Sansar Daily Current Affairs, 19 November 2020
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Related to Health.
Topic : World Polio Day
संदर्भ
प्रतिवर्ष 24 अक्टूबर को ‘विश्व पोलियो दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
प्रारंभ
24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत एक दशक पहले रोटरी इंटरनेशनल द्वारा की गयी थी.
इसे पोलियो या पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis) के खिलाफ टीका विकसित करने वाले जोनास साल्क (Jonas Salk) के जन्म दिवस पर मनाया जाता है.
पोलियो क्या है?
- बहुतृषा, जिसे अक्सर पोलियो या ‘पोलियोमेलाइटिस’ भी कहा जाता है, एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है जो आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे संक्रमित विष्ठा या खाने के माध्यम से फैलता है.
- यह एक उग्र स्वरूप का बच्चों में होनेवाला रोग है, जिसमें मेरुरज्जु (spinal cord) के अष्टश्रृंग (anterior horn) तथा उसके अंदर स्थित धूसर वस्तु में अपभ्रंशन (degenaration) हो जाता है और इसके कारण चालकपक्षाघात (motor paralysis) हो जाता है.
- इस रोग का औपसर्गिक कारण एक प्रकार का विषाणु (virus) होता है, जो कफ, मल, मूत्र, दूषित जल तथा खाद्य पदार्थों में विद्यमान रहता है; मक्खियों एवं वायु द्वारा एक स्थान में दूसरे स्थान पर प्रसारित होता है तथा दो से पाँच वर्ष की उम्र के बालकों को ही आक्रांत करता है.
- लड़कियों से अधिक यह लड़कों में हुआ करता है तथा वसंत एवं ग्रीष्मऋतु में इसकी बहुलता हो जाती है.
- जिन बालकों को कम अवस्था में ही टाँसिल का शल्यकर्म कराना पड़ जाता है उन्हें यह रोग होने की संभावना और अधिक होती है.
प्लस पोलियो कार्यक्रम क्या है?
1988 में विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly – WHA) ने संसार-भर में पोलियो के उन्मूलन के लिए एक संकल्प अंगीकृत किया था. इसके पश्चात् भारत ने 1995 में पोलियो उन्मूलन के उद्देश्य से 0-5 वर्ष के सभी बच्चों को पोलियो का टीका लगाने का एक बड़ा अभियान आरम्भ किया था जो प्लस पोलियो के नाम से जाना जाता है. यह कार्यक्रम वर्षानुवर्ष चलाया गया.
इनएक्टिवेटेड पोलियो टीका (IPV) क्या है?
- इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन या आईपीवी इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है. इसमें वायरस के एक निष्क्रिय (मृत) रूप का उपयोग किया जाता है जिसमें पोलियो का कारण बनने की क्षमता नहीं होती है.
- IPV मुख्य रूप से उन देशों में उपयोग किया जाता है जहां पर पोलियो वायरस पहले ही समाप्त हो चुका है.
- चूँकि ओपीवी एक जीवित पोलियो वायरस से बना होता है इसलिए जीवित वायरस के टीके से पोलियो के खिलाफ सुरक्षा अत्यधिक प्रभावी होने के बावजूद प्रति वर्ष पोलियो के कुछ मामलों का कारण पोलियो ड्राप या ओरल पोलियो वैक्सीन होते थे.
- अमेरिका में सन 2000 में निष्क्रिय पोलियो टीके (आईपीवी) का उपयोग शुरू हो गया. भारत ने नवंबर 2015 से ओरल पोलियो वैक्सीन या पोलियो ड्राप (ओपीवी) के साथ अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में इंजेक्शन योग्य पोलियो टीका या इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) को भी पेश किया है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : UNSC Arria formula Meeting
संदर्भ
हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की “अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए सुरक्षा परिषद क्या कर सकता है” विषय पर चर्चा के लिए हुई ‘अरिया/ एरिया फॉर्मूला बैठक’ में हिस्सा लिया.
अरिया/ एरिया (Arria) फॉर्मूला बैठक क्या है?
- अररिया फॉर्मूला, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों की एक अनौपचारिक बैठक है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों द्वारा आयोजित की जाती है.
