Sansar डेली करंट अफेयर्स, 18 August 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 18 August 2020


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential.

Topic : Atal Rankings of Institutions on Innovation Achievements (ARIIA) 2020

संदर्भ

भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा हाल ही में शिक्षण संस्थानों के लिए अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑन इनोवेशन अचीवमेंट (ARIIA 2020) लिस्ट की घोषणा की गई है.

रैंकिंग से जुड़े मुख्य तथ्य

  • ARIIA रैंकिंग 2020 के अंतर्गत, पिछले वर्ष की भाँति ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT-Madras) को संस्थान को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है. विदित हो कि NIRF रैंकिंग में भी IIT-Madras को सर्वश्रेष्ठ संस्थान का स्थान दिया गया था.
  • कुल 10 संस्थानों के लिए रैंक की घोषणा की गई.

शीर्ष 10 संस्थान

  1. रैंक I-IIT मद्रास
  2. रैंक II-IIT बॉम्बे
  3. रैंक III-IIT दिल्ली
  4. रैंक IV-IISc बेंगलुरु
  5. रैंक V-आईआईटी खड़गपुर
  6. रैंक VI-IIT कानपुर
  7. रैंक VII-IIT मंडी
  8. रैंक VIII-एनआईटी कालीकट
  9. रैंक IX-IIT रुड़की
  10. रैंक X-यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद

अटल रैंकिंग में छह पुरस्कार श्रेणी है. रैंकिंग में एक नई श्रेणी – महिलाओं के लिए विशेष श्रेणी – को शामिल की गई है. यह श्रेणी महिलाओं को प्रोत्साहित करने और इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप (innovation and entrepreneurship) के क्षेत्रों में लैंगिक समानता लाने के लिए शुरू की गई है.

अन्य पाँच श्रेणियाँ हैं –

1) केंद्र द्वारा वित्तपोषित संस्थान

2) निजी संस्थान

3) निजी / डीम्ड विश्वविद्यालय

4) राज्य-वित्तपोषित स्वायत्त संस्थान

5) राज्य द्वारा वित्तपोषित विश्वविद्यालय

रैंकिंग के संकेतक

रैंकिंग के प्रमुख संकेतक संस्थान के प्रशासन में नवाचार, नवीन शिक्षण विधियां और पाठ्यक्रम, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यावसायीकरण, बौद्धिक संपदा निर्माण, उद्यमशीलता विकास को बढ़ावा देना और समर्थन करना है.

ARIIA

  • ARIIA, 2020 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था. विदित हो कि हाल ही में मानव संसाधन और विकास मंत्रालय का नाम बदलकर मंत्रालय शिक्षा रखा गया है. यह कदम तब उठाया गया जब भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का अनावरण किया.
  • इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है.
  • ARIIA को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा लागू किया जाता है.
  • ARIIA रैंकिंग के लिए जो मुख्य संकेतक चुने गये हैं वे वही हैं जिनका उपयोग इस प्रकार के रैंकिंग के लिए विश्व में अन्यत्र किया जाता है.
  • ARIIA का मुख्य बल संख्या पर न होकर नवाचारों की गुणवत्ता पर होगा और यह देखा जाएगा कि किसी नवाचार का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कितना प्रभाव पड़ा है.

ARRIA की आवश्यकता

  • भारत वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में उभरे इसके लिए आवश्यक है कि हमारे देश के युवा, विशेषकर उच्चतर शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाले युवा एक सतत नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएँ.
  • इसके लिए यह अपेक्षित है कि सभी उच्चतर शिक्षा संस्थानों में एक ऐसी व्यापक और काम करने वाली व्यवस्था हो जिसमें अनुसंधान को आविष्कार में बदलने की क्षमता हो.
  • नए पारिस्थितिकी तंत्र में युवा विद्यार्थी नए-नए विचारों एवं प्रक्रियाओं से अवगत होंगे तथा नवाचार की ओर अग्रसर होंगे.
  • सभी उच्चतर शिक्षा संस्थानों में नवाचार को महत्त्व मिले यह सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने ARRIA (Atal Ranking of Institutions on Innovation Achievements) लाने की घोषणा की है.

