Sansar Daily Current Affairs, 20 March 2021
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : International Solar Alliance
संदर्भ
हाल ही में इटली ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance – ISA) में शामिल होने के लिए 17 मार्च, 2021 को भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके अतिरिक्त अजय माथुर को ISA के अगले महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है.
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
- ISA (International Solar Alliance) की स्थापना CoP21 पेरिस घोषणा के अनुसार हुई है. 6 दिसम्बर, 2017 को ISA का फ्रेमवर्क समझौता लागू हो गया और इसके साथ ही यह संधि पर आधारित एक अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन के तौर पर औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया.
- इस संघ का उद्देश्य है सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना जिससे पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम की जा सके.
- सौर संघ का प्रधान लक्ष्य विश्व-भर में 1,000 GW सौर ऊर्जा का उत्पादन करना और इसके लिए 2030 तक सौर ऊर्जा में 1,000 बिलियन डॉलर के निवेश का प्रबंध करना है.
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय, अंतर-सरकारी संघ है जो आपसी समझौते पर आधारित है.
- अब तक 54 देशों ने इसके फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
- यह 121 ऐसे देशों का संघ है जो सौर प्रकाश की दृष्टि से समृद्ध हैं.
- ये देश पूर्ण या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं.
- इसका मुख्यालय भारत में है और इसका अंतरिम सचिवालय फिलहाल गुरुग्राम में बन रहा है.
कार्य
- यह सौर ऊर्जा क्षमता वाले देशों को एक साथ लेकर आता है तथा आवश्यक तकनीकों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करता है.
- इसके अलावा सौर ऊर्जा अनुसंधान क्षमता विकास कार्यक्रमों का संचालन करता है. यह सभी कार्य उसके सचिवालय के माध्यम से करता है जो कि गुरुग्राम, भारत में स्थित है.
भारत के लिए इसका महत्त्व
- भारत ने 2022 तक 100 गीगा वाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
- इसके अलावा INDCs के तहत 2030 तक कुल ऊर्जा उत्पादन का 40% नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना है.
- इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से प्राप्त निविश, तकनीक तथा सहयोग महत्त्वपूर्ण सिद्ध होंगे.
- इससे ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी. परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता में कमी होगी. इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.
मेरी राय – मेंस के लिए
जलवायु परिवर्तन की प्रतिबद्धता के एक भाग के रूप में, भारत द्वारा वर्ष 2022 तक अपनी ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं का 40% नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आईएसए के कार्यकारी मसौदे में यह स्पष्ट किया गया है कि आईएसए का मूल उद्देश्य सभी के लिये किफायती, विश्वसनीय, सतत् और आधुनिक ऊर्जा की पहुँच सुनिश्चित करना है. आईएसए फ्रेमवर्क के अनुसार, वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा क्षमता और उन्नत व स्वच्छ जैव-ईंधन प्रौद्योगिकी सहित स्वच्छ ऊर्जा के लिये शोध और प्रौद्योगिकी तक पहुँच बनाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने तथा ऊर्जा अवसंरचना और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया गया है.
दूसरे सम्मेलन के बाद से ISA द्वारा ‘स्टार सी परियोजना’ (STAR-C project) का संचालन प्रारम्भ किया गया जिसमें ‘स्टार सी परियोजना’ को रेखांकित करने वाले परिचालन ढाँचे एवं परियोजना दस्तावेज़ को विकसित करने के लिये ‘संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन’ के साथ मिलकर कार्य करना शामिल है. COVID-19 के दौरान ISA सदस्यों के क्षमता विकास में मदद करने के लिये ‘स्टार सी वेबिनार-द सोलिनर्स’ (STAR C Webinars-The Solinars) के लिये कार्यक्रम और सत्रों को तैयार किया गया. इसके अंतर्गत अब तक लगभग 450 लोगों से संपर्क किया जा चुका है.
GS Paper 3 Source : PIB
UPSC Syllabus : Science and Technology
Topic : IUSSTF – Indo-U.S. Science and Technology Forum
संदर्भ
हाल ही में भारतीय-अमरीकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (Indo-U.S. Science and Technology Forum – IUSSTF) द्वारा अमरीकी- भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहल लॉन्च की गई. यह पहल उन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सहयोग पर केंद्रित है जो दोनों देशों की प्राथमिकताओं में शामिल हैं.
- आईयूएसएसटीएफ एक द्विदेशीय संगठन है जिसका वित्त पोषण भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अमेरिकी राज्य विभाग द्वारा किया जाता है.
- यूएसआईएआई अवसरों, चुनौतियों और द्विपक्षीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुसंधान एंव विकास के लिए बाधा पर विचार विमर्श करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नवाचार को सक्षम करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यबल विकसित करने के लिए विचारों को साझा करने में मदद करने और साझेदारी को बेहतर बनाने के लिए प्रक्रिया और प्रणाली की सिफारिश के लिए, एक मंच के रूप में काम करेगा.
