Sansar डेली करंट अफेयर्स, 19 August 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 19 August 2020


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential.

Topic : Eat Right India

संदर्भ

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अपने ‘सही खाओ चुनौती’ (ईट राइट चैलेंज) के संबंध में ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यशाला का आयोजन किया .

‘सही खाओ चुनौती’ (ईट राइट चैलेंज) का कार्यशाला आयोजन ‘ईट राइट इंडिया’ पहल या आंदोलन के अंतर्गत किया गया है.

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EAT RIGHT INDIA MOVEMENT के मुख्य अवयव

  • इस आन्दोलन के लिए FSSAI ने तीन मुख्य लक्ष्य निर्धारित किये हैं – सुरक्षित खाओ, स्वास्थ्यकर खाओ और ऐसा भोजन खाओ जो सतत उपलब्ध हो.
  • उपयोग में लाये हुए खाद्य तेल को फिर से उपयोग में लाने से होने वाली हानियों से लोगों को बचाने के लिए ने FSSAI ने खाद्य तेल में कुल ध्रुवीय यौगिकों (Total Polar Compounds – TPC) की अधिकतम सीमा 25% कर दी है.

TPC क्या है?

  • कई देशों में तेल की गुणवत्ता को मापने के लिए Total Polar Compounds – TPC का उपयोग किया जाता है. ज्ञातव्य है कि बार-बार तेल को गरम किये जाने से TPC का स्तर बढ़ जाता है. कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि भोजन के बिना तेल को गर्म करने के दौरान TPC का स्तर कम होता है जबकि यदि भोजन के साथ तेल को गर्म या फ्राई किया जाए तो TPC का स्तर बढ़ जाता है.
  • विदित हो कि यदि दैनिक प्रयोग में लाये जाने वाले तेल में TPC का स्तर ऊँचा हो तो इससे उच्च रक्तचाप, धमनी से सम्बंधित रोग, अल्जाइमर रोग और जिगर की बीमारी जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं.

सही खाओ आन्दोलन का महत्त्व

आज देश में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, विटामिन एवं खनिज तत्त्वों की व्यापक कमी और भोजन-जनित रोगों के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसी दशा में आवश्यक है कि इन रोगों से बचाव के लिए निवारक उपाय लागू हों. सही खाओ भारत आन्दोलन इस दिशा में एक बड़ा कदम है क्योंकि इससे समाज में व्यवहारगत परिवर्तन संभव है.

FSSAI

  1. FSSAI का full form है – Food Safety and Standards Authority of India.
  2. इसकी स्थापना खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत की गई है.
  3. 2006 के पहले खाद्य सुरक्षा से सम्बंधित कई अधिनियम एवं आदेश थे जो विभिन्न मंत्रालयों द्वारा निर्गत किये गये थे. इन सभी को समेकित कर 2006 में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 पारित किया गया था.
  4. इस अधिनियम के तहत स्वस्थ भोजन के लिए निर्माण, भंडारण, वितरण, विक्रय-निर्यात आदि सभी स्तरों पर खाद्य-पदार्थ के लिए विज्ञान पर आधारित मानक निर्धारित किये गये हैं.
  5. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार FSSAI का प्रशासनिक मंत्रालय है.
  6. इसका अध्यक्ष भारत सरकार के सचिव-स्तर का होता है.
  7. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है.
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

फूड फोर्टिफिकेशन से आप क्या समझते हैं? इससे होने वाले स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभों की संक्षेप में चर्चा करें.


GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Effect of Policies & Politics of Countries on India’s Interests.

Topic : Mali Coup

संदर्भ

हाल ही में पश्चिम अफ्रीकी देश माली में सैन्य तख़्तापलट हुआ है जिससे माली में इस समय भारी राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति है. विद्रोही सैनिकों ने तख्‍तापलट करके देश के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता और प्रधानमंत्री बाउबो सिसे को हिरासत में ले लिया है. हिरासत में लिए जाने के बाद माली के राष्ट्रपति ने इस्तीफा देते हुए संसद भंग करने की घोषणा कर दी है.