GS Paper 2 Source : Livemint

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation / Money laundering related issues.

Topic : Hawala and Money Laundering

संदर्भ

हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी हवाला घोटाले (China Hawala Scam) के सिलसिले में लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग (Charlie Peng) और अन्य के विरुद्ध धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला दर्ज किया है.

पृष्ठभूमि

  • प्रवर्तन निदेशालय की ओर से यह कार्रवाई आयकर विभाग की छापेमारी के एक्‍शन के बाद हुई है.
  • आयकर विभाग (Income Tax department) ने इस मामले में बीते 11 अगस्त को चीनी संस्थाओं के विभिन्न परिसरों, जैसे दिल्ली, गुरुग्राम , गाजियाबाद आदि और आरोप‍ियों के करीबियों पर छापेमारी की थी.
  • आयकार विभाग ने यह कार्रवाई उन सूचनाओं के आधार पर की थी जिनमें कहा गया था कि कुछ चीनी नागरिक और उनके भारतीय साथी फर्जी शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं.
  • आयकर विभाग को छापेमारी की कार्रवाइयों में एक हजार करोड़ से अधिक की लेनदेन का खुलासा हुआ था. पाया गया कि चीनी नागरिक हवाला कारोबार को 40 बैंक खातों के माध्यम से अंजाम देते थे.

हवाला क्या है?

  • अवैध वित्तीय गतिविधियों के रूप में हवाला के माध्यम से अनधिकृत रूप से एक देश से दूसरे देश में धन का विदेशी विनिमय किया जाता हैl दुसरे शब्दों में हवाला एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे एजेंटों के माध्यम से धन का एक देश से दूसरे देश में हस्तांतरण किया जाता है. हवाला एजेंटों के माध्यम से धन का एक देश से दूसरे देश में अवैध तरीके से हस्तांतरण किया जाता है.
  • हवाला कारोबार करने वाले लोग दो देशों के बीच की विनिमय दरों में होने वाले उतार-चढ़ाव का लाभभी उठाते हैं. हवाला कारोबार भी मनी लॉन्ड्रिंग का एक प्रकार है जिसमे काले धन को वैध बनाया जाता है.

मनी लॉन्ड्रिंग का अर्थ

  • मनी लॉन्ड्रिंग से तात्पर्य अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में परिवर्तित करना है.
  • मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से प्राप्त धनराशि को छुपाने का एक तरीका होता है. मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से धन ऐसे कामों या निवेश में लगाया जाता है कि जाँच करने वाली एजेंसियों को भी धन के मुख्य स्रोत का पता लगाने में बहुत ही मशक्कत करनी पड़ती है, जो व्यक्ति इस प्रकार के धन की हेरा-फेरी करता है, उसे ‘लाउन्डर’ (The Launder) कहा जाता हैं विदित हो कि पैसे की लॉन्डरिंग प्रक्रिया में तीन चरण शामिल होते हैं—
  1. प्लेसमेंट (Placement)
  2. लेयरिंग (Layering)
  3. एकीकरण (Integration)
  • पहले चरण का संबंध नगदी के बाजार में आने से होता है. इसमें लाउन्डर (The launderer) अवैध तरीके से कमाए गए धन को वित्तीय संस्थानों जैसे बैंकों या अन्य प्रकार के औपचारिक या अनौपचारिक वित्तीय संस्थानों में नगद रूप से जमा करता है.
  • ‘‘मनी लॉन्ड्रिग’’ में दूसरा चरण ‘लेयरिंग’ अर्थात् धन छुपाने से सम्बन्धित होता है. इसमें लाउन्डर लेखा किताब (Book of accounting) में गड़बड़ी करके और अन्य संदिग्ध लेन-देन करके अपनी असली आय को छुपा लेता है. लाउन्डर, धनराशि को निवेश के साधनों जैसे कि बांड, स्टॉक, और ट्रैवेलर्स चेक या विदेशों में अपने बैंक खातों में जमा करा देता है. यह खाता अक्सर ऐसे देशों की बैंकों में खोला जाता है जोकि मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी अभियानों में सहयोग नहीं करते हैं.
  • एकीकरण मनी लॉन्ड्रिंग प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है. जिसके माध्यम से बाहर भेजा गया पैसा या देश में खपाया गया पैसा वापस लाउन्डरर के पास वैध धन के रूप में आ जाता है. ऐसा धन अक्सर किसी कंपनी में निवेश, अचल संपत्ति खरीदने, लक्जरी सामान खरीदने आदि के माध्यम से वापस आता है.

हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग से संबन्धित कानून

  • फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) , विश्व स्तर पर सरकारों द्वारा स्थापित संस्था है जोकि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को धन के अंतरण के लिए बैंकिंग प्रणालियों के इस्तेमाल को रोकने के तौर-तरीकों के मानक का निर्धारण और इससे जुड़ी नीतियों के विकास और प्रोत्साहन का कार्य करती है.
  • वर्ष 2010 में भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का 34वाँ सदस्य बना.
  • भारत में हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने हेतु धन शोधन निवारण अधिनियम,2002 (Prevention of Money Laundering Act-PMLA) है.
  • धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को कालेधन के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने के अतिरिक्त अपराधिक कृत्यों से प्राप्त संपत्ति को संलग्न/ज़ब्त करने का अधिकार देता है.

प्रीलिम्स बूस्टर

 

 एशिया प्रशांत समूह क्या है?

  • यह मनी लॉन्ड्रिंग से सम्बंधित एक अंतर्राष्ट्रीय समूह है जो वित्तीय कार्रवाई कार्यदल से सम्बद्ध है.
  • इसका काम यह देखना है कि सभी देश मनी लॉन्ड्रिंग के निरोध और आतंकवादियों को पैसा मुहैया करने के विरुद्ध वित्तीय मापदंडों का अनुसरण करते हैं अथवा नहीं. विदित हो कि ये वित्तीय मापदंड FATF द्वारा निर्धारित किये गये हैं.
  • APG (Asia-Pacific Group) इन कार्यों में भी कई देशों को सहायता पहुँचाता है – अपराध, सहायता, दंड, विवेचना से सम्बंधित कानूनों का कार्यान्वयन. साथ ही यह समुचित प्रतिवेदन प्रणालियों के निर्धारण के लिए मार्गनिर्देश भी देता है और वित्तीय गुप्त सूचना इकाइयों की स्थापना में भी सहयोग करता है.
  • वर्तमान में इस समूह में 41 देश सदस्य के रूप में हैं. इनमें से 11 देश ऐसे हैं जो APG के साथ-साथ FATF के भी सदस्य देश हैं. वे हैं – भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, जापान, कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और संयुक्त राज्य अमेरिका.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

भारत में आने वाला एफडीआई और फिर यहां से बाहर जाने वाला एफडीआई का बड़ा हिस्सा भी इन टैक्स हैवन देशों के माध्यम से ही होता है. ‘पार्टिसिपेटरी नोट्स’ की, जिसके जरिए विदेशी निवेशकों को भारतीय प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) में निवेश करने की अनुमति तो होती है, लेकिन वे भारतीय नियामकों की आंखों से ओझल रहते हैं. इस दस्तावेज में मॉरिशस, केमैन द्वीपसमूह और सिंगापुर के रास्ते विदेशी निवेश के तरीके को अमान्य भी नहीं किया गया है (निवासी भारतीय “राउंड ट्रिपिंग” के लिए, यानी अपनी खुद की कंपनियों में काले धन का निवेश करने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करते हैं, और विदेशी निवेशक भी कर-भुगतान से बचने के लिए ऐसा करते हैं). हालांकि, इस बात को स्वीकार किया गया है कि इन अत्यंत छोटे राज्यों से आनेवाला विशाल निवेश काला धन हो सकता है, जो ‘श्वेत धन’ के रूप में भारत में पुनः प्रवेश कर रहा है. और, श्वेत पत्र में इस बड़े सवाल को पूरी तरह अनुत्तरित छोड़ दिया गया है कि भारत में काले धन की वास्तविक मात्रा क्या है.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation / Money laundering related issues.

