Sansar Daily Current Affairs, 16 July 2021
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.
Topic : Adjournment motion
संदर्भ
शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने संसद के आगामी मानसून सत्र में ‘तीन विवादास्पद कृषि कानूनों’ पर सरकार के विरुद्ध लोकसभा में ‘स्थगन प्रस्ताव’ (Adjournment motion) लाने का निर्णय लिया है. इन ‘कृषि कानूनों’ के कारण ‘शिरोमणि अकाली दल’ पहले ही NDA गठबंधन से अलग हो चुकी है.
‘स्थगन प्रस्ताव’ को स्वीकार किए जाने के लिए इस पर 50 सांसदों के हस्ताक्षर की आवश्यक होते हैं.
पृष्ठभूमि
पिछले वर्ष, संसद द्वारा तीन कृषि क़ानूनों- 1. कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम’, 2020 (Farmers’ Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Act, 2020), 2. ‘कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020’ (Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Act, 2020) तथा 3. ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020’ (Essential Commodities (Amendment) Act, 2020) को पारित किया गया था.
- इन तीनों कृषि कानूनों का किसान-संगठनों द्वारा अनवरत रूप से विरोध किया जा रहा है और किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन जारी है.
- हालांकि केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी हैं, और चूंकि सरकार ने इन अधिनियमों को वापस लेने से सख्ती से इनकार कर दिया है, अतः अभी तक यह गतिरोध बना हुआ है.
स्थगन प्रस्ताव (Adjournment motion)
सदन के किसी सदस्य द्वारा अविलंबनीय (जिसमें विलम्ब करना ठीक नहीं है) सार्वजनिक महत्व के ऐसे विषय पर जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, यह प्रस्ताव लाया जाता है तथा अध्यक्ष की अनुमति से कार्य सूची में दर्ज विषयों को छोड़कर नए विषय पर विचार किया जाता है. यह प्रस्ताव राज्यसभा में नहीं लाया जाता.
स्थगन प्रस्ताव से संबंधित नियम
- जरूरी है कि संसद में स्थगन प्रस्ताव का विषय प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार के कार्यकरण से संबंधित होना चाहिये, तथा उसमें स्पष्ट रूप से इस बात का जिक्र होना चाहिये कि भारत सरकार संविधान और कानून के किस उपबंध के अनुरूप अपने कृत्यों का पालन करने में असफल रही है. हालाँकि राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आने वाले मामलों को स्थगन प्रस्ताव के तहत स्वीकृत नहीं किया जाता है, किंतु किसी राज्य के संवैधानिक घटनाक्रमों और राज्यों के संवेदनशील वर्गों, यथा – (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदि से जुड़े मामलों पर संसद द्वारा इस प्रस्ताव के तहत विचार किया जा सकता है.
- सदन में स्थगन प्रस्ताव के अंतर्गत चर्चा करने के लिये किसी विषय को स्वीकृत करने अथवा अस्वीकृत करने की पूरी शक्ति सदन के पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) को प्राप्त होती है और किसी मामले को स्वीकृत करने अथवा अस्वीकृत करने का कारण बताना पीठासीन अधिकारी के लिये आवश्यक नहीं है.
- नियमों के अनुसार, सदन का कोई सदस्य किसी एक बैठक के लिये एक से अधिक स्थगन प्रस्ताव नोटिस नहीं दे सकता है.
- सत्रावधि के दौरान स्थगन प्रस्ताव की सूचना उस दिन 10.00 बजे से पूर्व दी जानी आवश्यक है, जिस प्रस्ताव को प्रस्तुत करने का विचार है. इस अवधि के पश्चात् प्राप्त सूचना को अगली बैठक के लिये दी गई सूचना के रूप में माना जाएगा.
- संसद की परंपरा के अनुसार, राष्ट्रपति के अभिभाषण के दिन स्थगन प्रस्ताव को नहीं लिया जाता है और उस दिन प्राप्त सूचनाओं को अगली बैठक के लिये प्राप्त सूचना माना जाता है.
यह जरूर पढ़ें : संसदीय शब्दावली
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : Organisation of Islamic Cooperation – OIC
संदर्भ
भारत के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में इस्लामिक सहयोग संगठन (Organisation of Islamic Cooperation – OIC) की आलोचना करते हुए, इसके जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में भारत-पाकिस्तान के बीच संवाद को लेकर पारित किये गए प्रस्ताव को निरस्त कर दिया. ज्ञातव्य है कि OIC ने भारत और पाकिस्तान के बीच एक बैठक की व्यवस्था करने की पेशकश की और साथ ही जम्मू-कश्मीर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का भी प्रस्ताव रखा था.
इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) क्या है?
- यह विश्व के सभी इस्लामी देशों का एक संगठन है.
- संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है.
