Sansar Daily Current Affairs, 21 February 2020
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : What is the National Security Act?
संदर्भ
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम पिछले दिनों राजनैतिक कारणों से चर्चा में रहा और आरोप लगाया गया कि पुलिस इसका दुरूपयोग कर कर रही है.
2001 के विधि आयोग के एक प्रतिवेदन में बताया गया था कि इस अधिनियम के तहत 14,57,779 लोग बंदी बनाए गये थे.
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम क्या है?
- राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम -1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है. यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में लेने की शक्ति देता है.
- रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून. 23 सितंबर, 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान इसे बनाया गया था. ये कानून देश की सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित है. यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेने की शक्ति देता है.
- अगर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति उन्हें देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है.
- यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में उसके सामने बाधा खड़ी कर रहा है को वह उसे हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है. इस कानून का इस्तेमाल जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है.
- राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 (NSA) के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है. राज्य सरकार को यह सूचित करने की आवश्यकता है कि NSA के तहत एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है.
- राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को उनके खिलाफ आरोप तय किए बिना 10 दिनों के लिए रखा जा सकता है. हिरासत में लिया गया व्यक्ति उच्च न्यायालय के सलाहकार बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है लेकिन उसे मुकदमे के दौरान वकील की अनुमति नहीं है.
इतिहास
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के अंतर्गत भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर को कई महीने तक जेल में रखा गया था. वहीं इस कानून के तहत मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को जेल में रखा गया था. सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने पर उन्हें नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था. वह 133 दिन जेल में रहे थे.
GS Paper 3 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Awareness in space.
Topic : Very Large Telescope
संदर्भ
यूरोपीय अन्तरिक्ष संगठन (ESO) के अति-विशाल दूरबीन (VLT) से खगोलवेत्ताओं ने ओरियोन (Orion) नामक नक्षत्र समूह में स्थित बीटलगूज (Betelgeuse) नामक एक दैत्याकार लाल तारे के प्रकाश को फीका होते देखा है जोकि एक अभूतपूर्व घटना है. न केवल इस तारे का प्रकाश धुँधला पड़ रहा है, अपितु पिछले दिनों VLT पर स्थित VISIR उपकरण से लिए गए छायाचित्रों से यह पता चलता है कि इस तारे की आकृति भी बदल रही है.
बीटलगूज (Betelgeuse) में क्या हो रहा है और उसका निहितार्थ क्या है?
बीटलगूज (Betelgeuse) करोड़ों वर्ष पहले एक विशाल आयतन वाले तारे के रूप में जन्मा था. पिछले छह महीने से इसका प्रकार बहुत तेजी से और रहस्मय रूप से धुँधला पड़ता जा रहा है. “स्काई एंड टेलिस्कोप” के एक प्रतिवेदन के अनुसार, रात में सबसे अधिक चमकने वाले तारों में इस तारे का स्थान दसवाँ है. परन्तु 2019 के दिसम्बर के अंतिम सप्ताह के आते-आते इसका चमकीलापन इतना घट गया है कि चमकीले तारों में इसका स्थान अब 21वाँ हो गया है. वास्तव में यह गिरावट बहुत बड़ी है और ऐतिहासिक है.
खगोलवेत्ताओं का विचार है कि बीटलगूज इसलिए धीमा नहीं पड़ रहा है कि अब यह विस्फोट करने वाला है. इसके अन्य करण भी हो सकते हैं. जैसे अतिशय तारक गतिविधियों के चलते इसकी सतह का ठंडा होना अथवा पृथ्वी की ओर धूल के झोंकों का प्रवाह.
अति-विशाल दूरबीन (Very Large Telescope – VLT)
- VLT एक वेधशाला है जिसकी स्थापना यूरोपीयन सदर्न ओब्सर्वेटरी (European Southern Observatory – ESO) ने उत्तरी चिली की अटाकामा मरुभूमि में अवस्थित Cerro Paranal में की है.
- इसमें चार अलग-अलग दूरबीन हैं जिनका प्रधान दर्पण (mirror) 8.2 मीटर का है. इन दर्पणों का सामान्यतः अलग-अलग उपयोग होता है पर आवश्यकतानुसार इन सभी का एक साथ भी उपयोग हो सकता है जिससे कि अति-उच्च एंगुलर रिसोल्यूशन पाया जा सकता है. इन चारों दूरबीनों के अलग-अलग नाम भी हैं – Antu, Kueyen, Melipal और ये सभी शब्द मापुचे (Mapuche) भाषा के हैं और अन्तरिक्षीय पिंडों से सम्बंधित हैं.
