Sansar Daily Current Affairs, 20 January 2021
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests
Topic : WHAT IS THE OPEN SKIES TREATY?
संदर्भ
हाल ही में, रूस ने ‘ओपन स्काई समझौता’ (Open Skies Treaty- OST) से अलग होने संबंधी घोषणा की है.
पृष्ठभूमि
- गत वर्ष अमेरिका इस समझौते से बाहर निकलना चाहता था. अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि रूस लगातार एक साल से पड़ोसी जॉर्जिया और बाल्टिक तट पर रूसी इलाके कालिनिनग्राद में अमेरिकी उड़ानों के लिए अड़चनें पैदा कर रहा है. इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि रूस अमेरिकी और यूरोपीय क्षेत्र में अपनी उड़ानों का प्रयोग संवेदनशील अमेरिकी इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान करने के लिए कर रहा है जिसे युद्ध की स्थिति में निशाना बनाया जा सके.
- अब, रूस ने अपने इस निर्णय के लिए ‘समझौते के अनवरत रूप से जारी रहने हेतु बाधाओं को दूर करने में प्रगति की कमी’ को जिम्मेदार ठहराया है. मास्को की चिंता का मुख्य कारण है, कि अमेरिका द्वारा समझौते से अलग हो जाने से अमेरिकी क्षेत्र तक रूस की पहुँच सीमित हो जाएगी, जबकि वाशिंगटन के यूरोप में सहयोगी देश रूसी क्षेत्र में टोही उड़ान भर सकने में सक्षम रहेंगे, जिससे एकत्रित की गयी खुफिया जानकारी अमेरिका को सौंपी जा सकती है.
ओपन स्काई संधि क्या है?
- ओपन स्काई संधि का प्रस्ताव सबसे पूर्व 1955 में अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आईजनहावर ने रखा था. इस पर अंतत: 1992 में हस्ताक्षर हुए और 2002 से इस पर अमल प्रारम्भ हुआ.
- ओपन स्काई समझौता प्रत्येक हस्ताक्षरकर्ता देश की सेना को हर वर्ष किसी अन्य सदस्य देश की हवाई सीमा में अल्प सूचना पर एक निश्चित संख्या में निगरानी उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देता है.
- विमान सैन्य प्रतिष्ठानों और गतिविधियों की जानकारी और चित्र एकत्र कर सकता है.
- रूस और अमेरिका सहित इस संधि में 35 हस्ताक्षरकर्ता हैं, हालांकि एक हस्ताक्षरकर्ता किर्गिस्तान ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.
- इसका मूल विचार यह है कि प्रतिद्वंद्वी जितना अधिक एक दूसरे के बारे में जानते हैं, संघर्ष की संभावना उतनी ही कम होगी.
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Prevention of Money Laundering Act – PMLA
संदर्भ
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के अंतर्गत कार्यवाही करते हुये मैसर्स यूरो एक्सपोर्ट के प्रोपराइटरों और अन्य की लाल बालू की तस्करी के मामले में 1.44 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त करने का निर्णय किया है.
पृष्ठभूमि
- भारत में हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने हेतु धन लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act-PMLA) है.
- धन लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को कालेधन के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने के अतिरिक्त अपराधिक कृत्यों से प्राप्त संपत्ति को संलग्न/ज़ब्त करने का अधिकार देता है.
- धन लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम को 2002 में अधिनियमित किया गया था और इसे 2005 में लागू किया गया. इस कानून का मुख्य उद्देश्य काले धन को सफेद में बदलने की प्रक्रिया (मनी लॉन्ड्रिंग) से लड़ना है.
मनी लॉन्ड्रिंग का अर्थ
- मनी लॉन्ड्रिंग से तात्पर्य अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में परिवर्तित करना है.
- मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से प्राप्त धनराशि को छुपाने का एक तरीका होता है. मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से धन ऐसे कामों या निवेश में लगाया जाता है कि जाँच करने वाली एजेंसियों को भी धन के मुख्य स्रोत का पता लगाने में बहुत ही मशक्कत करनी पड़ती है, जो व्यक्ति इस प्रकार के धन की हेरा-फेरी करता है, उसे ‘लाउन्डर’ (The Launder) कहा जाता है. विदित हो कि पैसे की लॉन्डरिंग प्रक्रिया में तीन चरण सम्मिलित होते हैं—
- प्लेसमेंट (Placement)
- लेयरिंग (Layering)
- एकीकरण (Integration)
- पहले चरण का संबंध नगदी के बाजार में आने से होता है. इसमें लाउन्डर अवैध तरीके से कमाए गए धन को वित्तीय संस्थानों जैसे बैंकों या अन्य प्रकार के औपचारिक या अनौपचारिक वित्तीय संस्थानों में नगद रूप से जमा करता है.
- ‘‘मनी लॉन्ड्रिग’’ में दूसरा चरण ‘लेयरिंग’ अर्थात् धन छुपाने से सम्बन्धित होता है. इसमें लाउन्डर लेखा किताब (Book of accounting) में गड़बड़ी करके और अन्य संदिग्ध लेन-देन करके अपनी असली आय को छुपा लेता है. लाउन्डर, धनराशि को निवेश के साधनों जैसे कि बांड, स्टॉक, और ट्रैवेलर्स चेक या विदेशों में अपने बैंक खातों में जमा करा देता है. यह खाता अक्सर ऐसे देशों की बैंकों में खोला जाता है जोकि मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी अभियानों में सहयोग नहीं करते हैं.
- एकीकरण मनी लॉन्ड्रिंग प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है. जिसके माध्यम से बाहर भेजा गया पैसा या देश में खपाया गया पैसा वापस लाउन्डरर के पास वैध धन के रूप में आ जाता है. ऐसा धन अक्सर किसी कंपनी में निवेश, अचल संपत्ति खरीदने, लक्जरी सामान खरीदने आदि के माध्यम से वापस आता है.
हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग से संबन्धित कानून
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) , विश्व स्तर पर सरकारों द्वारा स्थापित संस्था है जोकि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को धन के अंतरण के लिए बैंकिंग प्रणालियों के इस्तेमाल को रोकने के तौर-तरीकों के मानक का निर्धारण और इससे जुड़ी नीतियों के विकास और प्रोत्साहन का कार्य करती है.
- वर्ष 2010 में भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का 34वाँ सदस्य बना.
- भारत में हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने हेतु धन लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम,2002 (Prevention of Money Laundering Act-PMLA) है.
- धन लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को कालेधन के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी और उन पर मुकदमा चलाने के अतिरिक्त अपराधिक कृत्यों से प्राप्त संपत्ति को संलग्न/ज़ब्त करने का अधिकार देता है.
FATF क्या है?
- FATF एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो 1989 में G7 की पहल पर स्थापित किया गया है.
- यह एक नीति-निर्माता निकाय है जिसका काम विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय विधायी एवं नियामक सुधार लाने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति तैयार करना है.
- FATF का सचिवालयपेरिस के OECD मुख्यालय भवन में स्थित है.
FATF के उद्देश्य
FATF का उद्देश्य मनी लौन्डरिंग, आतंकवादियों को धनराशि मुहैया करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को खतरे में डालने जैसी अन्य कार्रवाइयों को रोकने हेतु कानूनी, नियामक और संचालन से सम्बंधित उपायों के लिए मानक निर्धारित करना तथा उनको बढ़ावा देना है.
ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट क्या हैं?
FATF देशों के लिए दो अलग-अलग सूचियाँ संधारित करता है. पहली सूची में वे देश आते हैं जहाँ मनी लौंडरिंग जैसी कुप्रथाएँ तो हैं परन्तु वे उसे दूर करने के लिए एक कार्योजना के प्रति वचनबद्ध होते हैं. दूसरे प्रकार की सूची में वे देश हैं जो इस कुरीति को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. इनमें से पहली सूची को ग्रे लिस्ट और दूसरी को ब्लैक लिस्ट कहते हैं.
