Sansar Daily Current Affairs, 16 November 2018
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Himalayan State Regional Council
संदर्भ
भारत के हिमालय क्षेत्र में सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए नीति आयोग ने एक क्षेत्रीय परिषद् का गठन किया है जिसको हिमालयी राज्य क्षेत्रीय परिषद् (Himalayan State Regional Council) का नाम दिया गया है.
परिषद् के बारे में
स्वरूप : हिमालयी राज्य क्षेत्रीय परिषद् के अध्यक्ष नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत होंगे. इसके अन्य सदस्य होंगे – हिमालयी राज्यों के मुख्य सचिव, भारत सरकार के प्रमुख मंत्रालयों के सचिव और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी. इनके अतिरिक्त इस परिषद् में कुछ विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे.
उद्देश्य : इस परिषद् का उद्देश्य 5 कार्यदलों के प्रतिवेदनों के आधार पर चुने गये कार्यों की समीक्षा और कार्यान्वयन होगा. विदित हो कि परिषद् की कार्यसूची के लिए पाँच थीमों से सम्बंधित कार्यावली निर्धारित करने के लिए कार्यदलों का गठन किया गया था.
कार्य : हिमालयी राज्य क्षेत्रीय परिषद् हिमालयी क्षेत्र के सतत विकास के लिए नाभिक एजेंसी होगी. ज्ञातव्य है कि हिमालयी क्षेत्र में 12 राज्य और 4 जिले आते हैं. ये राज्य एवं जिले हैं – जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम के दो जिले (दीमा और हसाओ), कार्बी आंगलोंग तथा पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कलिमपोंग.
भूमिका
हिमालय क्षेत्र के अनोखेपन को देखते हुए वहाँ के सतत विकास के लिए जून 2, 2017 में नीति आयोग ने पाँच कार्यदलों का गठन किया था. अगस्त 2018 में नीति आयोग ने इन पाँच कार्यदलों के थीम पर आधारित प्रतिवेदनों को निर्गत किया था तथा इन प्रतिवेदनों के आधार पर कार्यावली का निर्धारण किया था. इसके लिए जिन पाँच थीमों का चयन किया गया था, वे हैं –
- जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हिमालय के जलस्रोतों का सूचीकरण और उनका कायाकल्प.
- भारत के हिमालयी क्षेत्र में सतत पर्यटन.
- कृषि पद्धति का रूपांतरण
- हिमालय क्षेत्र में कौशल और अध्यवसाय के परिदृश्य
- समुचित निर्णय के लिए डाटा एवं सूचनाओं का संग्रहण
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : “Aadi Mahotsav”
संदर्भ
जनजातीय शिल्प, संस्कृति, खान-पान और वाणिज्य की भावना के संवर्धन एवं प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार का जनजातीय कार्य मंत्रालाय एवं TRIFED संयुक्त रूप से नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय जनजातीय उत्सव का आयोजन कर रहे हैं जिसे “आदि महोत्सव” का नाम दिया गया है. इस उत्सव की थीम है – “A Celebration of the Spirit of Tribal Culture, Craft, Cuisine and Commerce”.
यह आदि महोत्सव क्या है?
- इस महोत्सव में जनजातीय कला और शिल्प, जनजातीय औषधि और चिकित्सा पद्धति तथा आदिवासी खान-पान से सम्बंधित सामग्रियों का प्रदर्शन और विक्रय होगा. साथ ही जनजातीय लोक-कला का प्रदर्शन भी होगा जिसमें देश के 23 राज्यों के आदिवासी कारीगर, भोजन-निर्मार्ता, लोक-नर्तक/संगीतकार सम्मिलित होंगे और अपनी समृद्ध पारम्परिक संस्कृति की झलक प्रस्तुत करेंगे.