- अररिया फार्मूला, सदस्य राष्ट्रों को उन मुद्दों पर सीधे चर्चा करने की अनुमति देता है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उद्देश्य- शांति और सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं.
- वर्तमान में अररिया फार्मूला की बैठकों में गैर- संयुक्त राष्ट्र नेताओं के प्रतिनिधि, मानव अधिकारों की निगरानी प्रक्रियाओं के आयोग प्रमुख, मानवाधिकार परिषद के सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख, संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय अधिकारी, गैर-सरकारी संगठनों समेत नागरिक समाज के अन्य सदस्यों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अररिया फॉर्मूला बैठक में भारतीय पक्ष
- भारत का मानना है कि “अफगानिस्तान में शांति बनाए रहने के लिए जरूरी है कि आतंकियों के लिए सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली डुरंड लाइन पर आतंकी कैंप को खत्म किए जाए. शांति प्रक्रिया और आतंकी हिंसा दोनों एक साथ नहीं चल सकतीं है.”
- उल्लेखनीय है कि अलकायदा/ISIS सैंक्शन कमेटी के तहत बनी एनालिटिकल सपोर्ट ऐंड सैंक्शन मॉनिटरिंग टीम की रिपोर्ट में डूरंड लाइन में आतंकी लड़ाकों की मौजूदगी दर्ज की गई है.
- अफगानिस्तान में शांति बहाल करने के लिए आतंकियों की सप्लाई चेन समाप्त किया जाना चाहिए.
- भारत ने अफगानिस्तान में महिलाओं के सशक्तिकरण पर ज़ोर देते हुए कहा कि “जब तक इस देश में महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित नहीं किए जाते हैं तब तक दीर्घकालीन शांति बहाल कराना आसान नहीं होगा .”
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् क्या है?
संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के अनुसार शांति एवं सुरक्षा बहाल करने की प्राथमिक जिम्मेदारी सुरक्षा परिषद् की होती है. इसकी बैठक कभी भी बुलाई जा सकती है. इसके फैसले का अनुपालन करना सभी राज्यों के लिए अनिवार्य है. इसमें 15 सदस्य देश शामिल होते हैं जिनमें से पाँच सदस्य देश – चीन, फ्रांस, सोवियत संघ, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका – स्थायी सदस्य हैं. शेष दस सदस्य देशों का चुनाव महासभा में स्थायी सदस्यों द्वारा किया जाता है. चयनित सदस्य देशों का कार्यकाल 2 वर्षों का होता है.
ज्ञातव्य है कि कार्यप्रणाली से सम्बंधित प्रश्नों को छोड़कर प्रत्येक फैसले के लिए मतदान की आवश्यकता पड़ती है. अगर कोई भी स्थायी सदस्य अपना वोट देने से मना कर देता है तब इसे “वीटो” के नाम से जाना जाता है. परिषद् (Security Council) के समक्ष जब कभी किसी देश के अशांति और खतरे के मामले लाये जाते हैं तो अक्सर वह उस देश को पहले विविध पक्षों से शांतिपूर्ण हल ढूँढने हेतु प्रयास करने के लिए कहती है.
परिषद् मध्यस्थता का मार्ग भी चुनती है. वह स्थिति की छानबीन कर उस पर रपट भेजने के लिए महासचिव से आग्रह भी कर सकती है. लड़ाई छिड़ जाने पर परिषद् युद्ध विराम की कोशिश करती है.
वह अशांत क्षेत्र में तनाव कम करने एवं विरोधी सैनिक बलों को दूर रखने के लिए शांति सैनिकों की टुकड़ियाँ भी भेज सकती है. महासभा के विपरीत इसके फैसले बाध्यकारी होते हैं. आर्थिक प्रतिबंध लगाकर अथवा सामूहिक सैन्य कार्यवाही का आदेश देकर अपने फैसले को लागू करवाने का अधिकार भी इसे प्राप्त है. उदाहरणस्वरूप इसने ऐसा कोरियाई संकट (1950) तथा ईराक कुवैत संकट (1950-51) के दौरान किया था.
कार्य
- विश्व में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना.
- हथियारों की तस्करी को रोकना.
- आक्रमणकर्ता राज्य के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही करना.
- आक्रमण को रोकने या बंद करने के लिए राज्यों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना.
