Sansar Daily Current Affairs, 16 January 2021
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : International Solar Alliance
संदर्भ
हाल ही में संशोधित अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) फ्रेमवर्क समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हो सकते हैं.
आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते द्वारा अनिवार्य किए गए सदस्य देशों की अपेक्षित संख्या से आवश्यक अनुसमर्थन/अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्त होने के बाद, उक्त संशोधन 15 जुलाई 2020 से लागू हो गया है.
आईएसए के संशोधन के लागू होने के बाद फ्रेमवर्क समझौता अब संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्रों को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने की अनुमति देता है.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
- ISA (International Solar Alliance) की स्थापना CoP21 पेरिस घोषणा के अनुसार हुई है. 6 दिसम्बर, 2017 को ISA का फ्रेमवर्क समझौता लागू हो गया और इसके साथ ही यह संधि पर आधारित एक अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन के तौर पर औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया.
- इस संघ का उद्देश्य है सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना जिससे पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम की जा सके.
- सौर संघ का प्रधान लक्ष्य विश्व-भर में 1,000 GW सौर ऊर्जा का उत्पादन करना और इसके लिए 2030 तक सौर ऊर्जा में 1,000 बिलियन डॉलर के निवेश का प्रबंध करना है.
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय, अंतर-सरकारी संघ है जो आपसी समझौते पर आधारित है.
- अब तक 54 देशों ने इसके फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
- यह 121 ऐसे देशों का संघ है जो सौर प्रकाश की दृष्टि से समृद्ध हैं.
- ये देश पूर्ण या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं.
- इसका मुख्यालय भारत में है और इसका अंतरिम सचिवालय फिलहाल गुरुग्राम में बन रहा है.
मेरी राय – मेंस के लिए
जलवायु परिवर्तन की प्रतिबद्धता के एक भाग के रूप में, भारत द्वारा वर्ष 2022 तक अपनी ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं का 40% नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आईएसए के कार्यकारी मसौदे में यह स्पष्ट किया गया है कि आईएसए का मूल उद्देश्य सभी के लिये किफायती, विश्वसनीय, सतत् और आधुनिक ऊर्जा की पहुँच सुनिश्चित करना है. आईएसए फ्रेमवर्क के अनुसार, वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा क्षमता और उन्नत व स्वच्छ जैव-ईंधन प्रौद्योगिकी सहित स्वच्छ ऊर्जा के लिये शोध और प्रौद्योगिकी तक पहुँच बनाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने तथा ऊर्जा अवसंरचना और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया गया है.
दूसरे सम्मेलन के बाद से ISA द्वारा ‘स्टार सी परियोजना’ (STAR-C project) का संचालन प्रारम्भ किया गया जिसमें ‘स्टार सी परियोजना’ को रेखांकित करने वाले परिचालन ढाँचे एवं परियोजना दस्तावेज़ को विकसित करने के लिये ‘संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन’ के साथ मिलकर कार्य करना शामिल है. COVID-19 के दौरान ISA सदस्यों के क्षमता विकास में मदद करने के लिये ‘स्टार सी वेबिनार-द सोलिनर्स’ (STAR C Webinars-The Solinars) के लिये कार्यक्रम और सत्रों को तैयार किया गया. इसके अंतर्गत अब तक लगभग 450 लोगों से संपर्क किया जा चुका है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Linkages between development and spread of extremism.
Topic : Unlawful Activities (Prevention) Act
संदर्भ
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता वहीद पारा पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention) Act– UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम क्या है?
- यह कानून भारत में गैरकानूनी कार्य करने वाले संगठनों की कारगर रोकथाम के लिए बनाया गया है.
- इसका मुख्य उद्देश्य देश विरोधी गतिविधियों के लिए कानूनी शक्ति का प्रयोग करना है.
- इस अधिनियम के अनुसार यदि कोई राष्ट्रद्रोही आन्दोलन का समर्थन करता है अथवा किसी विदेशी देश द्वारा किये गये भारत के क्षेत्र पर दावे का समर्थन करता है तो वह अपराध माना जाएगा.
- UAPA 1967 में पारित हुआ था. बाद में यह पहले 2008 में और फिर 2012 में संशोधित हुआ था.
अधिनियम के कुछ विवादित प्रावधान
- इसमें आतंकवाद की जो परिभाषा दी गई है वह उतनी स्पष्ट नहीं है. इसलिए अहिंसक राजनैतिक गतिविधियाँ और राजनैतिक विरोध भी आतंकवाद की परिभाषा के अन्दर आ जाते हैं.
- यदि सरकार किसी संगठन को आतंकवादी बताते हुए उस पर प्रतिबंध लगा देती है तो ऐसे संगठन का सदस्य होना ही एक आपराधिक कृत्य हो जाता है.
