Sansar Daily Current Affairs, 16 May 2019
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : National Testing Agency
- विदित हो कि CBSE न केवल 10वीं और 12वीं की परीक्षा लेता है अपितु मेडिकल आदि कई अन्य परीक्षाएँ भी संचालित करता है.
- CBSE के इस बोझ को हल्का करने के लिए सरकार ने एक राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी गठित करने का निर्णय लिया है.
- यह एजेंसी पेपर सेट करने वालों को अच्छे ढंग से प्रश्न-पत्र सेट करने का प्रशिक्षण देगी.
- पहले से बेहतर आदर्श प्रश्नपत्र उपलब्ध कराएगी.
- इस एजेंसी के लिए 2017-18 के बजट में राशि की व्यवस्था की गई थी और तदनुसार नवम्बर 2017 को सरकार ने इसके एक स्वायत्त संगठन के रूप में गठन की मंजूरी दे दी.
- इस एजेंसी का अध्यक्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त कोई विख्यात शिक्षाविद होगा.
- इसका एक प्रशासक बोर्ड होगा जिसमें समन्धित शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि सदस्य होंगे.
- NTA का प्रयास रहेगा की ग्रामीण विद्यार्थियों की सुविधा के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए जाएँ.
संविधान
- NTA की अध्यक्षता MHRD द्वारा नियुक्त एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् द्वारा की जाएगी.
- CEO सरकार द्वारा नियुक्त किया गया महानिदेशक होगा.
- एक बोर्ड ऑफ गवर्नर होगा जिसमें उपयोगकर्ता संस्थानों के सदस्य शामिल होंगे.
- महानिदेशक को 9 ऊर्ध्वाधर शिक्षाविदों / विशेषज्ञों से मदद मिलेगी.
वित्त: NTA को पहले वर्ष में अपना संचालन शुरू करने के लिए भारत सरकार की ओर से 25 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा. इसके बाद यह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होगा.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Project ‘SPARROW-CBIC’
संदर्भ
आईआरएस अधिकारियो(सी और सीई) की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट आनलॉइन लिखने के लिए स्पैरो का शुभारंभ वर्ष 2016-17 में किया गया. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा बेहतर मानव संसाधन प्रबंधन हेतु निरंतर प्रयासो के रूप में देश में तैनात समूह बी और समूह सी के 46 हजार से अधिक अधिकारियो की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट आनलॉइन लिखने के लिए स्पैरो की शुरूआत की गई है.
SPARROW-CBIC परियोजना क्या है?
- स्पैरो-सीबीआईसी केंद्र सरकार के विभागो के संदर्भ में अपनी प्रकार की एक अनूठी परियोजना है.
- यह सीबीआईसी में समूह बी और सी के अधिकारियो और कर्मचारियो की बडी संख्या में एपीएआर प्रबंधन में परिवर्तन करेगी जिसके बेहतर मानव संसाधन प्रबंधन संभव हो सकेगा.
- यह परियोजना केंद्रीय जीएसटी और सीबीआईसी की सीमा शुल्क शाखा में आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर बड़ी संख्या में कार्यरत अधिकारियो और कर्मचारियो की संपूर्ण दक्षता में बढोत्तरी करने और उनका मनोबल बढाने में कारगार सिद्ध होगी.
- इसके साथ ही यह परियोजना डिजीटाईजेशन और कागज रहित कार्य करने की दिशा में मील का पत्थर बनेगी.
GS Paper 3 Source: Indian Express
Topic : Services Trade Restrictiveness Index
संदर्भ
भारत के वाणिज्य मंत्रालय को लगता है कि वर्तमान में सेवा व्यापार प्रतिबद्धन सूचकांक (Services Trade Restrictiveness Index – STRI) के लिए अपनाई जाने वाली पद्धति त्रुटिपूर्ण है. विदित हो कि इस सूचकांक में सेवा व्यापार नीतियों के आधार पर देशों को रैंकिंग दी जाती है. भारत सरकार का कहना है कि इसके लिए जो पद्धति अपनाई जाती है, वह पक्षपातपूर्ण है.