संरचना
सुरक्षा परिषद् (Security Council) के वर्तमान समय में 15 सदस्य देश हैं जिसमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी हैं. वर्ष 1963 में चार्टर संशोधन किया गया और अस्थायी सदस्यों की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 कर दी गई. अस्थायी सदस्य विश्व के विभिन्न भागों से लिए जाते हैं जिसके अनुपात निम्नलिखित हैं –
- 5 सदस्य अफ्रीका, एशिया से
- 2 सदस्य लैटिन अमेरिका से
- 2 सदस्य पश्चिमी देशों से
- 1 सदस्य पूर्वी यूरोप से
चार्टर के अनुच्छेद 27 में मतदान का प्रावधान दिया गया है. सुरक्षा परिषद् में “दोहरे वीटो का प्रावधान” है. पहले वीटो का प्रयोग सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य किसी मुद्दे को साधारण मामलों से अलग करने के लिए करते हैं. दूसरी बार वीटो का प्रयोग उस मुद्दे को रोकने के लिए किया जाता है.
परिषद् के अस्थायी सदस्य का निर्वाचन महासभा में उपस्थित और मतदान करने वाले दो-तिहाई सदस्यों द्वारा किया जाता है. विदित हो कि 191 में राष्ट्रवादी चीन (ताईवान) को स्थायी सदस्यता से निकालकर जनवादी चीन को स्थायी सदस्य बना दिया गया था.
इसकी बैठक वर्ष-भर चलती रहती है. सुरक्षा परिषद् में किसी भी कार्यवाही के लिए 9 सदस्यों की आवश्यकता होती है. किसी भी एक सदस्य की अनुपस्थिति में वीटो अधिकार का प्रयोग स्थायी सदस्यों द्वारा नहीं किया जा सकता.
स्थायी सदस्य बनने के लिए भारत के तर्क
- भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापक सदस्यों में से एक था.
- संयुक्त राष्ट्र के शान्ति रक्षण अभियानों में योगदान करने वाला भारतविश्व का दूसरा बड़ा देश है.
- आज विश्व के विभिन्न कोनों में भारत के 8,500 से अधिक शान्ति-रक्षक तैनात हैं. यह संख्या संयुक्त राष्ट्र की पाँचों शक्तिशाली देशों के कुल योगदान से भी दुगुनी से अधिक है.
- भारत बहुत दिनों से सुरक्षा परिषद् का विस्तार करने और उसमें स्थाई सदस्य के रूप में भारत के समावेश की माँग करता रहा है.
- यह सुरक्षा परिषद् में सात बार सदस्य भी रहा है. इसके अतिरिक्त वह G77 और G4 का भी सदस्य है. इस प्रकार इसे सुरक्षा परिषद् में अवश्य शामिल होना चाहिए.
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : What is “universal eligibility” condition?
संदर्भ
हाल ही में, विश्व बैंक द्वारा भारत के कोविड महामारी को रोकने के लिए $ 1 बिलियन का ऋण को “सार्वभौमिक पात्रता” (Universal Eligibility) की शर्तों के साथ दिया गया है.
‘सार्वभौमिकता पात्रता’ शर्तें क्या है?
इसका अर्थ है कि राष्ट्रीय परियोजना को लागू करते समय खरीद पर सार्वजनिक अधिग्रहण आदेश, सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्यमों, स्टार्ट-अपों हेतु दिए जाने वाले कुछ विशेष लाभों सहित कोई भी प्राथमिकता अभिगम्यता बाजार नीतियाँ लागू नहीं की जाएँगी.
विश्व बैंक द्वारा निर्धारित अन्य शर्तें
विश्व बैंक को परियोजना से संबंधित सभी खातों, अभिलेखों और अन्य फाइलों के क्रय, दस्तावेजों की समीक्षा, निरीक्षण / ऑडिट करने का अधिकार प्राप्त होगा. वित्त-पोषण किये जाने के लिए इन शर्तों का अनुपालन अनिवार्य कर दिया गया है.
पृष्ठभूमि
- विश्व बैंक द्वारा “भारत के COVID-19 विशेष सुरक्षा प्रतिक्रिया कार्यक्रम” में तीव्रता लाने के लिए 1 बिलियन अमरीकी डालर के सहयोग की स्वीकृतिदी गयी है.