- इस अधिनियम के अनुसार किसी को भी बिना आरोप-पत्र के 180 दिन बंदी बनाया जा सकता है और 30 दिनों की पुलिस कस्टडी ली जा सकती है.
- इसमें जमानत मिलने में कठिनाई होती है और अग्रिम जमानत का तो प्रश्न ही नहीं उठता.
- इसमें मात्र साक्ष्य के बल पर किसी अपराध को आतंकवादी अपराध मान लिया जाता है.
- इस अधिनियम के अन्दर विशेष न्यायालय बनाए जाते हैं जिनको बंद करने में सुनवाई करने का अधिकार होता है और जो गुप्त गवाहों का उपयोग भी कर सकते हैं.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Related to Space.
Topic : Gaganyaan: Two flight surgeons to soon leave for Russia for training
संदर्भ
रूस द्वारा गगनयान मिशन के लिए भारत के दो फ्लाइट सर्जनों को एयरोस्पेस चिकित्सा में प्रशिक्षित किया जाएगा.
फ्लाइट सर्जन
- फ्लाइट सर्जन भारतीय वायुसेना के डॉक्टर हैं और उन्हें एयरोस्पेस मेडिसिन में विशेषज्ञता हासिल है.
- फ्लाइट सर्जन, उड़ान के दौरान और इसके बाद में अंतरिक्षयात्रियों की सेहत के लिए जिम्मेदार होते हैं.
गगनयान मिशन के बारे में
भारत के 72वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि भारत 2022 में अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्री भेजेगा. इस मिशन को गगनयान मिशन का नाम दिया गया है.
गगनयान के आनुषंगिक लाभ
- देश में विज्ञान और तकनीक के स्तर में वृद्धि.
- अनेक संस्थानों, शिक्षण संस्थानों और उद्योग को एक राष्ट्रीय परियोजना से जुड़ने का अवसर.
- औद्योगिक वृद्धि में सुधार.
- युवजनों को प्रेरणा.
- सामाजिक लाभ के लिए तकनीक का विकास.
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में बढ़ोतरी.
भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम
- इस कार्यक्रम (Gaganyaan mission) का उद्देश्य पृथ्वी कक्ष में एक ऐसा अन्तरिक्ष यान प्रक्षेपित करना है जिसमें दो अथवा तीन अन्तरिक्षयात्री सवार हों.
- इसके लिए शुरू में अन्तरिक्ष में पृथ्वी के ऊपर 400 km की दूरी पर स्थित परिक्रमा पथ पर 2-3 अन्तरिक्ष यात्रियों को 7 दिन के लिए भेजा जाएगा.
- इसके लिए भारत सरकार ने पिछले बजट में 12.4 billion की राशि निर्धारित कर दी है.
- इस अंतरिक्षयान का प्रक्षेपण जीएसएलवी मार्क III द्वारा किया जाएगा.
तकनीकी चुनौतियाँ
ISRO को तीन प्रमुख क्षेत्रों में ध्यान देने की जरूरत है – i) पर्यावरण नियंत्रण और जीवनरक्षक प्रणाली (ECLS system) ii) चालक दल सुरक्षा प्रणाली और iii) फ्लाइट सूट सुविधा. इन चुनौतियों के समाधान करने के लिए सरकार ने आवश्यक तैयारी हेतु 145 करोड़ रूपए स्वीकृत किये हैं.
हाल ही में किये गए तकनीकी प्रयोग
- पिछले वर्ष ISRO ने “PAD ABORT” अर्थात् अन्तरिक्ष यात्री उद्धार प्रणाली का सफल परीक्षण किया था.
- इस प्रणाली के माध्यम से यदि कभी प्रक्षेपण विफल हो जाता है तो उस समय अन्तरिक्ष यात्री उससे बाहर निकलकर अपने प्राण बचाने में समर्थ हो जाते हैं.
- यह परीक्षण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र में हुआ था.
- विदित हो कि अगर भारत इस मिशन (गगनयान मिशन) को सफलतापूर्वक लौंच करता है, तो यह संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा राष्ट्र बन जायेगा.
सफल मानव अन्तरिक्ष यात्रा के लिए आवश्यक है कि हम यात्रा के पश्चात् अन्तरिक्ष यात्रियों को सकुशल पृथ्वी पर वापस ला सकें और साथ ही यह अन्तरिक्ष यान ऐसा हो कि उसमें बैठे अन्तरिक्षयात्री पृथ्वी जैसी दशाओं में रह सकें.
GS Paper 3 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Conservation, environmental pollution and degradation.