2018 के सूचकांक में 45 अर्थव्यवस्थाओं (36 OECD और शेष OECD के बाहर) और 22 प्रक्षेत्रों को सम्मिलित किया गया था.
STRI क्या है?
सेवा व्यापार प्रतिबद्धन सूचकांक 2014 में आरम्भ हुआ था. इसे जो संस्था प्रकाशित करती है उसका नाम आर्थिक सहयोग एवं विशेष संगठन (Organisation for Economic Cooperation and Development – OECD) है. इसके लिए जिस डाटाबेस का उपयोग किया जाता है, वह वर्तमान में लागू विनियमों पर आधारित होता है.
उपयोग एवं माहात्म्य
यह सूचकांक बताता है कि किस अर्थव्यवस्था में ऐसी कौन-सी नीतियाँ अपनाई जा रही हैं जो व्यापार को प्रतिबंधित करती हैं. इस सूचकांक से प्राप्त जानकारी के आधार पर नीति-निर्माताओं और वार्ताकारों को घरेलू नीति परिवेश को सुधारने के लिए आवश्यक उपायों का पता चलता है. साथ ही इससे अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के लिए वार्ता करने एवं सेवा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को खोलने में भी सहायता मिलती है.
सूचकांक से सरकारों को संसार में प्रचलित सर्वोत्तम प्रथाओं का ज्ञान मिलता है जिसके आधार पर वे अपने घरेलू सुधार के प्रयासों के अंतर्गत प्राथमिकता वाले प्रक्षेत्रों एवं उपायों पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं.
स्कोर : STRI के सूचकांक में 0 से 1 तक का मान दिया जाता है जिसमें 0 का अर्थ है “पूरी तरह से खुला हुआ” और 1 का अभिप्राय है “पूरी तरह से बंद”.
भारत की आपत्तियाँ
भारत का कहना है कि STRI की रूपरेखा अव्यवहारिक है. उदाहरण के लिए यह सूचकांक भारतीय सेवा प्रक्षेत्र को, विशेषकर विदेशियों के प्रवेश को लेकर सर्वाधिक प्रतिबंधनकारी दिखाता हुआ प्रतीत होता है. यह अत्यंत आश्चर्यजनक बात है क्योंकि 1991 के बाद से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश वह अकेला क्षेत्र है जिसमें भारत में सबसे अधिक उदारीकरण बरता गया है.
OECD की आकलन-पद्धति में सैद्धांतिक और व्यवहारगत त्रुटियाँ हैं. उदाहरण के लिए, किसी एक नीति में विनियामक उपायों में परिवर्तन करने से किसी दूसरी नीति के क्षेत्र में नाटकीय परिवर्तन हो सकते हैं जो अपने-आप में नीति के परिप्रेक्ष्य में बहुत उपयोगी नहीं कहा जा सकता.
STRI में जो डाटा सृजित किया जाता है उसके लिए अपनाई गई प्रक्रिया मनमानी होती है और यह विकसित देशों के हक़ में पक्षपातपूर्ण होती है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : RBI releases ‘Vision 2021’ for e-payment system
संदर्भ
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सुरक्षित, सुविधाजनक, तेज और सस्ती ई-भुगतान प्रणाली को लेकर एक विजन दस्तावेज जारी किया है. यह दस्तावेज देश में ऑनलाइन भुगतान प्रणाली में आने वाले दो साल के दौरान होने वाली भारी वृद्धि को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है.
पृष्ठभूमि
रिजर्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि दिसंबर 2021 तक देश में डिजिटल माध्यमों से होने वाला लेनदेन चार गुना से भी अधिक बढ़कर 8,707 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.
डिजिटल भुगतान लेन-देन का टर्नओवर 2019 में 10.37%, 2020 में 12.29% तथा 2021 में 14.80% बढ़ने की संभावना है.
उद्देश्य
- रिजर्व बैंक ने ‘भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली: विजन 2019- 2021’ दस्तावेज को जारी करते हुए देश में ई-भुगतान के अनुभव को बेहतर बनाने और उच्च डिजिटल और कम नकदी वाला समाज बनाने की दिशा में यह कदम उठाया है.