- आदि महोत्सव में 100 स्टॉल होंगे जहाँ आदिवासी हस्तशिल्प, कला, चित्रों, कपड़ों, गहनों आदि की प्रदर्शनी और बिक्री की जायेगी. विभिन्न राज्यों के 200 आदिवासी कारीगर और कलाकार आएँगे और इस प्रकार भारत का एक छोटा स्वरूप ही यहाँ प्रकट हो जाएगा.
महत्त्व
जैसा कि महोत्सव का नाम ही बताता है, यह आदिम संस्कृति का प्रदर्शन है. आदिवासी जीवन स्वभाव से सादा होता है और इससे शास्वत मूल्य जुड़े होते हैं. आदिवासियों की विशेषता है कि वे अपनी प्राकृतिक सरलता और पुराने कौशलों को अभी तक बनाए रखने में समर्थ रहे हैं. उनका यह कौशल और सरलता उनके हस्तशिल्प एवं नृत्य-संगीत में आज भी झलकता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Swadesh Darshan Scheme
संदर्भ
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत दो महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तवांगमें स्थित PTSO झील पर उद्घाटन किया गया.
ये परियोजनाएँ हैं – i) भालुकपोंग-बोमडिला – तवांग परियोजना ii) नाफ्रा-सेप्पा-पप्पू, पासा, पक्के घाटियाँ-संगडुपोटा – न्यू सांगली-जीरो – योम्चा परियोजना.
स्वदेश दर्शन योजना के बारे में
- जनवरी, 2015 में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘स्वदेश दर्शन’ योजना शुरू की गई थी.
- यह योजना 100% केंद्रीय रूप से वित्त पोषित है.
- प्रत्येक योजना के लिए दिया गया वित्त अलग-अलग राज्य में अलग होगा जो कार्यक्रम प्रबंधन परामर्शी (Programme Management Consultant – PMC) द्वारा तैयार किये गये विस्तृत परियोजना प्रतिवेदनों (DPR) के आधार पर निर्धारित किया जायेगा.
- एक राष्ट्रीय संचालन समिति (National Steering Committee – NSC) गठित की जाएगी. जिसके अध्यक्ष पर्यटन मंत्री होंगे. यह समिति इस मिशन के लक्ष्यों और योजना के स्वरूप का निर्धारण करेगी.
- कार्यक्रम प्रबन्धन परामर्शी की नियुक्ति मिशन निदेशालय (Mission Directorate) द्वारा की जायेगी.
- पर्यटन मंत्रालय ने देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट विकसित करने के उद्देश्य से ‘स्वदेश दर्शन’ योजना शुरू की थी.
- इस योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी जिससे स्थानीय समुदाय हेतु रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
- योजना के अंतर्गत 13 विषयगत सर्किट के विकास हेतु पहचान की गई है, ये सर्किट हैं :- पूर्वोत्तर भारत सर्किट, बौद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, डेजर्ट सर्किट, आदिवासी सर्किट, पारिस्थितिकी सर्किट, वन्यजीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट और विरासत सर्किट.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : East Asia Summit
संदर्भ
सिंगापुर में 13वाँ पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) आयोजित हो रहा है. यह शिखर सम्मेलन 2005 में आरम्भ हुआ था और तब से भारत इसमें सदैव प्रतिभागिता करता रहा है.
पूर्वी एशियाई शिखर सम्मलेन क्या है?
- प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला पूर्वी एशियाई शिखर सम्मलेन एक मंच है जिसमें आरम्भ में पूर्वी एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया एवं दक्षिणी एशिया के 16 देश शामिल हुए थे. बाद में सम्मलेन की 2011 में होने वाली बैठक में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 18 कर दी गई और इसमें रूस और अमेरिका भी शामिल हो गये.
- इस सम्मलेन की पहली बैठक 14 दिसम्बर, 2005 को मलेशिया के क्वालालम्पुर में हुई थी.
