Sansar Daily Current Affairs, 16 June 2021
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.
Topic : Ram Prasad Bismil
संदर्भ
राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक गुमनाम से गांव में हुआ था.
वह उन सर्वाधिक उल्लेखनीय भारतीय क्रांतिकारियों में से एक हैं, जिन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद से लड़ाई लड़ी और साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ सदियों के संघर्ष के बाद, राष्ट्र को स्वतंत्रता की हवा में सांस लेना संभव बनाया.
राम प्रसाद बिस्मिल
- उनका जन्म 11 जून, 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले के एक गांव में मुरलीधर और मूलमती के घर हुआ था.
- वे सबसे उल्लेखनीय भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में से थे, जिन्होंने अपनी अंतिम साँस तक ब्रिटिश औपनिवेशिक ताकतों का विरोध किया.
- उन्होंने एक स्कूल शिक्षक ‘गेंदा लाल दीक्षित’ के साथ मिलकर ‘मातृवेदी’ नामक संगठन का निर्माण किया.
- बिस्मिल, सचिंद्र नाथ सान्याल और जादूगोपाल मुखर्जी के साथ ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRA) के प्रमुख संस्थापकों में से एक थे. विदित हो कि ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ की स्थापना वर्ष 1924 में हुई थी और इसका संविधान मुख्य रूप से बिस्मिल द्वारा ही तैयार किया गया था.
- वे वर्ष 1918 के ‘मैनपुरी षडयंत्र’ में शामिल थे, जिसमें पुलिस ने बिस्मिल सहित कुछ अन्य युवाओं को ऐसी किताबें बेचते हुए पाया था, जो ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई थीं.
- वर्ष 1925 में बिस्मिल और उनके साथी चंद्रशेखर आजाद और अशफाकउल्ला खान ने लखनऊ के पास काकोरी में एक ट्रेन लूटने का फैसला किया. वे अपने प्रयास में सफल रहे लेकिन हमले के एक महीने के भीतर एक दर्जन से अधिक HRA सदस्यों के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और काकोरी षड्यंत्र मामले के तहत मुकदमा चलाया गया.
- राम प्रसाद बिस्मिल बड़े कवि और शायर भी थे. उन्होंने उर्दू और हिंदी में अज्ञात, राम और बिस्मिल नाम से कविताएं लिखीं लेकिन वे प्रसिद्ध “बिस्मिल कलमी” नाम से हुए.
- उन्होंने हिंदी से बंगाली में अनुवाद का काम भी किया. उनकी द्वारा किए गए काम में बोल्शेविक प्रोग्राम, अ सैली ऑफ द माइंड, स्वदेशी रंग और कैथरीन शामिल है.
- ऋषि अरबिंदो की योगिक साधना का राम प्रसाद ने अनुवाद किया था. उनके सभी काम को ‘सुशील मेला‘ नाम की सीरीज में प्रकाशित किया गया है.
- वह आर्य समाज से जुड़े थे जहां उनको “सत्यार्थ प्रकाश” नाम की किताब से प्रेरणा मिली. सत्यार्थ प्रकाश को स्वामी दयानंद सरस्वती ने लिखा था.अपने गुरु और आर्य समाज के प्रचारक स्वामी सोमदेव के माध्यम से उनका लाला हरदयाल से भी संपर्क हुआ. वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन असोसिएशन नाम के क्रांतिकारी संगठन के संस्थापक सदस्य थे.
- उत्तर रेलवे ने एक स्टेशन का नाम उनके सम्मान में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल रेलवे स्टेशन रखा. 19 दिसंबर, 1997 को भारत सरकार द्वारा उनकी 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक यादगार डाक टिकट जारी किया गया था.
- 19 दिसंबर, 1927 को गोरखपुर जेल में उन्हें फाँसी दी गई.
क्रांतिकारी आन्दोलन
समस्त क्रांतिकारी दलों का अक्टूबर 1924 में कानपुर में एक सम्मेलन बुलाया गया, जिसमें सचिन्द्र नाथ सान्याल, जगदीश चन्द्र चटर्जी तथा राम प्रसाद बिस्मिल जैसे पुराने क्रांतिकारी तथा भगत सिंह, सुखदेव, भगवती चरण वोहरा तथा चन्द्रशेखर आजाद एवं राजगुरु जैसे नये क्रांतिकारी ने भाग लिया. इस अखिल भारतीय सम्मेलन के परिणामस्वरूप ‘भारत गणतंत्र समिति या सेना’ (Hindustan Republican Association or Amry) का जन्म हुआ. इसकी शाखाएं बिहार, यू.पी., दिल्ली, पंजाब, मद्रास आदि कई जगहों पर स्थापित की गईं. इस दल के तीन प्रमुख आदर्श निम्न हैं –
- भारतीय जनता में गांधीजी की अहिंसावाद की नीतियों की निरर्थकता के प्रति जागृति उत्पन्न करना.
