Sansar Daily Current Affairs, 18 July 2018
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : FASTags
- भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय वाणिज्यिक मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करने जा रहा है और इसके लिए एक प्रारूप तैयार किया गया है.
- इस प्रारूप के प्रावधान हैं –
- नए वाहनों के लिए दुरुस्ती प्रमाणपत्र (fitness certificate) की आवश्यकता अब नहीं होगी.
- सभी वाहनों को मोटरयान ट्रैकिंग प्रणाली की सुविधा अपनाना अनिवार्य होगा.
- सभी वाणिज्यिक वाहनों को इलेक्ट्रॉनिक टोल पर FasTags रखना आवश्यक होगा.
FASTags क्या है?
यह टोल भुगतान करने के लिए बनाया गया एक उपकरण है. यह रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (Radio Frequency Identification ) तकनीक का उपयोग करता है और इससे टोल पर प्रीपेड बैलेंस उपयोग करके सीधे भुगतान किया जा सकता है.
यह उपकरण कार के आगे वाले शीशे से लगा हुआ होता है जिससे वाहन को टोल पर रुकना आवश्यक नहीं रह जाता है. इस टैग की वैधता पाँच वर्ष तक के लिए होती है और इसे समय-समय पर रिचार्ज करना होता है.
इसके क्या लाभ हैं?
- डिजिटल भुगतान होने के चलते इसमें नकद की आवश्यकता नहीं पड़ती.
- टोल पर समय बर्बाद नहीं होता.
- टोल पर रुकने से ईंधन खर्च होता है और प्रदूषण भी होता है. इस तकनीक से इन सब से बचा जा सकता है.
- इससे सरकार को ये जानकारी हो जाती है किसी टोल से कितने और किस प्रकार के मोटर यान गुजरे. इससे सरकार को पता लगेगा कि बजट में सड़क चौड़ाई और अन्य बुनियादी ढाँचे के लिए कितने खर्च का प्रावधान किया जाए.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Counter-drone strategy for airports ready
- विमान सुरक्षा से सम्बंधित निकाय BCAS ने हवाई-अड्डे के आस-पास उड़ते ड्रोन को बेअसर करने की रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है.
- इस रणनीति के अनुसार हवाई अड्डे के आस-पास उड़ने वाले ड्रोनों को नष्ट नहीं किया जायेगा बल्कि उन्हें रोक दिया जायेगा.
- विदित हो कि किसी ड्रोन में विस्फोटक पदार्थ और जैव-रसायन भी हो सकते हैं. यदि इन्हें नष्ट किया जाते तो विस्फोट भी हो सकता है.
- इस रणनीति के लिए सरकार ने एक प्रारूप पिछले साल नवम्बर महीने में तैयार किया था. इसमें प्रावधान किया गया था कि हवाई अड्डे की 5 km की परिधि में किसी भी अमानव-चालित यान को घुसने की अनुमति नहीं दी जायेगी. साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सीमा के अन्दर 50 km तक ऐसे यान को आने नहीं दिया जायेगा.
- BCAS का full form है – Bureau of Civil Aviation Security (नागरिक विमान सुरक्षा ब्यूरो)
- इस ब्यूरो के प्रमुख DGP रैंक के पुलिस प्राधिकारी होते हैं और उन्हें नागरिक विमान सुरक्षा आयुक्त (Commissioner of Security – Civil Aviation) कहा जाता है.
- BCAS की मुख्य जिम्मेदारी भारत में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू हवाई-अड्डों पर सिविल उड़ानों की सुरक्षा के संबंध में मानकों के अनुरूप सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Right of temple entry
- केरल के सबरीमाला मंदिर में स्त्रियों का प्रवेश वर्जित है. स्त्रियों के साथ यह भेदभाव उनके शारीरिक कारणों पर आधारित है क्योंकि 10 से 50 वर्ष आयु-वर्ग की महिलाओं को मासिक धर्म से गुजरना पड़ता है.
- इस प्रथा के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसपर सुनवाई चल रही है.
- सुनवाई के क्रम में सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिपण्णी की है कि महिलाओं को प्रार्थना करने के लिए पूजा-स्थल जैसे सार्वजनिक स्थलों पर जाने का संवैधानिक अधिकार है.
- सभी हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश करने का अधिकार है. ऐसे में हिन्दू महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोकना “अस्पृश्यता” कहलायेगा.
- विदित हो कि संविधान के अनुच्छेद 17 के द्वारा अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है.
- यह अनुच्छेद 14, 15 और 21 की भावना के भी प्रतिकूल है.