- इस संगठन की स्थापना 1969 में हुई थी.
- आज इसमें सदस्य देशों की संख्या 57 है.
- इसका मुख्यालय जेद्दा, सऊदी अरब में है.
- OIC का एक-एक प्रतिनिधिमंडल स्थाई रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ और यूरोपियन यूनियन में प्रतिनियुक्त है.
- इस संगठन का उद्देश्य इस्लामी विश्व की सामूहिक आवाज के रूप में काम करना तथा मुसलमानों के हितों की रक्षा करना है.
- निर्गुट आन्दोलन (Non-Aligned Movement – NAM) के समान यह संगठन भी एक दन्तविहीन बाघ है जो सदस्य देशों के बीच होने वाले मसलों पर कुछ नहीं कर पाता.
OIC का भारत के लिए महत्त्व
- भारत का यह दावा रहा है कि उसे भी इस संगठन का एक सदस्य बनाया जाए क्योंकि भारत में मुसलमानों की आबादी कई देशों की तुलना में अधिक है.
- OIC के बहुत से देशों के साथ भारत के महत्त्वपूर्ण व्यापारिक रिश्ते हैं इस संगठन में भारत की सदैव रूचि रही है. पिछली बैठक में भारत को OIC की बैठक में एक सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित भी किया गया था.
- परन्तु पिछले दिनों हुई बैठक में OIC भारत के हितों को दरकिनार करते हुए कश्मीर से भी एक प्रतिनिधि को आमंत्रित किया जिसका भारत की ओर से कठोर प्रतिरोध हुआ.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Infrastructure- airways.
Topic : UDAN scheme
संदर्भ
हाल ही में, सरकार ने छोटे शहरों को महानगरों से जोड़ने के लिए UDAN योजना के अंतर्गत नई उड़ानों की घोषणा की है.
इन उड़ानों के लिए देश में कम उपयोग किए जाने वाले हवाई अड्डों का उपयोग किए जाते हैं और इनके माध्यम से देशवासियों को सस्ती उड़ानें प्रदान करने का प्रयास किया जाता है.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार द्वारा, UDAN योजना (Ude Desh Ka Aam Nagrik – UDAN) के नाम से एक क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत 100 कम उपयोग किए जाने वाले हवाई अड्डों के संचालन और कम से कम 1,000 हवाई मार्गों को शुरू करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है.
उड़ान योजना क्या है?
UDAN भारत सरकार की एक मूर्धन्य योजना है जिसका अनावरण अप्रैल, 2017 में किया गया था. यह योजना जून, 2016 में लागू राष्ट्रीय नागर विमानन नीति (National Civil Aviation Policy – NCAP) का एक प्रमुख अवयव है. UDAN क्षेत्रीय विमानन बाजार को विकसित करने के लिए एक नवोन्मेषी योजना (innovative scheme) है. यह योजना बाजार तंत्र पर आधारित है जिसके अंतर्गत वायुयान सेवादाताओं के द्वारा सीटों के लिए सब्सिडी हेतु बोली लगाई जाएगी. यह योजना इस प्रकार की अभी तक की पहली योजना है जो आर्थिक रूप से आम नागरिकों के लिए व्यवहार्य और लाभदायक है. इससे विश्व-स्तर पर क्षेत्रीय मार्गों पर सस्ती उड़ानें भरी जा सकेंगी.
चुने गए एयरलाइन ऑपरेटरों को सामान्य जहाज़ों में न्यूनतम 9 और अधिकतम 40 उड़ान सीटें रियायती दरों पर देनी होंगी तथा हेलीकाप्टरों में न्यूनतम 5 और अधिकतम 13 सीटों का प्रावधान करना होगा. सामान्य जहाज़ों और हेलिकोप्टरों में क्रमशः लगभग एक घंटे और आधे घंटे की यात्रा के लिए आरक्षित सीटों का अधिकतम किराया 2,500 रु. तय किया गया है.
उड़ान योजना के लाभ
- इस योजना के द्वारा नागरिकों को वायुयात्रा की कनेक्टिविटी मिलेगी
- यह सभी हितधारकों के लिए एक स्पर्द्धा की स्थिति प्रदान करेगा
- रोजगार के अवसर प्रदान करेगा
- क्षेत्रीय हवाई संपर्क और बाजार का विस्तार होगा
- राज्य सरकारों को दूरदराज के क्षेत्रों के विकास, व्यापार और वाणिज्य के विस्तार और पर्यटन की वृद्धि का लाभ प्राप्त होगा.
उड़ान 1.0
- इस चरण के तहत 5 एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाई अड्डों (36 नए बनाए गए परिचालन हवाई अड्डों सहित) के लिये 128 उड़ान मार्ग प्रदान किये गए.
