T+3) :-
- हाल ही में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा स्टॉक मार्केट एक्सचेंजों के लिए ‘T+1 निपटान प्रणाली’ की पेशकश की गयी है. यदि स्टॉक एक्सचेंज, इस प्रस्ताव से सहमत होते हैं, तो निवेशकों को उनके द्वारा बेचे गए या खरीदे गए शेयरों के लिए, अपने खातों में तेजी से और सुरक्षित और जोखिम मुक्त वातावरण में राशि प्राप्त हो सकेगी.
- T+1 (T+2, T+3) शब्दावली, प्रतिभूति लेनदेन की निपटान तिथि को संदर्भित करने से संबंधित है.
- “T” का अर्थ लेन-देन की तारीख होता है, अर्थात यह जिस दिन प्रतिभूतियों का लेन-देन किया जाता है उस तारीख को दर्शाता है.
- 1, 2, या 3 संख्याएं यह दर्शाती है कि लेन-देन की तारीख के कितने दिन बाद, निपटान- अर्थात धन का हस्तांतरण होता है या प्रतिभूति का स्वामित्व प्राप्त होता है.
- स्टॉक और म्यूचुअल फंड, आमतौर पर T+1 चक्र के अनुसार संचालित होते हैं, और बॉन्ड तथा मुद्रा-बाजार फंड, T+1, T+2, और T+3 के बीच परिवर्तित होते रहते हैं.
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