- 1 बिलियन अमरीकी डालर के इस सहयोग में, लगभग 550 मिलियन अमरीकी डालर का अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (International Development Association– IDA)और 220 मिलियन अमरीकी डालर का अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank of Reconstruction and Development– IBRD) द्वारा योगदान किया जाएगा. ऋण की अंतिम परिपक्वता राशि 5 वर्ष है. इसमें पांच वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है.
ऋण के नियम
यह ऋण दो चरणों में वित्त पोषित और संचालित होगा:
प्रथम चरण: वित्तीय वर्ष 2020 के लिये $750 मिलियन का तत्काल आवंटन.
इसे कमज़ोर समूहों विशेष रूप से प्रवासियों एवं अनौपचारिक श्रमिकों को लाभान्वित करने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana- PMGKY) के माध्यम से देश भर में लागू किया जाएगा.
द्वितीय चरण: $250 मिलियन की दूसरी किस्त वित्तीय वर्ष 2021 के लिये उपलब्ध कराई जाएगी.
यह सामाजिक सुरक्षा पैकेज को और सुदृढ़ करेगा, जिससे राज्य सरकारों एवं पोर्टेबल सामाजिक सुरक्षा वितरण प्रणालियों के माध्यम से स्थानीय ज़रूरतों के आधार पर अतिरिक्त नकदी एवं अन्य लाभों को प्रदान किया जाएगा.
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : Association of World Election Bodies
संदर्भ
भारत निर्वाचन आयोग ने विश्व निर्वाचन निकाय संघ (Association of World Election Bodies: A-WEB) के अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष पूरा कर लिया है.
विश्व निर्वाचन निकाय संघ (A-WEB) के बारे में
- यह विश्व भर में चुनाव प्रबंधन निकायों (Election Management Bodies– EMBs) का सबसे बड़ा संघ है.
- इसकी स्थापना 14 अक्टूबर, 2013 को सांग-डो, दक्षिण कोरिया में की गयी थी.
- इसका स्थायी सचिवालय सियोल में अवस्थित है.
- इसका उद्देश्य दुनिया भर में स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और भागीदारी चुनाव कराने में दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ावा देना है.
संरचना
विश्व निर्वाचन निकाय संघ में 115 EMB सदस्य और 16 क्षेत्रीय संघों / संगठनों के रूप में एसोसिएट सदस्य सम्मिलित हैं.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life.
Topic : Virgin Hyperloop Technology
संदर्भ
हाल ही में भारत सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग (NITI Aayog) ने भारत में तेज रफ्तार वाली यात्रा के लिए ‘वर्जिन हाइपरलूप टेक्नोलॉजी’ (Virgin Hyperloop technology) की प्रौद्योगिकीय और वाणिज्यिक व्यावहारिकता (technological and commercial viability) का पता लगाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति (high-level panel) का गठन किया है.
प्रमुख बिन्दु
- हाल ही में भारत सरकार के थिंक-टैंक नीति आयोग (NITI Aayog) ने अपने एक दस्तावेज में कहा है कि परिवहन को लेकर उभरती प्रौद्योगिकी के मद्देनजर ‘वर्जिन हाइपरलूप टेक्नोलॉजी’ (Virgin Hyperloop technology) की व्यावहारिकता का पता लगाना आवश्यक है.
- इस दस्तावेज में कहा गया है कि नयी प्रौद्योगिकी हासिल करने के संबंध में प्रौद्योगिकी की वाणिज्यिक, वित्तीय (व्यावहारिकता) और सुरक्षा मानक तथा नियमन पर गौर करने की आवश्यकता है. इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय किया गया है.
- समिति में नीति आयोग के अतिरिक्त रेलवे, डीआरडीओ,सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय आदि से भी सदस्य शामिल हैं.
हाइपरलूप परिवहन प्रणाली क्या है?
- हाइपरलूप परिवहन की वह प्रणाली है जिसमें एक निर्वात ट्यूब के माध्यम से एक वाहन को वेगपूर्वक ढकेला जाता है. ऐसा करने से उस वाहन की गति हवाई जहाज की गति जैसी हो जाती है.
