Sansar डेली करंट अफेयर्स, 21 July 2021

Sansar LochanSansar DCA

Sansar Daily Current Affairs, 21 July 2021


GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Parliament and State Legislatures – structure, functioning, conduct of business, powers & privileges and issues arising out of these.

Topic : Monsoon session of Parliament

संदर्भ

हाल ही में, ‘संसद का मानसून सत्र’ की शुरुआत हुई है.

संसद के पिछले सत्र की अवधि को घटाकर 25 मार्च को घटाकर अनिश्चितकाल के लिए समाप्त कर दिया गया था, और संवैधानिक मानदंडों के अंतर्गत, अगला सत्र छह महीने के भीतर आयोजित किया जाना आवश्यक होता है. यह समय सीमा 14 सितंबर को समाप्त हो रही है.

संसद के सत्र (PARLIAMENT SESSIONS)

  • संसद के सत्र के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 85 में प्रावधान किया गया है.
  • संसद के किसी सत्र को बुलाने की शक्ति सरकार के पास है. इस पर निर्णय संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाता है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है.
  • भारत में कोई निश्चित संसदीय कैलेंडर नहीं है. संसद के एक वर्ष में तीन सत्र होते हैं.
  • सबसे लंबा, बजट सत्र (पहला सत्र) जनवरी के अंत में शुरू होता है और अप्रैल के अंत या मई के पहले सप्ताह तक समाप्त हो जाता है. इस सत्र में एक अवकाश होता है ताकि संसदीय समितियाँ बजटीय प्रस्तावों पर चर्चा कर सकें.
  • दूसरा सत्र तीन सप्ताह का मानसून सत्र है, जो आमतौर पर जुलाई माह में शुरू होता है और अगस्त में खत्म होता है.
  • शीतकालीन सत्र यानी तीसरे सत्र का आयोजन नवंबर से दिसंबर तक किया जाता है.
नोट
 

बजट अधिवेशन (फरवरी-मई), मानसून अधिवेशन (जुलाई-अगस्त) और शीतकालीन अधिवेशन (नवंबर-दिसंबर). किंतु, राज्यसभा के मामले में, बजट के अधिवेशन को दो अधिवेशनों में विभाजित कर दिया जाता है. इन दो अधिवेशनों के बीच तीन से चार सप्ताह का अवकाश होता है. इस प्रकार राज्यसभा के एक वर्ष में चार अधिवेशन होते हैं.

संसद सत्र आहूत करना (Summoning of Parliament)

  • सत्र को आहूत करने के लियेराष्ट्रपति संसद के प्रत्येक सदन को समय-समय पर सम्मन जारी करता है, परंतु संसद के दोनों सत्रों के मध्य अधिकतम अंतराल 6 माह से अधिक का नहीं होना चाहिये अर्थात् संसद को कम-से-कम वर्ष में दो बार मिलना चाहिये.

स्थगन (Adjournment)

  • संसद की बैठक कोस्थगन या अनिश्चितकाल के लिये स्थगन या सत्रवसान या विघटन (लोकसभा के मामले में) द्वारा समाप्त किया जा सकता है. स्थगन द्वारा बैठक को कुछ निश्चित समय, जो कुछ घंटे, दिन या सप्ताह हो सकता है, के लिये निलंबित किया जा सकता है.

सत्रावसान (Prorogation)

  • सत्रावसान द्वारा न केवल बैठक बल्कि सदन के सत्र को भी समाप्त किया जाता है.  सत्रावसान की कार्रवाई राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. सत्रावसान और फिर से इकट्ठे होने (Reassembly) तक के समय को अवकाश कहा जाता है. सत्रावसान का आशय सत्र का समाप्त होना हैन कि विघटन (लोकसभा के मामले में क्योंकि राज्यसभा भंग नहीं होती है).

कोरम (Quorum)

  • कोरम या गणपूर्ति सदस्यों की न्यूनतम संख्या है, जिनकी उपस्थिति के चलते सदन का कार्य संपादित किया जाता है. यह प्रत्येक सदन में पीठासीन अधिकारी समेत कुल सदस्यों का दसवाँ हिस्सा होता है. अर्थात्  किसी कार्य को करने के लिये लोकसभा में कम-से-कम 55 सदस्य तथा राज्यसभा में कम-से-कम 25 सदस्यों का होना जरूरी है.