- पूर्वी एशियाई शिखर सम्मलेन (East Asia Summit) में राजनैतिक सुरक्षागत एवं आर्थिक मामलों में विचारों का आदान-प्रदान और सहयोग किया जाता है. जिन विषयों में सहयोग को प्राथमिकता दी जाती है, वे हैं – पर्यावरण, ऊर्जा, शिक्षा, वित्त, वैश्विक स्वास्थ्य के मामले, सर्वव्यापी रोग, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एवं ASEAN देशों के बीच आपस सम्पर्क.
- 2017 के नवम्बर में मनीला, फिलीपींस में सम्पन्न बैठक में पूर्वी एशियाई शिखर सम्मलेन ने सामुद्रिक सहयोग को भी अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर लिया.
EAS का इतिहास
- पूर्व-एशिया के देशों का समूह बनाने की अवधारणा सबसे पहले मलेशिया के प्रधानमंत्री Mahathir bin Mohamad ने 1991 में प्रस्तुत की थी. आगे चलकर 2002 में पूर्व एशिया अध्ययन समूह ने एक अंतिम प्रतिवेदन दिया. यह समूह ASEAN+3 देश (चीन, जापान और द.कोरिया) द्वारा गठित किया गया था. इस समूह ने पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन की अवधारणा को स्वरूप देने की अनुशंसा की थी.
- जुलाई 26, 2005 को Vientiane में सम्पन्न ASEAN की मंत्रीस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पहले EAS में आसियान, चीन, जापान, द. कोरिया के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया, भारत और न्यूज़ीलैण्ड को शामिल किया जाए. कालांतर में बाली इंडोनेशिया में EAS की छठी बैठक में 19 नवम्बर, 2011 में रूस और अमेरिका को EAS के अन्दर औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : World Customs Organisation (WCO)
संदर्भ
हाल ही में राजस्थान के जयपुर नगर में विश्व सीमाशुल्क संगठन (World Customs Organisation – WCO) की प्रादेशिक बैठक सम्पन्न हुई.
बैठक के परिणाम
- इस बैठक में क्षमता निर्माण और सीमा-शुल्क सुधार के साथ-साथ अन्य कई विषयों पर विचार किया गया.
- इस बैठक में संशोधित क्योटो संधि, डिजिटल सीमा-शुल्क, ई-वाणिज्य आदि कई और विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ.
- बैठक में सदस्यों के विमर्श हेतु व्यापार सुविधाओं से सम्बंधित राष्ट्रीय व्यापार सुविधा समिति द्वारा अब तक के किये गये कार्यों का सारांश भी उपस्थापित किया गया.
विश्व सीमाशुल्क संगठन (WCO)
- WCO की स्थापना 1952 में हुई और उस समय यह सीमा शुल्क सहयोग परिषद् (Customs Co-operation Council – CCC) कहलाता था.
- यह एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है जिसका उद्देश्य सीमा शुल्क प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त बनाना है.
- आज की तिथि में WCO में 182 देश शामिल हैं जिनकी संसार-भर के व्यापार में 98% भागीदारी है.
- सीमा शुल्क से सम्बंधित विशेषज्ञता का यह विश्व का सबसे बड़ा केंद्र है और इसे वैश्विक सीमा-शुल्क समुदाय की आवाज़ भी कहा जाता है.
- WCO ने पूरे विश्व को छह क्षेत्रों में बाँट रखा है.
- इसका मुख्यालय बेल्जियम के ब्रुसेल्स नगर में स्थित है.
- इन सभी क्षेत्रों में एक उपाध्यक्ष चुन कर आता है और सभी छह उपाध्यक्षों को WCO परिषद् का सदस्य माना जाता है.
- WCO सीमा-शुल्क से सम्बंधित कई सम्मेलन आयोजित करता रहता है जहाँ विभिन्न देशों के प्रतिनिधि एक-दूसरे देश में प्रचलित प्रथाओं से सीखते हैं और जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं.
- ये संगठन सीमा-शुल्क से सम्बंधित प्रशीक्षण कार्यक्रम भी चलाता है.
