Sansar डेली करंट अफेयर्स, 15 April 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 15 April 2021


GS Paper 1 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to Women.

Topic : Marry your Rapist

संदर्भ

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की एक वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि 20 देशों में अभी भी बलात्कारियों को आपराधिक कार्रवाई से बचाने के लिए पीड़ितों से शादी करने की अनुमति दी जाती है.

प्रमुख बिन्दु

  • हाल ही में निर्गत संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की एक वार्षिक प्रतिवेदन के अनुसार, पूरे विश्व में 20 देश अभी भी ऐसे हैं जहाँ यदि बलात्कारी पीड़ित महिला से शादी के लिए तैयार हो जाता है, तो उस पर आपराधिक कार्रवाई नहीं की जाती है. इन देशों में रूस, थाईलैंड और वेनेजुएला जैसे देश भी आते हैं.
  • इन देशों में कानूनी रूप से इस प्रकार के प्रावधान किए गए हैं.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

विभिन्न देशों की सरकारों को अपने क़ानूनों में महिलाओं के अधिकारों के हनन की अनुमति नहीं देनी चाहिए क्योंकि यह बहुत ही गंभीर स्थिति है जहाँ आपसे कहा जाता है कि अपने अपराधी के साथ आप शेष जीवन बिताओ. यह उनके लिए एक प्रकार की सजा है.

एक ओर जहाँ महिलाओं पर बढ़ते अपराधों को देखते हुए सख्त कानून बनाने की माँग उठती रही है, वहीं दुनिया के कुछ देश ऐसे भी हैं जहाँ बलात्कारियों की पीड़ित से शादी कराई जाती है, ताकि उन्हें कानूनी प्रक्रिया से बचाया जा सके. यह प्रथा महिला अधिकारों के विरुद्ध है. अतः इस पर विभिन्न राष्ट्रीय सरकारों को त्वरित रूप से कार्यवाई करनी चाहिए.

इस प्रकार के कानून उस संस्कृति को दर्शाते हैं जहाँ महिलाओं को अपने हिसाब से निणर्य लेने की स्वतंत्रता नहीं है और उन्हें परिवार की संपत्ति के रूप में देखा जाता है, अर्थात महिला को वस्तु के रूप में देखा जाता है.

हालाँकि विशेषज्ञों का कहना है कि लैंगिक भेदभाव वाले इन कानूनों को बदलना बहुत कठिन नहीं है. उदाहरण के तौर पर मोरक्को में एक महिला ने तब आत्महत्या कर ली जब उससे अपने बलात्कारी से शादी करने को कहा गया. इस घटना के बाद मोरक्को की सरकार को कानून में बदलाव करने के लिए बाध्य होना पड़ा.


GS Paper 2 Source : Business Standard

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : Iran calls blackout at Natanz atomic site ‘nuclear terrorism’

संदर्भ

ईरान ने वक्तव्य निर्गत किया है कि नतांज परमाणु साइट को अक्रियाशील (blackout) करना परमाणु आतंकवाद के रूप में एक कार्यवाही है. ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है. इस बीच ईरान के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख अली अकबर सालेही ने देश के नातान्ज परमाणु इकाई में विद्युत आपूर्ति बाधित होने को ‘परमाणु आतंकवाद’ बताया है.

नतांज परमाणु साइट

नतांज साइट ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का केंद्र बिंदु है तथा इसकी निगरानी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा की जा रही है.

प्रभाव

ईरान को 2015 के परमाणु समझौते पर वापस लाने के लिए अमेरिकी प्रयासों को इससे झटका लगेगा. अमेरिका चाहता है कि ईरान समझौते में वापस आए और अपने परमाणु संवर्द्धन कार्यक्रम को रोक दे. कहा जा रहा है कि यह धमाका इतना जोरदार था कि ईरान अब कम से कम अगले नौ महीने तक यूरेनियम को संवर्द्धित नहीं कर पाएगा. अगर यह मामला उलझता है तो एक नए युद्ध की पृष्ठभूमि भी तैयार होगी.

इजरायल का रुख

इजराइल वर्ष 2015 के परमाणु समझौते का विरोध करता है.  साथ ही, उसकी यह भी इच्छा है कि अमेरिका को एक नवीन समझौते के बिना ईरान पर से प्रतिबंधों को निरस्त नहीं करना चाहिए. साथ ही, इस नए समझौते के तहत ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल्स और इजराइल के साथ संघर्ष में संलग्न उसके छद्म बलों को भी संबोधित करना चाहिए.

