Sansar Daily Current Affairs, 15 September 2018
GS Paper 1 Source: PIB
Topic : Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana (PMMVY)
संदर्भ
हाल ही में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना (PMMVY) के अनावरण का पहला वर्ष पूरा हुआ. इस एक वर्ष में इस योजना के अंदर सितम्बर 13, 2018 तक 48.11 लाख महिलाएँ पंजीकृत हो चुकी हैं जिनमें से 37.30 लाख महिलाओं को मातृत्व लाभ दिया जा चुका है. कुल मिलाकर अभी तक 1168.63 करोड़ रु. की राशि वितरित की जा चुकी है.
PMMVY क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक मातृत्व लाभ की योजना है जिसका आरम्भ 2010 में इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना के नाम से (IGMSY) हुआ था. इस योजना के अंतर्गत पहले बच्चे के जन्म के लिए 19 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नकद राशि दी जाती है.इस राशि से बच्चा होने और उसकी देखभाल करने के कारण दिहाड़ी की क्षति का सामना करने वाली महिला को आंशिक क्षतिपूर्ति दी जाती है और साथ ही इससे सुरक्षित प्रसव और उत्तम पोषण का प्रबंध किया जाता है.
- अपवाद : जो महिलाएँ केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में काम करती हैं अथवा जिन्हें इसी प्रकार का लाभ पहले से मिल रहा है, उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
- वित्त पोषण : यह एक केंद्र संपोषित योजना है जिसमें केंद्र और राज्य की लागत 60:40 होती है. पूर्वोत्तर राज्यों में और तीन हिमालयवर्ती राज्यों में यह अनुपात 90:10 है. जिन केंद्र शाषित क्षेत्रों में विधान सभा नहीं है वहाँ इस योजना के लिए केन्द्रीय योगदान 100% होता है.
प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना का महत्त्व
आज भी महिलाओं में कुपोषण की समस्या है. भारत में हर तीसरी महिला कुपोषित है और हर दूसरी महिला में रक्ताल्पता की शिकायत है. कुपोषित महिला से जन्मे बच्चे का भार भी कम होता है. जब बच्चा पेट में है, उसी समय से पोषाहार मिले तो इसका लाभ बच्चे को जीवन-भर के लिए मिल जाता है. यह योजना इसी समस्या को केंद्र में रखकर पोषाहार पर विशेष बल देती है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Swayamsiddha Initiative
संदर्भ
मानव तस्करी की रोकथाम के लिए पश्चिम बंगाल की सरकार ने अपने विविध जिलों में स्वयंसिद्धा नामक एक योजना चालू की है. ज्ञातव्य है कि NCRB (National Crime Records Bureau) के आँकड़ों के अनुसार सभी राज्यों में पश्चिम बंगाल में मानव तस्करी के मामले सबसे अधिक होते हैं.
योजना के मुख्य तत्त्व
- स्वयंसिद्धा योजना का क्रियान्वयन पश्चिम बंगाल की पुलिस करेगी.
- इस योजना के तहत युवा लड़कों और लड़कियों को ऐसी सभी आवश्यक जानकारियाँ दी जायेंगी जिससे वे मानव तस्करी का शिकार न हों और इनका बाल विवाह न हो.
- इस योजना के अंतर्गत स्कूलों और कॉलेजों में इच्छुक छात्रों के समूह बनाये गये हैं. ये सभी छात्र 12 से 21 वर्ष के आयु वर्ग के हैं.
योजना के उद्देश्य
- मानव तस्करी, लिंग भेद और बाल अधिकारों के विषय में जागरूकता बढ़ाना तथा मानव तस्करी एवं बाल विवाह को होने से रोकना.
- मानव तस्करी और बाल विवाह की रोकथाम के काम में स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को लगाना.
- मानव तस्करी और बाल विवाह की रोकथाम में पुलिस और बाल संरक्षण समितियों की भूमिका को अधिक सक्रिय बनाना.
- मानव तस्करी और बाल विवाह की जाल में फंसने की सम्भावना वाले बच्चों के लिए सरकार की योजनाओं तथा शिक्षा, प्रशिक्षण, आजीविका एवं खाद्य सुरक्षा आदि लाभों को उपलब्ध कराना.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : National AIDS Control Organization (NACO)
संदर्भ
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) ने 2017 का HIV अनुमान विषयक रिपोर्ट (HIV Estimations Report 2017) जारी किया है.
पृष्ठभूमि
- NACO अब तक कई HIV अनुमान जारी कर चुका है और 2017 का अनुमान इस शृंखला की 14वीं कड़ी है.
- NACO HIV अनुमान के बारे में हर दो वर्ष में इस प्रकार का रिपोर्ट देता है जिसमें वह भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद् (Indian Council of Medical Research – ICMR) और राष्ट्रीय चिकित्सा सांख्यिकी संस्थान (National Institute of Medical Statistics – NIMS) का सहयोग लेता है.