तख़्तापलट या राज्यविप्लव

एक छोटे-से समूह द्वारा सहसा की गयी कार्यवाही (प्राय: सैनिक कार्यवाही) द्वारा किसी सरकार को असंवैधानिक तरीके से हटाकर नयी असैनिक या सैनिक सरकार बना लेने को कहते हैं.

पृष्ठभूमि

  • ज्ञातव्य है कि राष्‍ट्रपति के पद से हटने की मांग को लेकर माली में कई महीनों से प्रदर्शन हो रहे थे. इस वर्ष जून से उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में बड़े विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा था. साथ ही उन पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन और चुनाव को लेकर भी आरोप लग रहे थे.
  • माली में इससे पहले 2012 में सैन्य तख्तापलट हुआ था और उससे इस तख्तापलट की प्रयास में कई समानताएं बताई जा रही हैं.

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

  • अफ़्रीकी संघ, क्षेत्रीय नेताओं और संयुक्त राष्ट्र ने इस बग़ावत की निंदा की है. अफ्रीकी संघ ने माली की सदस्यता को भी निलंबित कर दिया है.
  • अमेरिका और रूस ने कहा है कि उनकी माली की परिस्थिति पर नजर है. विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र और रूस बीते 7 वर्ष से माली में राजनीतिक स्थिरता लाने का प्रयास कर रहे थे.
  • माली के राष्ट्रपति को लोकतांत्रिक रूप से चुना गया था और उन्हें फ्रांस और अन्य पश्चिमी देशों से व्यापक समर्थन प्राप्त है.
  • कुछ लोगों का कहना है कि सेना कट्टर आतंकवादियों के इशारों पर यह कार्य कर रही है.
  • भारत सरकार भी वहाँ फँसे हुए भारतीयों को लेकर सतर्क हो गयी है.

माली के बारे में

  • माली या माली गणराज्य, पश्चिमी अफ़्रीका में स्थित एक स्थलरुद्ध देश है. सहारा रेगिस्तान तक विस्तृत माली दुनिया के सबसे ग़रीब देशों में से एक है. यह अफ़्रीका का सातवाँ सबसे बड़ा देश है .
  • माली की सीमा उत्तर में अल्जीरिया, पूर्व में नाइजर, दक्षिण में बुर्किना फ़ासो और कोड द आइवोर, दक्षिण-पश्चिम में गिनी और पश्चिम में सेनेगल और मारितुआना से मिलती है.
  • माली की राजधानी बमाको है.
  • माली पहले यूरोप का उपनिवेश था और यह 1960 में स्वतंत्र हुआ एवं माली की आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है और मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय भाषा बाम्बारा है.

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मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

“भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में जितना महत्त्व निगरानी तंत्र, संस्थाओं और कानूनों का है, उससे भी कहीं अधिक आवश्यकता इसमें लोगों की भागीदारी बढ़ाने की है.”  इस कथन की पुष्टि करें. 


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : e-governance- applications, models, successes, limitations, and potential.

Topic : National Recruitment Agency

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (National Recruitment Agency – NRA) के गठन को अपनी स्वीकृति दे दी.

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA)

  • NRA कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्डों (RRB) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रथम स्तर की परीक्षा को एक साथ सम्मिलित करने के लिए एक बहु-एजेंसी निकाय है.
  • इस बहु-एजेंसी निकाय द्वारा समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्‍मीदवारों की स्‍क्रीनिंग/शॉर्टलिस्‍ट करने के लिए सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) को प्रारम्भ किए जाने का प्रस्ताव किया गया है. जिसमें स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं उत्तीर्ण) और मैट्रिक (10वीं उत्तीर्ण) उम्मीदवारों के लिए कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) आयोजित की जाएगी.

NRA की संरचना

  • NRA स्वायत्त एजेंसी होगी, जिसका मुख्यालय दिल्ली में रहेगा.
  • एजेंसी के चेयरमैन का पद केंद्र में सचिव के स्तर का होगा. इसके शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस सहित उन सभी विभागों का प्रतिनिधित्व होगा जिनके भर्ती बोर्डो को इससे जोड़ा जाएगा.
  • एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में एनआरए केन्द्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी.