परमाणु आतंकवाद

  • परमाणु आतंकवाद को हिंसा और विनाश के कृत्यों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जहाँ विनाश के साधनों में परमाणु हथियारों व उपकरणों का उपयोग किया जाता है.
  • यह खतरों के एक व्यापक विस्तार को शामिल करता है जैसे- परमाणु बम का विस्फोट, एक असैन्य परमाणु अवस्थापना पर हमला या रेडियोलॉजिकल सामग्रियों का प्रसार (डर्टी बम/dirty bom) आदि.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : IP related issues.

Topic : GI Tag

संदर्भ

हाल ही में कोल्हापुरी के गुड़ को जीआई टैग (GI tag) प्राप्त हुआ है.

कोल्हापुर के गुड़  (Jaggery of Kolhapur)

  • भारत के महाराष्ट्र राज्य में भी किसान बड़े पैमाने पर गन्ना की खेती करते हैं तथा इस राज्य के कोल्हापुर में गुड़ का उत्पादन पर्याप्त रूप से होता है. यह गुड़ उत्पादन का एक बड़ा केंद्र हैं.
  • कोल्हापुरी गुड़ की गुणवत्ता काफी अच्छी है और इसका स्वाद भी अपने आप में लाजवाब होता है. यही कारण है कि कोल्हापुरी गुड़ न केवल भारत के अन्य हिस्सों में बल्कि यह यूरोप, मध्य-पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भी निर्यात किया जाता है.
  • कोल्हापुरी गुड़ को अनेक प्रकार से बनाया जाता है.

GI Tag क्या है?

  • GI का full-form है – Geographical Indicator
  • भौगोलिक संकेतक के रूप में GI tag किसी उत्पाद को दिया जाने वाला एक विशेष टैग है.
  • नाम से स्पष्ट है कि यह टैग केवल उन उत्पादों को दिया जाता है जो किसी विशेष भगौलिक क्षेत्र में उत्पादित किये गए हों.
  • इस टैग के कारण उत्पादों को कानूनी संरक्षण मिल जाता है.
  • यह टैग ग्राहकों को उस उत्पाद की प्रामाणिकता के विषय में आश्वस्त करता है.
  • डब्ल्यूटीओ समझौते के अनुच्छेद 22 (1) के तहत GI को परिभाषित किया गया है.
  • औद्योगिक सम्पत्ति की सुरक्षा से सम्बंधित पहली संधि के अनुसार GI tag को बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का एक अवयव माना गया है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर GI WTO के बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के व्यापार से सम्बंधित पहलुओं पर हुए समझौते से शाषित होता है. भारत में वह भौगोलिक वस्तु संकेतक (पंजीकरण एवं सुरक्षा) अधिनयम, 1999 से शाषित होता है.

भौगोलिक संकेतक पंजीयक

  • भौगोलिक वस्तु संकेतक (पंजीकरण एवं सुरक्षा) अधिनयम, 1999 के अनुभाग 3 के उप-अनुभाग (1) के अंतर्गत पेटेंट, रूपांकन एवं व्यापार चिन्ह महानिदेशक की नियुक्ति GI पंजीयक के रूप में की जाती है.
  • पंजीयक को उसके काम में सहयोग करने के लिए केंद्र सरकार समय-समय पर अधिकारियों को उपयुक्त पदनाम के साथ नियुक्त करती है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

Namma Kolhapuri Slippers :-

  • नम्मा कोल्हापुरी चप्पल को पिछले दिनों GI टैग मिल गया.
  • इन चप्पलों को बनाने के लिए यह टैग संयुक्त रूप से कर्नाटक और महाराष्ट्र को दिया गया. ऐसी धारणा रही है ये चप्पलें केवल महाराष्ट्र के कारीगर ही बनाते हैं, परन्तु सच्चाई है कि इनके बनाने का काम शताब्दियों से कर्नाटक के भी कारीगर करते रहे हैं.
  • कोल्हापुरी चप्पलें चमड़े की बनी होती हैं. इन्हें हाथ से बनाया जाता है और वानस्पतिक रंगों से रंगा जाता है. इनके बनाने की कला पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आती है.

GS Paper 3 Source : The Economic Times

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UPSC Syllabus : Infrastructure- Energy.

Topic : Ministry has proposed an integrated day-ahead market (DAM) in power exchanges

संदर्भ

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दीर्घावधि बिजली खरीद अप्रयुक्त होने के बाद लघु अवधि की बिजली खरीद बिक्री के लिए कई सुधारों का प्रस्ताव दिया है. मंत्रालय ने विद्युत एक्सचेंजों में एकीकृत डे-अहेड मार्केट (DAM) का प्रस्ताव दिया है जो स्वच्छ और परंपरागत ऊर्जा की ट्रेडिंग को मिश्रित करेगा, कीमत को बेहतर बनाएगा और विद्युत उत्पादकों को किए जाने वाले भुगतान में सुधार लाएगा.