- इससे उपभोक्ताओं को बेहतर लागत पर विभिन्न प्रकार के भुगतान प्रणाली के विकल्प उपलब्ध होंगे.
- इस विजन दस्तावेज में चार लक्ष्य रखे गये हैं जो सभी रोमन वर्णमाला के C अक्षर से शुरू होते हैं. ये हैं –
- Competition (प्रतिस्पर्द्धा)
- Cost effectiveness (लागत प्रभावशीलता)
- Convenience (सुविधा)
- Confidence (आत्मविश्वास)
आगे की राह
भारतीय रिज़र्व बैंक विजन दस्तावेज में सुझाए गये उपायों को 2019-2021 की अवधि में लागू करेगा. यह प्रयास होगा कि इस संदर्भ में मुख्य ध्यान कुशल एवं आकर्षक मूल्य वाली भुगतान प्रणालियों के संचालन को सुगम बनाया जाए. परन्तु उपभोक्ताओं के द्वारा प्राप्त होने वाली डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए शुल्क (charges) निर्धारित करने में RBI का हस्तक्षेप कम से कम होगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : India joins global initiative to combat online extremism
संदर्भ
आजकल विश्व में एक बड़ा अभियान चला हुआ है जिसे क्राइस्ट चर्च कॉल टू एक्शन (Christchurch call to action) नाम दिया गया है. इस अभियान का उद्देश्य ऑनलाइन आतंकवाद और अतिवाद से लड़ना तथा इन्टरनेट को एक सुरक्षित स्थान बनाना है.
क्राइस्ट चर्च कॉल टू एक्शन क्या है?
- यह अभियान पेरिस में सम्पन्न ऑनलाइन अतिवाद शिखर सम्मेलन (Online Extremism Summit) के समय अनावृत किया गया था.
- इस अभियान का अनावरण संयुक्त रूप से भारत, फ़्रांस, न्यूज़ीलैण्ड, कनाडा और कई अन्य देशों के द्वारा किया गया था. इस पहल को यूरोपीय संघ के अतिरिक्त 18 देशों के साथ-साथ ट्विटर, फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे मीडिया दिग्गजों द्वारा समर्थन मिला था.
- इस पहल का उद्देश्य इन्टरनेट के दुरूपयोग को रोकना है.
- इस अभियान में उन सामूहिक एवं स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओं का विवरण है जिनका अनुपालन सरकारों और ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं को करना है जिससे कि ऑनलाइन आतंकवादी और हिंसक अतिवादी सामग्रियों पर रोक लगाया जा सके.
- इस अभियान में निःशुल्क सर्वसुलभ और सुरक्षित इन्टरनेट पर बल दिया गया है जिससे कि सम्पर्कशीलता बढ़े और सामाजिक समावेशिता में वृद्धि हो तथा परिणामस्वरूप आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिले.
पृष्ठभूमि
क्राइस्ट चर्च कॉल टू एक्शन अभियान का नाम न्यूजीलैंड के नगर क्राइस्ट चर्च पर रखा गया है जहाँ कुछ दिनों पहले दो मस्जिदों में गोलीबारी चली थी जिससे 50 लोग मृत्यु को प्राप्त हो गये थे और 20 से अधिक घायल हो गये थे.
इस घटना ने विश्व को हिला कर रख दिया था. सभी ने ऐसा अनुभव किया कि अब समय आ गया है कि ऑनलाइन आतंकवादी और अतिवादी सामग्री को समाप्त करने के लिए सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं तथा सोशल मीडिया कम्पनियों को आगे आना ही होगा.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Economic Census
संदर्भ
आगामी सातवीं आर्थिक गणना के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया.
मुख्य बिंदु
- इस कार्यशाला का उद्देश्य सातवीं आर्थिक गणना में भाग लेने वाले विशेषज्ञ प्रशिक्षकों (संगणक और पर्यवेक्षक) को प्रशिक्षण प्रदान करना था.
- प्रतिभागियों को प्रमुख सिद्धांतों, परिभाषाओं, प्रक्रियाओं, डिजिटल प्लेटफार्म और संगणन के लिए उपयोग किये जाने वाले अनुप्रयोग (डेटा संग्रह और पर्यवेक्षण) आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया.