सीईटी की प्रमुख विशेषताएँ

  • राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी वर्ष में दो बार सीईटी का आयोजन करेगी.
  • रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा व मेरिट लिस्ट तक सब ऑनलाइन होगा.
  • 12 भाषाओं में सीईटी में सम्मिलित करने का विकल्प दिया जाएगा.
  • 10वीं, 12वीं और स्नातक पास आवेदकों के लिए अलग-अलग सीईटी का आयोजन किया जाएगा.
  • इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा. यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार अलग-अलग पाठ्यक्रमों की तैयारियाँ करते हैं.
  • हर जिले में कम से कम एक परिक्षा केंद्र होगा साथ ही देश में सीईटी के लिए 1000 परीक्षा केंद्र बनाए जाने की योजना है.
  • 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा संरचना बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे आगे चलकर उम्मीदवारों को अपने निवास स्थान के निकट परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचने में सहायता मिलेगी.
  • उम्मीदवारों के पास एक ही पोर्टल पर पंजीकृत होने की तथा परीक्षा केन्द्रों के लिए अपनी पसंद व्यक्त करने की सुविधा होगी. उपलब्धता के आधार पर उन्हें परीक्षा केन्द्र आवंटित किए जाएंगे.
  • इसमें राज्यों के भर्ती बोर्ड और निजी क्षेत्रों को भी सम्मिलित करने की योजना.

CET की मेरिट लिस्ट तीन वर्ष तक मान्य

  • सामान्य योग्यता परीक्षा (CET) की मेरिट लिस्ट तीन वर्ष तक मान्य रहेगी. इस दौरान कैंडिडेट अपनी योग्यता और प्राथमिकता के हिसाब से भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे.
  • सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. इस व्यय को तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगाI एनआरए की स्थापना के अतिरिक्त, 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा अवसंरचना को स्थापित करने के लिए भी लागत लगेगी.
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

रोज़गार सृजन के लिये दृढ़ राष्ट्रीय विनिर्माण नीति की आवश्यकता क्यों है? विश्लेषण कीजिये. 


GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Internal security.

Topic : Lone Wolf Attack

संदर्भ

दिल्ली पुलिस राजधानी के धौला कुआँ क्षेत्र में हमले की योजना बना रहे ISIS के एक संदिग्ध संचालक को गिरफ्तार किया जो शायद लोन वुल्फ हमले की तैयारी कर रहा था.

लोन वुल्फ अटैक

  1. Lone wolf attack करने वाले अक्सर छोटे हथियार रखते हैं, जैसे चाकू, ग्रेनेड आदि.
  2. कई मामलों में ट्रकों और वैनों का भी प्रयोग लोगों को कुचलने में किया गया है.
  3. लोन वुल्फ अटैक में कई बार एक छोटा ग्रुप भी दहशत मचाता है.
  4. ISIS के आतंकी अक्सर ऐसे हमले करते हैं. ISIS कई देशों में “लोन वुल्फ अटैक” के जरिये हमला कर चुका है.
  5. इनके हमले का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है.
  6. इन आतंकियों की कोई chain नहीं होती है. ये ग्रुप लीडर से जुड़े बिना ही हमला करते हैं.

वर्तमान में लोन वुल्फ हमलों में वृद्धि के कारण

प्रौद्योगिकी के माध्यम से अतिवाद :ऐसे ऑनलाइन मंचों और सोशल मीडिया प्रोफाइलों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो द्वेषपूर्ण-भाषण एवं आतंकवाद की भावना को विकसित एवं प्रोत्साहित करते हैं. वे समान विचारधारा वाले चरमपंथियों से संपर्क स्थापित करने हेतु प्रेरणा और सहायता के ल्लोत के रूप में कार्य करते हैं.

इसके अतिरिक्त, मुक्त रूप से उपलब्ध संसाधन हथियारों के निर्माण में सहायता प्रदान करते हैं. उल्लेखनीय है कि वैश्विक स्तर पर इन संसाधनों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.

