Sansar Daily Current Affairs, 21 September 2018
GS Paper 1 Source: PIB
Topic : Portals to strengthen Women Safety launched
संदर्भ
महिला सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए भारत सरकार ने दो पोर्टलों का अनावरण किया है, ये पोर्टल हैं –
- Cyber Crime Prevention against Women and Children (CCPWC) अर्थात् महिला एवं बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम.
- National Database on Sexual Offenders (NDSO) अर्थात् यौन दुष्कर्मियों से सम्बंधित राष्ट्रीय डाटाबेस
महिला एवं बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम (CCPWC)
- इस पोर्टल पर नागरिकों से बाल अश्लील सामग्री, बच्चों से यौनाचार की वस्तुओं तथा बलात्कार एवं सामूहिक दुष्कर्म जैसे यौनाचार से जुड़ी विषय वस्तुओं से सम्बंधित आपत्तिजनक ऑनलाइन सामग्री के विषय में शिकायतें ली जायेंगी.
- इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान बताये बिना सरलता से शिकायत दर्ज कर सकता है. इससे न केवल पीड़ितों अथवा शिकायतकर्ताओं को ही अपितु सामाजिक संगठनों तथा उत्तरदायी नागरिकों को बिना अपना नाम बताये शिकायत करने में सहायता मिलेगी.
- शिकायतकर्ता आपत्तिजनक सामग्री और URL को अपलोड भी कर सकते हैं जिससे राज्य पुलिस को जाँच में सहायता मिले.
- शिकायत पर क्या काम हो रहा है, इस विषय में जानकारी प्राप्त करने की भी पोर्टल में व्यवस्था है.
- राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (The National Crime Records Bureau – NCRB) पोर्टल पर प्राप्त होने वाली आपत्तिजनक सामग्रियों को विलोपित करने के लिए सम्बंधित लोगों के विरुद्ध तत्परता से काम करेगा. इसके लिए भारत सरकार ने इस ब्यूरो को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अनुभाग 79(3)b के तहत सूचना निर्गत करने का अधिकार दे रखा है.
यौन दुष्कर्मियों से सम्बंधित राष्ट्रीय डाटाबेस (NDSO)
- यह पोर्टल जनसामान्य के लिए नहीं है अपितु कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए है.
- इसमें यौन दुराचारियों के बारे में एक केन्द्रीय डाटाबेस होगा जिसका संधारण राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (The National Crime Records Bureau – NCRB) के द्वारा किया जाएगा.
- इस डाटाबेस में उन अपराधियों की जानकारी होगी जिन्हें बलात्कार, सामूहिक दुष्कर्म, POCSO और छेड़छाड़ के आरोपों के लिए सजा मिल चुकी है. वर्तमान में इस डाटाबेस में 4.4 लाख प्रविष्टि हो चुकी हैं.
- राज्य पुलिस को कहा गया है कि वे 2005 से आगे इस डाटाबेस को नियमित रूप से अपडेट करते रहें.
- डाटाबेस में अपराधियों के नाम, पते, छायाचित्र और अँगुलियों के चिन्ह दिए जायेंगे परन्तु इस बात पर भी ध्यान रखा जाएगा कि किसी व्यक्ति की गोपनीयता भंग न हो.
सरकार द्वारा अनावृत दोनों पोर्टलों से आशा की जाती है कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की वर्तमान प्रणाली पहले से कहीं अधिक सुदृढ़ हो सकेगी.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Aspirational Districts Program
संदर्भ
आकांक्षी जिलों में कौशल वर्धन कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में जिला प्रशासनों द्वारा अनुभव की जा रही समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने के लिए भारत सरकार ने यह तय किया है कि कौशल योजना एवं उद्यमिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अक्टूबर 2, 2018 से लेकर जनवरी 26, 2019 तक इन जिलों का दौरा करेंगे.
इन दौरों में क्या-क्या होगा?
- मंत्रालय के अधिकारीगण सबसे पहले जिला समाहर्ता / मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी – जिला परिषद् और राज्य स्तर के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करेंगे.
- भ्रमणकारी दल प्रधानमंत्री कौशल केन्द्रों के कर्मचारियों, प्रशिक्षकों तथा ITI, पोलिटेकनिक, JSS के प्रशासन से भी वार्ता करेगा.
