Sansar डेली करंट अफेयर्स, 22 August 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 22 August 2018


GS Paper 1 Source: The Hindu

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Topic : NCRB to track complaints on sexual violence

संदर्भ

हाल ही में सरकार की उच्चस्तरीय बैठक में बाल पोर्नोग्राफी और यौन-हिंसा के विडियो को अभिलिखित करने वाले सरकारी पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का अनुश्रवण करने के लिए राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (National Crime Records Bureau – NCRB) को नोडल एजेंसी घोषित किया गया है. साथ ही अब NCRB फेसबुक, यूट्यूब जैसे सेवा प्रदाताओं से समन्वय करेगा तथा उन्हें गंदे विडियो और सामग्रियों को ब्लॉक करने के लिए कहेगा.

NCRB के बारे में

  • NCRB अपराधों, दुर्घटनाओं, आत्महत्याओं एवं कारागारों के विषय में प्रामाणिक आँकड़ों का संग्रह करता है जिनका उपयोग नीति-निर्धारण एवं अनुसंधान के लिए किया जाता है.
  • इसकी स्थापना 1986 में राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) तथा गृह मंत्रालय के कार्यदल (1985) के अनुशंसाओं पर हुई थी.
  • इसकी स्थापना इन कार्यालयों को एक साथ मिलाकर की गई थी – समन्वय एवं पुलिस कंप्यूटर निदेशालय (DCPC), CBI की अंतर्राज्य अपराधी आँकड़ा शाखा (Inter State Criminals Data Branch), CBI का केन्द्रीय अन्गुलांक ब्यूरो (Central Finger Print Bureau) तथा BPR&D की सांख्यिकी शाखा.

मुख्य कार्य

  • भारत सरकार की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत मिशन मोड पर संचालित परियोजना अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली (CCTNS) के कार्यान्वयन के लिए यह ब्यूरो कार्यान्वयन और अनुश्रवन एजेंसी है. इस परियोजना का उद्देश्य देश में पुलिस की क्षमता को बढ़ाने के लिए व्यापक एवं समेकित तन्त्र को स्थापित करना है.
  • NCRB भारत एवं विदेश के पुलिस अधिकारियों को सूचना प्रौद्योगिकी एवं अन्गुलांक विज्ञान (fingerprint science) का प्रशिक्षण भी देता है.

अपराध के बढ़ते आँकड़े

  • 2015 में 34,651 बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे जो 2016 में बढ़कर 38,947 हो गये.
  • जहाँ तक स्त्रियों के प्रति सभी प्रकार के अपराध की बात है, इन अपराधों की संख्या 2015 में 3,29,243 थी जो 2016 में बढ़कर 3,38,954 हो गयी.
  • स्त्रियों के प्रति अपराधों में 32.6% मामले पति अथवा रिश्तेदारों के द्वारा क्रूरता, 25% मामले महिलाओं के शीलहरण (outrage her modesty) की चेष्टा, 19% मामले महिलाओं के अपहरण तथा 11.5% मामले बलात्कार से सम्बंधित थे.
  • 2016 में सबसे अधिक बलात्कार के मामले मध्य प्रदेश (4,882), उत्तर प्रदेश (4,816) तथा महाराष्ट्र (4,189) में दर्ज हुए.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : NOTA in Rajya Sabha

संदर्भ

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग की उस अधिसूचना को निरस्त कर दिया है जिसमें राज्य सभा चुनाव में NOTA (None Of The Above) के प्रयोग का विकल्प दिया गया था.

NOTA क्यों हटाया गया?

  • सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि NOTA विकल्प मात्र सार्वभौमिक वयस्क मतदान एवं प्रत्यक्ष चुनाव के लिए है न कि राज्य सभा चुनाव के लिए जिसमें मतदान की प्रणाली बिल्कुल अलग होती है.
  • यदि राज्यसभा के चुनाव में NOTA की छूट मिलती है तो इसका दुरूपयोग मतों की खरीद, भ्रष्टाचार में किया जा सकता है.
  • NOTA की मंजूरी से सम्बंधित चुनाव आयोग का परिपत्र अवैध है क्योंकि आयोग को यह अधिकार नहीं है कि वह अनुच्छेद 80(4), जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और चुनाव आचार नियम, 1961 के विरुद्ध कोई आदेश दे सके.