एक बार जब कोई देश ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो FATF अन्य देशों को आह्वान कर उनसे कहता है कि ब्लैक लिस्ट में आये हुए देश के साथ व्यवसाय में अधिक सतर्कता बरतें और यदि आवश्यक हो तो उसके साथ लेन-देन समाप्त ही कर दें.
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
ENFORCEMENT DIRECTORATE
- इसका कार्य विभिन्न आर्थिक नियमों के उल्लंघन की जानकारी इकठ्ठा करना और उन्हें लागू करवाने के लिए सम्बन्धित पक्ष को विवश करना है.
- इस निदेशालय के दो सबसे प्रमुख कार्य इन अधिनियमों को लागू करना है – Foreign Exchange Management Act 1999 (FEMA) और Prevention of Money Laundering Act 2002 (PMLA).
- प्रवर्तन निदेशालय में भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पदस्थापित होते हैं.
- पहले यह निदेशालय प्रवर्तन इकाई (Enforcement Unit) के नाम से जाना जाता था. 1957 से यह Enforcement Directorate के नाम से जाना जाने लगा.
वित्तीय खुफिया इकाई – भारत (FIU-IND)
FIU-IND भारत सरकार की एक केंद्रीय एजेंसी है, जो देश के मनी लॉन्ड्रिंग-रोधी कानूनों के अनुसार, वित्तीय जानकारी प्राप्त करती है तथा प्राप्त जानकारी का विश्लेषण एवं प्रक्रिया एवं तथा मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी प्रयासों का समर्थन करने के लिये उपयुक्त जानकारी को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिकारियों को प्रसारित करती है.
GS Paper 3 Source : PIB
UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.
Topic : INDIA INNOVATION INDEX 2019
संदर्भ
नीति आयोग ने भारत नवाचार सूचकांक का दूसरा संस्करण निर्गत किया है. इसे भारत नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index) की तर्ज पर विकसित किया गया है.
भारत नवाचार सूचकांक क्या है?
- यह लगातार चलने वाली एक मूल्यांकन प्रक्रिया है जिसमें 29 राज्यों और 7 संघीय क्षेत्रों में नवाचार के वातावरण की पड़ताल होती है.
- सूचकांक के लिए गणना दो आयामों में की जाती है. ये आयाम हैं – कारक और प्रदर्शन.
- “कारक” के अंतर्गत ये तत्त्व आते हैं – i) मानव पूँजी ii) निवेश iii) ज्ञानवान् कर्मी iii) व्यावसायिक परिवेश iv) सुरक्षा एवं कानूनी परिवेश.
- “प्रदर्शन” को दो दृष्टियों से मापा जाता है – i) ज्ञान से निकलने वाला आउटपुट ii) ज्ञान का प्रसार.
सूचकांक का महत्त्व
इस सूचकांक का ध्येय भारत में नवाचार के वातावरण में सुधार लाना है. इस दृष्टि से इसके प्रेरक महत्त्व को कम करके नहीं आँका जा सकता है. यह सूचकांक सतत रूप से प्रकाशित होता है. इसके कारण राज्य एक-दूसरे से स्पर्धा करके अपने प्रदर्शन को सुधारने की चेष्टा करते हैं जिसका परिणाम अंततः नवाचार के स्तर में वृद्धि के रूप में सामने आता है.
वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index)
- इस सूचकांक का प्रकाशन संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञ एजेंसी WIPO कोर्नेल विश्वविद्यालय एवं ग्रेजुएट बिज़नस स्कूल INSEAD के साथ मिलकर करता है. WIPO का पूरा नाम है – विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organisation).
