Sansar Daily Current Affairs, 18 May 2019
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Article 324
संदर्भ
हाल ही में लोक सभा चुनावों के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की अवधि को अचानक घटा दिया. साथ ही उसने उस राज्य के गृह सचिव और एक वरिष्ठ पुरुष अधिकारी को भी हटा दिया.
ये निर्णय संविधान की धारा 324 के अंतर्गत इसलिए लिए गये कि कलकत्ता में दो राजनीतिक दलों के कैडरों के बीच सड़क पर हिंसा हुई थी.
धारा 324 क्या है?
- धारा 324 निर्वाचन आयोग को चुनावों के पर्यवेक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण का अधिकार देता है. जब यह धारा संविधान सभा में जून 15, 1949 को विचारार्थ प्रस्तुत हुई तो यह निर्णय हुआ कि चुनाव की पूरी प्रणाली केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के हाथों होनी चाहिए और वही रिटर्निंग अधिकारियों, पोलिंग अधिकारियों एवं अन्य को निर्देश देने का अधिकारी होगा.
- यह धारा चुनाव आयोग को व्यापक अधिकार देता है जो आकस्मिक परिस्थितियों को सुधारने के लिए आवश्यक है. परन्तु इस अधिकार की संविधान में परिभाषा नहीं दी गई है.
- विदित हो कि मोहिंदर सिंग गिल बनाम केन्द्रीय चुनाव आयोग, नई दिल्ली एवं अन्य (1977) मामले में न्यायालय ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि धारा 324 उन क्षेत्रों से सम्बंधित है जो किसी कानून के अन्दर नहीं आते हैं.
जनप्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम, 1988
जनप्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम, 1988 के द्वारा अधिनियम में अनुभाग 28A जोड़ा गया, जिसमें कहा गया कि चुनाव कराने के लिए जितने भी अधिकारी नियुक्त होंगे वे सभी निर्वाचन आयोग द्वारा प्रतिनियुक्त माने जाएँगे. यह प्रतिनियुक्ति चुनावों की अधिसूचना निकलने से लेकर परिणामों के घोषित करने के समय तक चलेगी. इस अवधि में सभी अधिकारी निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, पर्वेक्षण एवं अनुशासन में रहेंगे.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : National Institute of Nutrition (NIN)
संदर्भ
राष्ट्रीय पोषण संस्थान (National Institute of Nutrition – NIN) ने कहा है कि वह अभी भी अपने उस निष्कर्ष पर टिका हुआ है जिसके आधार पर उसने कर्नाटक के विद्यालयों में अक्षय पात्र फाउंडेशन के द्वारा बिना लहसुन-प्याज के मध्याह्न भोजन को राज्य सरकार द्वारा विहित पोषण मानदंडों के अनुरूप घोषित किया था.
अक्षय पात्र फाउंडेशन क्या है?
- अक्षयपात्र फाउंडेशन अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसाइटी (ISKCON) द्वारा संचालित बंगलुरु में स्थित एक लाभ-रहित एनजीओ है जो सरकारी स्कूलों में चलने वाली मिड-डे मील योजना में सरकार के साथ काम करता है. अक्षय पात्र का भोजन वृन्दावन के एक आधुनिकतम रसोई में तैयार होता है.
- यह विश्व का सबसे बड़ा मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने वाला लाभ-रहित संगठन है.
- इसकी स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी. यह फाउंडेशन 12 राज्यों के 14702 स्कूलों में 10 लाख 60 हजार बच्चों को खाना उपलब्ध कराता है.
मामला क्या है?
जनवरी, 2019 में कर्नाटक सरकार ने राष्ट्रीय पोषण संस्थान को ISKCON के द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन की पौष्टिकता, खाद्य सुरक्षा, स्वाद एवं विविधता का आकलन करने को कहा था. सरकार ने ऐसा इसलिए किया कि इस भोजन पर कर्नाटक राज्य खाद्य आयोग तथा कुछ कार्यकर्ताओं को यह आपत्ति थी कि इस भोजन में लहसुन-प्याज नहीं मिलाया जा रहा है जिस कारण यह भोजन स्वादहीन है और बच्चे इसे कम खा रहे हैं.
राष्ट्रीय पोषण संस्थान क्या है?
- यह हैदराबाद में स्थित एक केंद्र है जो लोक स्वास्थ्य और पोषण से सम्बंधित है.