NOTA क्या है?

  • 2013 में ने सुप्रीम कोर्ट लोक सभा और विधान सभाओं के लिए NOTA के प्रयोग का विधान किया था.
  • 2014 में यह विकल्प राज्यसभा चुनाव के लिए भी घोषित किया गया.
  • इस प्रकार भारत NOTA का प्रयोग करने वाला विश्व का 14वाँ देश बन गया था.
  • NOTA का चिन्ह National Institute of Design (NID) अहमदाबाद द्वारा निर्मित किया गया हैं.
  • 16वें लोकसभा चुनाव में 60 लाख मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया था.
  • नोटा का सर्वाधिक प्रयोग पुडुचेरी में किया गया था.

NOTA अच्छा क्यों है?

  • NOTA के विकल्प के कारण राजनैतिक दल इमानदार उम्मीदवार खड़ा करने के लिए विवश हो जायेंगे.
  • नोटा लोगों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है.
  • NOTA के प्रयोग से मतदान का प्रतिशत बढ़ेगा.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : ILO report flags wage inequality in India

संदर्भ

हाल ही में भारतीय श्रम संघठन (ILO) ने भारतीय मजदूरी प्रतिवेदन (India Wage Report) प्रकाशित किया है.

रिपोर्ट के मुख्य तथ्य

आर्थिक सुधारों के सूत्रपात के पश्चात् पहले दो दशकों में भारत में औसत दैनिक मजदूरी दुगुनी हो गयी है, परन्तु अभी भी वेतन कम हैं और मजदूरी समान नहीं है जोकि समावेशी विकास के लिए एक गंभीर चुनौती है.

2009-10 में दिहाड़ी मजदूरों के एक तिहाई मजदूर राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी पा रहे थे. विदित हो कि राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी कानून रूप से बाध्यकारी न होकर मात्र संकेतात्मक है.

2011-12 में भारत में औसत मजदूरी प्राय: 247 रु. प्रतिदिन थी जोकि 1993-94 में इसकी आधी अर्थात् 128 रु. थी.

औसत मजदूरी में बढ़ोतरी ग्रामीण क्षेत्रों में और आकस्मिक मजदूरों में सबसे तेज पाई गई, परन्तु आकस्मिक मजदूरों की मजदूरी औसतन मात्र ₹143 प्रतिदिन थी. विदित हो कि कमाऊ जनसंख्या के 62% लोग आकस्मिक मजदूर ही हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों (175 रु.) की तुलना में शहरी क्षेत्रों (384 रु.) की दैनिक मजदूरी दुगुनी रही. साथ यह देखा गया कि ऊँची दिहाड़ी वाले राज्यों में नीची दिहाड़ी राज्यों की तुलना में मजदूरी अधिक तेजी से बढ़ी.

मजदूरी के मामले में लिंगानुपात 1993-94 के 48% से घटकर 2011-12 में 34% हो गयी, परन्तु यह अभी भी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है. आकस्मिक दिहाड़ी पर काम करने वाली ग्रामीण महिला मजदूर अन्य मजदूरों की तुलना में सबसे कम (₹104) दिहाड़ी पाती हैं.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Plea challenges changes in SC/ST law

संदर्भ

2018 के मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में एक संशोधन विधेयक पारित किया गया था जिसमें SC/ST Act के प्रावधानों को फिर से लागू करने की बात कही गई है. ज्ञातव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में यह आदेश दिया था कि SC/ST Act के तहत कार्रवाई करते समय सम्बंधित व्यक्ति की सुनवाई की जाए और आवश्यकता होने पर ही उसे जेल में डाला जाया जाए.

सरकार द्वारा पारित संशोधन को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है.

