Sansar Daily Current Affairs, 21 June 2019
GS Paper 1 Source: Indian Express
Topic : World Best Universities Ranking
संदर्भ
Quacquarelli Symonds (QS) के द्वारा 2020 के लिए विश्व-भर के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग प्रकाशित कर दी गई है. इस सूची में लगातार आठवें वर्ष Massachusetts Institute of Technology (MIT) को शीर्षस्थ स्थान मिला है.
पृष्ठभूमि
QS विश्व विद्यालय रैंकिंग विश्व-भर के महाविश्वविद्यालयों की रैंकिंग से सम्बंधित एक वार्षिक प्रकाशन है जो Quacquarelli Symonds (QS) द्वारा निर्गत किया जाता है.
इसके लिए QS जिन मानदंडों को मूल्यांकन के लिए अपनाता है, वे मुख्यतः हैं – विश्वविद्यालय की पढ़ाई-लिखाई के विषय में प्रसिद्धि, पढ़ाने वालों और पढ़ने वालों के बीच अनुपात, प्रत्येक पढ़ाने वाले को मिली प्रशस्तियाँ, विदेशी छात्रों की संख्या तथा विश्वविद्यालय में पढ़ाने की उत्कृष्टता.
भारत के शीर्षस्थ विश्वविद्यालय/संस्थान
- लगातार दूसरे वर्ष इस सूची में भी IIT बॉम्बे को भारत का सर्वोत्तम विश्वविद्यालय माना गया है.
- शीर्ष 200 स्थानों में भारत से आने वाले दो अन्य विश्वविद्यालय हैं – IIT दिल्ली (182) और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु (184).
- रैंकिंग में दी गई 1,000 सर्वोत्तम संस्थानों में से 23 ऐसे हैं जो भारत के हैं. इनमें भी अधिकांश सरकार द्वारा वित्त-पोषित विश्वविद्यालय हैं और मात्र 5 ही ऐसे हैं जिनको निजी वित्त-पोषण प्राप्त होता है.
- भारत का सबसे उच्चतम शीर्ष पर आने वाला निजी विश्वविद्यालय मणिपाल एकेडमी ऑफ़ हाई एजुकेशन है जो 701-750 की श्रेणी में रखा गया है.
- इस बार 2009 में स्थापित P. Jindal Global University ने सूची में नया-नया प्रवेश किया है और इसे 751-800 की श्रेणी में डाला गया है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : President’s address to both Houses of Parliament
संदर्भ
पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के एक संयुक्त अधिवेशन में अभिभाषण किया. इसमें सरकार के आगामी पाँच वर्षों के लक्ष्यों को बताया गया.
अभिभाषण के विषय में संविधान की स्थिति
संविधान का अनुच्छेद 87(1) कहता है कि लोक सभा के आम चुनाव के पश्चात् के पहले सत्र के आरम्भ में तथा प्रत्येक वर्ष उस सदन के पहले सत्र के आरम्भ में राष्ट्रपति दोनों सदनों को एक साथ बुलाकर अभिभाषण करेगा.
शुरू-शुरू में संविधान में यह प्रावधान किया गया था कि प्रत्येक सत्र के आरम्भ में राष्ट्रपति दोनों सदनों को एक जगह बुलाकर अभिभाषण करेगा. बाद में इस प्रावधान को संशोधित कर दिया गया. वास्तव में यही संशोधन संविधान का पहला संशोधन था.
राष्ट्रपति का अभिभाषण
राष्ट्रपति के अभिभाषण में आने वाले वर्ष में सरकार की क्या प्रमुख नीतियाँ होंगी और क्या योजनाएँ होंगी, इस विषय में प्रकाश डाला जाता है. इस अभिभाषण का प्रारूप मंत्रिमंडल द्वारा तैयार किया जाता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Dispute Resolution Mechanism for solar/wind sector
संदर्भ
सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजनाओं को सुविधापूर्ण बनाने के लिए सरकार ने एक विवाद निष्पादन समिति (Dispute Resolution Committee – DRC) गठित करने से सम्बंधित एक प्रस्ताव को अनुमोदित किया है. यह समिति सौर/पवन ऊर्जा निर्माताओं एवं SECI/NTPC के बीच समझौतों के उल्लंघन विषयक विवादों पर विचार करेगी.