Topic : No Audit of PM-CARES Fund: SC

संदर्भ

कोरोना वायरस से जंग के लिए बने पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) में जमा पैसों को लेकर दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में को अपना निर्णय सुनाया.

विदित हो कि अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें पीएम केयर्स फंड की राशि को कोरोना महामारी के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NFRF) में हस्तांतरित करने की मांग की गई थी.

सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

  • सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में PM Cares Fund के पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर करने या फिर जमा करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया.
  • न्यायालय ने कहा कि हमेशा स्वैच्छिक रूप से NDRF में दान दिया जा सकता है और इसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कोई स्थायी रोक नहीं है.
  • सरकार इसकी राशि को उचित जगह हस्तांतरित करने के लिए स्वतंत्र है.

NDRF क्या है?

  • आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुभाग46 में प्रावधान किया गया NDRF केंद्र सरकार द्वारा प्रबंधित एक ऐसा कोष है जिससे आपदा होने पर राहत एवं पुनर्वास के कार्य के लिए धनराशि खर्च की जाती है.
  • पहले इस कोष का नाम राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक कोष (NCCF) हुआ करता था. ज्ञातव्य है कि राज्यों कोराज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष अलग से उपलब्ध होता है. पैसा कम पड़ जाने पर NDRF उन्हें अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराता है.

NDRF को पैसा कहाँ से आता है?

  • NDRF के लिए धन की व्यवस्था बजट में कुछ वस्तुओं पर लगने वाले उत्पाद एवं सीमा शुल्क पर सेस लगाकर की जाती है.
  • वर्तमान में एक राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (National Calamity Contingency Duty – NCCD) भी लगाया जा रहा है जिसका पैसा NDRF को जाता है.
  • इसके अतिरिक्त आपदा प्रबंधन अधिनियम में यह प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था NDRF को वित्तीय योगदान कर सकता है.
  • NDRF के लेखा की जाँच भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) करता है.

पीएम केयर्स फंड क्या है?

  • पीएम केअर्स फंड 28 मार्च, 2020 को किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति जैसे कोविड-19 महामारी से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ बनाया गया था.
  • प्रधानमंत्री, पीएम केअर्स फंड के पदेन अध्यक्ष और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री, भारत सरकार निधि के पदेन न्यासी होते हैं.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation / Money laundering related issues.

Topic : Sutlej Yamuna Link (SYL) Canal

संदर्भ

पंजाब सरकार ने हाल ही में कहा कि सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देखने की आवश्यकता है.

सतलज यमुना लिंक नहर का देश की सुरक्षा से संबंध

पाकिस्तान द्वारा लगातार रूप से उपद्रव भड़काने के प्रयास किये जा रहे है, तथा वह प्रतिबंधित ‘सिख्स फॉर जस्टिस आर्गेनाइजेशन’ के माध्यम से अलगाववादी आन्दोलन को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है. सतलज यमुना लिंक नहर के पानी का मुद्दा राज्य में अस्थिरता उत्पन्न कर सकता है.

पंजाब की मांग

प्रस्तावित अंतर राज्य नदी जल विवाद अधिनियम के अंतर्गत एक नए न्यायाधिकरण की स्थापना में उपयुक्त संशोधन किए जाने चाहिए, ताकि पंजाब को ‘अपनी कुल आवश्यकताओं तथा आने वाली पीढ़ियों की आजीविका को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त और न्यायसंगत तरीके से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके’.

SYL नहर में विवाद क्या है?

