Sansar Daily Current Affairs, 20 May 2021
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.
Topic : UNESCO world heritage sites
संदर्भ
हाल ही में, भारत की ‘यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों’ (UNESCO world heritage sites) की संभावित सूची में छह नए स्थलों को जोड़ा गया है.
इसमे शामिल है
- मराठा सैन्य स्थापत्य, महाराष्ट्र
- हिरेबेनकल मेगालिथिक साइट, कर्नाटक
- मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी का भेड़ाघाट-लम्हेटा घाट
- वाराणसी के गंगा घाट
- कांचीपुरम के मंदिर, तमिलनाडु
- मध्य प्रदेश का सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
इन छह स्थलों को सम्मिलित करने के साथ ही, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में भारत के प्रस्तावित स्थलों की संख्या 48 हो गई है.
इसके आगे की कार्रवाई
ये प्रस्ताव एक केः के लिए विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में रहेंगे, इसके बाद सरकार द्वारा यूनेस्को के लिए भेजे जाने वाली अंतिम फ़ाइल में सम्मिलित किए जाने वाले नामों पर निर्णय किया जाएगा.
विश्व धरोहर स्थल क्या है?
UNESCO विश्व धरोहर स्थल वह स्थान है जो UNESCO विशेष सांस्कृतिक अथवा भौतिक महत्ता के आधार पर सूचीबद्ध करता है. यह सूची UNESCO विश्व धरोहर समिति के द्वारा प्रशासित अंतर्राष्ट्रीय विश्व धरोहर कार्यक्रम द्वारा संधारित की जाती है. इस समिति में 21 देश सदस्य होते हैं जिनका चयन संयुक्त राष्ट्र महासभा करती है.
प्रत्येक विश्व धरोहर स्थल जिस देश में होता है उसके वैधानिक भूक्षेत्र का एक भाग बना रहता है, परन्तु UNESCO अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हित में इसके संरक्षण का जिम्मा लेता है.
विश्व धरोहर स्थल के लिए पात्रता
- विश्व धरोहर स्थल के रूप में चुने जाने के लिए उस स्थान पर विचार किया जाता है जो पहले से ही श्रेणीबद्ध लैंडमार्क के रूप में मानी है और जो भौगोलिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से अनूठा है. इसका विशेष सांस्कृतिक अथवा महत्त्व होना आवश्यक है, जैसे – कोई प्राचीन भग्नावशेष अथवा ऐतिहासिक स्मारक, भवन, नगर, संकुल, मरुभूमि, वन, द्वीप, झील, स्थापत्य, पर्वत अथवा जंगल.
- विश्व धरोहर स्थल उस स्थल को कहते हैं जो या तो प्राकृतिक है अथवा मनुष्यकृत है. इसके अतिरिक्त कोई भी ऐसा ढाँचा जिसका अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व है अथवा ऐसी जगह जिसके लिए विशेष सुरक्षा की आवश्यकता है, वह विश्व धरोहर स्थल (world heritage site) कहलाता है.
- ऐसे धरोहर स्थलों को संयुक्त राष्ट्र संघ और UNESCO की ओर से औपचारिक मान्यता दी जाती है. UNESCO का विचार है कि विश्व धरोहर स्थल मानवता के लिए महत्त्वपूर्ण हैं और इनकी सांस्कृतिक एवं भौतिक सार्थकता ही है.
विश्व धरोहर स्थल का वैधानिक दर्जा
जब UNESCO किसी स्थल को विश्व धरोहर स्थल नामित करता है तो प्रथमदृष्टया यह मान लिया जाता है कि सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील यह स्थल वैधानिक रूप से सुरक्षित होगा. सुरक्षा की यह गारंटी जेनेवा और हेग संधियों में वर्णित प्रावधानों से प्राप्त होती है. विदित हो कि ये संधियाँ युद्ध के समय सांस्कृतिक संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानून की परिधि में लाती हैं.
संकटग्रस्त स्थल (ENDANGERED SITES) क्या होते हैं?
- यदि विश्व धरोहर की सूची में सम्मिलित किसी स्थल पर सशस्त्र संघर्ष और युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं, प्रदूषण, अवैध शिकार अथवा अनियंत्रित नगरीकरण अथवा मानव विकास से खतरा उत्पन्न होता है तो उस स्थल को संकटग्रस्त विश्व धरोहरों की सूची में डाल दिया जाता है.
- ऐसा करने का उद्देश्य यह होता है कि पूरे विश्व में इन खतरों के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाए और उनके प्रतिकार के लिए उपाय करने को प्रोत्साहन मिले. खतरों को दो भागों में बाँट सकते हैं – पहले भाग में वे खतरे हैं जो सिद्ध हो चुके हैं और दूसरे भाग में वे खतरे हैं जो संभावित हैं.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests. Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.
Topic : Nuclear Weapons and US-China Relations
संदर्भ
संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपना मत प्रकट किया है कि चीन द्विपक्षीय परमाणु हथियार वार्ता का विरोध कर रहा है.
पृष्ठभूमि
इससे पूर्व, अमेरिका ने नवीन सामरिक हथियार कटौती संधि (Strategic Arms Reduction Treaty: START) की एक अनुक्रमिक व्यवस्था का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जो बहुपक्षीय होगा तथा इसमें चीन भी शामिल होगा.
अमेरिका क्यों चिंतित है?
अमेरिका इसलिए चिंतित है, क्योंकि यदि चीन के शामिल हुए बिना संघि लागू होती है तो ऐसी स्थिति में चीन के परमाणु भंडार दोगुने हो सकते हैं. हालांकि, चीन ने इसका हिस्सा बनना अस्वीकृत कर दिया है.