Topic : Seagrass ‘Neptune balls’ sieve millions of plastic particles from water, study finds
संदर्भ
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि तटीय क्षेत्रों में जल के अन्दर का समुद्री घास प्लास्टिक प्रदूषण को जकड़ कर रेशों के प्राकृतिक पुलिंदे (natural bundles) बना लेता है जिन्हें नेपच्यून गेंद (Neptune balls) कहा जाता है.
साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक एक पत्रिका में प्रतिवेदित एक अध्ययन के अनुसार छिछले समुद्र तल में लगे पौधे बिना मानव की सहायता लिए अकेले भूमध्यसागर में ही प्रतिवर्ष 900 मिलियन प्लास्टिक वस्तुएँ छिछले समुद्रतल में लगे पौधे जमा कर लेते हैं.
शोध अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
- यह शोध बार्सिलोना विश्वविद्यालय में जीवविज्ञानियों द्वारा भूमध्यसागर के क्षेत्र में किया गया है.
- साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि इंसानों की मदद के बिना ही हर साल अकेले भूमध्यसागर में लगभग 900मिलियन प्लास्टिक की वस्तुओं को इकट्ठा किया जाता है.
- प्लास्टिक का यह मलबा समुद्री घास के अवशेषों में फंसकर समुद्रतट में पहुंचता है.
- समुद्री घास प्राकृतिक रूप से प्लास्टिक मलबे को समुद्र से बाहर के निकाल कर निरंतर शुद्धिकरण का प्रतिनिधित्व करती है.
समुद्री घास
- समुद्री घास समुद्र तथा महासागरों में पानी के अंदर पाई जाने वाली घास है. समुद्री घास फूल वाले समुद्री पौधे होते हैं, जो सागरीय परिस्थितियों के प्रति अनुकूलित होते हैं.
- समुद्री घास सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेते हैं और समुद्री पानी से पौष्टिक तत्व और कार्बन डाईऑक्साइड. वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि समुद्री घास जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मददगार साबित हो सकते हैं और कार्बन उत्सर्जन की भरपाई भी कर सकते हैं.
समुद्री घास का उपयोग
- समुद्री घास की खेती का एक बड़ा हिस्सा खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है लेकिन इसके अर्क का इस्तेमाल कई तरह की चीजों में किया जाता है. चाहे वो टूथपेस्ट हो, कॉस्मेटिक हो, दवाइयां हो या फिर पालतू जानवरों के खाने में.
- इन सभी में हाइड्रोकोलॉयड्स होता है जोकि समुद्री घास से ही आता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल अब टेक्सटाइल्स और प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर, वॉटर कैप्सूल बनाने में और ड्रिंकिंग स्ट्रॉ के तौर पर भी किया जा रहा है. समुद्री घास का उत्पादन इस समय अपने चरम पर है.
GS Paper 3 Source : Economic Times
UPSC Syllabus : Effects of liberalization on the economy, changes in industrial policy and their effects on industrial growth.
Topic : Foreign Trade Policy
संदर्भ
नई विदेश व्यापार नीति (Foreign Trade Policy- FTP) 1 अप्रैल से लागू होगी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सूचना दी है कि नई FTP 1 अप्रैल 2021 से पांच वर्ष की अवधि हेतु लागू होगी.
पृष्ठभूमि
कोविड-19 महामारी के कारण विदेश व्यापार नीति 2015-20 को इस वर्ष 31 मार्च तक, एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था. कई योजनाएं जैसे भारत से पण्य निर्यात योजना (Merchandise Export from India: MEIS), भारत से सेवा निर्यात योजना (Service Export from India: SEIS) आदि FTP 2015-20 के भाग थे.
MEIS भारत की विदेश व्यापार नीति/Foreign Trade Policy of India (FTP 2015-20) के अंतर्गत आरम्भ की गई दो योजनाओं में से एक योजना है. इसका उद्देश्य निर्याकों को सब्सिडी देना है. यह सब्सिडी अवसंरचना से सम्बन्धित कमियों और सम्बद्ध लागतों के प्रभाव को दूर करने के लिए दी जाती है. यह सब्सिडी उन वस्तुओं और उत्पादों के निर्यात के लिए दी जाती है जिनका उत्पादन अथवा निर्माण भारत में हुआ हो. यह सब्सिडी उन निर्यातकों को विशेषकर रूप से दी जाती है जिनकी निर्यात की मात्रा बहुत अधिक होती है और जिनमें रोजगार की प्रचुर संभावना होती है. इस प्रकार यह सब्सिडी भारत के निर्यात को प्रतिस्पर्धात्मक के लिए दी जाती है.
मुख्य बिंदु
- पाँच वर्षों के पश्चात्, FTP को निर्यात क्षमता विकसित करने, निर्यात प्रदर्शन में सुधार करने, विदेश व्यापार को प्रोत्साहित करने और भुगतान की स्थिति के अनुकूल संतुलन बनाने हेतु संशोधित किए जाने की आवश्यकता है.