- VLT दृश्य एवं इन्फ्रा-रेड वेवलेंथ पर चलता है. हमलोग नंगी आँख से जितना देखते हैं, उसकी तुलना में VLT के दूरबीन 4 करोड़ गुना अधिक अस्पष्ट पदार्थों को देख सकते हैं. यदि सभी दूरबीनों को मिला दिया जाए तो इसकी एंगुलर रिसोल्यूशन 001 arc सेकंड का हो जाता है. यह रिसोल्यूशन चाँद की दूरी पर 2 मीटर के रिसोल्यूशन के बराबर है.
- Hubble Space Telescope दूरबीन के बाद VLT ऐसी दूसरी वेधशाला है जिसने खगोल विज्ञान को सबसे अधिक जानकारियाँ दी हैं.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Awareness in space.
Topic : GISAT-1 — Geo Imaging Satellite
संदर्भ
ISRO मार्च के पहले सप्ताह में GISAT-1 नामक नया उपग्रह छोड़ने की तैयारी कर रहा है जो पृथ्वी का निरीक्षण करेगा.
- इस प्रकार के दो उपग्रह छोड़े जाने वाले हैं जिनमें यह पहला होगा. ये दोनों उपग्रह पृथ्वी के 36,000 किलोमीटर ऊपर भूस्थैतिक कक्ष में स्थापित किये जाएँगे.
- यह उपग्रह उस ऊँचाई पर स्थित होकर भारतीय उपमहाद्वीप पर सदैव नज़र रखेगा.
- इसमें ऊँचे रेजोल्यूशन के कैमरे होंगे जो हमारी सीमाओं में होने वाले अंतरों की निगरानी करेगा और समग्र भौगोलिक स्थिति को दर्शायेगा आदि.
पृष्ठभूमि
इसरो ने अब तक पृथ्वी का निरीक्षण करने वाले कई उपग्रह छोड़े हैं जिनके माध्यम से कई अनुप्रयोग देश में संचालित हुए हैं. केन्द्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर इन उपग्रहों का उपयोग करने वाले अनेक हैं जो विभिन्न उद्देश्यों को साधने के लिए इन उपग्रहों से प्राप्त सूचनाओं को व्यवहार में लाते हैं. ऐसे उपग्रहों में कुछ महत्त्वूर्ण उपग्रह हैं – Cartosat-1 & 2, Resourcesat-1 & 2, Oceansat-1 & 2, Risat-1, Megha-Tropiques, SARAL, Scatsat, INSAT सीरीज एवं अन्य बहुत सारे उपग्रह.
GS Paper 3 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Investment models.
Topic : Railways’ corporate train model
संदर्भ
दिल्ली से लखनऊ और मुंबई से अहमदाबाद चलने वाली तेजस एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के सफलतापूर्वक संचालन के पश्चात् अब देश की तीसरी कॉर्पोरेट रेलगाड़ी आरम्भ हो रही है जिसका नाम काशी महाकाल एक्सप्रेस है.
कॉर्पोरेट ट्रेन मॉडल किसे कहते हैं?
यह एक नया मॉडल है जिसपर भारतीय रेलवे तेजी से काम कर रहा है. इसके अन्दर सवारी रेलगाड़ियों के संचालन का काम रेलवे के एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को सौंप दिया जाता है. इस उपक्रम का नाम है – IRCTC अर्थात् भारतीय रेलवे कैटरिंग और पर्यटन निगम.
कॉर्पोरेट ट्रेन मॉडल कैसे काम करता है?
इस मॉडल में ट्रेन के संचालन से सम्बंधित सारे निर्णय निगम के द्वारा लिए जाते हैं, जैसे – भाड़ा, भोजन, अन्य सुविधाएँ, साफ़-सफाई, शिकायतें आदि.
इस प्रकार भारतीय रेलवे बहुत सारे कामों से मुक्त हो जाता है और उसका काम बस IRCTC से पहले से निर्धारित धनराशि का पाना ही रह जाता है क्योंकि वही रेल नेटवर्क का स्वामी है.
भारतीय रेलवे IRCTC से क्या पाता है?