पृष्ठभूमि
सरकार द्वारा गठित इस समिति से भारत में सौर/पवन ऊर्जा परियोजनाओं के सुचारू संचालन को बढ़ावा मिलेगा. विदित हो कि ऊर्जा जगत बहुत दिनों से सरकार से यह अनुरोध कर रहा था कि परियोजनाओं से सम्बंधित समझौतों के उल्लंघन के कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनकी पहले से कल्पना नहीं की गई थी. अतः वे एक ऐसा तंत्र चाह रहे थे जो इस प्रकार के मामलों से जुड़े विवादों का समाधान निकाल सके.
उद्योग जगत की इस माँग पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy – MNRE) ने विचार किया और यह अनुरोध किया कि विवादों के निपटारे के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी तन्त्र बनाने की आवश्यकता है.
बनावट एवं पात्रता
- विवाद निष्पादन समिति (DRC) में तीन सदस्य होंगे. ये सभी सदस्य सुप्रतिष्ठित एवं निर्विवाद रूप से ईमानदार होंगे.
- इन सदस्यों की उच्चतम आयु सीमा 70 वर्ष होगी.
- इस समिति के सदस्य दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति होंगे. ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि विमान यात्रा और निवास पर सम्भावित खर्च से बचा जा सके.
कार्यक्षेत्र
विवाद निष्पादन समिति उन सभी सौर/पवन ऊर्जा की योजनाओं/कार्यक्रमों/परियोजनाओं के विवाद सुनेगी जो SECI/NTPC के माध्यम से चलाई जा रही हैं.
DRC इन सभी प्रकार के मामलों पर विचार करेगी –
- किसी समझौते में दी गई शर्तों पर आधारित समय-सीमा के विस्तार के बारे में SECI द्वारा किए गये निर्णयों के विरुद्ध अपील के मामले.
- समय-सीमा से सम्बंधित वे अनुरोध जो समझौते के अन्दर नहीं आते हैं.
- ऐसे सभी मामले जिनमें ऊर्जा निर्माता SECI/NTPC के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं और आवश्यक सूद जमा करके अपील करना चाहते हैं.
किसी निर्णय पर पहुँचने के लिए समिति सम्बंधित पक्षों से वार्ता करने के लिए स्वतंत्र होगी और वह सभी के विचारों को अभिलिखित करेगी. DRC के समक्ष अपील रखने वालों को किसी वकील को रखने की अनुमति नहीं होगी.
अंतिम निर्णय
विवाद निष्पादन समिति की अनुशंसा को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के पास भेजा जायेगा. मंत्रालय अनुशंसा की जाँच करेगा और अनुशंसा प्राप्त होने के 21 दिनों के अन्दर उसे IFD के मन्तव्य के साथ अंतिम निर्णय हेतु मंत्री को भेज देगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Facebook’s new cryptocurrency- Libra
संदर्भ
फेसबुक ने घोषणा की है कि वह 2020 से LIBRA नाम की एक डिजिटल मुद्रा चलाएगी और विश्व-भर में फेसबुक का उपयोग करने वाले करोड़ों लोगों को ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन करने देगा.
LIBRA क्या है?
फेसबुक का कहना है कि Libra एक वैश्विक मुद्रा और वित्तीय अवसंरचना है. दूसरे शब्दों में यह फेसबुक के द्वारा निर्मित एक डिजिटल सुविधा है जो फेसबुक के द्वारा बनाए गये ब्लॉकचेन के साथ-साथ बिटकॉइन और ऐसी अन्य क्रिप्टो मुद्राओं द्वारा प्रयुक्त सुरक्षित प्रौद्योगिकी (encrypted technology) से चलेगी.
LIBRA नाम क्यों पड़ा?
रोम साम्राज्य में भार मापने के लिए लिब्रा नाम की एक इकाई थी. इसी के कारण अंग्रेजी पाउंड को संक्षिप्त रूप से “lb” लिखा जाता है. साथ ही £ प्रतीक भी उसमें जोड़ा जाता है जो और कुछ नहीं “L” का ही एक अलंकृत रूप है.
लिब्रा कौन चलाएगा?
लिब्रा मुद्रा को लिब्रा एसोसिएशन नाम का एक समूह चलाएगा जिसमें कई कम्पनियाँ होंगी. यह एसोसिएशन स्वायत्त और लाभ-रहित संगठन है जिसका मुख्यालय स्विटज़रलैंड होगा.
ब्लॉक चैन क्या होता है?
- ब्लॉक चैन तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसमें क्रेता विक्रेता के मध्य सीधा पैसे का स्थानान्तरण किया जाता है. इस ट्रांजेक्शन में किसी भी बिचौलिए की आवश्यकता नहीं होती है.