GS Paper 2 Source : Indian Express

indian_express

UPSC Syllabus : Development processes and the development industry the role of NGOs, SHGs, various groups and associations, donors, charities, institutional and other stakeholders.

Topic : Indian Labour Conference

संदर्भ

हाल ही में, ‘भारतीय मजदूर संघ’ द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘भारतीय श्रमिक सम्मेलन’ (Indian Labour Conference – ILC) आयोजित करने के माँग की गई है.

भारतीय श्रमिक सम्मेलन (ILC) का पिछला अंतिम सम्मेलन वर्ष 2015 में आयोजित किया गया था.

भारतीय श्रमिक सम्मेलन’ आयोजित करने की जरूरत

  • “देश में ‘सरकार, नियोक्ता और मजदूर’ की ‘त्रिपक्षीय’ (Tripartism) परंपरा को बनाए रखने के लिए भारतीय श्रमिक सम्मेलन’ आवश्यक होते है.
  • चूंकि भारत संसद द्वारा इस ‘त्रिपक्षीय’ प्रणाली से संबंधित ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ (ILO) के अभिसमय संख्या 144 पुष्टि की जा चुकी है, अतः ‘भारतीय श्रमिक सम्मेलन’ आयोजित करना भारत का कानूनी दायित्व भी है.

भारतीय श्रम सम्मेलन

  • ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन’ की तर्ज़ पर आयोजित ‘भारतीय श्रम सम्मेलन’ को देश की ‘श्रम संसद’ के रूप में भी जाना जाता है.
  • यह श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय में शीर्ष स्तर की त्रिपक्षीय (सरकार, नियोक्ता और श्रमिक) सलाहकार समिति है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन, जिसे अंतर्राष्ट्रीय श्रम संसद के रूप में भी जाना जाता है, को प्रतिवर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन’ द्वारा आयोजित किया जाता है. प्रत्येक सदस्य राज्य का प्रतिनिधित्व एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा किया जाता है जिसमें दो सरकारी प्रतिनिधि, एक नियोक्ता प्रतिनिधि, एक कार्यकर्त्ता प्रतिनिधि और उनके संबंधित सलाहकार सम्मिलित होते हैं.
  • भारतीय श्रम सम्मेलन (जिसे तब ‘त्रिपक्षीय राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन’ कहा जाता था) की पहली बैठक वर्ष 1942 में आयोजित की गई थी और अब तक कुल 46 सत्र आयोजित किये जा चुके हैं. इसका सबसे हाल का सत्र 2015 में आयोजित किया गया था.
  • ‘भारतीय श्रम सम्मेलन’ के एजेंडे को एक स्थायी श्रम समिति द्वारा अंतिम रूप दिया जाता है, जो स्वयं में एक त्रिपक्षीय निकाय है.

कार्य

  • देश में मज़दूर वर्ग से संबंधित मुद्दों पर सरकार को सलाह देना.

सदस्य

  • केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठन, नियोक्ताओं के केंद्रीय संगठन, सभी राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश तथा इस एजेंडा से संबंधित केंद्रीय मंत्रालय/विभाग ‘भारतीय श्रम सम्मेलन’ के सदस्य हैं.

GS Paper 2 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Issues related to health.

Topic : Monkey B virus

संदर्भ

हाल ही में, चीन में ‘मंकी बी वायरस’ (Monkey B virus– BV) से मानव संक्रमण का पहला मामला सामने आया है.

मंकी बी वायरस’ क्या है?

