Sansar Daily Current Affairs, 2 June 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : ‘Blue Flag’ tag
- ओडिशा के कोणार्क के तट रेखा पर स्थित चंद्रभागा बीच एशिया का पहला बीच है जिसे ब्लू फ्लैग प्रमाणपत्र दिया गया है.
- इस प्रकार का प्रमाणपत्र (tag) उस बीच (beach) को दिया जाता है जो पर्यावरण के अनुकूल एवं साफ़-सुथरा हो तथा जिसमें सैलानियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ हों.
- 5 जून, 2018 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चंद्रभागा बीच को यह प्रमाणपत्र दिया गया.
- पर्यावरण मंत्रालय के अधीनस्थ Society for Integrated Coastal Management (SICOM) नाम का एक निकाय है.
- यह निकाय वर्तमान में Blue Flag tag के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुरूप भारत के अन्य 12 बीचों के विकास का कार्य कर रहा है.
- इन मानदंडों का निर्धारण 1985 में कोपेनहेगन में स्थित “Foundation for Environmental Education (FEE)” द्वारा किया गया था.
- भारत में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा ब्लू फ्लैग प्रोजेक्ट में पहली बाल कार्य दिसम्बर 2017 में शुरू किया गया था.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Taj Declaration
- “ताज घोषणा” एक कार्यक्रम का नाम है जिसका उद्देश्य ताज महल को कचरा-मुक्त बनाना है.
- ताज घोषणा में यह संकल्प किया गया था कि 17वीं शताब्दी में निर्मित इस इमारत की 500 मीटर परिधि में कोई भी प्लास्टिक का कचरा नहीं रहने दिया जायेगा.
- यह भी प्रस्ताव था कि एक बार प्रयोग में आने वाले प्लास्टिक को धीरे-धीरे ख़त्म कर दिया जायेगा.
- इस बार पर्यावरण दिवस की थीम है – “Beat Plastic Pollution/प्लास्टिक प्रदूषण दूर करो”. ताज घोषणा इसी थीम के अनुरूप है.
- Plastic pollution से समुद्र कैसे प्रदूषित हो रहा है, जानने के लिए पढ़ें >> Plastic Pollution
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : कृषि कल्याण अभियान
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि कल्याण अभियान शुरू किया है जिससे कि किसानों को कृषि तकनीकों में सुधार, आय-वृद्धि के विषय में सहायता, सहयोग और सलाह दी जा सके.
- कृषि कल्याण अभियान को एक हजार से अधिक आबादी वाले 25 गाँवों में चलाया जाना है.
- इन 25 गाँवों का चुनाव नीति आयोग के निर्देश पर ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया गया है.
- इन गाँवों में अभियान चलाने की जिम्मेदार सम्बंधित जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्रों की होगी.
- कृषि कल्याण अभियान के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियाँ चलाई जायेंगी –
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) का वितरण
- खुरहा और मुँह में होने वाले रोगों का टीका शत प्रतिशत मवेशियों को लगाना.
- सभी भेड़ों और बकरियों को Peste des petits ruminants (PPR) रोग का टीका लगाना
- सभी किसानों को दालों और तिलहन बीजों का एक किट देना.
- किसानों के हर परिवार को बागबानी, कृषि-वानिकी और बाँस के 5-5 पौधे देना.
- कृत्रिम प्रजनन की सुविधा देना
- सूक्ष्म-सिंचाई का प्रदर्शन करना
- समेकित फसल लगाने का प्रदर्शन करना
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Ganga Praharis
- “गंगा प्रहरी” एक योजना है जिसका उद्देश्य गंगा नदी के जलजीवों की सुरक्षा के विषय में जानकारी देना, प्रेरित करना और जैव-विविधता को संरक्षण प्रदान करना है.
- इसके लिए “गंगा प्रहरी” नाम से नए श्रमिक-दलों को बनाया गया है जो गंगा की जैव-विविधता की रक्षा करेंगे.
- गंगा नदी के किनारे-किनारे इनकी तैनाती उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड होते हुए पश्चिम बंगाल तक होगी.
- Wildlife Institute of India (WII), देहरादून द्वारा इन प्रहरियों का चयन जैव विविधता संरक्षण एवं गंगा कायाकल्प परियोजना के तहत किया गया है.
- इस परियोजना को नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता मिशन (NMCG) द्वारा प्रायोजित किया गया है.
- हर प्रहरी ‘Each One Make Ten’ मॉडल पर काम करेगा.
GS Paper 3 Source: Economic Times
Topic : Methanol Economy
- देश की ईंधन प्रणाली को पूर्णतया हाइड्रोजन पर आधारित करने के सपने को साकार करने के लिए मेथनॉल इकोनॉमी (methanol economy) को अपनाना एक महत्त्वपूर्ण कदम है.
- मेथनॉल (methanol) ईंधन एक ऐसा ईंधन है जिसकी कभी कमी नहीं होगी क्योंकि यह विविध और प्रचुर स्रोतों से निकाला जा सकता है, जैसे – प्राकृतिक गैस, कोयला (भारत का अधिक राख वाला कोयला), बायोमास, ठोस कचरा और सबसे बढ़कर वायुमंडल में विद्यमान कार्बोन डाइऑक्साइड (Co2) से.
- मेथनॉल इन ईंधनों की जगह ले सकता है – पेट्रोल, डीजल, LPG, जलावन, मिट्टी का तेल आदि.
- चीन, इटली, स्वीडन, इज़राइल, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और कई अन्य यूरोपीय देश Methanol Economy को साकार करने के लिए जोर-शोर से लगे हुए हैं.
- चीन में यातायात के लिए प्रयुक्त ईंधन में 10% methanol का प्रयोग हो रहा है.
- सभी अन्तः ज्वलनशील ईंधनों (internal combustion engines) में methanol अच्छे से जलता है, कोई भी पदार्थ इसके प्रयोग से उत्पन्न नहीं होते और न ही कालिख पैदा होती है और शून्य प्रदूषण (nil SOX and NOX emissions) होता है.
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