उड़ान 2.0
- वर्ष 2018 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 73 ऐसे हवाई अड्डों की घोषणा की जहाँ कोई सेवा प्रदान नही की गई थी या उनके द्वारा की गई सेवा बहुत कम थी.
- उड़ान योजना के दूसरे चरण के तहत पहली बार हेलीपैड भी योजना से जोड़े गए थे.
उड़ान 3.0
- पर्यटन मंत्रालय के समन्वय में उड़ान 3.0 के तहत पर्यटन मार्गों का समावेश.
- जलीय हवाई-अड्डे को जोड़ने के लिए जल विमान का समावेश.
- उड़ान के दायरे में पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई मार्गों को लाना.
उड़ान 4.0
- उड़ान 4.0 के तहत छत्तीसगढ़ में बिलासपुर और अंबिकापुर हवाई अड्डों को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
- उड़ान योजना राज्य के उन क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करती है जो हवाई सेवा से नहीं जुड़े हैं.
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय जिन राज्यों पर विशेष ध्यान दे रहा है, छत्तीसगढ़ उनमें से एक है.
मेरी राय – मेंस के लिए
यदि विमानन क्षेत्र को प्रतिस्पर्द्धी बनाने व अच्छी सेवाएँ देने के लिये निजी क्षेत्र की कंपनियों को बढ़ावा दिये जाने की नीति है तो फिर विमानन कंपनियाँ घाटे में क्यों चली जाती हैं और क्यों बंद हो जाती हैं? कारोबारी प्रबंधन के जानकारों से लेकर नियामक तक विमानन कंपनियों में संकट की आहट को आखिर समय रहते क्यों नहीं पहचान पा रहे हैं? क्या इस क्षेत्र के लिये सरकार की ओर से कारगर नीतियाँ नहीं बनाई जा रही हैं? क्या इस पर निगरानी के लिये कोई तंत्र नहीं होना चाहिये? स्पष्ट है कि भारत में विमानन उद्योग के लिये हालात अच्छे नहीं हैं. आखिर इसके लिये किसे ज़िम्मेदार ठहराया जाए?
सुरक्षित विमान यात्रा भी विमानन क्षेत्र की एक गंभीर चुनौती बनी हुई है. बोइंग 737 मैक्स विमानों पर पूरे विश्व में रोक लग चुकी है. दो विमान हादसों में 300 से ज़्यादा यात्रियों की मौत के बाद यह रोक लगाई गई थी. इन विमानों में प्रयोग होने वाली सॉफ्टवेयर प्रणाली MCAS में समस्या होने से दुर्घटनाएँ हुई थीं. बोइंग 737 मैक्स विमानों के डिज़ाइन में लगातार बदलाव किये जाते रहे हैं. पायलटों को उड़ान संबंधी नए मानकों का प्रशिक्षण नहीं मिला था जिसके कारण ये दुर्घटनायें हुईं थीं. अब DGCA को सुरक्षा संबंधी मानदडों में कड़े बदलाव करने होंगे.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Awareness in space.
Topic : Hubble telescope
संदर्भ
कुछ दिन पहले ‘हबल स्पेस टेलीस्कोप’ (Hubble Space Telescope) के एक पेलोड कंप्यूटर में समस्या आ जाने से इसने काम करना बंद कर दिया था. हाल ही में, नासा ने इसे ‘हबल वेधशाला’ (Hubble observatory) पर लगे एक बैकअप कंप्यूटर से बदलने में कामयाब हो गया है.
पृष्ठभूमि
13 जून को, 1980 के दशक के एक पेलोड कंप्यूटर में खराबी आने के बाद से ‘हबल टेलीस्कोप’ ने काम करना बंद कर दिया था. इसी कंप्यूटर की मदद से टेलीस्कोप में विज्ञान से जुड़े उपकरणों को नियंत्रित किया जाता था.
हबल स्पेस टेलीस्कोप
- हबल स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष में स्थापित एक बड़ा दूरबीन है.
- इसे नासा ने 1990 में प्रक्षेपित किया था.
- इसका निर्माण NASA द्वारा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से किया गया था.
- हबल एकमात्र ऐसी दूरबीन है जिसका रख-रखाव अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा किया जाता है.
- इससे दृश्यमान ब्रह्मांड की सीमाएँ हमारे लिए पहले से कहीं अधिक विस्तृत हो गयी हैं.
- इस दूरबीन के कैमरे सम्पूर्ण वर्णक्रम (spectrum) – अधोरक्तिम (infrared) से लेकर पराबैगनी (ultraviolet) तक – को देख सकते हैं.
अति-विशाल दूरबीन (VERY LARGE TELESCOPE – VLT) Haiti president Jovenel Moïse assassinated :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi June,2021 Sansar DCA is available Now, Click to Download इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Prelims Booster