  • जब 1966 में पंजाब से कटकर हरियाणा बना तो पंजाब ने रावी और व्यास नदियों का पानी हरियाणा के साथ साझा करने से मना कर दिया. उसका कहना था कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है और यदि वह ऐसा करता है तो यह नदी से सम्बंधित सिद्धांतों के विरुद्ध भी होगा.
  • फिर भी, 1976 में केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना निर्गत करके अविभाजित पंजाब के 7.2 मिलियन एकड़ फीट (MAF) पानी में से 3.5 मिलियन एकड़ फीट (MAF) पानी हरियाणा को आवंटित कर दिया.
  • कालांतर में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी.बालकृष्ण एराडी की अध्यक्षता में एक पंचाट गठित (Eradi Tribunal) हुआ जिसका काम पानी की उपलभ्यता का फिर से आकलन करना और उसके बंटवारे के बारे में सुझाव देना था. इस पंचाट 1987 में अपनी अनुशंसा दी जिसके अनुसार अब पंजाब को 5 MAF और हरियाणा को 3.83 MAF देने की बात कही गई थी.
  • सतलज नदी और उसकी सहायक नदी व्यास के पानी को हरियाणा को देने के लिए एक योजना बनाई गई जिसमें सतलज को यमुना से जोड़ने के लिए एक नहर बनाई जानी थी. इसके लिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच एक त्रि-पक्षीय समझौता भी हुआ. परन्तु पंजाब में इसके विरुद्ध विरोध प्रदर्शन होने लगे और अंततः पंजाब की विधानसभा ने उस समझौते से पंजाब को अलग करने के लिए एक अधिनियम ही बना दिया जिसका नाम था – पंजाब समझौता समाप्ति अधिनियम, 2004 (The Punjab Termination of Agreements Act, 2004). इस प्रकार सतलज-यमुना लिंक योजना अवरुद्ध हो गई.

हरियाणा क्या चाहता है?

हरियाणा का कहना है कि वहाँ खेतों तक पानी पहुँचाना एक कठिन कार्य है अतः SYL नहर के माध्यम से उसे रावी और व्यास नदियों का पानी मिलना ही चाहिए. वस्तुतः दक्षिणी हरियाणा में पानी भूतल के 1,700 फीट नीचे चला गया है और पेयजल की भी क समस्या खड़ी हो गई है. हरियाणा का दावा है कि केन्द्रीय खाद्य योजना के लिए उसका योगदान बहुत बड़ा है, परन्तु उसे पंचाट द्वारा अनुशंसित पानी की मात्रा नहीं दी जा रही है.


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life.

Topic : Digital Quality of Life Index 2020

संदर्भ

ऑनलाइन प्राइवेसी सॉल्यूशन प्रोवाइडर, सर्फशर्क ने डिजिटल क्वालिटी ऑफ लाइफ (DQL) इंडेक्स, 2020 निर्गत कर दिया है. इसके अनुसार, भारत इंटरनेट गुणवत्ता के मामले में विश्व के सबसे निचले पायदान वाले देशों में से एक है.

इस सूचकांक से सम्बंधित मुख्य तथ्य

  • यह विश्व के 85 देशों (डिजिटल जनसंख्या का 81%) की डिजिटल सेवाओं की गुणवत्ता पर किया गया वैश्विक शोध है.
  • इस अध्ययन में डिजिटल गुणवत्ता को परिभाषित करने वाले निम्न पाँच बुनियादी आधारों को प्रमुखता दी गई है, जिनके आधार पर देशों को अनुक्रमित किया गया है.
  1. इनमेंइंटरनेट की वहनीयता 
  2. इंटरनेट की गुणवत्ता
  3. इलेक्ट्रॉनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर
  4. इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा
  5. इलेक्ट्रॉनिक गवर्नमेंट
  • इन आधारों को 12 संकेतकों के माध्यम से रेखांकित किया गया है जो परस्पर जुड़े हुए हैं और समग्र डिजिटल गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिये एक साथ काम करते हैं.