- यह संस्थान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् के अंतर्गत ऐसा सबसे बड़ा और सबसे पुराना संस्थान है जहाँ पोषण से सम्बंधित अनुसंधान होते हैं.
- इसकी स्थापना 1918 में सर रोबर्ट मैक कैरिसन ने की थी. उस समय यह तमिलनाडु के कूनूर में स्थित पास्चर संस्थान के एक कमरे वाली प्रयोगशाला में चलता था और उस समय उसका नाम बेरी बेरी इन्क्वारी यूनिट था.
- सात वर्षों के छोटे समय में यह यूनिट विकसित होकर Deficiency Disease Enquiry कहा जाने लगा. 1928 में यह पोषण अनुसंधान प्रयोगशाला के नाम से एक भरा-पूरा केंद्र बन गया जिसके पहले निदेशक डॉक्टर मैक कैरिसन ही थे.
- 1958 में यह संस्थान हैदराबाद चला गया और 1969 में इसका नाम राष्ट्रीय पोषण संस्थान पड़ा.
राष्ट्रीय पोषण संस्थान के कार्य
- यह संस्थान समय-समय पर पोषण ग्रहण तथा लोगों के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति का आकलन करता है और सरकार एवं नियामक निकायों को नीति-निर्माण में सहायता करता है.
- यह भोजन में ली गई सामग्री के मान निर्धारित करता है और लोगों के लिए भोजन से सम्बंधित मार्गनिर्देश निर्गत करता है.
- यह संस्थान कुपोषण से होने वाले रोगों का पता लगता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Green cards
संदर्भ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक प्रस्ताव की घोषणा की है जिसके अनुसार ग्रीन कार्ड के आबंटन की पद्धति में महत्त्वपूर्ण बदलाव होने की संभावना है.
मुख्य बदलाव
- नए प्रस्ताव से कौशल पर आधारित ग्रीन कार्डों की संख्या बढ़कर 57% हो जायेगी.
- ग्रीन कार्ड देते समय इन क्षमताओं के लिए विशेषांक दिए जाएँगे – पढ़ाई-लिखाई, काम करने का अनुभव, उम्र (युवाओं को अधिक विशेषांक मिलेंगे), अंग्रेजी भाषा की समझ आदि.
- नये आव्रजकों को सिद्ध करना होगा कि वे अपने पैरों पर खड़ा रह पायेंगे.
- नए आव्रजकों को एक सिविक्स परीक्षा पास करनी होगी.
- “बिल्ड अमेरिका” नामक एक नया वीजा निर्गत होगा जिसके बारे में विवरण अभी नहीं दिए गये हैं.
- मानवीयता और विविधता के आधार पर दिए जाने वाले ग्रीन कार्ड अब सभी ग्रीन कार्डों का 10% ही रह जाएगा.
निहितार्थ
अमेरिकी राष्ट्रपति की नई योजना मेधा पर आधारित होगी जिसमें पढ़ाई-लिखाई, कौशल और अंग्रेजी में ज्ञान जैसे कारकों को पुरस्कृत किया जाएगा. अतः परिवार पर आधारित ग्रीन कार्डों की संख्या बहुत अधिक घट जायेगी.
नई योजना का उद्देश्य सीमा-सुरक्षा को सुदृढ़ करना और शरण प्रदान करने की प्रक्रिया को कड़ा करना है. वर्तमान में अमेरिका में कौशल पर आधारित वीजा (जैसे – H1B) लेकर रहने वाले ग्रीन कार्डधारियों का प्रतिशत 12 है जबकि परिवार पर आधारित ग्रीन कार्डधारी 66% हैं.
भारत पर इसका प्रभाव पड़ेगा?
- यदि यह प्रस्ताव कानून बन जाता है तो इसका अमेरिका जाने को इच्छुक भारतीयों पर अच्छा-ख़ासा प्रभाव पड़ेगा. ज्ञातव्य है कि 2018 वित्तीय वर्ष में कुशलकर्मियों के लिए H1B वीजा का अधिकांश वीजा (70% से अधिक) भारतीयों को मिला था. आगे चलकर इनमें ये ग्रीन कार्ड में बदल गये.
- अभी अमेरिका में रह रहे सैंकड़ों, हजारों H1B वीजा वाले भारतीय पेशेवरों को दस-दस वर्षों से ग्रीन कार्ड नहीं मिला है. नए प्रस्ताव से उनको लाभ हो जाएगा.
