Sansar Daily Current Affairs, 16 March 2018
GS Paper 3: Source: The Hindu
Topic: मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण
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- सरकार ने हाल ही में NIMHANS (National Institute of Mental Health and Neurosciences) के माध्यम से राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य का सर्वेक्षण किया.
- इस सर्वेक्षण से कुछ सच सामने आये जैसे –
- शहर या महानगरीय क्षेत्रों में मानसिक विकृति का प्रसार सर्वाधिक है.
- आंकड़े बताते हैं कि सर्वेक्षण में शामिल लोगों में 0.9% लोग आत्महत्या करने की जोखिम उठाने के लिए तैयार थे.
- मानसिक स्वास्थ्यगत समस्याओं को निपटाने के लिए सरकार राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP – National Mental Health Program) को लागू कर रही है.
GS Paper 3: Source: The Hindu
Topic: राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC)
- राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) एक संस्थान है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशालय के अधीन है.
- NCDC को पहले National Institute of Communicable Diseases (NICD) कहा जाता था.
- इसे महामारी और संक्रामक रोगों के नियंत्रण हेतु 1963 में स्थापित किया गया था.
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है.
GS Paper 3: Source: PIB
Topic: रक्षा गलियारा
- तमिलनाडु रक्षा गलियारे के विकास के लिए तिरुचिरापल्ली में स्थानीय उद्योगपतियों के साथ एक बैठक हुई थी.
- इस साल के बजट घोषणापत्र में तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में दो रक्षा गलियारे के निर्माण को लेकर प्रावधान था.
- तमिलनाडु रक्षा गलियारे को तमिलनाडु रक्षा उत्पादन चतुष्क (Tamil Nadu Defense Production Quad) भी कहा जाता है.
- इसे चतुस्क इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें चार नोडल शहर आते हैं – चेन्नई, होसुर, सेलम और कोयंबटूर.
GS Paper 3: Source: PIB
Topic: अंतरराष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय
- फिलिपीन्स अंतरराष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय (International Criminal Court / ICC) से बाहर निकल रहा है क्योंकि इस न्यायालय ने उसके वर्तमान राष्ट्रपति के विरुद्ध मानवाधिकार का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर लिया है.
- ज्ञातव्य है कि फिलिपीन्स के राष्ट्रपति पर ड्रग व्यवसायियों के विरुद्ध क्रूरता बरतने के आरोप लगता रहा है.
- अंतरराष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय को 1998 में घोषित रोम कानून (Rome Statute) के द्वारा स्थापित किया गया था.
- इस न्यायालय का काम है – जनसंहार, युद्ध-अपराध, मानवता के प्रति अपराध तथा आक्रमण के अपराध के आरोपी व्यक्तियों का अपराध तय करना और उनके खिलाफ मुकदमा चलाना.
- भारत ने अभी तक रोम कानून पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं और इसलिए वह अंतरराष्ट्रीय फौजदारी न्यायालय सदस्य नहीं है.
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