वैश्विक प्रदर्शन

  1. सूचकांक में स्कैंडिनेवियाई देश डेनमार्क और स्वीडन तथा कनाडा क्रमशः शीर्ष तीन स्थानों पर रहे.
  2. इज़राइल में इंटरनेट सबसे सस्ते दामों में उपलब्ध कराया जाता है.
  3. कुल देशों में से 75% देशों में इंटरनेट का व्यय वहन करने के लिए वैश्विक औसत से अधिक काम करना पड़ता है.
  4. सिंगापुर, यूके और अमेरिका का ई-गवर्नमेंट संकेतक पर सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा .
  5. यूके, फ्रांस और लिथुआनिया साइबर सुरक्षा और व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा प्रदर्शन में शीर्ष स्थान पर रहे.
  6. सर्वश्रेष्ठ इंटरनेट गुणवत्ता में सिंगापुर, स्वीडन और नीदरलैंड ने सर्वोच्च प्रदर्शन किया.
  7. सर्वाधिक विकसित ई-इन्फ्रास्ट्रक्चर में संयुक्त अरब अमीरात, स्वीडन और डेनमार्क का क्रमशः शीर्ष तीन स्थानों पर रहे.

भारतीय रैंकिंग

* समग्र रैंकिंग की बात की जाये तो भारत ने 85 देशों में से 57वाँ स्थान प्राप्त किया.

* इंटरनेट वहनीयता: 9वाँ स्थान, UK, USA और चीन जैसे देशों से बेहतर प्रदर्शन.

* इंटरनेट की गुणवत्ता: 78वाँ स्थान, इस श्रेणी में लगभग सबसे नीचे.

* ई-इन्फ्रास्ट्रक्चर: ग्वाटेमाला और श्रीलंका जैसे देशों से नीचे 79वाँ स्थान.

* इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा: 57वाँ स्थान.

* ई-गवर्नमेंट: भारत का स्थान 15वाँ, न्यूज़ीलैंड और इटली जैसे देशों से ठीक नीचे.

इंटरनेट से संबंधित सरकारी पहल

  • डिजिटल इंडिया प्रोग्राम: यह भारत को ज्ञान आधारित परिवर्तन के लिये तैयार करने हेतु चलाया गया एक समग्र कार्यक्रम है.
  • ई-क्रांति: राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना 2.0, जो कि डिजिटल इंडिया पहल का एक आवश्यक स्तंभ है.
  • डिजिलॉकर: यह भारतीय नागरिकों को क्लाउड पर कुछ आधिकारिक दस्तावेज़ों को संग्रहित करने में सक्षम बनाता है.
  • BHIM App: डिजिटल भुगतान में सक्षम बनाना.
  • प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल अभियान अभियान: नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना.
  • भारत नेट कार्यक्रम: सभी ग्राम पंचायतों में एक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क स्थापित करना.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

दुनिया की आधी से कुछ ज़्यादा आबादी ऑनलाइन है, इसका मतलब है दुनिया के लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ लोग इंटरनेट से नहीं जुड़े हैं.

वास्तविकता यह है कि आज भारत में केवल 30% लोग ऑनलाइन हैं. वास्तविक भारत जिसे इंटरनेट की आवश्यकता है, जो वर्ग इंटरनेट से लाभ उठा सकता है, वह अभी तक ऑनलाइन नहीं है.

भारतनेट की योजना को बिजली आपूर्ति, बिजली चोरी, कम गुणवत्ता वाले तार और ख़राब रख-रखाव वाले उपकरणों की चुनौती का सामना करना पड़ा है.

अगर भारत 2022 तक देश के सभी घरों में ब्रॉडबैंड और 5G की सुविधा मुहैया कराना चाहे तो भी उसे इन चुनौतियों का सामना करना होगा.


Prelims Vishesh

AYURAKSHA :-

  • AIIA और दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त उपक्रम के रूप में आयुरक्षा (AYURAKSHA) का प्रारम्भ किया गया था.
  • इसे आयुर्वेदिक प्रतिरक्षा बढ़ाने के उपायों के माध्यम से दिल्ली पुलिस के कर्मियों जैसे फ्रंटलाइन कोविड योद्धाओं के स्वास्थ्य को सही बनाए रखने के लिये प्रारम्भ किया गया था.

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