- नई नीति से परिवार के सदस्यों, विशेषकर बूढ़े माता-पिता को अमेरिका ले जाना कठिन हो जाएगा, परन्तु कुशल भारतीय आव्रजकों को अमेरिका में बसना आसान हो जाएगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Masala bonds
संदर्भ
विदेशी बाजार से धनराशि उठाने के लिए केरल अवसंरचना निवेश कोष बोर्ड ने मसाला बॉन्ड निर्गत किये हैं.
मसाला बॉन्ड क्या है?
- मसाला बांड रूपया पर आधारित एक बॉन्ड है जिससे विदेशी बाजार से भारतीय रूपये में धनराशि उठाई जायेगी. ऐसे बांड को विदेश में निर्गत करने के लिए सभी निगम एवं भारतीय बैंक योग्य होंगे.
- भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह कह रखा है कि मसाला बॉन्ड से उठाये जाने वाले पैसे भूसंपदा से सम्बंधित कार्य में नहीं लगाए जा सकते. परन्तु इसका प्रयोग समेकित टाउनशिप के निर्माण अथवा सस्ती आवास परियोजनाओं में किया जा सकता है.
- इन कार्यों के लिए भी मसाला बॉन्ड से प्राप्त धनराशि का प्रयोग नहीं हो सकता है – पूँजी बाजार में निवेश, जमीन का क्रय और इन्हीं कार्यों के लिए किसी दूसरे प्रतिष्ठान को धन मुहैया करना.
किस देश में यह बॉन्ड निर्गत हो सकता है?
रुपये पर आधारित मसाला बॉन्ड केवल उस देश में निर्गत हो सकता है तथा केवल उस देश के निवासी के द्वारा सब्सक्राइब हो सकता है जो देश वित्तीय कार्यबल का सदस्य है और जिसका सिक्योरिटीज बाजार नियामक (securities market regulator) अंतर्राष्ट्रीय सिक्योरिटीज आयोग संगठन का सदस्य होगा. इसके अतिरिक्त इस बॉन्ड को वे बहुपक्षीय एवं क्षेत्रीय वित्तीय संस्थान भी सब्सक्राइब कर सकते हैं जिनमें भारत एक सदस्य देश है.
मसाला बॉन्ड की न्यूनतम परिपक्वता अवधि
भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, यदि मसाला बॉन्ड से 50 मिलियन डॉलर तक धनराशि एक वित्तीय वर्ष में उठाई जाती है तो इस बॉन्ड की न्यूनतम परिपक्वता (minimum maturity) अवधि तीन वर्ष होगी तथा यदि धनराशि 50 मिलियन डॉलर से अधिक है तो न्यूनतम परिपक्वता अवध पाँच वर्ष होगी. मसाला बॉन्ड का कन्वर्शन लेन-देन की तिथि के दिन बाजार की जो दर होगी उसी के हिसाब से होगा.
Prelims Vishesh
What is NEFT? RTGS?
- हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह प्रस्ताव दिया है कि वह राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि हस्तांतरण NEFT (national electronic funds transfer) की सुविधा को सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे देने की संभावना पर विचार करेगा.
- साथ ही वह RTGS (real time gross settlement) की लेन-देन की समय-सीमा को बढ़ाने पर भी विचार करेगा.
Vande Bharat Express :-
- हाल ही में भारत की पहली ईंजन रहित ट्रेन वन्दे भारत एक्सप्रेस (Train 18) ने मई 16, 2019 को बिना एक ट्रिप छोड़े हुए एक लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है और वह भी मात्र तीन महीनों में.
- यह ट्रेन अधिकतम 160 किमी. प्रति घंटा की गति से दिल्ली और वाराणसी के बीच चलती है.
Commission to look into the problems faced by farmers :-
- हाल ही में मेघालय सरकार ने एक आयोग गठित करने का निर्णय लिया है जो किसानों के द्वारा झेली जा रही समस्याओं को देखेगा.
- विदित हो कि मेघालय में किसानों की एक संसद आयोजित हुई थी जिसमें इस आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया गया था.
What is a Skimmer?
- स्कीमर एक उपकरण है किसी ATM में आसानी से घुसाकर के लगाया जा सकता है.
- इसपर सामान्यतः किसी की नज़र नहीं पड़ती है. जब कोई अपना कार्ड ATM में डालता है तो यह उपकरण उस ATM कार्ड का डाटा पढ़ कर जमा कर लेता है जिसके बल पर बाद में ग्राहक का पैसा उड़ा लिया जाता है.
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