Sansar डेली करंट अफेयर्स, 22 April 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 22 April 2021


GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Related to Space.

Topic : Russia plans its own space station in 2025

संदर्भ

रूस की अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा वर्ष 2025 में अपना स्वयं का’ ‘ऑर्बिटल स्टेशन’ प्रारम्भ किए जाने की योजना बनाई जा रही है.

पृष्ठभूमि

  1. रूस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (International Space Station– ISS) कार्यक्रम से पृथक् होने तथा अकेले कार्यक्रम प्रारम्भ करने पर विचार किया जा रहा है.
  2. अमेरिकी कंपनी ‘स्पेस एक्स’ के पहले सफल मिशन के पश्चात्, गत वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (ISS) पर भेजी जाने वाली मानव रहित उड़ानों के संदर्भ में, रूस का एकाधिकार समाप्त हो गया था.

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ के बारे में

  1. ‘अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (International Space Station- ISS) की शुरुआत वर्ष 1998 में की गयी थी और इसमें यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी सहित रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जापान की अंतरिक्ष एजेंसीज सम्मिलित हैं. ‘अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (ISS), मानव इतिहास में सबसे महत्त्वाकांक्षी अंतर्राष्ट्रीय सहयोगों में से एक है.
  2. ‘अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (ISS) पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थित एक ‘मॉड्यूलर स्पेस स्टेशन’ (निवास योग्य कृत्रिम उपग्रह) है.
  3. आईएसएस, सूक्ष्म-गुरुत्वीय (Microgravity) और अंतरिक्ष पर्यावरण अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है, जिस पर खगोल-जीवविज्ञान, खगोल विज्ञान, मौसम विज्ञान, भौतिकी और अन्य क्षेत्रों से संबंधित वैज्ञानिक प्रयोग किए जाते हैं.
  4. आईएसएस, लगभग 93 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा करता है तथा प्रति दिन 5 चक्कर पूर्ण करता है.
  5. सोवियत संघ तथा इसके बाद रूस द्वारा भेजे गए साल्युत (Salyut), अल्माज़, और मीर स्टेशनों, तथा अमेरिका द्वारा भेजे गए ‘स्काईलैब’ के बाद आईएसएस नौवाँ अंतरिक्ष स्टेशन है जिस पर चालक दल निवास करता है.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Conservation, environmental pollution and degradation, environmental impact assessment.

Topic : Global Climate Summit 2021

संदर्भ

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने डिजिटल रूप में वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन (global climate summit) का आयोजन किया है. इस जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.

जलवायु परिवर्तन क्या है?

  • किसी स्थान की दीर्घकालीन मौसम संबंधी दशाओं (जैसे- आर्द्रता, वायुमंडलीय दबाव और तापमान आदि) के औसत को जलवायु कहते हैं. जब इस जलवायु में मानवीय एवं प्राकृतिक कारणों से परिवर्तन आ जाता है तो उसे जलवायु परिवर्तन की संज्ञा दी जाती है.
  • वर्तमान में देखा जा रहा है कि मानवीय हस्तक्षेप के कारण जलवायु में कई अवांछनीय बदलाव आ रहे हैं. ग्लोबल वार्मिंग गैसों के उत्सर्जन के कारण पृथ्वी का औसत तापमान पर्याप्त मात्रा में बढ़ रहा है जिसके चलते जलवायु परिवर्तन गंभीर होता चला जा रहा है.
  • जलवायु परिवर्तन की बात करें तो इसमें तापमान में बढ़ोतरी, बारिश का बदलता पैटर्न और तूफान एवं सूखा जैसी विनाशकारी घटनाएँ सम्मिलित हैं. इन सभी घटनाओं का समाज के न केवल आर्थिक जीवन-स्तर पर बल्कि अन्य आयामों पर भी दीर्घकालिक प्रभाव देखने को मिलता है.

जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु वैश्विक प्रयास

  • जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC): यह जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) जलवायु परिवर्तन से संबंधित वैज्ञानिक आकलन करने हेतु संयुक्त राष्ट्र का एक निकाय है.
  • संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC): यह एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जिसका उद्देश्य वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करना है. यह समझौता जून, 1992 के पृथ्वी सम्मेलन के दौरान किया गया था.
  • पेरिस समझौता: वर्ष 2015 में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य के साथ संपन्न पेरिस समझौते को ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिये एक ऐतिहासिक समझौते के रूप में मान्यता प्राप्त है.

जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु भारत के प्रयास

  • जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC): इसे वर्ष 2008 में शुभारंभ किया गया था. इस कार्य योजना में मुख्यतः 8 मिशन शामिल हैं-
  1. राष्ट्रीय सौर मिशन
  2. विकसित ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन
  3. सुस्थिर निवास पर राष्ट्रीय मिशन
  4. राष्ट्रीय जल मिशन
  5. सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन
  6. हरित भारत हेतु राष्ट्रीय मिशन
  7. सुस्थिर कृषि हेतु राष्ट्रीय मिशन
  8. जलवायु परिवर्तन हेतु रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन
  • राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC): भारत के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के घोषित लक्ष्य को 2030 तक प्राप्त करना है.
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संधि (आईएसए): आईएसए भारत और फ्रांस द्वारा 30 नवम्बर, 2015 को पेरिस में प्रारम्भ किया गया प्रथम संधि आधारित अंतर्राष्ट्रीय अंतरसरकारी संगठन है जो 6 दिसंबर, 2017 को अस्तित्व में आया.
  • वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ परियोजना: आईएसए के साथ ही भारत ने “वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ (OSOWOG) परियोजना के अंतर्गत अक्षय ऊर्जा संसाधनों को आपस में जोड़ने के लिए वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की एक पहल शुरू की गयी है.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.

Topic : Insurers get nod to invest in debt instruments of InvITs, Reits

संदर्भ

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) तथा रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) द्वारा जारी ऋण प्रतिभूतियों (debt securities) में निवेश करने की अनुमति प्रदान की है.  

इस कदम से रियल एस्टेट क्षेत्र को अधिक दीर्घकालिक वित्तपोषण प्रदान करते हुए, फर्मों द्वारा धारित निवेश सूची की कुल प्राप्ति में सुधार की अपेक्षा की गई है.

IRDAI द्वारा जारी अधिसूचना के मुख्य बिंदु

  • बीमा कंपनियाँ किसी भी रेटिंग के InvITs या REITs के बॉन्ड में निवेश कर सकती हैं.
  • बीमाकर्ता किसी एकल InvIT या REIT में बकाया ऋण लिखतों का 10% से अधिक निवेश नहीं कर सकते हैं.
  • बीमाकर्ताओं के निवेश का 75 प्रतिशत AAA-रेटिंग वाली परिसंपत्तियों में होना चाहिए, जबकि 25% AA या A- रेटिंग वाले लिखतों में किया जा सकता है.

InvITS क्या है?

  • यह म्यूचुअल फंडों की भांति एक सामूहिक निवेश योजना है. यह व्यक्तिगत/संस्थागत निवेशकों को अवसंरचना में लघु राशि का प्रत्यक्ष निवेश करने में सक्षम बनाती है. इससे उन्हें प्रतिलाम के रूप में अल्प आय अर्जित होती है.
  • यह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (अवसंरचना निवेश न्यास) विनियम, 2014 द्वारा विनियमित है.

REITs क्या है?

  • यह एक कंपनी है, जो आय-उत्पादक संपत्तियों का स्वामित्व, संचालन और वित्तीयन करती है. यह व्यक्तियों को बड़े पैमाने पर आय-उत्पादक रियल एस्टेट में निवेश करने की अनुमति प्रदान करती है. यह नियमित आय (लाभांश के माध्यम से) और दीर्घकालिक पूँजीगत मूल्यवृद्धि सृजित करती है.
  • यह सेबी द्वारा विनियमित है.

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के बारे में

  • भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण इरडा एक स्वायत सांविधिक एजेंसी है जिसका कार्य भारत में बीमा और पुनः बीमा करने वाले उद्योगों का नियमन करना और उन्हें बढ़ावा देना है.
  • इसे बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम,1999 के तहत भारत सरकार द्वारा गठित किया गया था.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

IRDAI सैंडबॉक्स क्या है? :-

  1. IRDAI सैंडबॉक्स एक नियामक सैंडबॉक्स है. इस सैंडबॉक्स में शामिल होने के लिए किसी कम्पनी का शुद्ध मूल्य 10 लाख रु. होना चाहिए और उसका कम से कम 1 वर्ष का वित्तीय रिकॉर्ड भी होना चाहिए.
  2. इस सैंडबॉक्स में कम्पनियों को पाँच श्रेणियों के अंतर्गत अपने उत्पादों का एक वर्ष तक परीक्षण करने की छूट होगी.
  3. जिन श्रेणियों में कम्पनियाँ अपने उत्पाद जाँच सकेंगी, वे हैं – बीमा का आवेदन अथवा वितरण, बीमा उत्पाद, अंडर राइटिंग, पालिसी और दावों का निस्तारण.

GS Paper 4 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Ethical issues involved.

Topic : Human cells grown in monkey embryos spark ethical debate

संदर्भ

हाल ही में, अमेरिकी शोधकर्ताओं को पहली बार मानव कोशिकाओं को बंदर के भ्रूण में विकसित करने में सफलता प्राप्त हुई है.

  1. मैकाक बंदरों के भ्रूण में मानव कोशिकाओं को एकीकृत करके, शोधकर्ताओं ने एक नामुमकिन समझा जाने वाला ‘काल्पनिक उपकरण’ (काइमरिक टूल-Chimeric Tool) निर्मित किया है.
  2. ये काल्पनिक जीव, जिन्हें ‘किमीरा’ (Chimeras) कहा जाता है, दो भिन्न प्रजातियों की कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं. संबंधित मामले में ये ‘किमीरा’ मनुष्य और बंदर प्रजातियों से बने हैं.

