Sansar डेली करंट अफेयर्स, 16 February 2021

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चुनाह

Sansar Daily Current Affairs, 16 February 2021


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.

Table of Contents

Topic : Arbitration and Conciliation (Amendment) bill, 2021

संदर्भ

लोकसभा द्वारा मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) विधेयक, 2021 {Lok Sabha passes Arbitration and Conciliation (Amendment) bill, 2021} पारित किया गया.

इसके द्वारा मध्यस्थता और सुलह अधिनियम 1996 में संशोधन किया गया है.

प्रमुख संशोधन

  • ऐसे सभी मामले जिनमें मध्यस्थता करार या अनुबंध “धोखाधड़ी अथवा भ्रष्टाचार” से प्रेरित है, उनमें मध्यस्थता पंचाट (award) के प्रवर्तन पर बिना किसी शर्त के स्थगन का अवसर प्राप्त हो सकेगा. अब तक, एक मध्यस्थता पंचाट किसी न्यायालय में उसके विरुद्ध अपील दायर होने के उपरांत भी प्रवर्तनीय था.
  • इस अधिनियम की 8वीं अनुसूची का लोप कर दिया गया है, जिसमें माध्यस्थों के प्रत्यायन के लिए आवश्यक अहर्ताएं शामिल थीं.
  • अब माध्यस्थों के प्रत्यायन के लिए अहर्ता, अनुभव और मानदंड उन विनियमों के अनुसार सार निर्दिष्ट किए जाएंगे, जिन्हें भारतीय मध्यस्थता परिषद (Arbitration Council of India) {माध्यस्थम और सुलह (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत प्रस्तावित) द्वारा निर्धारित किया जाएगा. उदाहरण के लिए उन्हें अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के अंतर्गत अधिवक्ता के रूप में दस वर्ष का अनुभव होना चाहिए या उन्हें भारतीय विधिक सेवा का अधिकारी होना चाहिए.

लाभ

  • अहर्ता संबंधी मानदंडों को समाप्त करने के कारण विदेशी माध्यस्थों को लाभ होगा.
  • सभी हितघारक पक्षों को मध्यस्थता पंचाट के प्रवर्तन पर बिना किसी शर्त के स्थगन का अवसर प्राप्त हो सकेगा.

कुछ चिंतनीय मुद्दे

  • यह विधेयक धोखाधड़ी या भ्रष्टाचार को पारिभाषित नहीं करता है.
  • स्वचालित स्थगन के सम्बन्ध में भूतलक्षी आवेदन मुकदमों में वृद्धि कर सकते हैं.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : SOUTH CHINA SEA DISPUTE

संदर्भ

हाल ही में चीन ने अमेरिका को दक्षिण चीन सागर में पार्सल द्वीप समूह के पास उसके एक युद्धपोत की उपस्थिति पर चेतावनी दी है.  

दक्षिणी चीन सागर विवाद क्या है?

  • मूल विवाद दक्षिणी चीन सागर में स्थित दो द्वीप समूहों को लेकर है जिनका नाम स्प्रैटली द्वीप और पार्सल है. ये दोनों द्वीपसमूह वियतनाम और फिलिपिन्स के बीच पड़ते हैं.
  • चीन इन दोनों पर अपना दावा करता है. दूसरी ओर चीन के इस दावे का विरोध फिलिपिन्स, वियेतनाम, मलेशिया और ताईवान की ओर से हो रहा है. ब्रूनेई को भी इसमें आपत्ति है.
  • फिलीपींस द्वारा मामले को 2013 में न्यायालय में लाया गया था, जो स्कारबोरो शोल पर केंद्रित था. हालाँकि बीजिंग के द्वारा कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया गया.
  • द हेग, नीदरलैंड स्थित स्थाई मध्यस्थता न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) ने फैसला दिया था कि दक्षिण चीन सागर पर ऐतिहासिक अधिकार के चीन के दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है.

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मध्यस्थता पैनल ने क्या निर्णय दिया?

  • हेग स्थित न्यायालय ने फैसला सुनाया कि सागर में तथाकथित “nine-dash line” का चीन का दावा व्यापक आर्थिक हितों के साथ सागरीय विधि पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (United Nation Convention on the Laws of the Sea – UNCLOS) का उल्लंघन था.
  • अत्यधिक मत्स्यन और कृत्रिम द्वीपों के विकास के कारण न्यायालय ने स्प्रैटली आइलैंड जोकि एक विवादास्पद द्वीप समूह है, में पारिस्थितिकी तंत्र के कुछ हिस्सों को क्षति पहुँचाने के लिए चीन की खिंचाई की.
  • न्यायालय ने यह भी कहा कि चीन ने फिलीपींस के संप्रभु अधिकारों का उल्लंघन किया.
  • यह भी कहा कि चीन के द्वारा कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कोरल रीफ पर्यावरण को गंभीर क्षति” का कारण है.