  • इस वायरस की पहली बार वर्ष 1932 में पहचान की गयी थी. इस वायरस से, वर्ष 2020 तक, मात्र 50 व्यक्ति संक्रमित पाए गए है, जिनमें से 21 व्यक्तियों की इसके चलते मौत हो चुकी है.
  • यह मकाका प्रजाति के ‘मकाक’ (Macaques) में पाया जाने वाला ‘पशुस्थानिक’ (Enzootic) ‘अल्फ़ाहर्पीस वायरस’ (Alphaherpes Virus) है.
  • ‘बी वायरस’ एकमात्र ज्ञात ‘ओल्ड-वर्ल्ड-मंकी हर्पीसवायरस’ है जो मनुष्यों में गंभीर रोगजनकता को प्रदर्शित करता है.
  • वर्तमान में, बी वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं हैं.

संचरण

इस वायरस के संक्रमण का संचरण, बंदरों के सीधे संपर्क में आने, या इनके शरीर से स्रवित होने वाले द्रव्यों के आदान-प्रदान के जरिए हो सकता है.

उपचार

इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को समय पर इलाज न मिले तो लगभग 70% मामलों में मरीज की मौत हो सकती है. ऐसे में अगर किसी को किसी बंदर ने काट लिया है या खरोंच दिया है तो हो सकता है कि वो बी वायरस का कैरियर हो. ऐसी स्थिति में तुरंत प्राथमिक चिकित्सा शुरू कर देनी चाहिए. घाव वाली जगह को साबुन और पानी से अच्छी तरह साफ किया जाना चाहिए. मंकी बी वायरस के इलाज के लिए एंटी वायरल दवाएं तो उपलब्ध हैं, लेकिन अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

मंकीपॉक्स

  • मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जिसका खतरा दुनिया के कई देशों में मंडरा रहा है. चूँकि मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है इसलिए ये सरलता से विश्व के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुँच सकती है.
  • मंकी पॉक्स के बारे में सबसे पहले 1950 के दशक में पता चला था.
  • आमतौर पर इसका संक्रमण संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से होता है. मनुष्य इससे कम ही संक्रमित होते हैं किंतु मध्य और पश्चिम अफ्रीका के गाँवों में इससे जुड़े काफी मामले पाए जाते हैं.
  • इस वायरल के अधिकतर मामले उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के करीब पाए जाते है जहाँ लोग संक्रमित जानवरों के अक्सर संपर्क में आते हैं.
  • इस संक्रमण के लिये कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं हैं लेकिन इसके प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है.

GS Paper 3 Source : The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Environment and Biodiversity. 

Topic : Great Indian Bustard

संदर्भ

हाल ही में राजस्थान राज्य में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (गोडावण) को बचाने हेतु पर्यावरण संरक्षणवादी धरना प्रदर्शन कर रहे है. प्रदर्शनकारियों के अनुसार जैसलमेर एवं रेगिस्तानी क्षेत्र के जिलों बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मनमाने तरीके से ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइनें, सौर पैनल लगा रही कंपनियां इनके लिए खतरा उत्पन्न कर रही हैं. ज्ञातव्य है कि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण उच्च वोल्टेज की विद्युत लाइनें हैं. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी की सीधे देखने की क्षमता कमज़ोर होने के कारण वे जल्दी विद्युत तारों नहीं देख पाते. जैसलमेर जिले ही में 15% ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की मृत्यु विद्युत आघात से होती है.

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड 

  • यह विश्व के सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक है.
  • यह सबसे अधिक भारत के राजस्थान राज्य में पाया जाता है जहाँ इसे राज्य पक्षी घोषित किया गया है.
  • IUCN की लाल सूची में इसे “विकट रूप से संकटग्रस्त” (Critically Endangered) बताया गया है.
  • यह पक्षी CITES और भारतीय वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में भी सूचीबद्ध है.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal – NGT) अधिनियम, 2010

पर्यावरण संरक्षण और वनों के संरक्षण से जुड़े मामलों के प्रभावी और त्वरित निपटान हेतु राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) की स्थापना की गई, जो औद्योगिक गतिविधियों से सम्बंधित आवश्यक निर्देश जारी करने का कार्य करता है.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

हाल ही में गुजरात के गांधीनगर में चल रहे प्रवासी प्रजाति संधि के पक्षकारों के 13वें सम्मेलन में ग्रेट इंडियन बस्टर्डएशियाई हाथी और बंगाल फ्लोरिकन को संयुक्त राष्ट्र प्रवासी प्रजाति संधि के परिशिष्ट 1 (Appendix I of UN Convention on Migratory Species) में सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया.