काइमरिक’ शोध का उद्देश्य

  1. शोधकर्ताओं का मानना ​​है, कि दो अलग-अलग प्रजातियों की कोशिकाओं को एक साथ विकसित करने की यह क्षमता वैज्ञानिकों को अनुसंधान और चिकित्सा के लिए एक शक्तिशाली उपकरण प्रदान करती है, जिससे, प्रारंभिक मानव विकास, बीमारियों का उद्भव, विकास-अनुक्रम तथा उम्रवृद्धि संबंधी वर्तमान जानकारी में वृद्धि होगी.
  2. इसके अतिरिक्त, इस तरह के शोध से दवाओं के आकलन में भी सहायता मिल सकती है और अंग-प्रत्यारोपण जैसी महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं का समाधान किया जा सकता है.

इससे संबंधित नैतिक चिंताएँ

  1. आमतौर पर, विभिन्न प्रजातियां परस्पर संकर-प्रजनन नहीं करती हैं और यदि वे ऐसा करती हैं, तो इससे उत्पन्न संतान लंबे समय तक जीवित नहीं रहती हैं और इस प्रकिया में कोई संतान न होने की संभावना अधिक होती है. हालांकि, कुछ दुर्लभ संकर जीव, प्राकृतिक रूप से मौजूद पाए गए हैं और ये संभवतः विभिन्न प्रजातियों के जीवों के मध्य अनजाने में हुई क्रॉस ब्रीडिंग का परिणाम होते है.
  2. यद्यपि ‘किमीराओं’ के बारे अधिक शोध, प्रगति की ओर अग्रसर कर सकते हैं, जिसका अर्थ होगा कि, इनका उपयोग मनुष्यों के लिए अंगों के स्रोत के रूप में किया जा सकता है. फिर भी, ये ‘किमीरा’, मानव और गैर-मानव कोशिकाओं का मिश्रण होंगे, यह विचार ही कई लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकता है.
  3. यह शोध “नैतिक स्तर पर दार्शनिक और नैतिकता संबंधी मुद्दे को उठाता है: हमें अन्य जीव-रूपों के प्रति किस प्रकार का व्यवहार करना चाहिए?”.
  4. इस शोध के विरोधियों का तर्क है कि, ‘किमीरा शोध’ जानवरों के प्रति होने वाले अन्याय को और बदतर कर सकता है और ये मानव आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मानव-जानवर अंगो का उपयोग करने के औचित्य की ओर भी ध्यान दिलाते हैं.

अतीत में इस प्रकार के मामले

  1. वर्ष 2018 में, डॉ. हे जियानकुई (He Jiankui) ने जीन एडिटिंग तकनीक ‘CRISPR’ का उपयोग करके आनुवंशिक रूप से संशोधित शिशुओं (Modified Babies) को उत्पन्न करने का दावा किया था.
  2. डॉ जियानकुई ने दावा किया, कि उन्होंने एक मानव भ्रूण के जीन को परिवर्तित कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप विशिष्ट वांछित विशेषताओं के साथ जुड़वा लड़कियों का जन्म हुआ है. इस घटना को, इस प्रकार से मानव-संतति की उत्पत्ति का पहला उदाहरण माना जाता है.
  3. भारत जैसे विकासशील देशों में, आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें भी एक विवादास्पद विषय हैं.

Prelims Vishesh

ASEAN initiative on Myanmar :-

  • भारत ने म्यांमार में हिंसा को समाप्त करने के लिए आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस: ASEAN) की अगुवाई में एक पहल का स्वागत किया है, क्योंकि फरवरी 2021 में आंग सान सू की के नेतृत्व वाली सरकार को सेना ने निरस्त कर दिया था.
  • आसियान नेताओं ने पाँच बिंदुओं पर सहमति प्रकट की है: > i) हिंसा समाप्त करना, ii) सभी पक्षों के मध्य एक रचनात्मक संवाद स्थापित करना, iii) संवाद की सुविधा के लिए एक विशेष आसियान दूत नियुक्त करना, iv) सहायता की स्वीकृति और v) म्यांमार के सैन्य नेता के साथ दूत द्वारा म्यांमार की यात्रा.

Trachoma :-

  • घाना के उपरांत, ट्रेकोमा को उन्मूलित करने वाला गैम्बिया दूसरा अफ्रीकी राष्ट्र बन गया है.
  • ट्रेकोमा एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (neglected tropical disease) और विश्व भर में दृष्टिहीनता का प्रमुख संक्रामक कारण है.
  • यह क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस (chlamydia trachomatis) जीवाणु द्वारा नेत्र में बार-बार संक्रमण के कारण होता है.
  • यह एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति के नेत्रों, पलकों और नाक या गले के स्राव के संपर्क से फैलता है.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक ट्रेकोमा के वैश्विक उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है.
  • भारत ने वर्ष 2017 में ट्रेकोमा का उन्मूलन कर दिया था.

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