- सातवीं आर्थिक गणना 2019 का संचालन सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है.
- इसके तहत देश के सभी प्रतिष्ठानों के विभिन्न संचालन व संरचनात्मक आयामों पर आधारित विभिन्न मदों से संबंधित सूचनाओं का संग्रह किया जाएगा.
- सातवीं आर्थिक गणना के प्रशिक्षकों के लिए एक एकीकृत प्रशिक्षण रणनीति विकसित की गई है.
- सातवीं आर्थिक गणना के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जनसेवा केन्द्रों और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता किया है.
- सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विशेष उद्देश्य के लिए बनी कंपनी है.
- डेटा संग्रह, प्रमाणित करने, रिपोर्ट बनाने और डेटा प्रसार के लिए आईटी आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा. सातवीं आर्थिक गणना का कार्य जून 2019 से प्रारंभ होगा.
- डेटा संग्रह के सत्यापन और प्रमाणन के पश्चात इस गणना के परिणाम उपलब्ध करा दिए जाएंगे.
- अभी तक छह आर्थिक गणना हो चुकी हैं.
- पहली आर्थिक गणना 1977 में, जबकि छठी आर्थिक गणना 2013 में हुई थी.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Artemis Mission
संदर्भ
नासा चंद्रमा हेतु एक नए मानवयुक्त मिशन की योजना बना रहा है जिसका नाम आर्टेमिस होगा.
आर्टेमिस अभियान क्या है?
- ARTEMIS का पूरा नाम है – Acceleration, Reconnection, Turbulence and Electrodynamics of the Moon’s Interaction with the Sun. इसका नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रमा की देवी, आर्टेमिस, अपोलो की जुड़वाँ बहन पर पड़ा है.
- इस अभियान में दो अन्तरिक्षयान छोड़े गये थे – P1 और शुरू-शुरू में ये दोनों अन्तरिक्षयान पृथ्वी के प्रकाशपुंज (aurora) का अध्ययन करने के लिए पृथ्वी की कक्षा में छोड़े गये थे. उस समय इस अभियान का नाम थेमिस था. बाद में इन दोनों अन्तरिक्षयानों को चंद्रमा की ओर मोड़ दिया गया जिससे कि ये अपनी शक्ति खोने से बच सकें.
- नए अभियान से वैज्ञानिक यह आशा करते हैं कि वे इन विषयों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे – चंद्रमा और पृथ्वी के लेग्रेंज बिंदु, सौर पवन, चंद्रमा का प्लाज्मा वेक और पृथ्वी के चुम्बकीय पुच्छ तथा चंद्रमा की अपनी दुर्बल चुम्बकीयता पर सौर पवन का प्रभाव.
- आर्टेमिस (ARTEMIS) अभियान का उपयोग कर NASA के वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि चंद्रमा के घूर्णन में जो गाढ़े रंग के और हल्के रंग के विशिष्ट पैटर्न बनते हैं, वे सौर पवन और चंद्रमा की पर्पटी के चुम्बकीय क्षेत्रों के कारण होते हैं.
Prelims Vishesh
MoU signed for Plantation of 10,000 Rudraksh Trees in Uttarakhand :-
- गंगा घाटी की पारिस्थितिकी को और भी हरा-भरा बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा अभियान में HCL फाउंडेशन और INTACH के साथ एक समझौता-पत्र हस्ताक्षरित किया है जिसका उद्देश्य उत्तराखंड में 10,000 रुद्राक्ष पेड़ लगाना है.
- यह अभियान नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत होगा.
‘Army scouts masters competition’ :–
- राजस्थान के जैसलमेर नगर में 2019 के जुलाई के अंत से लेकर अगस्त के मध्य तक सैनिक स्काउट मास्टरों की एक प्रतिस्पर्धा होगी.
- इस प्रतिस्पर्धा का आयोजन भारत पहली बार कर रहा है.
- यह प्रतिस्पर्धा रूस के द्वारा संचालित अंतर्राष्ट्रीय सैनिक खेलों का एक हिस्सा है.
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