रूस का रुख
रूस ने भी इसका विरोध किया है और इसे “हमारी स्थिति का जानबूझकर विरूपण” की संज्ञा दी है. रूस ने स्पष्ट किया है कि संधि में चीन की भागीदारी भ्रमित करने वाली है, क्योंकि यह अमेरिका और रूस दोनों को 1,550 वारहेड्स तक सीमित करती है, जबकि चीन के पास केवल 290 वारहेड्स होने का अनुमान है.
हाल ही में, अमेरिका ने रूस के साथ न्यू स्टार्ट संधि की अवधि को पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया है.
न्यू स्टार्ट संधि
- नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (Strategic Arms Reduction Treaty- START) संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच सामरिक हथियारों में कमी लाने तथा उन्हें सीमित करने संबंधी एक संधि है.
- यह संधि 5 फरवरी, 2011 को लागू हुई थी.
- यह नई स्टार्ट संधि शीत युद्ध के अंत में वर्ष 1991 में हुई स्टार्ट संधि की अनुवर्ती है. वर्ष 1991 की संधि दोनों पक्षों के लिये रणनीतिक परमाणु वितरण वाहनों की संख्या को 1,600 और वारहेड्स की संख्या को 6,000 तक सीमित करती है.
- न्यू स्टार्ट संधि ने वर्ष 1991 की स्टार्ट-1 (Strategic Arms Reduction Treaty-1) को प्रतिस्थापित किया था. इसके अलावा इसने वर्ष 2002 की सामरिक आक्रामक कटौती संधि (Strategic Offensive Reductions Treaty-SORT) को भी समाप्त कर दिया था.
- यह 700 रणनीतिक लॉन्चर और 1,550 ऑपरेशनल वारहेड्स की मात्रा को दोनों पक्षों के लिये सीमित कर अमेरिकी और रूसी रणनीतिक परमाणु शस्त्रागार को कम करने की द्विपक्षीय प्रक्रिया को जारी रखती है.
- यदि इस संधि को पाँच वर्ष की अवधि के लिये विस्तारित नहीं किया जाता है तो यह संधि फरवरी 2021 में व्यपगत हो जाएगी.
मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि (INF Treaty) :- GS Paper 2 Source : The Hindu UPSC Syllabus : Separation of powers between various organs dispute redressal mechanisms and institutions. संदर्भ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई करने वाली सर्वोच्च न्यायालय की ‘अवकाशकालीन पीठ’ (Vacation Bench) के दो न्यायाधीशों में से एक जस्टिस बी.आर. गवई ने स्वयं को मामले की सुनवाई से पृथक् कर लिया है. परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके विरुद्ध प्रारम्भ की गई विभागीय जांच को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. पृष्ठभूमि परमबीर सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाते हुए कहा है, कि उनके विरुद्ध शुरू की गई विभागीय जांच उन्हें फंसाने के लिए की जाने वाली साजिश का हिस्सा है, क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, और जिसके बाद गृहमंत्री ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. परमबीर सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय से विभागीय जाँच को किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित करने का आग्रह भी किया है. ‘न्यायिक निरर्हता’ अथवा ‘सुनवाई से इंकार’ का तात्पर्य किसी पीठासीन न्यायायिक अधिकारी अथवा प्रशासनिक अधिकारी द्वारा हितों के टकराव के कारण किसी न्यायिक सुनवाई अथवा आधिकारिक कार्रवाई में भागीदारी से मना करने को न्यायिक निरर्हता (Judicial disqualification), ‘सुनवाई से इंकार’ करना अथवा ‘रिक्युजल’ (Recusal) कहा जाता है. वरिष्ठ वकीलों और विशेषज्ञों का मानना है कि न्यायाधीशों को किसी भी मामले की सुनवाई से स्वयं को अलग करने के कारणों का लिखित स्पष्टीकरण देना चाहिये, चाहे वे व्यक्तिगत कारण हों या सार्वजानिक कारण. वर्ष 1999 में दक्षिण अफ्रीका की संवैधानिक न्यायलय ने कहा था कि “न्यायिक कार्य की प्रकृति में कई बार कठिन और अप्रिय कार्यों का प्रदर्शन भी शामिल होता है और इन्हें पूरा करने के लिये न्यायिक अधिकारी को दबाव के सभी तरीकों का विरोध करना चाहिये.” बिना किसी डर और पक्षपात के न्याय प्रदान करना सभी न्यायिक अधिकारियों का कर्तव्य है. यदि वे विचलित होते हैं तो इससे न्यायपालिका और संविधान की स्वतंत्रता प्रभावित होती है. GS Paper 2 Source : PIB UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation. संदर्भ केंद्र सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’ (Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana– PMSSY) के अंतर्गत अब तक 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) स्थापित करने की मंजूरी दी गई है, जिनमें से छह पहले से ही पूर्णतयः क्रियाशील हैं. अनावरण: इस योजना की घोषणा वर्ष 2003 में तृतीयक स्वास्थ्य सेवा अस्पतालों की उपलब्धता से जुड़े असंतुलन को दूर करने और देश में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिये की गई थी. नोडल मंत्रालय: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय. दो घटक: प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के उन्नयन की लागत केंद्र और राज्य दोनों द्वारा वहन की जाती है. Community Based Inclusive Development Program :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi February, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Downloadइस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic : Recusal of Judges
सुनवाई से स्वयं को अलग करने संबंधी प्रावधान
इस संबंध में अन्य मामले
मेरी राय – मेंस के लिए
Topic : Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Yojana
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
Prelims Vishesh