- नई FTP भारत को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का प्रयास करेगी. साथ ही, भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के साथ विकास एवं रोज़गार के लिए वस्तु व सेवाओं के निर्यात को दिशा प्रदान करेगी.
FTP 2015-20 का ढांचा
यह निम्नलिखित के लिए ढांचा प्रदान करेगी :-
- विनियामक ढांचे से संबंधित घरेलू और विदेशी बाधाओं को संबोधित करते हुए, माल एवं सेवाओं दोनों को बढ़ावा प्रदान करने हेतु
- लेन-देन की लागत को कम करने तथा व्यापार करने में सुगमता को बढ़ाने हेतु
- कुशल, लागत प्रभावी और पर्याप्त साजो-सामान तथा उपयोगिताओं की मूलभूत सुविधाओं हेतु
- प्रत्येक जिले की क्षमता संवर्धन के लिए जिला निर्यात हब हेतु.
मेरी राय – मेंस के लिए
नई विदेश व्यापार नीति का उद्देश्य व्यापार नियमों को आसान कर निर्यात को बढ़ावा देना, उच्च रोज़गार क्षेत्रों को समर्थन देना, जीएसटी सेवाओं का पर्याप्त लाभ उठाना, सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देना एवं निर्यात निष्पादन की निगरानी करना है. विश्व व्यापार में भारत की भागीदारी बढ़ाने और विश्व व्यापार संगठन के तहत दायित्वों को निभाने के लिये विदेश व्यापार नीति में कई संस्थानों की स्थापना करने का भी प्रस्ताव किया गया है. विदेश व्यापार नीति की समीक्षा में कहा गया है कि भारत अब जीएसटी सुविधाओं के जरिये अफ्रीकी तथा लैटिन अमेरिका के बाजारों में निर्यात को बढ़ावा देगा. भारत की विदेश व्यापार नीति 2015-2020 में वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार सृजन करने और ‘मेक इन इंडिया’ को ध्यान में रखते हुए देश में मूल्यवर्द्धन को नई गति प्रदान करने की रूपरेखा का उल्लेख किया गया है. इसके अलावा इस नीति में विनिर्माण एवं सेवा दोनों ही क्षेत्रों को समर्थन देने पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है. फिर भी भारत को हरपल बदलती वैश्विक परिस्थितियों पर नज़र रखनी होगी, क्योंकि कई क्षेत्रोंमें उसके विदेश व्यापार का बड़ा हिस्सा अन्य देशों के पास चला गया है.
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
विवाद निपटारा निकाय (Dispute Settlement Body)
- विश्व व्यापार संगठन का विवाद निपटारा निकाय उस संगठन के सदस्यों के बीच होने वाले विवादों का निष्पादन करता है.
- यह निकाय विवाद सुलझाने के लिए पैनल गठित करने की शक्ति रखता है. यह चाहे तो मामले को पंचाट के पास भेज सकता है. यह निकाय पंचाट के प्रतिवेदन में वर्णित अनुशंसाओं और आदेशों के कार्यान्वयन की निगरानी करता है तथा उन अनुशंसाओं और आदेशों का अनुपालन नहीं होने पर वह छूट (concessions) को बंद कर सकता है.
Prelims Vishesh
Asmi :-
- हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्तौल ‘अस्मी’(Asmi) विकसित की है.
- भारत की पहली स्वदेशी (first indigenous) 9 एमएम मशीन पिस्टल (9mm machine pistol) को संयुक्त रूप से डीआरडीओ तथा भारतीय सेना द्वारा विकसित किया गया है.
- इस हथियार का डिजाइन और विकास कार्य इंफ्रेंटरी स्कूल, महोव (Mhow) तथा डीआरडीओ के आर्मामेन्ट रिसर्च एंड डवलेपमेंट स्टैब्लिशमेंट (एआरडीई), पुणे द्वारा अपनी विशेषज्ञताओं का उपयोग करते हुए किया गया है.
Tejas :-
- तेजस (Tejas), भारत में विकसित हल्का लड़ाकू विमान (Light Combat Aircrafts -LCA) है. यह अनेक विशिष्टताओं से युक्त लड़ाकू विमान है.
- तेजस का ढांचा कार्बन फाइबर से बना है जिसकी वजह से यह अन्य धातुओं से बनने वाले विमानों की तुलना में काफी हल्का होता है.
- भारत में इसका विकास 1980 के दशक में हल्का युद्धक विमान (LCA) नामक कार्यक्रम के अंतर्गत प्रारंभ हुआ, जिसका अधिकारिक नाम तेजस (Tejas), 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था.
- इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है.
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