Sansar डेली करंट अफेयर्स, 20 September 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 20 September 2021


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.

Topic : Assam first state to adopt Model Tenancy Act

संदर्भ 

असम, आदर्श किरायेदारी अधिनियम अपनाने वाला पहला राज्य बन गया है. इसके साथ ही असम शहरी क्षेत्र किराया नियंत्रण अधिनियम, 1972 निरस्त हो जायेगा.

पृष्ठभूमि

ज्ञातव्य है कि जून 2021 में केंद्रीय कैबिनेट न आदर्श किरायेदारी अधिनियम के मसीदे को मंजूरी दे दी थी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आदर्श किरायेदारी अधिनियम लाने का ऐलान किया था. इसके बाद आदर्श किरायेदारी अधिनियम (Model Tenancy Act) का मसौदा अब राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भंजा गया. राज्यों द्वारा इसे नया कानून बनाकर या वर्तमान किरायेंदार कानून में उपयुक्त संशोधन करके लागू किया जा सकता है.

आदर्श किरायेदारी अधिनियम, 2019 के के विषय में जानकारी

  • अधिनियम के अनुसार यदि कोई मकान मालिक किराए में संशोधन चाहता है तो उसे इसके लिए तीन महीनों की लिखित सूचना देनी होगी.
  • प्रत्येक जिले में जिला कलक्टर को किराया प्राधिकारी नियुक्त किया जाएगा.
  • जो किराएदार विहित समय से अधिक टिके रहेंगे उनपर भारी अर्थदंड लगाया जाएगा. उन्हें किराए का दुगुना और बाद में चौगुना तक देना होगा.
  • किराएदार को जो अग्रिम सिक्यूरिटी राशि जमा करनी है वह अधिकतम दो महीने के किराए के बराबर होगी.
  • मकान मालिक और किराएदार दोनों को किराया समझौते की एक प्रति जिला किराया प्राधिकारी को देनी होगी.
  • क्योंकि भूमि राज्य का विषय है इसलिए प्रस्तावित कानून को अंगीकृत करने का काम राज्यों पर छोड़ दिया गया है.
  • राज्यों को किराया न्यायालय और किराया पंचाट गठित करने होंगे.
  • यदि मकान मालिक मरम्मत करने से मन करता है तो किराएदा र मरमत्त करके उसका पैसा किराए से काट लेगा.
  • कोई भी मकान मालिक किराए पर उठाये हुए परिसर के अन्दर बिना 24 घंटे पूर्व की सूचना के घुस नहीं सकता है.
  • यदि मकान मालिक और किराएदार के बीच कोई विवाद है तो मकान मालिक बिजली और पानी काट नहीं सकता है.
  • यदि मकान मालिक बिजली-पानी काटता है तो किराएदार किराया प्राधिकारी को इसकी सूचना देकर क्षतिपूर्ति की माँग कर सकता है.
  • यदि किराया प्राधिकारी को लगे कि आवेदन यों ही और तंग करने के लिए दिया गया है तो वह मकान मालिक या किरायादार पर अर्थदंड लगा सकता है.

माहात्म्य

प्रस्तावित कानून का महत्त्व यह है कि इससे कई मामले व्यवहार न्यायालयों में जाने से रुक जाएँगे और इस प्रकार उन न्यायालयों का भार हल्का हो जाएगा. साथ ही कानूनी पचड़ों में फंसी किराए पर दी गई परिसम्पत्तियाँ मुक्त हो सकेंगी. इस प्रकार प्रस्तावित विधेयक में किराएदार और मकान मालिक दोनों के हितों पर ध्यान दिया गया है. यह प्रवासियों, औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों, पेशेवरों, छात्रों एवं शहरी निर्धनों सहित समाज के विभिन्‍न वर्गों हेतु समावेशी तथा सतत पारिस्थितिक-तंत्र को बढ़ावा देगा.

चुनौतियाँ

भारत में अधिकांश किराएदारियां अनौपचारिक हैं, इस प्रकार वे अपंजीकृत बनी हुई हैं. अधिनियम मौजूदा व्यवस्था को औपचारिक बनाता है; जिससे किराए भी बढ़ सकते हैं. चूँकि यह अधिनियम राज्यों पर बाध्यकारी नहीं है, इसलिए राज्यों द्वारा आदर्श अधिनियम को लागू नहीं करने की संभावना भी है.

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