नाइन-डैश लाइन क्या है?

नाइन-डैश लाइन दक्षिणी हैनात द्वीप के दक्षिण और पूर्व में सैकड़ों किलीमीटर में फैला क्षेत्र है जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पार्मेल और स्प्रैटली द्वीप श्रृंखला को कवर करता है. चीन ने अपने दावे की पुष्टि हेतु 2000 वर्षों के इतिहास का हवाला दिया जिसमें इन दो द्वीप श्रृंखलाओं को इसके अभिन्न हिस्से के रूप में माना गया था.

PCA के निर्णय पर चीन की प्रतिक्रिया

  • चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर पर एक अंतरराष्ट्रीय निर्णय को “अकृत और शून्य” कहकर खारिज कर दिया गया और किसी भी “बाध्यकारी तत्व” से रहित बताया गया.
  • चीन दक्षिण चीन सागर में एक सैन्य वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) स्थापित करने पर विचार कर रहा है. ADIZ बनाये जाने से इसके ऊपर से उड़ने बाले विमानों को पहले चीन को सूचित करना होगा.
  • कई चीनी विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि यह पूरा प्रकरण चीन को घेरने के उद्देश्य से अमेरिका के “पिवोट टू एशिया” (Pivot to Asia)  रणनीति को लागू करने के लिए निर्मित किया गया छद्म आवरण है.

भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने इसे मान्यता प्रदान करते हुए स्पष्ट कर दिया कि न्यायाधिकरण समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन (UNCLOS) के क्षेत्राधिकार के भीतर गठन किया गया है इसलिए इसके निर्णय का सम्मान किया जाना चाहिए.

दक्षिण चीन सागर इतना महत्त्वपूर्ण क्यों?

  • दक्षिणी चीन सागर एक व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग, वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार की मुख्य धमनियों में से एक है.
  • लगभग $5 ट्रिलियन मूल्य का विश्व व्यापार जहाज़ों के द्वारा प्रतिवर्ष दक्षिण चीन सागर से होता है.
  • दक्षिणी चीन सागर कई अपतटीय तेल और गैस ब्लॉक के साथ संसाधनों से भी समृद्ध है.

GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.

Topic : Kailash Range

संदर्भ

वर्ष 1962 के चीनी आक्रमण के दौरान, कैलाश पर्वत श्रेणी (Kailash Range) एक युद्ध क्षेत्र बन गयी थी, और इसमें रेजांग ला (Rezang La) और गुरुंग हिल (Gurung Hill) की प्रमुख लड़ाइयाँ लड़ी गई थी.

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वर्ष 2020 में, भारतीय सैनिकों ने, चीनियों को आश्चर्यचकित करते हुए, एक ऑपरेशन में ‘कैलाश रिज’ पर अपना अधिकार सुरक्षित कर लिया.

कैलाश रेंज के विषय में

पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी छोर पर काराकोरम पर्वत श्रेणी की समाप्ति होती है. उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पूर्व की दिशा में 60 किमी से अधिक दूरी तक विस्तृत है.

  1. इस पर्वत श्रेणी में 4,000-5,500 मीटर की ऊंचाई की कई उबड़-खाबड़ और खंडित पहाड़ियां पायी जाती हैं.
  2. इसकी प्रमुख विशेषताओं में हेलमेट टॉप, गुरुंग हिल, स्पैंग्गुर गैप, मग्गर हिल, मुखपरी, रेजांग ला और रेचिन ला सम्मिलित हैं.
  3. यह कटक, चूशुल घाटी पर प्रभुत्व रखती है, जोकि एक महत्त्वपूर्ण संचार केंद्र है.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Soil Health Card Scheme

संदर्भ

केंद्र सरकार द्वारा निर्गत हालिया आँकड़ों के अनुसार, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना देश के 32 राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों में लागू की जा रही है.

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्या है?

  • यह योजना 2015 में आरम्भ की गई थी.
  • इस योजना में सरकार किसानों को मृदा कार्ड निर्गत करती है जिनमें यह लिखा होता है की किस फसल के लिए कितना पोषक तत्त्व और खाद देने की आवश्यकता है.
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का ध्येय किसानों को खाद आदि का सोच-समझकर प्रयोग करना सिखाना और उत्पादकता को बढ़ाने में उन्हें सहायता पहुँचाना है.