- ब्लॉक चैन वितरित डाटा बेस होती है. इसमें लगातार कई रिकार्ड्स को संधारित किया जाता है जिन्हें ब्लॉक कहते हैं जिसमें प्रत्येक ब्लॉक अपने पूर्व के ब्लॉक से लिंक रहता है.
- इस तकनीकी में हजारों कंप्यूटर पर इन्क्रिप्टेड अथवा गुप्त रूप से डाटा सुरक्षित रहता है, इसे पब्लिक लेजर भी कहते हैं.
- वर्तमान में दो लोगों के मध्य पैसों का स्थानान्तरण तीसरे पक्ष के माध्यम से ही होता है, यह तीसरे पक्ष जैसे बैंक, पेपाल, मनी ट्रान्सफर आदि होती हैं और हमें इन लेनदेन के लिए सेवा शुल्क अधिक देना होता है, जबकि ब्लॉकचेन में तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं होती है.
- ब्लॉक चैन तकनीक में किये गये ट्रांजेक्शन में बहुत कम समय लगता है.
- यह एक डिजिटल खाता है जिसमें लेनदेन और सूचनाओं का स्थायी रिकॉर्ड होता है, जिनको सत्यापित किया जा सकता है.
- ब्लॉक चैन मुख्य रूप से बिटक्वाइनऔर इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी में इस्तेमाल किया जाता है. इसका प्रयोग दो पक्षों के बीच अन्य समझौतों की गारंटी देने वाले “स्मार्ट कांट्रैक्ट” बनाने में भी हो सकता है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Financial Stability and Development Council (FSDC)
संदर्भ
पिछले दिनों केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में FSDC की बैठक हुई.
FSDC क्या है?
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद् का गठन दिसम्बर, 2010 में हुआ था. इसका उद्देश्य है –
- वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के तन्त्र को सुदृढ़ करना एवं उसे संस्थागत बनाना.
- विभिन्न नियामक संस्थाओं के बीच समन्वय को बढ़ावा देना तथा वित्तीय प्रक्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करना.
बनावट
- इस परिषद् के अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त मंत्री होते हैं. परिषद् के अन्य सदस्य हैं – भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ; वित्त सचिव एवं/अथवा आर्थिक मामलों के विभाग के सचिग ; वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ; मुख्य आर्थिक सलाहाकार, वित्त मंत्रालय ; सेबी (Securities and Exchange Board of India) के अध्यक्ष ; बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष. इस परिषद् में सदस्य के रूप में ऋण इन्सोल्वेंसी एवं बैंकरप्टसी बोर्ड के अध्यक्ष भी होते हैं.
- विगत मई में सरकार ने एक राजपत्र अधिसूचना निर्गत कर परिषद् के एक सदस्य के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव को भी सम्मिलित कर लिया है क्योंकि दिन-प्रतिदिन डिजिटल अर्थव्यवस्था पर सरकार का बल बढ़ता ही जा रहा है.
परिषद् का कार्य
अन्य कार्यों के अतिरिक्त यह परिषद् मुख्य रूप से वित्तीय स्थिरता से जुड़े इन विषयों पर विचार करती है – वित्तीय प्रक्षेत्र विकास, नियामकों के बीच समन्वय, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेश, बड़े-बड़े वित्तीय संकुलों (conglomerates) के कार्यकलाप समेत अर्थव्यवस्था का पर्यवेक्षण. परिषद् को अपनी गतिविधियाँ चलाने के लिए अलग से कोई निधि आवंटित नहीं की जाती है.
Prelims Vishesh
World Population Projections 2019 :-
- संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक कार्य विभाग के जनसंख्या डिवीज़न ने विश्व जनसंख्या अनुमान 2019 प्रकाशित कर दिया है.
- इसके अनुसार 2027 के आस-पास भारत चीन से आगे निकलते हुए संसार का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा और वर्तमान शताब्दी के अंत तक इस स्थान पर बना रहेगा.
Compulsory retirement :–
- पिछले दिनों आधारभूत नियमावली (Fundamental Rules) के नियम 56 उपवाक्य J का संदर्भ देते हुए वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन सेवा निवृत्ति में भेज दिया.
- विदित हो कि इस नियम में वर्णित है कि – “यदि कोई सक्षम अधिकारी समझता है कि किसी अधिकारी को सेवानिवृत्त करना लोकहित में अच्छा है तो उसे यह निरंकुश अधिकार है कि वह उसे तीन महीने की लिखित सूचना देकर अथवा आगामी तीन महीनों का वेतन-भत्ता देकर उसे सेवा से मुक्त कर सकता है.”
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