भारत मे AI की स्थिति
इंफोसिस के को-फाउंडर गोपालकृष्णन की रिसर्च एजेंसी itihaasa द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत (12,135 शोधपत्रों) को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में अनुसंधान के लिए विश्व में तीसरा स्थान दिया गया. चीन (37,918 शोधपत्र) और अमेरिका (32,421 शोधपत्र) क्रमश: पहले व दूसरे स्थान पर रहे. भारत में वर्तमान में निजी क्षेत्र द्वारा AI का उपयोग बेहतर सेवाएं प्रदान करने, बाज़ार के पैटर्न पता करने. लैंग्वेज प्रोसेसिंग, लोगों को सलाह देने में किया जा रहा है. Adobe ने हैदराबाद में AI लैब स्थापित की है.
गत वर्ष सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने AI पर फ्रेमवर्क निर्माण के लिए एक नीति समूह का गठन किया. फरवरी 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने कनाडा के सहयोग से देश के पहले AI सेंटर के गठन की घोषणा की. बजट 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जुलाई 2019 तक एक ‘राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर’ के गठन की घोषणा की गई थी.
AI क्या है?
- आजकल कंप्यूटर सिस्टम की प्रोग्रामिंग इस प्रकार की जाती है कि वे ऐसे काम कर सकते हैं जो अन्यथा मानवीय बुद्धि से ही संभव होते हैं. इसी को कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence) कहा जाता है.
- दिन-प्रतिदिन नए-नए app और software आते जा रहे हैं जो कृत्रिम बुद्धि पर आधारित हैं और जिनके कारण हमारे रोजमर्रा के काम पहले से सरल हो गये हैं.
- आज विश्व में कृत्रिम बुद्धि का बाजार तेजी से बढ़ता जा रहा है. आशा की जाती है कि 2020 तक यह 153 बिलियन डॉलर का बाजार हो जाएगा. 2016 से 2022 तक इस बाजार की वार्षिक वृद्धि की दर 45.4% रहने की संभावना है. परन्तु विचारकों का कहना है कि कृत्रिम बुद्धि के विकास के साथ-साथ बेरोजगारी में वृद्धि होगी. अतः आवश्यकता है कि इसका प्रयोग भली-भाँति विचार कर किया जाए.
Param Siddhi :- Year of Artificial Intelligence :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से हमारे रहने और कार्य करने के तरीकों में व्यापक बदलाव आएगा. रोबोटिक्स और वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकों से तो उत्पादन और निर्माण के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, अकेले अमेरिका में आगामी दो दशकों में डेढ़ लाख रोज़गार समाप्त हो जाएँगे. विशेषज्ञों का कहना है कि सोचने और समझने वाले रोबोट यदि किसी कारण या परिस्थिति में मनुष्य को अपना दुश्मन मानने लगे तो यह मानवता के लिये बड़ा खतरा बन सकता है. GS Paper 3 Source : PIB UPSC Syllabus : Infrastructure- energy. संदर्भ हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (International Renewable Energy Agency: IRENA) द्वारा वैश्विक ऊर्जा संक्रमण प्रतिवेदन (World Energy Transition Outlook Report ) की समीक्षा की है. ऊर्जा सूचकांक GS Paper 3 Source : The Hindu UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology. संदर्भ हाल ही में, जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (Jawaharlal Nehru Centre for Advanced Scientific Research– JNCASR) के शोधकर्ताओं द्वारा एक समेकित प्रणाली विकसित की गयी है, जिसके द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को अवशोषित करके सौर ईंधन में परिवर्तित कियासकता है. शोधकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को ‘कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण’ (Artificial Photosynthesis) नाम दिया है. इनका मानना है कि यह प्रक्रिया जीवाश्म ईंधन के प्रयोग से होने वाले उत्सर्जन के प्रभाव को कम करने में सहायता कर सकती है. इस कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण (AP) में सौर ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है और इसमें एक प्रकाश-सुग्राहीकारक / फोटोसेंसिटाइज़र (photosensitizer) की सहायता से अवशोषित कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) में परिवर्तित किया जाता है, जिसका उपयोग आंतरिक दहन इंजन के लिए ईंधन के रूप में किया जा सकता है. Lok Sabha passed the Appropriation Bill 2020-21 :- Section 56(J) of Central Civil Services (CSS) Pension Rules, 1972 :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA February, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
मेरी राय – मेंस के लिए
Topic : World Energy Transition Outlook Report
प्रतिवेदन के प्रमुख बिंदु
IRENA क्या है?
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic : Artificial photosynthesis to provide solutions for carbon capture and conversion
कार्यविधि
प्रकाश संश्लेषण
Prelims Vishesh