बंगाल फ्लोरिकन

  • भारत में यह पक्षी उत्तर प्रदेश, असम और अरुणाचल प्रदेश में पाया जाता है.
  • IUCN लाल सूची में इसे भी “विकट रूप से संकटग्रस्त” (Critically Endangered) दर्शाया गया है.
  • यह पक्षी भी CITES और भारतीय वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में भी सूचीबद्ध है.

एशियाई हाथी

  • यह हाथी भारतनेपालबांग्लादेशभूटान और म्यांमार में पाया जाता है.
  • IUCN में इसे संकटग्रस्त” (Endangered) की पदवी मिली हुई है.
  • इसके अतिरिक्त यह निम्नलिखित प्रलेखों में भी सूचीबद्ध है – संकटग्रस्त वन्य जीव एवं वनस्पति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संधि (CITES) तथा भारतीय वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 की अनुसूची.

Prelims Vishesh

Fortification of Rice its distribution under Public Distribution System (PDS) :-

  • यह एक केंद्र प्रायोजित प्रायोगिक योजना है (3 वर्ष के लिए वर्ष 2019-20 में आरंभ की गई).
  • यह वर्तमान में 6 राज्यों यथा- आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में लागू है.
  • चावल का फोर्टिफिकेशन आहार में विटामिन और खनिज सामग्री को बढ़ाने हेतु एक लागत प्रमावी एवं पूरक रणनीति है तथा देश में पोषण सुरक्षा व एनीमिया और कुपोषण से निपटने की दिशा में एक कदम है.
  • अब केंद्र सरकार ने चावल मिल मालिकों के बीच प्रोत्साहन और जागरूकता सृजित करके चावल के फोर्टिफिकेशन की क्षमता को 15,000 मीट्रिक टन से 3.5 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ा दिया है.

Enforcing Contracts Portal  :-

  • न्याय विभाग द्वारा आरंभ किए गए इस पोर्टल का उद्देश्य देश में व्यवसाय करने की सुगमता को बढ़ावा देना और अनुबंध प्रवर्तन व्यवस्था में सुधार करना है.
  • पोर्टल के “अनुबंध प्रवर्तन” मापदंडों (इस संबंध में भारत वर्ष 2019 की रैंकिंग में 163वें स्थान पर था) पर किए जा रहे विधायी और नीतिगत सुधारों से संबंधित सूचना का समग्र स्रोत बनने की कल्पना की गई है.
  • यह दिल्‍ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता के समर्पित वाणिज्यिक न्यायालयों में वाणिज्यिक मामलों पर नवीनतम जानकारी तक सुगम पहुंच प्रदान करेगा.
  • पोर्टल तत्काल संदर्भ के लिए वाणिज्यिक कानूनों के भंडार तक पहुंच प्रदान करता है.

Aatmnirbhar Krishi app :-

  • इसे भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा लॉन्च किया गया है.
  • यह किसानों को निर्णय लेने योग्य कृषि अंतर्दृष्टि प्रदान करने और प्रारम्भिक मौसम चेतावनी जारी करने के लिए निर्मित किया गया है.
  • यह 12 भाषाओं में उपलब्ध है और इसकी 5 चरणों में परिकल्पना की गई हैः –
  1. मृदा के प्रकार, मृदा की उत्तमता, नमी, मौसम और जल उपलब्धता संबंधित आंकड़ों का एकत्रीकरण.
  2. कृषि जोत स्तर के अनुरूप प्रत्येक किसान के लिए फसल चयन, उर्वरक आवश्यकताओं और जल की जरूरतों से संबंधित केंद्रीकृत अंतर्दृष्टि का निर्माण करना.
  3. स्थानीय विशेषज्ञता समर्थित संवाद और दृष्टिकोण को विकसित करना.
  4. मशीन लर्निंग निष्कर्षों (inferences) का लाभ उठाना.
  5. निरंतर सुधार.

Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi

June,2021 Sansar DCA is available Now, Click to Download

 

Read them too :
[related_posts_by_tax]