भविष्य में मंत्रालय सभी विद्युत एक्सचेंजों के डीएएम को एक इकाई में विलय करने पर भी विचार कर रहा है जो अक्षय ऊर्जा और परंपरागत ऊर्जा दोनों के लिए एक दिन पूर्व की बोलियों के कारोबार पर निगरानी रखेगी. 

एकीकृत डे-अहेड मार्केट

एकीकृत डे-अहेड मार्केट अगले दिन वितरण के लिए एक विद्युत व्यापार बाजार है. यहाँ से कम समय में हरित विद्युत (green electricity) की खरीद हो सकेगी.

विद्युत एक्सचेंज

  • एक पावर एक्सचेंज एक ऐसा मंच है, जिस पर खरीदार (वितरण कंपनियां (डिस्कॉम), औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ता) तथा विक्रेता (उत्पादन केंद्र) एक साथ लेनदेन करने के लिए एकजुट होते हैं.
  • वर्तमान में भारत में विद्युत व्यापार बाजार में दो मंच हैं जैसे – पावर एक्सचेंज इंडिया (PXIL) और इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (Central Electricity Regulatory Commission: CERC) IEX और PXIL दोनों को नियंत्रित करता है.
  • विगत वर्ष, CERC ने तीसरा विद्युत एक्सचेंज स्थापित करने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), PTC Ltd. और ICICI बैंक द्वारा प्रायोजित कंपनी, प्राणुर्जा सॉल्यूशंस लिमिटेड के आवेदन को स्वीकृति प्रदान की है.

विद्युत् एक्सचेंजों के लाभ

  • ये उत्पादकों एवं डिस्कॉम्स की एक योजनाबद्ध, कुशल और पारदर्शी तरीके से उनकी विद्युत्‌ की आवश्यकताओं का प्रबंधन करने के लिए एक बाजार-आधारित मंच के साथ सहायता प्रदान करते हैं.
  • खरीदारों के लिए: अल्प लागत के साथ पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने की क्षमता सुदृढ़ करते हैं.
  • विक्रेताओं के लिए: सुरक्षित और समय पर भुगतान की गारंटी प्रदान करते हैं. प्रतिभागियों के मध्य पारेषण हानियों को तर्कसंगत रूप से वितरित करते हैं.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

सरकार द्वारा शुरू की गई  यह पहल देश के नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) में क्षमता वृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायता करेगी. इस मंच की शुरुआत से नवीकरणीय ऊर्जा से समृद्ध राज्यों पर बोझ कम होगा और राज्यों को अपने स्वयं के नवीकरणीय खरीद दायित्त्व (RPO) से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. ज्ञातव्य है कि भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक देश में 175 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य निधारित किया है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा का पूरे देश में विस्तार हो रहा है. ‘ग्रीन टर्म अहेड मार्केट’ (GTAM) प्लेटफॉर्म से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों को नवीकरणीय ऊर्जा बेचने के लिये अतिरिक्त अवसर प्राप्त होंगे. यह हरित बिजली खरीदने के लिये पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं और संस्थाओं को एक मंच प्रदान करेगा.


Prelims Vishesh

Satkosia Tiger Reserve :-

  • बाघ पुनर्वास परियोजना को बंद करने के बाद ओडिशा के सतकोसिया रिजर्व में बाधिन को अब साथी मिलना मुश्किल है.
  • सतकोसिया ओडिशा में महानदी नदी पर स्थित आकर्षक गॉर्ज से संलग्न क्षेत्र में विस्तारित है.
  • इसमें दो निकटवर्ती वन्यजीव अभयारण्य – सतकोसिया गॉर्ज अभयारण्य और बैसीपल्ली अभयारण्य सम्मिलित हैं.
  • सतकोसिया भारत के दो जैव भौगोलिक क्षेत्रों –  दक्कन प्रायद्वीप और पूर्वी घाट का संपर्क बिंदु है जो जैव विविधता के क्षेत्र में व्यापक रूप से योगदान करते हैं.

Bombay Natural History Society (BNHS) :-

  • BNHS के वैज्ञानिकों ने पूर्वी हिमालय में नए पक्षी (तीन रंग की धारियों वाले रोज़फिंच) की उपस्थिति दर्ज की है.
  • इससे भारत की पक्षी जैव विविधता समृद्ध होकर कुल 1,340 प्रजातियों तक हो गई है.
  • इस पक्षी को अरुणाचल प्रदेश में सेला दर्रे के शंकुधारी वनों में देखा गया था. 
  • BNHS वर्ष 1883 में स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन है.
  • BNHS को प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ शैक्षिक गतिविधियों के आयोजन तथा प्राकृतिक इतिहास के अन्वेषण में विशेषज्ञता प्राप्त है.

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