मानसिक रोधी: कुछ अनुमानों के अनुसार, 40 प्रतिशत से अधिक हमले मानसिक रूप से व्याधी ग्रस्त लोगों द्वारा किए गए थे. जीवन निर्वाह की परिस्थितियां, सामाजिक कलंक,  भेदभाव या बहिष्कार अथवा अपवर्जन या गुणवत्तापूर्ण सहायता एवं सेवाओं तक पहुँच का अभाव युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे वे कट्टरपंथी विचारों को अपनाने हेतु प्रेरित हो सकते हैं.

चरमपंथी विचारधारा वाले आंदोलनों में वृद्धि: कई यूरोपीय देशों में चरमपंथी विचारधारा वाले आंदोलन अत्यधिक दृढ़ हुए हैं. आंदोलनकारियों द्वारा सरकार के प्रति जनता के विश्वास को कमजोर करने तथा उन्हें समाज के विरुद्ध करने के लिए धार्मिक अल्पसंख्यकों एवं शरणार्थियों के मध्य भय की भावना को उत्पन्न किया गया है.

सुगम संपादन: आतंकवादी संगठनों द्वारा इस रणनीति का उपयोग, उन देशों में हिंसा के प्रसार के लिए किया गया है, जहां सुरक्षा की सुदृढ़ व्यवस्था के कारण समन्वित बड़े हमलों को अंजाम देने में कठिनाई आती है.


GS Paper 3 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.

Topic : Ujwal DISCOM Assurance Yojana – UDAY Scheme

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने उदय योजना के तहत पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (Power Finance Corporation) और रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (REC) के द्वारा बिजली वितरण कंपनियों को दिये जाने वाले ऋण में पिछले वर्ष अर्जित राजस्व के 25 प्रतिशत की निर्धारित सीमा से अधिक की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने के लिए ऐककालिक छूट की स्वीकृति दी.

इससे बिजली क्षेत्र के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध हो सकेगी और राज्य सरकारों द्वारा बिजली पारेषण कंपनियों (electricity transmission companies) का बकाया चुकाया जाना सुनिश्चित हो सकेगा.

पृष्ठभूमि

  • कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से बिजली क्षेत्र में पूंजी का बड़ा संकट पैदा हो चुका है. उपभोक्ताओं द्वारा बिजली के बिलों का भुगतान करने में असमर्थ रहने और दूसरी ओर आवश्यक सेवाओं के रूप में बिजली आपूर्ति जारी रखने की बाध्यता के कारण बिजली वितरण कंपनियों का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
  • इस बीच बिजली की खपत में भी बहुत ही गिरावट आई है. गतिविधियों और बिजली की मांग सुधरने में कुछ और समय लगने को देखते हुए आने वाले कुछ और दिनों तक बिजली क्षेत्र का संकट खत्म होता नहीं दिखता. ऐसे में बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र के लिए तत्काल पूंजी उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है.

DISCOM क्या है?

  1. DISCOMs बिजली वितरण करने वाली कम्पनियाँ हैं.
  2. इसका फुल फॉर्म हुआ—Distribution Companies

भारत के पूरे इलेक्ट्रिक सिस्टम को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है-

a-बिजली उत्पादन- Power generation

b-बिजली संचरण- Power transmission

c-बिजली वितरण- Power distribution

कुछ निजी क्षेत्र (private sector) की DISCOM हैं->>>Tata power, BSES Yamuna, BSES Rajdhani, Reliance Infrastructure etc.

UDAY योजना के बारे में

इस योजना की शुरुआत 05 नवंबर, 2015 को भारत सरकार के विद्युत् मंत्रालय (Ministry of Power) द्वारा की गई थी.

उज्ज्वल डिस्‍कॉम एश्‍योरेंस योजना के द्वारा राज्यों में सस्ती और सुलभ 24×7 बिजली उपलब्ध कराने में DISCOM कम्पनियों को वित्तीय सहायता करने का ध्येय है.

देश के DISCOMs  लगभग 3.8 लाख करोड़ के घाटे से गुजर रहे हैं और उनपर लगभग 4.3 लाख करोड़ का बकाया ऋण है. आर्थिक रूप से कमजोर DISCOMs सस्ती दरों पर पर्याप्त बिजली आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं. पहले से चलीआ रही समस्याओं के कारण DISCOMs कर्जे के दुष्चक्र में फँसे हुए हैं.

  • UDAY scheme को कोई राज्य सरकार अपनाएगी या नहीं, यह उसके विवेक पर निर्भर करता है.
  • अभी तक 11 राज्य UDAY scheme से जुड़े हैं– Gujarat, Chhattisgarh, Andhra Pradesh, Rajasthan, Jharkhand, Punjab, Haryana, Jammu & Kashmir, Himachal Pradesh, Madhya Pradesh और
  • झारखण्डपहला राज्य है जिसने UDAY scheme को join किया.

UDAY scheme के आ जाने से DISCOMs को इस दुष्चक्र से निकाला जा सकता है और 2-3 सालों में DISCOMs को घाटे से उबारने का लक्ष्य है. परन्तु UDAY scheme यह सब कैसे संभव बनाएगी, आइए जानते हैं:–

  1. DISCOMs की परिचालन कौशल (operational efficiency) में सुधार
  2. बिजली की लागत में कमी (reduction of cost of power)
  3. DISCOMs की ब्याज लागत में कमी (reduction in interest cost)
  4. राज्य के साथ तालमेल बैठा कर DISCOMs में वित्तीय अनुशासन लागू

SALIENT FEATURES OF UDAY SCHEME/ उदय योजना के प्रमुख बिंदु

  1. इस योजना के अनुसार राज्य सरकारों को DISCOMs के पुराने कर्जे को अपने ऊपर लेना है. इसका मतलब यह हुआ कि इस योजना के अंतर्गत DISCOMs के घाटे को राज्य सरकार ही वहन करेगी.
  2. सम्बंधित राज्य के वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 के अंतर्गत होने वाले राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) के आकलन में भारत सरकार DISCOMs के उस पुराने ऋण को सम्मिलित नहीं करेगी जिसे राज्य सरकार द्वारा योजना अनुसार वहन किया जाना है.
  3. इस कर्जे के निपटारे के लिए राज्य सरकार non-SLR और SDL बाजार में या कर्जदार बैंकों के लिए बांड निकालेगी. बैंकों के पास कर्ज का बकाया जमा हो गया क्योंकि DISCOMs ने उनसे लोन लिया था पर घाटे के कारण बैंक को पैसा वापस नहीं दे पाए. पर अब UDAY scheme के आ जाने से अब राज्य सरकार द्वारा ही DISCOMs के लोन का वहन करना है. पर कैश दे कर नहीं….बांड जारी कर के. यदि आपको बांड के बारे में confusion है…तो इस आर्टिकल को पढ़ें.
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न
 

सौभाग्य-प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के विषय का संक्षिप्त परिचय दें.


Prelims Vishesh

Swadeshi Microprocessor Challenge :-

  • हाल ही में केंद्रीय इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज (Swadeshi Microprocessor Challenge) की शुरुआत की. यह आत्मनिर्भर भारत के लिये एक नवाचार समाधान है.
  • इसका उद्देश्य देश में स्टार्ट-अप, नवाचार एवं अनुसंधान के दृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र को गति प्रदान करना है.

Thalassemia Screening and Counselling Centre :-

  • हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के राष्ट्रीय मुख्यालय के ब्लड बैंक में थैलीसीमिया स्क्रीनिंग एवं परामर्श केंद्र (Thalassemia Screening and Counselling Centre) का उद्घाटन किया.
  • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि विश्व के लगभग 270 मिलियन लोग थैलीसीमिया (Thalassemia) से पीड़ित हैं.
  • थेलेसिमिया एक लम्बा चलने वाला रक्त विकार है. यह एक अनुवांशिक विकार है जिसमें रोगी की लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बनता है. इसके कारण रक्ताल्पता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और रोगी को अपनी जान बचाने के लिए हर दूसरे-तीसरे हफ्ते खून चढ़ाना पड़ता है. भारत में Thalassemia के सबसे ज्यादे मामले होते हैं. यहाँ चार करोड़ लोग Thalassemia से ग्रस्त हैं.

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