- हाइपरलूप की अवधारणा टेसला कम्पनी के संस्थापक एलन मस्क की देन है.
- अमेरिका की हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी का दावा है कि इस प्रणाली से प्रत्येक किलोमीटर पर 40 मिलियन डॉलर का खर्च आता है और यदि हाइपरलूप की जगह कोई तीव्र गति वाली रेलगाड़ी का प्रबंध किया जाए तो इससे लगभग दुगुना खर्च आएगा.
यह कैसे काम करता है?
- हाइपरलूप में एक कैप्सूल होता है जो एक स्टील ट्यूब के अन्दर आना-जाना करता है. यह ट्यूब निर्वात होता है. यह ट्यूब एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक लगातार बना होता है.
- जिस कैप्सूल में यात्री बैठेंगे या माल रखा जाएगा वह इस ट्यूब के एक छोर से दूसरे छोर तक तेजी से यात्रा करेगा.
- इसमें आगे एक एयर कंप्रेसर और पीछे एक बैटरी कम्पार्टमेंट होता है.
- कैप्सूल के अन्दर हवा की एक पतली परत होती है जो कैप्सूल के गतिरोध को दूर करती है.
- ये कैप्सूल बिना ड्राईवर के चलते हैं और उनकी गति एक हजार किलोमीटर प्रति घंटे होती है.
- ट्यूब के किनारे-किनारे इंडक्शन मोटर लगे होते हैं जो कैप्सूल की गति को नियंत्रित करते हैं.
- कैप्सूल की गति को बढ़ाने और रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं.
हाइपरलूप की समस्याएँ
- हाइपरलूप चलाने के लिए एक नगर से दूसरे नगर तक सैंकड़ों किलोमीटर एक ट्यूब बनाना होता है. यह अपने-आप में एक दुष्कर कार्य है.
- इतने लम्बे निर्वात ट्यूब को इतना सशक्त होना होगा कि वह सैंकड़ों किलोमीटर प्रति घंटे से चलने वाले और हजारों किलोग्राम के भार वाले गतिशील कैप्सूल को सम्भाल सके. यह भी एक अत्यंत कठिन कार्य है.
- हाइपरलूप से सम्बंधित प्रयोग छोटे पैमाने पर हो चुके हैं. विचारने की बात यह है कि क्या बड़े स्तर पर इसका प्रयोग सफल होगा? क्योंकि तब उसे हजारों किलोग्राम का वायुदाब झेलना होगा जिससे कोई भी निर्वात चैंबर ध्वस्त हो सकता है.
- हाइपरलूप को चलाने में ताप उत्पन्न हो सकता है. अतः इसमें ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि यह समयानुसार ताप की वृद्धि को सम्भाल सके.
- हाइपरलूप पर बहुत अधिक खर्च आएगा.
- हाइपरलूप से न केवल मालों वरन् मनुष्यों का भी आना-जाना होगा. अतः इसका संचालन ऐसा होना चाहिए कि जान-माल की क्षति शून्य हो.
Prelims Vishesh
Aenigmachanna gollum :-
- यह प्रजाति ड्रैगन स्नेकहेड मछलियों के एक पुराने परिवार से संबंधित है.
- यह भूमिगत जलभरों (underground aquifers) में वास करती है.
- इस मछली का नामकरण फिल्म ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ के किरदार ‘गोलम’ (Gollum) से प्रेरित होकर किया गया है। फिल्म में ‘गोलम’ हमेशा भूमिगत रहने वाला एक चरित्र है.
- इसे हाल ही में केरल में देखा गया है.
- वैज्ञानिकों को इस मछली के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला.
- यह माना जाता है कि इस प्रजाति की उत्पत्ति गोंडवानालैंड में हुई थी, जो बाद में एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों में विभाजित हो गया.
Oaxaca Khadi :-
- यह मैक्सिको की एक जगह ‘ओहाका (Oaxaca)’ में बुनी गई खादी है, जिसके बारे में पीएम मोदी ने मन की बात में उल्लेख किया है.
- महात्मा गांधी पर बनी एक फिल्म से प्रभावित होने के बाद एक स्थानीय निवासी के द्वारा इस जगह पर खादी का काम शुरू किया गया.
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