- पूर्ण स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए प्रत्यक्ष कार्यवाही तथा लोगों को क्रांति के लिए तैयार करना.
- अंग्रेजी साम्राज्यवाद के स्थान पर समाजवादी विचारधारा से प्रेरित भारत में संघीय गणतंत्रा की स्थापना करना.
अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संस्था ने हथियार बनाने और सरकारी खजाने लूटने की भी योजना बनायी. संस्था का प्रथम महत्त्वपूर्ण कार्य काकोरी की ट्रेन डकैती थी. इस ट्रेन द्वारा अंग्रेजी खजाना ले जाया जा रहा था. क्रांतिकारियों ने ट्रेन पर आक्रमण कर उसे लूट लिया, परंतु वे जल्द ही पकड़े गये. उनपर ‘काकोरी षड्यंत्र’ का मकुदमा चलाकर राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला सहित चार लोगों को 1927 में फाँसी पर चढ़ा दिया गया. 1928 ई. में चन्द्रशेखर आजाद आदि द्वारा ‘हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ का नाम बदलकर ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिसएशन’ कर दिया गया. 1928 में ही भगत सिंह, चन्द्रशेखर और राजगुरु ने लाहौर के सहायक पुलिस कप्तान सांडर्स की हत्या कर दी. उल्लेखनीय है कि साइमन विरोधी प्रदर्शन के समय सांडर्स के द्वारा ही लाठी चलवायी गयी थी जिसमें लाजपत राय को चोट लगी और उनकी मृत्यु हो गयी थी.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.
Topic : Supreme Court closes criminal case against Italian Marines; Italy will now try them
संदर्भ
सुप्रीम कोर्ट ने केरल तट पर दो मछुआरों की हत्या करने के आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ जारी आपराधिक मामले को बंद कर दिया है. इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार इतालवी सरकार द्वारा अपने देश में ही इन नौसैनिकों पर मुकदमा चलाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
शीर्ष अदालत ने वर्ष 2012 में केरल तट के पास हुई समुद्री गोलीबारी में मारे गए मछुआरों के परिजनों को इटली गणराज्य द्वारा जमा की गई 10 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि को स्वीकार कर लिया है.
अनुच्छेद 142 क्या है?
अनुच्छेद 142 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय को पक्षकारों के मध्य ‘पूर्ण न्याय’ करने की अद्वितीय शक्ति प्रदान की गई है, अर्थात्, जब कभी स्थापित नियमों एवं कानूनों के अंतर्गत कोई समाधान नहीं निकल पाता है, तो ऐसे में न्यायालय, मामले से संबंधित तथ्यों के मुताबिक़ विवाद पर ‘अंतिम निणर्य’ सुना सकती है.
अनुच्छेद 142 (1) में कहा गया है कि “उच्चतम न्यायालय अपनी अधिकारिता का प्रयोग करते हुए ऐसी डिक्री अथवा ऐसा आदेश कर सकेगा जो उसके समक्ष लंबित किसी वाद या विषय में पूर्ण न्याय करने के लिए आवश्यक हो, और इस प्रकार पारित डिक्री या किया गया आदेश, भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र, संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन विहित की गई रीति से, और जब तक इस निमित्त कोई उपबंध किए नहीं किया जाता है, तब तक राष्ट्रपति के आदेश द्वारा विहित रीति से प्रवर्तनीय होगा”.
अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण द्वारा सुनाया गया निर्णय
- 3: 2 के नजदीकी वोट के साथ, अधिकरण ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, इतालवी नौसनिकों को ‘संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि’ (UNCLOS) के तहत इतालवी राज्य-अधिकारियों के रूप में राजनयिक प्रतिरक्षा हासिल थी.
- इस घटना की आपराधिक जांच फिर से शुरू करने के लिए “इटली द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धता” को ध्यान में रखते हुए, अधिकरण ने कहा कि, इस मामले में, भारत को अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग नहीं करना चाहिए.
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.
Topic : BIMSTEC
संदर्भ
24वें बिम्सटेक दिवस (24th BIMSTEC Day) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिम्सटेक (BIMSTEC) समूह आगे बढ़ रहा है और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध बंगाल की खाड़ी के निर्माण के साझा सहयोग की नई ऊंचाइयां छू रहा है.