- दौरा करने वाला दल छात्रों और इन जिलों में कार्यशील उद्योग प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेगा. इससे केन्द्रीय अधिकारियों को जिलों में उपलब्ध कौशल पारिस्थतिकी तंत्र को जानने तथा उपलब्ध डाटा के सम्बन्ध में वस्तुस्थिति को समझने में सहायता मिलेगी.
आकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational Districts Programme)
- नव भारत निर्माण के उद्देश्य को पाने के लिए भारत के सबसे पिछड़े जिलों के उन्नयन का कार्यक्रम बनाया गया है. इन जिलों को आकांक्षी जिले अर्थात् Aspirational Districts की संज्ञा दी गई है.
- Tansformation of aspirational जिला कार्यक्रम भारत सरकार के द्वारा जनवरी, 2018 में घोषित किया गया.
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के सबसे अल्प-विकसित जिलों में तेजी से बदलाव लाना है.
- इस कार्यक्रम का मुख्य नारा है – Convergence (समागम – केन्द्रीय और राज्य योजनाओं का), Collaboration (सहयोग – केंद्र स्तरीय एवं राज्य स्तरीय अधिकारीयों एवं जिला समहर्ताओं के बीच, Competition (प्रतिस्पर्द्धा -जिलों के बीच).
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत पूरे देश के 115 जिले चुने गए हैं जिनमें 35 जिले नक्सल-प्रभावित हैं.
ADP की जरुरत
यदि सभी आकांक्षी जिलों में बदलाव आ जायेगा तो देश की आंतरिक सुरक्षा के परिदृश्य में भी सुधार हो जायेगा. साथ ही देश में विकास की गति में तेजी भी हो जाएगी.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Atal Bimit Vyakti Kalyan Yojna
संदर्भ
कर्मचारी राज्य बीमा (The Employee’s State Insurance – ESI) ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत बीमित व्यक्तियों के लिए एक योजना की मंजूरी दी है, जिसका नाम है – अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना.
योजना के लाभार्थी
- यह योजना उन बीमित व्यक्तियों के लिए है जो कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 (Employees’ State Insurance Act, 1948) के तहत कम से कम लगातार दो वर्ष तक आच्छादित (covered) रहे हों.
- जब ऐसा कोई बीमित व्यक्ति आजकल के रोजगार विषयक परिदृश्य को देखते हुए किसी कारण से बेरोजगार हो गया है तो इस योजना के माध्यम से उसे आर्थिक सहारा दिया जाएगा.
मुख्य तत्त्व
- इस योजना के तहत बेरोजगार हो गये व्यक्ति के बैंक खाते में राहत के तौर पर नकद राशि भुगतान कर दी जायेगी.
- इस राशि के लिए धन बीमित व्यक्ति द्वारा ESI योजना में पहले किये गये योगदान से आएगी.
- इस योजना के अंतर्गत नौकरी छूटने के बाद तीन महीने बेरोजगार रहने के पश्चात् बीमित कर्मचारी अपने ESI खाते से 47% तक राशि निकाल सकेगा.
- यह राशि एकमुश्त अथवा किश्तों में निकाली जा सकती है.
- अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना उन सभी कारखानों और प्रतिष्ठानों में लागू होगी जिनमें कम-से-कम 10 श्रमिक काम करते हों.
ESI क्या है?
- ESI भारतीय कर्मचारियों के लिए एक ऐसी सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा की योजना है जिसके लिए राशि उनके वेतन से जमा होती है.
- यह एक स्वायत्त निगम है जिसकी स्थापना श्रम एवं नियोजन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वैधानिक रीति (statutory creation) से की गई थी.
- इस प्रतिष्ठान का प्रबंधन कर्मचारी राज्य बीमा निगम ( Employees’ State Insurance Corporation – ESIC) के द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 में वर्णित नियमों और विनियमों के अनुसार किया जाता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : ‘Sputum sample transportation’ Project
संदर्भ
हाल ही में भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रायोगिक परियोजना आरम्भ की है जिसके अंतर्गत तपेदिक के निदान के लिए बलगम (sputum) के नमूनों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए डाक विभाग की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा.
बलगम (sputum) क्या है?
बलगम वह गाढ़ा द्रव है जो फेफड़ों में और फेफड़ों तक पहुँचने वाली श्वास नाली में उत्पन्न होता है. बलगम का नमूना सामान्यतः कफ के उपचार के लिए लिया जाता है.
तपेदिक बलगम जाँच
- जिन देशों में तपेदिक की दर ऊँची है वहाँ तपेदिक के लिए सबसे पहले बलगम की जाँच की जाती है.