IRCTC भारतीय रेलवे को पहले से निर्धारित धनराशि मुहैया करती है. इस धनराशि के तीन अवयव हैं –
- रेल के संचालन से सम्बंधित अवसंरचना के उपयोग के बदले दिया जाने वाला प्रभार (Haulage) – इसके अन्दर ये चीजें आती हैं – पटरियाँ, सिग्नल, चालक, स्टेशन का स्टाफ, ट्रैक्शन आदि वे सारी चीजें जिनके बल पर ट्रेनों का आना-जाना होता है.
- ट्रेन के डब्बों की लीज़ के लिए दिया जाने वाला प्रभार – इस मॉडल में भारतीय रेलवे अपने डब्बों को भारतीय रेलवे वित्त निगम (Indian Railway Finance Corporation – IRFC) को लीज पर दे देता है. इसके बदले IRFC भारतीय रेलवे को प्रभार के रूप में धनराशि देता है.
- रेल के डब्बों को निरापद और दुरुस्त रखने के लिए भारतीय रेलवे IRCTC से कस्टडी प्रभार के रूप में भी भुगतान प्राप्त करता है.
लखनऊ तेजस एक्सप्रेस को एक दिन चलाने (आना-जाना सहित) के लिए IRCTC को मोटा-मोटी 14 लाख रु. ऊपर लिखे तीनों प्रभारों के रूप में भारतीय रेलवे देना होगा. चाहे यह एक्सप्रेस में लाभ में नहीं भी चले तो यह राशि भारतीय रेलवे को देना ही पड़ेगा.
ग्राहकों और प्रबंधकों को इससे क्या लाभ है?
- निगम होने के कारण IRCTC में एक निदेशक बोर्ड होता है और कई निवेशक भी होते हैं. इसलिए यह निगम इस बात पर बल देता है कि रेलवे उसको जो भी डिब्बे दे वे नए हों और उनकी हालत खस्ता नहीं हो जैसा कि आये दिन देखने को मिलता है.
- इस मॉडल में IRCTC को यह पूरा अधिकार है कि सेवा से सम्बंधित मानदंड वही निर्धारित करेगा और जब चाहे तो उसमें परिवर्तन कर सकता है. इसके लिए उसे रेलवे मंत्रालय की अनुमति लेना आवश्यक नहीं होगा.
- निगम के द्वारा गाड़ियों के संचालन का अभिप्राय है कि ये गाड़ियाँ लाभ को ध्यान में रखकर चलाई जाएँगी. अधिक से अधिक लाभ पाने के लिए IRCTC सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखेगा और सवारियों के यात्रा अनुभव को बेहतर से बेहतर बनाने की चेष्टा करेगा.
- IRCTC को यह भी स्वतंत्रता है कि वह निश्चय करे कि गाड़ी कहाँ-कहाँ रुकेगी.
भारतीय रेलवे को इस मॉडल से क्या लाभ होगा?
भारतीय रेलवे भाड़ा बहुत कम रखता है जिसके चलते लागत वसूल नहीं पाता है. कॉर्पोरेट मॉडल अपनाने से उसको यह लाभ होगा कि यदि घाटा भी होता है तो उनके लिए कोई अंतर नहीं आएगा. उसे अपनी निर्धारित राशि मिलती रहेगी.
Prelims Vishesh
Ra’ad-II missile :-
- पिछले दिनों पाकिस्तान ने हवा से छोड़े जाने वाले और आणविक क्षमता से युक्त Ra’ad – II नामक एक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया जिसकी रेंज 600 किलोमीटर है.
- इस मिसाइल को भारत के ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का जवाब माना जा रहा है.
Kala Kumbh :-
- भौगोलिक संकेतक वाले शिल्पों और धरोहरों को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा मंत्रालय देश के कई भागों में विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के कार्यालयों के माध्यम से कला कुम्भ नामक प्रदर्शनी शृंखला आयोजित करने जा रहा है.
- इन प्रदर्शनियों को हस्तशिल्प निर्यात प्रोत्साहन परिषद् (Export Promotion Council for Handicrafts – EPCH) स्पोंसर कर रहा है.
Institute for Defense Studies and Analyses :–
- प्रतिरक्षा और सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं के शोध एवं विश्लेषण को समर्पित प्रतिरक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (IDSA) का नाम अब बदल गया है.
- रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करने वाले इस स्वायत्त निकाय का नाम अब होगा – मनोहर पर्रिकर प्रतिरक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान.
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