मृदा स्वास्थ्य कार्ड क्या है?

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड का प्रयोग मिट्टी की वर्तमान दशा का आकलन करना और मिट्टी के स्वास्थ्य में कालांतर में भूमि प्रबंधन से प्रभावित होने वाले परिवर्तनों की जानकारी देना है.
  • इस कार्ड में मृदा स्वास्थ्य के संकेतकों के साथ-साथ सम्बद्ध विवरणात्मक शब्द अंकित होते हैं. ये संकेतक किसानों के व्यावहारिक अनुभव और स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के विषय में उनके ज्ञान पर आधारित होते हैं.
  • इस कार्ड में प्रदर्शित संकेतकों को किसी तकनीकी अथवा प्रयोगशाला के उपकरण की सहायता के बिना समझा जा सकता है.

इस कार्ड में क्या-क्या रहता है?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मिट्टी की दशा से सम्बंधित 12 मापदंडों की जानकारी होती है, जैसे – N,P,K (सूक्ष्म पोषक तत्त्व), S (द्वितीयक पोषक तत्त्व), Zn, Fe, Cu, Mn, Bo (सूक्ष्म पोषक तत्त्व) और pH, EC, OC (भौतिक मापदंड). इन मापदंडों के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड खाद के प्रयोग के विषय में सुझाव देता है और यह भी बताता है की खेती में मिट्टी को लेकर क्या-क्या सुधार किया जा सकता है.


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life. Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.

Topic : International Space Station

संदर्भ

हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में चालक दल के सदस्यों को माल पहुंचाने के लिए रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस द्वारा कार्गो शिप को लॉन्च किया गया था. इस कार्गो शिप को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम की साइट 31 से सोयूज रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किया गया था.

ISS क्या होता है?

अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष केंद्र (International Space Station – ISS) एक बड़ा अन्तरिक्ष यान होता है जो पृथ्वी की परिक्रमा करता है. इसमें कई अन्तरिक्ष यात्री रहते हैं. यह विज्ञान प्रयोगशाला का काम करता है. इसके निर्माण और उपयोग में कई देश शामिल हैं. इस अन्तरिक्ष केंद्र के कई हिस्से अन्तरिक्ष यात्रियों ने अन्तरिक्ष में ही जोड़े हैं. यह केंद्र पृथ्वी के ऊपर औसतन 250 मील की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करता है. इसकी गति 17,500 मील प्रति घंटा है, जिसका अभिप्राय यह हुआ कि यह 90 मिनट में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है. NASA इस अन्तरिक्ष केंद्र का उपयोग अन्तरिक्ष में रहने और काम करने के बारे में जानकारी इकठ्ठा करने के लिए करता है जिससे कि भविष्य में मानव को लम्बी दूरियों तक अन्तरिक्ष यात्रा के लिए भेजा जा सके.

ISS से सम्बंधित मुख्य तथ्य

  • ISS नौंवा अन्तरिक्ष केंद्र है. इससे पहले रूस ने Salyut, Almaz और Mir नामक अन्तरिक्ष केंद्र प्रक्षेपित किये थे और अमेरिका ने एक Skylab नामक अन्तरिक्ष केंद्र छोड़ा था.
  • अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष केंद्र कार्यक्रम एक संयुक्त परियोजना है जिनमें ये पाँच अन्तरिक्ष एजेंसियाँ प्रतिभागिता कर रही हैं – NASA, Roscosmos, JAXA, ESA, और
  • ISS का स्वामी कौन होगा और कौन इसका उपयोग करेगा इसके लिए अंतर्सरकारी संधियों और समझौतों द्वारा निर्धारित होता है.
  • अन्तरिक्ष केंद्र में दो अनुभाग होते हैं – Russian Orbital Segment (ROS) और The United States Orbital Segment (USOS). परन्तु कई देश इसका लाभ उठाते हैं.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Awareness in Space.

Topic : ISRO announces ‘Bhuvan’

संदर्भ

हाल ही में, अंतरिक्ष विभाग (Department of Space-DoS) और भारतीय भू-स्‍थानिक प्रौद्योगिकी कंपनी, सीई इंफो सिस्‍टम्‍स प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए. विदित हो कि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), अंतरिक्ष विभाग के अधीन कार्य करता है.