- बलगम की सूक्ष्म जाँच करना सस्ता और सरल होता है तथा अपेक्षाकृत शीघ्र एवं सरलता से इसके लिए किसी को प्रशिक्षित किया जा सकता है.
बलगम के डाक द्वारा स्थानान्तरण की आवश्यकता और महत्ता
- बलगम के नमूनों को प्रयोगशाला तक पहुँचाने के लिए अक्सर यातायात सुविधा का अभाव होता है जिसके कारण अधिकांश रोगियों का निदान नहीं हो पाता है.
- डाक द्वारा बलगम के नमूनों को प्रयोगशाला में भेजे जाने से रोगी को यात्रा करने का कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा. यदि बलगम का नमूना तुरंत और समय पर प्रयोगशाला पहुँच जाता है और उसकी सम्यक जाँच हो जाती है तो तपेदिक को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : China-Pakistan Economic Corridor (CPEC)
संदर्भ
पाकिस्तान ने हाल ही में सऊदी अरबिया को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में तीसरे रणनीतिक भागीदार के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है.
CPEC
- CPEC चीन के One Belt One Road (OBOR) कार्यक्रम का एक अंग है.
- CPEC 51 अरब डॉलर की कई परियोजनाओं का समूह है.
- प्रस्तावित परियोजना के लिए पाकिस्तान सरकार को जिन संस्थाओं द्वारा धन मुहैया कराया जाएगा, वे हैं – EXIM बैंक ऑफ़ चाइना, चाइना डेवलपमेंट बैंक और इंडस्ट्रियल & कमर्शियल बैंक ऑफ़ चाइना.
- चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का उद्देश्य पाकिस्तान के बुनियादी ढांचों को तेजी से विस्तार करना और उन्नत करना है जिससे चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंध मजबूत हो जाएँ.
- CPEC अंततोगत्वा दक्षिणी-पश्चिमी पाकिस्तान के ग्वादर शहर को चीन के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र Xinjiang को राजमार्गों और रेलमार्गों से जोड़ेगा.
- CPEC की लम्बाई 3,000 km है जिसमें राजमार्ग, रेलवे और पाइपलाइन बिछेगी.
भारत की चिंताएँ
- गलियारा का हिस्सा PoK से होकर गुजरेगा जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है. भारत का कहना है कि यह गलियारा उसकी क्षेत्रीय अखंडता को आहत करता है.
- CPEC के कारण हिन्द महासागर में चीन का दबदबा बढ़ सकता है जिससे भारतीय हितों को क्षति पहुँच सकती है.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Missile ‘Prahar’
संदर्भ
हाल ही में रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने अपने बालासोर-स्थित प्रक्षेपण स्थल -III, ITR से स्वदेश में निर्मित सतह-से-सतह मार करने वाले प्रहार नामक प्रक्षेपास्त्र का सफलतापूर्वक परिक्षण किया है.
प्रहार क्या है?
- यह प्रक्षेपास्त्र बहुल रॉकेट प्रणाली वाले “पिनाक” और मध्यम दूरी वाले बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र “PRITHVI” के बीच अंतराल को भरने में सक्षम है. “प्रहार” अलग अलग दिशाओं में कई लक्ष्यों को भेद सकता है.
- “प्रहार” की लम्बाई 7.3 मीटर, व्यास 420 mm और भार 1,280 kg है. यह 150 km तक जा सकता है और 35 km की ऊँचाई से उड़ सकता है.
- यह ठोस ईंधन वाला छोटी दूरी वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसमें दिशा-निर्देश की प्रणाली लगी हुई है.
- “प्रहार” में आधुनिकतम दिशा-निर्देश के उपकरण और बिजली-यांत्रिक प्रणालियाँ लगी हुई हैं. इसमें प्रयुक्त कंप्यूटर उन्नत किस्म का है.
- “प्रहार”तुरंत प्रतिक्रिया करता है. साथ ही यह हर ऋतु में और हर धरातल पर काम कर सकता है. यह अत्यंत सटीक वार करता है.
Prelims Vishesh
National Sports Awards 2018 :
- राष्ट्रीय खेलकूद पुरष्कार 2018 की घोषणा हो चुकी है.
- इस बार राजीव गाँधी खेल रत्न पुरष्कार क्रिकेट खिलाड़ी विराट कोहली और भारोत्तोलन खिलाड़ी मीराबाई चानू को दिया गया है.
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