- HIV अनुमान पहली बार 1998 में निर्गत हुआ था और पिछला अनुमान 2015 में आया था.
रिपोर्ट के मुख्य तत्त्व
- रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारत में 21.40 लाख लोग HIV से पीड़ित थे.
- 2017 में 87.58 हजार HIV संक्रमण के नए मामले आये और इनसे 69.11 हजार लोगों की मृत्यु हो गयी. ऐसी 22,675 माएँ पाई गईं जिनको एंटीरेट्रो वायरल थेरपी (Antiretroviral Therapy – ART) की आवश्यकता थी जिससे कि इनकी HIV बच्चे में नहीं चली जाए.
- रिपोर्ट से पता चलता है कि HIV पूरे भारत में फैला हुआ है, परन्तु कुछ भौगोलिक क्षेत्रों और जनसंख्या समूहों में यह अपेक्षाकृत अधिक है.
- नए HIV संक्रमण की दर में वार्षिक गिरावट तो है पर यह थोड़ी धीमी है.
- रिपोर्ट के अनुसार 2005 की तुलना में संक्रमण के नए मामलों में 80% गिरावट है और AIDS से होने वाली मृत्यु की दर भी 2005 की तुलना में 71% कम है.
NACO क्या है?
- राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय का एक प्रभाग है जो 35 HIV/AIDS रोकथाम एवं नियंत्रण सोसाइटियों के माध्यम से भारत में HIV/AIDS नियंत्रण कार्यक्रम चलाता है.
- 1986 में पहली बार भारत में AIDS का एक मामला आया था जिसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय एड्स समिति का गठन किया था.
- जैसे-जैसे AIDS के मामले बढ़ते चले गये वैसे-वैसे यह अनुभव किया गया कि इनकी रोकथाम के लिए एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम बनाया जाए. अतः 1992 में भारत का पहला राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (1992-1999) शुरू किया गया और इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए राष्ट्रीय नियंत्रण एड्स संगठन (NACO) बनाया गया.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Government moves to stabilise rupee
संदर्भ
हाल ही में भारत सरकार ने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को रोकने के लिए गैर-जरुरी आयात पर रोक लगाने और निर्यात को बढ़ावा देने पर निर्णय लिया है. साथ ही देश में डॉलर लाने के लिए पाँच उपाय को लागू करने का संकल्प किया है जिससे चालू खाता घाटे (Current Account Deficit – CAD) को कम किया जा सके.
ये पाँच उपाय क्या हैं?
- बाह्य वाणिज्यिक उधार (External Commercial Borrowing – ECB) के माध्यम से लिए जाने वाले अवसंरचना ऋणों के मामले में लागू हेजिंग (hedging) की अनिवार्य शर्तों की फिर से समीक्षा की जायेगी.
- किसी एकल निगम समूह (single corporate group), कम्पनी तथा सम्बन्धित इकाइयों से सम्बन्धित विदेशी निवेशकों के कॉर्पोरेट बॉन्ड पोर्टफोलियो के लिए निर्धारित एक्सपोज़र की 20% की सीमा को हटा दिया जाएगा.
- साथ ही कॉर्पोरेट बॉन्ड के निर्गमन के 50% की समीक्षा की जायेगी.
- विनिर्माण क्षेत्र (manufacturing sector) की इकाइयों को विदेशी वाणिज्यिक उधारी लेने की सीमा 50 मिलियन डॉलर तक बढ़ा दी जायेगी और इसके लिए न्यूनतम परिपक्वता अवधि 1 वर्ष की कर दी जाएगी. वर्तमान में यह अवधि तीन साल की है.
- चालू वित्त वर्ष में निर्गत मसाला बॉन्ड के निर्गमन के मामले में withholding tax नहीं लिया जाएगा. (विदित हो कि मसाला बॉन्ड भारत के बाहर निर्गत किये गये बॉन्ड होते हैं, परन्तु स्थानीय मुद्रा की बजाय इन्हें भारतीय मुद्रा में निर्दिष्ट किया जाता है).
घोषित पाँच उपायों का महत्त्व
सरकार ने जिन उपायों को लागू करने का संकल्प किया है उनसे यह आशा की जाती है कि भारत में धनागम (inflow) में 8 से 10 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हो सकती है. ये उपाय मूलतः पूँजी खातों से सम्बन्धित हैं और इनका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में ECB, FPI, मसाला बॉन्ड आदि के माध्यम से अधिक से अधिक डॉलर लाया जाए. सरकार की इच्छा है कि आयात में थोड़ी कमी लाई जाए और निर्यात को बढ़ावा दिया जाए. इसमें कोई विवाद नहीं हो सकता कि ये सभी उपाय रुपये के लिए सकारात्मक सिद्ध होंगे क्योंकि ये डॉलर की माँग और पूर्ति से सम्बन्धित आधारभूत कारकों पर आक्रमण करते हैं.
भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले क्यों गिर रहा है?
- तुर्की की मुद्रा में गिरावट के कारण वैश्विक मुद्रा बाजार में हलचल मच गयी है जिस कारण भारतीय मुद्रा प्रभावित हो रहा है.
- खनिज तेल के दाम में अचानक बड़ा उछाल आया है जिससे डॉलर की माँग बढ़ गयी है.
- अमेरिका और चीन एक दूसरे से प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करते हुए आयात शुल्क बढ़ा रहे हैं जिस कारण रुपये और अन्य देशों की मुद्राओं की शक्ति घट रही है.
- पिछले कुछ सत्रों से चीन की युआन मुद्रा की शक्ति में अतिशय गिरावट आई है. इस कारण विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देशों से डॉलर बाहर निकल रहा है. इस कारण एशिया के अधिकांश मुद्राओं, रूपया सहित, की शक्ति नीचे आ रही है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Chiller Star Labelling Program
संदर्भ
देश में ऊर्जा की बचत करने वाले शीतकारक उपकरणों के अधिष्ठापन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम आरम्भ किया है जिसे Chiller Star Labelling Program का नाम दिया गया है.
कार्यक्रम के मुख्य तथ्य
- यह कार्यक्रम ऊर्जा क्षमता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency – BEE) के द्वारा तैयार किया गया है.
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत शीतकारक उपकरणों को उनकी ऊर्जा बचाने की क्षमता के हिसाब से तारा रेटिंग दी जायेगी.
- यह कार्यक्रम स्वैच्छिक आधार पर चलेगा 31 दिसम्बर, 2020 तक मान्य होगा.
- इस कार्यक्रम से गरम करने वाले, हवा बाहर करने वाले और वातानुकूलन से सम्बन्धित प्रणालियों में उन्नत तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही बड़े-बड़े वाणिज्यिक एवं औद्योगिक संयंत्रों को ऊर्जा बचाने वाले संयंत्रों में परिवर्तित करने में सुविधा होगी.
शीतकारक (Chillers) क्या हैं?
भवनों तथा औद्योगिक प्रक्रिया के वातानुकूलन के लिए आज शीतकारक उपकरणों का व्यापक उपयोग हो रहा है. 2017 में शीतकारक उपकरणों का बाजार प्रतिवर्ष 1 मिलियन टन था और खुदरा व्यापार, होटलों और अन्य निर्माण परियोजनाओं में वृद्धि के कारण 3.6% की दर से इसमें वृद्धि हो सकती है.
शीतकारक यंत्रों में बहुत ऊर्जा लगती है और सच पूछिए तो वाणिज्यिक भवनों में होने वाली ऊर्जा की खपत का 40% से भी अधिक भाग इन्हीं का है. इसलिए यह आवश्यक है कि शीतकारक उपकरणों और संयंत्रों को ऊर्जा के मामले में किफायती बनाया जाए और ग्राहकों में कम ऊर्जा वाले उपकरणों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए.
Prelims Vishesh
India’s first indigenous anti-nuclear medical kit : –
आणविक औषधि एवं सम्बद्ध विज्ञान संस्थान (Institute of Nuclear Medicine and Allied Sciences – INMAS) में भारत का पहला ऐसा मेडिकल किट बनाया है जिससे आणविक युद्ध अथवा रेडियो एक्टिव रिसाव से होने वाले घावों को शीघ्र उपचारित करने तथा विकट शारीरिक क्षतियों से सुरक्षा प्रदान करने में सहायता मिलेगी.
ICESat :-
- पृथ्वी की पिघलती हुई हिम चादरों की वास्तविक गहराई नापने के लिए NASA 7,210 करोड़ रुपये के एक अभियान — ICESat-2 को प्रक्षेपित करने के लिए तैयारी कर रहा है.
- यह उपग्रह उन्नत लेजर किरणों का उपयोग करेगा.
Hindi Diwas 2018 :-
- राष्ट्रीय हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष सितम्बर 14 को मनाया जाता है.
- इसी दिन संविधान सभा ने हिंदी को 1949 में देश की राजभाषा के रूप में अंगीकार किया था.
EyeROV TUNA :-
भारत का पहला पानी के नीचे (underwater) काम करने वाला रोबोटिक ड्रोन EyeROV Tuna हाल ही में DRDO की नौसैनिक भौतिक एवं समुद्र वैज्ञानिक प्रयोगशाला को सौंप दिया गया है.
Nahargarh Biological Park :-
- राजस्थान का पहला सिंह सफारी (lion safar) – नाहरगढ़ जैविक पार्क – का हाल ही में उद्घाटन किया गया.
- इस पार्क के लिए सिंह गुजरात के जूनगढ़ से लाये गये हैं.
- यह पार्क जयपुर से 12 km दूर अरावली पहाड़ियों के नीचे स्थित है.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA