Sansar Daily Current Affairs, 19 February 2021
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora- their structure, mandate. Disaster and disaster management.
Topic : World Health Organisation – WHO
संदर्भ
अमेरिका द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन का वित्तपोषण अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने, इस महीने के अंत तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को 200 मिलियन डॉलर का भुगतान करने की घोषणा की है.
पृष्ठभूमि
ज्ञातव्य है कि गत वर्ष, पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर कोविड 19 की जानकारी साझा करने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उसकी फंडिंग रोकने का निर्णय लिया था.
‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization-WHO)
- ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (World Health Organization-WHO), संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष एजेंसी है. इसकी स्थापना वर्ष 1948 हुई थी.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है. आम तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन अपने सदस्य राष्ट्रों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के सहयोग से कार्य करता है.
- भारत 12 जनवरी, 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) संविधान का पक्षकार बना था. कोविड-19 महामारी के निदान में भी भारत तथा विश्व स्वास्थय संगठन सहयोगी के रूप में कार्य कर रहे हैं.
- हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व मलेरिया रिपोर्ट -2020 जारी की थी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने मलेरिया के मामलों में कमी लाने के काम में प्रभावी प्रगति की है.
वित्तपोषण
विदित हो कि संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन की कुल वित्तपोषण का 10-15% वहन करता है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora- their structure, mandate. Disaster and disaster management.
Topic : SAARC
संदर्भ
हाल ही में भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation – SAARC) के सदस्य देशों के साथ स्वास्थ्य सचिव स्तर की बैठक की आभासी (virtual) मेजबानी की है. इस बैठक में कोविड 19 प्रबंधन और महामारी की प्रतिक्रिया से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की गई.
SAARC
- यह एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 8 दिसम्बर 1985 को SAARC Charter पर हस्ताक्षर के द्वारा हुई थी.
- इसके सचिवालय की काठमांडू में स्थापना 17 जनवरी, 1987 को हुई है.
- सार्क की स्थापना का मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करना, जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और क्षेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति एवं सांस्कृतिक विकास को त्वरित करना है. यह सभी व्यक्तियों को गरिमामय रीति से जीवन बिताने और अपनी क्षमताओं को पूर्ण रूप से साकार करने के लिए आवश्यक प्रयास करता है.
- इसके साथ ही SAARC दक्षिण एशियाई देशों के बीच सामूहिक स्वालंबन को बढ़ावा देता है और उसे सुदृढ़ करता है.
- सदस्य देश हैं – भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, अफ़ग़ानिस्तान और भूटान.
उद्देश्य
- दक्षिण एशियाई क्षेत्र की जनता के कल्याण और जीवन स्तर में सुधार लाना.
- क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को गति देना.
- सदस्य देशों की सामूहिक आत्मनिर्भरता में वृद्धि करना.
- विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में पारस्परिक सहायता में तेजी लाना.
- समान लक्ष्य और उद्देश्यों वाले अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग स्थापित करना.
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों का समान हितों के मामलों में सदस्य देशों के मध्य सहयोग की भावना को दृढ़ता प्रदान करना.
- अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोग स्थापित करना.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : More financial powers for senior officers
संदर्भ
हाल ही में, मंत्रिमंडल द्वारा सशस्त्र बलों के उप-प्रमुख के पद से नीचे के वरिष्ठ अधिकारियों को ‘पूँजीगत खरीद’ के लिए अधिक वित्तीय शक्तियाँ सौंपे जाने से सम्बंधित स्वीकृति दी गयी है.
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया-2020 की अन्य पूँजीगत खरीद प्रक्रिया के तहत:
- सेना के कमांडरों, अन्य सेवाओं के समकक्ष क्षेत्रीय और भारतीय तटरक्षक कमांडरों को 100 करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियाँ सौंपी गई हैं.
- डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (CD &S), मास्टर जनरल सस्टेनेंस (MGS), चीफ ऑफ मैटेरियल (COM), एयर ऑफिसर मेंटेनेंस (AOM), डिप्टी चीफ ऑफ़ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (DCIDS), अतिरिक्त महानिदेशक तटरक्षक बल, के लिए 200 करोड़ रुपये तक की वित्तीय शक्तियाँ सौंपी गई हैं.
महत्त्व
शक्तियों का हस्तांतरण, सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में सहायक होगा.
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया–2020 के प्रमुख बिंदु
- रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 , उस प्रक्रिया का स्थान लेगी जिसे 2016 में निर्गत किया गया था.
- 2020 रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)और मेड इन इंडिया जैसे नए विचार सम्मिलित है.
- रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में पहली बार रक्षा उपकरण लीज पर लेने की बात कही गई है.
- इसके साथ ही इस रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया में विदेशों से आयात किए जाने वाले रक्षा कलपुर्जों के स्वदेश में निर्माण की बात कही गई है
- रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में क्रय के लिए भारत में निर्मित एक नई श्रेणी को जोड़ा गया है जिसके तहत कोई विदेशी कंपनी भारत में अपनी शाखा खोल कर अपने रक्षा सामान का निर्माण कर सकती है.
- रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020,पारदर्शिता, निष्पक्षता और सभी को समान अवसरों के सिद्धांतों पर बल देता है
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया का उद्देश्य
- यह रक्षा खरीद प्रक्रिया को आसान बनाने और आत्मनिर्भरता के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए तैयार की गयी है.
- इसके अलावा, इस प्रक्रिया का लक्ष्य स्वदेशी डिजाइन और रक्षा हथियारों के विनिर्माण को समयबद्ध तरीके से बढ़ावा देना है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests. Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.
Topic : Cabinet approves Comprehensive Economic cooperation and Partnership Agreement between India and Mauritius
संदर्भ
मंत्रिमंडल ने भारत और मॉरीशस के मध्य व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Cooperation and Partnership – CECPA) को स्वीकृति प्रदान की है. इसके तहत, दो व्यापार भागीदार, सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को उदार बनाने के अतिरिक्त उत्पादों के एक समूह पर प्रशुल्कों में कटौती करते हैं या प्रशुल्क समाप्त करते हैं.
भारत-मॉरीशस CECPA की मुख्य विशेषताएँ
- यह किसी अफ्रीकी देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित किया जाने वाला प्रथम व्यापार समझौता होगा.
- यह समझौता एक सीमित समझौता है, जो वस्तुओं के व्यापार, मूल नियमों, सेवाओं में व्यापार, व्यापार में तकनीकी बाधाओं (Technical Barriers to Trade: TBT), स्वच्छता और पादप स्वच्छता (Sanitary and Phytosanitary: SP) उपायों, विवाद निपटान, नागरिकों के आवागमन, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं तथा अन्य क्षेत्रों में सहयोग को शामिल करेगा.
- यह दो देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और उसे बेहतर बनाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है.
- दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार में वर्ष 2005-06 से 233% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह व्यापार वित्त वर्ष 2019-20 में 690.02 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया था.
- भारत और मॉरीशस के संबंध ऐतिहासिक सांस्कृतिक संपन्नता, विकास आधारित सहयोग, रक्षा एवं समुद्री साझेदारी तथा लोगों के परस्पर जुड़ाव आदि से निर्मित हुए हैं.
- भारत ने वर्ष 2016 में मॉरीशस को 353 मिलियन अमेरिकी डॉलर का “विशेष आर्थिक पैकेज” प्रदान किया था.
- इसके अतिरिक्त, मॉरीशस वर्ष 2019-20 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का दूसरा शीर्ष स्रोत था.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.
Topic : Money Bill
संदर्भ
हाल ही में, कांग्रेस द्वारा, पहले से ही कदम उठाते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को एक पत्र लिखा है, जिसमे सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण सहित और सात प्रमुख विधेयकों को ‘धन विधेयक’ घोषित करके राज्यसभा को बाईपास नहीं करने का आग्रह किया गया है.
पृष्ठभूमि
धन विधेयक पर कानून बनाने के संबंध में राज्य सभा की शक्तियाँ सीमित होती हैं. धन विधेयक पर राज्य सभा द्वारा किए गए संशोधनों को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए लोक सभा स्वतंत्र होती है.
धन विधेयक क्या है?
धन विधेयक उस विधेयक को कहते हैं जिसका सम्बन्ध संघ की आय, व्यय, निधियों, हिसाब-किताब और उनकी जाँच इत्यादि से हो. निम्नलिखित विषयों से सम्बद्ध विधेयक धन विधेयक होते हैं –
- कर लगाने, घटाने, बढ़ाने या उसमें संशोधन करने इत्यादि से सम्बद्ध विधेयक.
- ऋण या भारत सरकार पर आर्थिक भार डालने की व्यवस्था से सम्बद्ध विधेयक.
- भारत की संचित या आकस्मिक निधि को सुरक्षित रूप से रखने या उसमें से धन निकालने की व्यवस्था से सम्बद्ध विधेयक.
- भारत की संचित निधि पर किसी व्यय का भार डालने या उसमें से किसी व्यय के लिए धन की स्वीकृति देने से सम्बद्ध विधेयक.
- सरकारी हिसाब में धन जमा करने या उसमें से खर्च करने, उसकी जाँच करने आदि से सम्बद्ध विधेयक.
कोई विधेयक धन विधेयक (money bill) है या नहीं, इसका निर्णय करने का अधिकार लोक सभा के अध्यक्ष को प्राप्त है.
धन विधेयक के बारे में विस्तार से पढ़ें > धन विधेयक
‘धन विधेयक’ के रूप में ‘आधार विधेयक’ आधार अधिनियम की धारा 7 में प्रावधान है कि कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी, सेवाएँ अथवा सुविधाओं से संबंधित व्यय भारत की संचित निधि (Consolidated Fund of India) से पूरा किया जाएगा. इस प्रावधान की वजह से, ‘आधार विधेयक’ को धन विधेयक की श्रेणी में वर्गीकृत किए जाने हेतु ‘अर्हता’ प्राप्त करार दिया गया. GS Paper 2 Source : The Hindu UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate. संदर्भ जून माह तक, पाकिस्तान के वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force – FATF) की “ग्रे लिस्ट” से बाहर निकलने की संभावना नहीं है. इससे पहले पिछले वर्ष अक्टूबर में, FATF द्वारा पाकिस्तान को फरवरी 2021 तक ‘ग्रे-लिस्ट’ में रखने का निर्णय किया गया, तथा पाकिस्तान से रणनीतिक खामियों को दूर करने हेतु एक कार्य योजना लागू करने पर काम करने के लिए कहा गया था. FATF का उद्देश्य मनी लौन्डरिंग, आतंकवादियों को धनराशि मुहैया करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को खतरे में डालने जैसी अन्य कार्रवाइयों को रोकने हेतु कानूनी, नियामक और संचालन से सम्बंधित उपायों के लिए मानक निर्धारित करना तथा उनको बढ़ावा देना है. FATF देशों के लिए दो अलग-अलग सूचियाँ संधारित करता है. पहली सूची में वे देश आते हैं जहाँ मनी लौंडरिंग जैसी कुप्रथाएँ तो हैं परन्तु वे उसे दूर करने के लिए एक कार्योजना के प्रति वचनबद्ध होते हैं. दूसरे प्रकार की सूची में वे देश हैं जो इस कुरीति को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. इनमें से पहली सूची को ग्रे लिस्ट और दूसरी को ब्लैक लिस्ट कहते हैं. एक बार जब कोई देश ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो FATF अन्य देशों को आह्वान कर उनसे कहता है कि ब्लैक लिस्ट में आये हुए देश के साथ व्यवसाय में अधिक सतर्कता बरतें और यदि आवश्यक हो तो उसके साथ लेन-देन समाप्त ही कर दें. Netwire Malware :- Mandarine duck :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA January, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic : Financial Action Task Force
FATF क्या है?
FATF के उद्देश्य
ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट क्या हैं?
Prelims Vishesh