प्रमुख बिन्दु
- 24वें बिम्सटेक दिवस (24th BIMSTEC Day) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिम्सटेक (BIMSTEC) समूह आगे बढ़ रहा है और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध बंगाल की खाड़ी के निर्माण के साझा सहयोग की नई ऊंचाइयां छू रहा है.
- उन्होंने वर्तमान में बिम्सटेक की अध्यक्षता कर रहे श्रीलंका की सराहना करते हुए कहा कि इस देश ने ऐसी कठिन परिस्थिति में समूह को कुशल नेतृत्व दिया है.
- बिम्सटेक (BIMSTEC), एक भरोसा जगाने वाले क्षेत्रीय समूह के रूप में उभरा है. इस समूह ने संपर्क के लिए मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने सहित कई मोर्चों पर प्रगति की है.
- बिम्सटेक समूह ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में साथ मिलकर जीत हासिल करने पर जोर दिया है.
- इसके अलावा, बिम्सटेक ढांचे में क्षेत्रीय सहयोग हाल के दिनों में बढ़ा है.
BIMSTEC की स्थापना एवं स्वरूप
- BIMSTEC का full form है – Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation.
- यह एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना Bangkok Declaration के अंतर्गत जून 6, 1997 में हुई थी.
- इसका मुख्यालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में है.
- वर्तमान में इसमें 7 देश हैं (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका) जिनमें 5 दक्षिणी-एशियाई देश हैं और 2 दक्षिण-पूर्व एशिया के देश (म्यांमार और थाईलैंड) हैं.
- इस प्रकार के BIMSTEC के अन्दर दक्षिण ऐसा के सभी देश आ जाते हैं, सिवाय मालदीव, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के.
BIMSTEC के उद्देश्य
- BIMSTEC का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-एशियाई और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों (बंगाल की खाड़ी से संलग्न) के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
- आज यह संगठन 15 प्रक्षेत्रों में सहयोग का काम कर रहा है, ये प्रक्षेत्र हैं– व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, मत्स्य पालन, कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद निरोध, पर्यावरण, संस्कृति, लोगों का लोगों से सम्पर्क, जलवायु परिवर्तन.
BIMSTEC क्षेत्र का महत्त्व
- बंगाल की खाड़ी विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है. इसके आस-पास स्थित 7 देशों में विश्व की 22% आबादी निवास करती है और इनका संयुक्त GDP 2.7 ट्रिलियन डॉलर के बराबर है.
- यद्यपि इन देशों के समक्ष आर्थिक चुनौतियाँ रही हैं तथापि 2012-16 के बीच ये देश अपनी-अपनी आर्थिक वृद्धि की वार्षिक दर को 4% और 5% के बीच बनाए रखा है.
- खाड़ी में विशाल संसाधन भी विद्यमान हैं जिनका अभी तक दोहन नहीं हुआ है.
- विश्व व्यापार का एक चौथाई सामान प्रत्येक वर्ष खाड़ी से होकर गुजरता है.
भारतीय हित
- इस क्षेत्र में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी है, अतः इससे भारत के हित भी जुड़े हुए हैं. BIMSTEC न केवल दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ता है, अपितु इसके अन्दर हिमालय और बंगाल की खाड़ी जैसी पर्यावरण व्यवस्था विद्यमान है.
- “पड़ोस पहले” और “एक्ट ईस्ट”जैसी नीतिगत पहलुओं को लागू करने में BIMSTEC एक सर्वथा उपयुक्त मंच है.
- भारत के लगभग 300 मिलियन लोग अर्थात् यहाँ की आबादी का एक चौथाई भाग देश के उन चार तटीय राज्यों में रहते हैं जो बंगाल की खाड़ी के समीपस्थ हैं. ये राज्य हैं – आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल. इसके अतिरिक्त 45 मिलियन की आबादी वाले पूर्वोत्तर राज्य चारों ओर भूभागों से घिरे हुए हैं और इनकी समुद्र तक पहुँच नहीं है. BIMSTEC के माध्यम से इन राज्यों को बांग्लादेश, म्यांमार और थाईलैंड जैसे देशों से सम्पर्क करना सरल हो जाएगा और विकास की अनेक संभावनाएँ फलीभूत होंगी.
- बंगाल की खाड़ी का सामरिक महत्त्व भी है. इससे होकर मनक्का जलडमरूमध्य पहुँचाना सरल होगा. उधर देखने में आता है कि चीन हिन्द महासागर में पहुँचने के लिए बहुत जोर लगा रहा है. इस क्षेत्र में उसकी पनडुब्बियाँ और जहाज बार-बार आते हैं, जो भारत के हित में नहीं हैं. चीन की आक्रमकता को रोकने में BIMSTEC देशों की सक्रियता काम आएगी.
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Food processing and related industries in India – scope and significance, location, upstream and downstream requirements, supply chain management.
Topic : FAO
संदर्भ
हाल ही में, ‘खाद्य एवं कृषि संगठन’ (Food and Agriculture Organization- FAO) सम्मेलन के 42वें सत्र का आयोजन किया गया था.
यह पहली बार है, जब FAO सम्मलेन वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया है.
सम्मेलन के बारे में
- खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) सम्मेलन प्रति दो वर्ष में आयोजित होता है और यह FAO का सर्वोच्च शासी निकाय (Governing Body) है.
- सम्मलेन में, संगठन की नीतियों का निर्धारण, बजट के लिए मंजूरी और खाद्य एवं कृषि मुद्दों पर सदस्य देशों के लिए सिफारिशें देने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जाते हैं.
FAO की रणनीतिक रूपरेखा 2022-2031
इस वर्ष के सम्मेलन में FAO के सदस्य देशों द्वारा ‘रणनीतिक रूपरेखा’ (Strategic Framework) 2022-2031 अपनाई जाएगी.
- इस फ्रेमवर्क का उद्देश्य, किसी को भी पीछे नहीं छोड़ते हुए, बेहतर उत्पादन, बेहतर पोषण, बेहतर पर्यावरण और बेहतर जीवन के लिए, कृषि-खाद्य प्रणालियों को अधिक कुशल, समावेशी, लचीला, और संवहनीय प्रकार में परिवर्तन करने के माध्यम से सतत विकास एजेंडा 2030 में सहयोग करना है.
- ये चार बेहतर (Four Betters) उद्देश्य, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs), विशेषकर SDG 1 (निर्धनता-उन्मूलन), SDG 2 (भुखमरी-उन्मूलन), और SDG 10 (असमानता में कमी) को हासिल करने में सहयोग करने हेतु, FAO द्वारा लागू किये जाने वाले कार्य संयोजन-सिद्धांतो को अभिवयक्त करते हैं.
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन
- संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की स्थापना वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्गत की गई थी.
- इसका मुख्यालय रोम (Rome), इटली में है. 130 देशों में इसके क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं.
- यह संगठन सरकारों और विकास एजेंसियों को कृषि, वानिकी (forestry), मत्स्यपालन तथा भूमि एवं जल संसाधन से सम्बंधित गतिविधियों के संचालन में सहायता करता है. यह विभिन्न परियोजनाओं के लिए तकनीकी सहायता देने के अलावा शोध कार्य भी करता है.
- यह शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण (training) कार्यक्रम भी चलाता है और कृषि उत्पादन और विकास से सम्बंधित आंकड़े भी इकठ्ठा करता है.
- FAO वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा के लिये कार्य करता है. इस संस्था का लक्ष्य भूक मिटाना और पोषण का स्तर ऊँचा करना है.
- इसका ध्येय वाक्य (motto) है –Fiat Panis अर्थात् लोगों को रोटी मिले…
- आपको जानना चाहिए कि FAO संयुक्त राष्ट्र की सबसे वृहद् एजेंसी है.
- वर्तमान में इस संगठन के सदस्यों देशों की संख्या 197 है (according to Wikipedia). इसके अन्दर 194 देश, 1 संगठन और 2 संलग्न सदस्य (associate members) होते हैं.
भारत और एफएओ
- समाज के कमजोर वर्ग और समूहों को आर्थिक रूप से और पोषाहार के मामले में सशक्त बनाने के लिए एफएओ के अबतक के प्रयास अद्वितीय रहे हैं.
- भारत का एफएओ के साथ ऐतिहासिक संबंध रहा है. भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी डॉ बिनय रंजन सेन 1956-1967 के दौरान एफएओ के महानिदेशक थे.
- 2020 में नोबेल शांति पुरस्कार जितने वाले विश्व खाद्य कार्यक्रम की स्थापना उनके समय में ही की गई थी.
- वर्ष 2016 को अंतर्राष्ट्रीय दलहन और 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किए जाने के भारत के प्रस्तावों को भी एफएओ द्वारा समर्थन दिया गया.
नीचे कुछ इसी तरह की प्रमुख विशिष्ट एजेंसियों के नाम दिए गए हैं और बगल में उनके मुख्यालय का भी उल्लेख है – Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana :- Reserve Bank of India transfer tops govt’s non-tax revenue (NTR) :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi May,2021 Sansar DCA is available Now, Click to Download इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Prelims Vishesh