- इस सूचकांक को तैयार करने में 80 संकेतकों का प्रयोग किया जाता है, जैसे – अनुसंधान और विकास में निवेश, अंतर्राष्ट्रीय पेटेंटों की संख्या, ट्रेडमार्क के लिए दी गये आदेवन आदि आदि…
मेरी राय – मेंस के लिए
भारत नवाचार सूचकांक का उद्देश्य भारत में नवाचार हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करना है. भारत नवाचार सूचकांक भारत में नवाचार हेतु वातावरण की जाँच करता है. इसका उद्देश्य एक समग्र उपकरण (Tool) बनाना है जिसका उपयोग देश भर में नीति निर्माताओं द्वारा किया जा सके.
नवाचार क्षमता बढ़ाने के लिए उद्योगों और शैक्षिक संस्थानों के मध्य अधिक समन्वय एवं सहयोग की आवश्यकता है. नवाचार के सभी हितधारक जैसे-शोधकर्त्ताओं और निवेशकों को शामिल करते हुए एक समग्र मंच विकसित किया जाना चाहिये. राज्य स्तर पर भी नवाचार और उद्यमशीलता के वातावरण में सुधार से संबंधित नीतियों का क्रियान्वयन किया जाना चाहिये.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Infrastructure.
Topic : Railway Ministry approves new Iron-ore policy 2021
संदर्भ
रेल मंत्रालय के द्वारा बोगियों (rake) के आवंटन और लौह-अयस्क के परिवहन के नियमन हेतु “लौह-अयस्क नीति 2021” निर्गत की गई है.
लौह-अयस्क नीति 2021 के उद्देश्य
- इसका उद्देश्य लौह-अयस्क के ग्राहकों की अयस्क की परिवहन संबंघी संपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति करना है.
- घरेलू विनिर्माण से संबद्ध गतिविधियों के लिए लौह अयस्क की दुलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.
- घरेलू और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों का सामना करने के लिए इस्पात उद्योग को संपूर्ण लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की जाएगी.
- अर्थव्यवस्था के कोर क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करना और देश की आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देना.
कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य
- रेलवे के कुल माल परिवहन में लौह अयस्क (इस्पात के साथ) दूसरा सबसे प्रमुख माल है, प्रथम कोयला है.
- भारत चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक देश है.
- देश के उत्तर-पूर्वी पठारी क्षेत्र में लौह अयस्क की खदानें कोयला क्षेत्रों के समीप अवस्थित हैं, जो उनके लाभ को बढ़ाती हैं.
इतिहास
इससे पहले, फ्रेट इक्बलाइजेशन पॉलिसी (FEP) 1952 के अंतर्गत, लंबी-दूरी के परिवहन में लोहा, इस्पात, सीमेंट और इसी प्रकार के खनिजों को केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की गई थी.
इस नीति का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का पुनर्वितरण करना था, ताकि सभी को इन संसाधनों तक समान पहुंच प्रदान की जा सके. हालांकि, इसने बिहार व ओडिशा जैसे संसाघन अधिशेष राज्यों को औद्योगिक विकास से वंचित कर दिया. अंततः भारत की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के उपरांत वर्ष 1993 में इसे समाप्त कर दिया गया.
Prelims Vishesh
Abell 370 :-
- हाल ही में नासा (NASA) ने एबेल 370 (Abell 370) नामक आकाशगंगाओं के विशाल क्लस्टर (huge cluster) की तस्वीर साझा की है.
- नासा ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) के माध्यम से आकाशगंगाओं (Galaxies) के इस विशाल क्लस्टर/समूह की तस्वीर प्राप्त की है.
- आकाशगंगाओं (galaxies) का यह क्लस्टर पृथ्वी से 4.9 बिलियन प्रकाश-वर्ष (light-years) की दूरी पर स्थित है.
Desert Knight – 21 Warfare :-
- हाल ही में भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायु सेना के बीच डेजर्ट नाइट -21(Desert Knight-21) युद्धाभ्यास होने की घोषणा की गई है.
- यह अभ्यास अद्वितीय है क्योंकि इसमें दोनों पक्षों द्वारा राफेल विमानों को शामिल किया जा रहा है.
- डेजर्ट नाइट -21 युद्धाभ्यास, यह भी उल्लखित करता है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच किस प्रकार निकटता बढ़ रही है.
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