- विश्व-व्यापार में हेरा-फेरी के धंधों की रोकथाम में भी इस संगठन का बड़ा योगदान है.
- WCO विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अंतर्गत किये गये सीमा-शुल्क मूल्यांकन (Agreements on Customs Valuation) विषयक समझौतों को लागू करने में भी अग्रणी भूमिका निभाता है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Network for Development of Agricultural Cooperatives in Asia and the Pacific (NEDAC)
संदर्भ
NEDAC अर्थात् एशिया और प्रशांत क्षेत्र की कृषि सहकारी संस्थाओं के विकास के संजाल की सामान्य सभा की बैठक नई दिल्ली में हो रही है. इस सामान्य सभा में 8 देशों की 22 मूर्धन्य संस्थाएँ शामिल थीं. इन सभी ने एक मत से यह निर्णय लिया कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए C2C और क्षमता विकास पर ध्यान केन्द्रीय किया जाए.
NEDAC क्या है?
- NEDAC की स्थापना 1991 में हुई थी.
- इसकी स्थापना करने वाले संगठन ये थे – संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता संघ (ICA) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO).
- NEDAC का प्रमुख कार्य है कृषि एवं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में कृषि सहकारी संस्थाओं की भूमिका के प्रति सरकारों को संवेदनशील बनाना जिससे कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र में रहने वाले करोड़ों लोगों के भोजन एवं आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
Prelims Vishesh
NIPUN :-
- दिल्ली पुलिस ने हाल ही में “निपुण” नामक एक ई-शिक्षण पोर्टल का अनावरण किया है जिसका उद्देश्य दिल्ली के पुलिस अधिकारीयों को प्रशिक्षण देना और नवीनतम सूचनाओं से उन्हें अवगत करना है.
- इसके लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम बनाए गये हैं. इनको बनाने में जिनका सहयोग लिया गया है, वे हैं – विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), FICCI, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), NCPCR और जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय).
MCGS Huravee :-
- मालदीव ने हुरावी (Huravee) नामक अपना तटरक्षक जहाज दुरुस्त करने के लिए नेवल डॉकयार्ड (विशाखापत्तनम) को दिया था.
- अब यह जहाज दुरुस्त हो गया है और इसको औपचारिक रूप से हाल ही में मालदीव को वापस कर दिया गया है.
Cherry Blossom :-
- मेघालय के शिलौंग में नवम्बर 14 से 17 तक इंडिया इंटरनेशनल चेरी ब्लोजम उत्सव आयोजित होने जा रहा है.
- यह विश्व का एकमात्र पतझड़कालीन चेरी ब्लोजम उत्सव है.
- इसमें प्रतिभागियों को प्रसिद्ध वार्ड झील (Ward Lake) तक जाने वाले मार्ग में खड़े गुलाबी और श्वेत चेरी फूलों वाले पेड़ों को दिखाया जाएगा और साथ ही खाने-पीने की व्यवस्था होगी.
IndusInd Bank launches India’s first interactive credit card with buttons :-
- इंडस इंड भारत का पहला बटनों वाला इंटर-एक्टिव क्रेडिट कार्ड आरम्भ करने जा रहा है जिसमें उपभोक्ता के पास भुगतान के कई विकल्प होंगे, जैसे – EMI, रिवॉर्ड पॉइंट अथवा क्रेडिट.
- इसे अमेरिका के पिट्सबर्ग स्थित Dynamics Inc नामक कम्पनी की भागीदारी में तैयार किया गया है.
Barnard’s star b :-
- हाल ही में खगोलवेत्ताओं ने एक जमे हुए ग्रह (Barnard’s Star B) की खोज की है जिसका आयतन पृथ्वी के तीन गुना से अधिक है.
- यह ग्रह सूर्य के निकटतम एकाकी तारे की परिक्रमा लगा रहा है.
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