याचिका का आधार

  1. यह संशोधन 2019 के चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया है.
  2. यह आवश्यक नहीं है यदि कोई सवर्ण जाति का है तो उसे अपराधी मान लिया जाए.
  3. SC/ST Act का जमकर दुरुपयोग हो रहा है और हाल ही में इसके तहत दायर मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

पृष्ठभूमि

मार्च 20 के एक निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने मूल अधिनियम के उस प्रावधान को निरस्त कर दिया था जिसमें आरोपित व्यक्ति को बिना जाँच-पड़ताल के गिरफ्तार कर लिया जाता है. न्यायालय ने इसके स्थान पर यह निर्णय दिया कि आरोपित व्यक्ति तभी गिरफ्तार हो जब प्राथमिक जाँच में आरोप प्रथम दृष्टया सत्यापित हो. सर्वोच्च न्यायाय के इस आदेश का दलित समूहों द्वारा प्रबल विरोध किया गया. न्यायालय ने भी अपने निर्णय को बदलने से इनकार कर दिया.

SC/ST Act के बारे में

  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम संसद द्वारा सितम्बर 9, 1989 में पारित हुआ था और इस अधिनियम के लिए नियमों की अधिसूचना मार्च 31, 1995 में निर्गत हुई थी.
  • इस अधिनियम में 22 अपराध वर्णित किये गये हैं. इन अपराधों में आर्थिक, लोकतांत्रिक एवं सामाजिक अधिकारों का हनन, भेदभाव, शोषण तथा विधि प्रक्रिया का दुरूपयोग शामिल हैं.
  • अन्य मुख्य अपराध हैं – कुछ स्थलों पर जाने से रोकना, पारम्परिक मार्गों के उपयोग से रोकना, अखाद्य वस्तु पिलाना अथवा खिलाना, यौन शोषण, शारीरिक क्षति, संपत्ति से सम्बंधित अत्याचार, दुष्टतापूर्ण मुकदमे, राजनैतिक तथा आर्थिक शोषण.
  • अधिनियम का अनुभाग 14 यह प्रावधान करता है कि प्रत्येक जिले में इस अधिनियम के अन्दर आने वाले अपराधों का मुकदमा एक विशेष अदालत में चलेगा.

संशोधन में प्रविष्ट नए अनुच्छेद

मूल अधिनियम के अनुभाग 18 के पश्चात् ये तीन नए अनुच्छेद प्रविष्ट किए जा रहे हैं –

  • किसी व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्राथमिक जाँच की आवश्यकता नहीं होगी.
  • अधिनियम के अंतर्गत किये गये किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए पूर्वानुमति की आवश्यकता नहीं होगी.
  • आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) के अनुभाग 438 में वर्णित अग्रिम जमानत के प्रावधान इस अधिनियम के अधीन दायर मामले में नहीं लागू होंगे.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : UDAN scheme for international routes

संदर्भ

भारत सरकार ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वायु संपर्क योजना (Air Connectivity Scheme) के प्रारुप का अनावरण किया है.

मुख्य तथ्य

  • लक्ष्य :- इस योजना में 2027 तक अंतर्राष्ट्रीय टिकट क्रय को 20 करोड़ तक पहुँचाने का प्रस्ताव है.
  • यह योजना उन्हीं राज्यों के लिए होगी जो इसे कार्यान्वित का संकल्प प्रदर्शित करेंगे और योजना के तहत आवश्यक सुविधाओं को जुटाने का काम करेंगे.
  • प्रारूप  के अनुसार कहाँ-कहाँ विमान चलाये जायेंगे उसका निर्णय राज्य सरकारें करेंगी और हवाई जहाज चलाने वाले राज्यों की माँग का मूल्यांकन करके प्रस्ताव देंगे.
  • इस योजना में वे ही जहाज उपयोग में लाये जायेंगे जो 70 से अधिक सीटों वाले होंगे और जिनके डैने स्थिर होंगे.
  • योजना के अनुसार इसके सञ्चालन के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय वायु सम्पर्क कोष (International Air Connectivity Fund – IACF) बनाया जाएगा जिसमें राज्य सरकारें अपना योगदान करेंगी. इस कोष से योजना के लिए सब्सिडी दी जायेगी.
  • सब्सिडी तीन साल तक की दी जाएगी और यह चुनी हुई वायुयान सेवाओं को उन सवारी सीटों के लिए दी जायेगी जो उड़ते समय खाली रह गई है.
  • भारतीय वायुपत्तन प्राधिकरण (Airport Authority of India) इस योजना के कार्यान्वयन की एजेंसी होगी.

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