- यह अनुच्छेद 25 (1) में वर्णित उपासना के अधिकार का भी उल्लंघन है.
- सर्वोच्च न्यायालय का यह भी कहना है कि स्त्रियों को मंदिर जाने से रोकना समानता के अधिकार और लैंगिक न्याय के विरुद्ध है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Make child marriages invalid
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (WCD ministry) ने बाल विवाह को अमान्य घोषित करने के लिए एक कानून बनाने का प्रस्ताव दिया है.
- इसके इस मंत्रालय को बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा 3 में संशोधन करना होगा जिसमें यह प्रावधान था कि विवाहित जोड़े में से किसी एक के आवेदन पर ही बाल-विवाह अवैध घोषित हो सकता है.
- वर्तमान में बाल विवाह भारत में मान्य है परन्तु यदि विवाहित बच्चा/बच्ची व्यस्क हो जाने के दो साल के भीतर-भीतर इसे निरस्त करने का आवेदन दे तो सक्षम अधिकारी इस पर विचार कर विवाह को निरस्त कर सकते हैं.
- यदि बच्चा नाबालिग ही है तो उसका अभिभावक यह आवेदन जमा कर सकता है.
- इसके अलावा, अक्टूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि “एक नाबालिग पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध बनाना बलात्कार के समान है क्योंकि किसी भी परिस्थिति में 18 साल से कम उम्र के बच्ची के द्वारा सम्भोग करने की सहमति या इच्छा जताने पर यौन सम्बन्ध बनाना, मान्य नहीं होगा.”
- जनगणना 2011 के अनुसार देश में 2.3 करोड़ विवाहित बच्चियाँ हैं.
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) 2015-16 की रिपोर्ट के अनुसार 26.8 % महिलाओं को 18 वर्ष से कम उम्र में ही ब्याह दिया जाता है.
- NFHS 2015-16 की रिपोर्ट में बताया गया है कि 15-19 आयु वर्ग की 8% विवाहित लड़कियाँ गर्भवती/माँ हो जाती हैं.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Article 161 of the Constitution
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने यह निर्णय किया है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर कैदियों को मुक्त किया जाए.
- कौन-कौन मुक्त होंगे, इसके बारे में निर्णय राज्य सरकारों/केंद्र-शाषित प्रदेशों को लेना होगा.
- इसके लिए भारत सरकार राज्य सरकारों को यह सुझाव देगी कि वे एक समिति बनाकर मुकदमों की समीक्षा करेगा और रिहाई के योग्य कैदियों की सूची बनाएगा.
- राज्य सरकार संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत गवर्नर के समक्ष विचार और अनुमोदन के लिए समिति की सिफारिशें रखेगी. अनुमोदन मिल जाने के बाद कैदियों को रिहा कर दिया जाएगा.
- अनुच्छेद 161 में राज्यपाल को कुछ न्यायिक शक्तियाँ दी गई हैं. इनके अनुसार राज्यपाल दोषियों को क्षमादान दे सकता है अथवा कुछ मामलों में दंड को लंबित रख सकता है या सजा में कमी-बेसी कर सकता है.
राष्ट्रपति और राज्यपाल को प्राप्त क्षमादान-शक्तियों के बीच अंतर:
अनुच्छेद 16 के तहत राष्ट्रपति को प्राप्त क्षमादान की शक्ति का दायरा अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल को प्राप्त क्षमादान की शक्ति से अधिक व्यापक है. यह अंतर दो प्रकार का है –
- राष्ट्रपति सैनिक न्यायालय (Court Martial) द्वारा दिए गए दंड के मामले में भी क्षमादान कर सकता है जबकि राज्यपाल ऐसा नहीं कर सकता है.
- राष्ट्रपति मृत्यु-दंड के मामले में भी क्षमादान आदि कर सकता है पर राज्यपाल को मृत्यु-दंड के मामले में भी क्षमादान देने का अधिकार नहीं है.
Prelims Vishesh
Fair and Remunerative Price (FRP)
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने गन्ने के उचित और लाभप्रद मूल्य (Fair and Remunerative Price FRP) को बढ़ाने का फैसला लिया है.
- विदित हो कि उचित और लाभप्रद मूल्य वह न्यूनतम मूल्य है जो गन्ना मिल मालिकों को गन्ना किसानों को देना होता है.
- इस प्रकार के मूल्य पर ही किसान यह फैसला करते हैं कि वे अगले वर्ष कितना गन्ना लगायेंगे.
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