  1. इस समझौते से दोनों टीमें संयुक्‍त रूप से, मैप माय इंडिया (MapmyIndia) पर उपलब्‍ध भू-प्रेक्षण डेटासेटों, नाविक (NavIC) वेब सेवाएँ तथा ए.पी.आई. (application programming interface APIs) का उपयोग करते हुए समग्र भू-स्‍थानिक पोर्टल को चिह्नित एवं निर्मित करने में सक्षम होंगी.
  2. इन भू-स्थानिक पोर्टल को भुवन’ (Bhuvan), ‘वेदास’ (VEDAS) और ‘मोजडैक’ (MOSDAC) का नाम दिया गया जाएगा.

प्रमुख तथ्य

भुवन’ (Bhuvan), इसरो द्वारा विकसित और संचालित किया जाने वाला ‘राष्ट्रीय भू-पोर्टल’ (national geo-portal) है. इसमें भू-स्थानिक आँकड़े, सेवाएँ और विश्लेषण करने हेतु उपकरण, सम्मिलित होते हैं. इसने कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में सहायता की है.

वेदास’ (Visualisation of Earth observation Data and Archival System– VEDAS), अर्थात् पृथ्वी अवलोकन डेटा का मानसिक चित्रण और अभिलेखीय प्रणाली, एक ऑनलाइन जियोप्रोसेसिंग मंच है जो विशेष रूप से शिक्षा, अनुसंधान और समस्या समाधानों हेतु अनुप्रयोगों के लिए ऑप्टिकल, माइक्रोवेव, थर्मल और हाइपरस्पेक्ट्रल पृथ्वी अवलोकन (Earth observation- EO) डेटा का उपयोग करता है.

मोजडैक’ (Meteorological and Oceanographic Satellite Data Archival Centre– MOSDAC) अर्थात्, मौसम विज्ञान और महासागरीय उपग्रह डेटा अभिलेखीय केंद्र, इसरो के सभी मौसमविज्ञान-संबंधी मिशनों के लिए आँकड़ों का भंडार है तथा मौसम संबंधी जानकारी, समुद्र-विज्ञान और उष्णकटिबंधीय जलवायु चक्र से संबंधित है.

NAVIC क्या है?

  • इसका पूरा नाम Navigation with Indian Constellation है.
  • यह एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली है जो भारत की मुख्य भूमि के चारों ओर 1,500 किमी. तक के क्षेत्र के विषय में स्थिति से सम्बंधित सूचना देने के लिए तैयार की गई है.
  • NAVIC दो प्रकार की सेवाएँ देता है – मानक स्थिति सेवाएँ (Standard Positioning Services) जो सभी उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध होंगी. सीमित सेवाएँ (Restricted Services) जो केवल प्राधिकृत उपयोगकर्ताओं को मिलेंगी.

NAVIC का प्रयोग किन-किन कार्यों के लिए हो सकता है?

  • धरती, वायु और समुद्र में नेविगेशन
  • आपदा प्रबंधन
  • वाहनों और पानी के जहाज़ों का पता लगाना
  • मोबाइल फोन पर स्थिति की सूचना देना
  • सटीक समय बताना
  • मानचित्र बनाने और भूमि संरक्षण के लिए आँकड़े इकठ्ठा करना.
  • हाइकर और पर्यटकों को धरती से सम्बंधित नेविगेशन में सहायता पहुँचाना.
  • चालकों को दृश्य एवं श्रव्य नेविगेशन की सुविधा देना.

NAVIC में कितने उपग्रह लगे हैं?

NAVIC एक क्षेत्रीय प्रणाली है और इसलिए इसके लिए सात उपग्रह काम करेंगे. इन उपग्रहों में से तीन हिन्द महासागर के ऊपर भूस्थैतिक दशा में रहेंगे और चार ऐसे होंगे जो भूसमकालिक होंगे अर्थात् प्रत्येक दिन आकाश में एक ही समय और एक ही बिंदु पर दिखेंगे. धरती पर इस प्रणाली के लिए 14 स्टेशन कार्य करेंगे.

स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली आवश्यक क्यों?

स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली होने से देश की सुरक्षा के विषय में सटीक जानकारी मिलती है. इसके प्रयोग से राहत का कार्य भी अच्छे ढंग से किया जा सकता है.


Prelims Vishesh

World Pulses Day :–

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने वैश्विक खाद्य के रूप में दालों के महत्त्व को मान्यता देने के लिए वर्ष 2019 से फ़रवरी 10 को विश्व दाल दिवस मनाने की घोषित की थी. इस वर्ष भी यह दिवस इसी तिथि को मनाया गया.


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