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Sansar Daily Current Affairs, 22 July 2019
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : National Social Assistance Programme (NSAP)
संदर्भ
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) क्या है?
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक केंद्र-संपोषित योजना है जो 15 अगस्त, 1995 से चल रही है. यह योजना संविधान की धारा 41 (नीति-निर्देशक तत्त्व) के अनुरूप है जिसमें राज्य को आजीविकाहीन, विध, रुग्ण और निःशक्त नागरिकों को देश की आर्थिक क्षमता के अनुसार सहायता पहुँचाने का निर्देश है.
- इस योजना के तहत अर्हता प्राप्त लोगों को सामाजिक पेंशन के रूप में नकद सहायता दी जाती है.
- वर्तमान में इस योजना का लाभ निर्धनता रेखा के नीचे के 3 करोड़ जन उठा रहे हैं जिनमें 80 लाख विधवाएँ, 10 लाख दिव्यांग और 2 करोड़ वयोवृद्ध हैं.
NSAP के अन्दर आने वाली पाँच योजनाएँ कौन-सी हैं?
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (IGNOAPS)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS)
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (IGNDPS)
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (NFBS)
- अन्नपूर्णा
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Finance Commission of India
संदर्भ
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 30 नवम्बर, 2019 तक बढ़ाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है.
वित्त आयोग
वित्त आयोग (Finance Commission) को 22 नवम्बर, 1951 में संविधान के अनुच्छेद 280 के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा पहली बार संविधान लागू होने के दो वर्ष के भीतर गठित किया गया. इस आयोग के प्रथम अध्यक्ष के.सी. नियोगी थे. प्रत्येक पाँच वर्ष की समाप्ति पर या उससे पहले ऐसे समय, जिसे राष्ट्रपति आवश्यक समझे, एक वित्त आयोग को गठित करता है. राष्ट्रपति द्वारा गठित इस आयोग में एक अध्यक्ष (chairman) और चार अन्य सदस्य (members) होते हैं.
अध्यक्ष और अन्य सदस्य की योग्यता
- इसका अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति चुना जाता है जो सार्वजनिक कार्यों में व्यापक अनुभव वाला होता है. वित्त आयोग 2017 के अध्यक्ष योजना आयोग के पूर्व सदस्य थे.
- शेष चार सदस्यों में एक उच्च न्यायालाय का न्यायाधीश या किसी प्रकार का योग्यताधारी होता है.
- दूसरा सदस्य सरकार के वित्त और लेखाओं का विशेष ज्ञानी होता है.
- तीसरा सदस्य वित्तीय विषयों और प्रशासन के बारे में व्यापक अनुभव वाला होता है.
- चौथा सदस्य अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञानी होता है.
वित्त आयोग के कार्य
आयोग का यह कर्तव्य है कि वह निम्न विषयों पर राष्ट्रपति को सिफारिश करता है –
- आय कर और अन्य करों से प्राप्त राशि का केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किस अनुपात में बँटवारा किया जाये.
- “भारत के संचित कोष” से राज्यों के राजस्व में सहायता देने के क्या सिद्धांत हों.
- सुदृढ़ वित्त के हित में राष्ट्रपति द्वारा आयोग को सौंपे गए अन्य विषय के बारे में आयोग राष्ट्रपति को सिफारिश करता है.
मुख्य तथ्य
- 1951 में वित्त आयोग का गठन हुआ.
- अनुच्छेद 280 के तहत गठन.
- इस अनुच्छेद के अनुसार राष्ट्रपति संविधान के प्रारम्भ से दो वर्ष के भीतर एक वित्त आयोग का गठन करेगा और उसके बाद प्रत्येक पाँचवे वर्ष की समाप्ति या उससे पहले जिसे भी राष्ट्रपति द्वारा आवश्यक समझा जायेगा.
- वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और 4 अन्य सदस्यों को शामिल किया जाएगा जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करेगा.
- अध्यक्ष और सदस्य को दुबारा नियुक्त किया जा सकता है.
- अध्यक्ष वह बनाया जायेगा जिसके पास सार्वजनिक मामलों का अनुभव हो.
- जबकि अन्य सदस्यों में एक उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या उसकी योग्यता रखने वाला कोई व्यक्ति होना चाहिए.
- दूसरा व्यक्ति वित्त और लेखों की विशेष जानकारी रखता हो.
- तीसरा सदस्य वित्तीय मामलों और प्रबंधन का जानकार हो.
- चौथा सदस्य अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञान रखने वाला हो.
- संसद कानून बनाकर आयोग के सदस्यों की नियुक्ति और उनकी योग्यता निर्धारित करेगी.
वित्त आयोग को एक स्थायी संस्था बनाया जाना चाहिए?
- वित्त आयोग एक अस्थायी संस्था है जिसका समय-समय पर विस्तार होता रहा है. इस कारण इसकी नीतियों और दृष्टिकोण में सततता का अभाव देखा जाता है. अलग-अलग वित्त आयोगों ने कर आवंटन के सिद्धांतों पर अलग-अलग रूप अपनाया.
- अतः यह आवश्यक प्रतीत होता है कि इसके सिद्धांत और कार्य में एकरूपता हो जिससे कि राज्य को मिलने वाले कोष को लेकर अनिश्चितता का वातारण न हो. GST आ जाने के बाद ऐसा करना और भी आवश्यक हो गया है.
- यदि वित्त आयोग को स्थायी बना दिया जाए तो एक वित्त आयोग के विघटन और नए वित्त आयोग के गठन के बीच के अंतराल में वह अपना कार्यकलाप चालू रख सकेगा. इस अवधि में वह अपनी अनुशंसाओं के कार्यान्वयन में होने वाली अड़चनों का समाधान भी कर पायेगा.
GS Paper 3 Source: PIB
Topic : Crime and Criminal Tracking Network System (CCTNS)
संदर्भ
अपराध एवं आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क (CCTNS) तथा प्रणाली के अंतर्गत भारत-भर के 14,874 पुलिस थानों को लाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 14,306 पुलिस थाने (बिहार के थानों को छोड़कर) अभी तक इस परियोजना के अन्दर आ चुके हैं.
CCTNS परियोजना क्या है?
2009 के जून में आरम्भ की इस परियोजना का उद्देश्य पुलिस थाने के स्तर पर कुशलता एवं प्रभावशालिता बढ़ाने के लिए एक व्यापक और समेकित प्रणाली स्थापित करना है. इसके लिए ई-प्रशासन के सिद्धांतों पर चला जायेगा और अपराध के अन्वेषण और अपराधियों का पता लगाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के आधार पर आधुनिकतम ट्रैकिंग प्रणाली के विकास के लिए एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क तैयार किया गया है. CCTNS एक मिशन मोड पर चलने वाली परियोजना (MMP) होगी जो भारत सरकार के राष्ट्रीय ई-प्रशासन योजना के अन्दर संचालित की जाती है.
परियोजना के अधीन कार्य
- यह परियोजना देश-भर के 15,000 पुलिस थानों और पर्यवेक्षण स्तर के पुलिस अधिकारियों के 500 कार्यालयों को एक दूसरे से जोड़ेगी तथा इसके लिए प्राथमिकी के पंजीयन, अन्वेषण एवं आरोपपत्र से सम्बंधित सभी आँकड़ों को डिजिटल रूप देगी.
- यह परियोजना न केवल पुलिस थानों और उच्चतर स्तरों पर हो रहे कार्यकलाप को स्वचालित बनाएगी, अपितु इन सार्वजनिक सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए सुविधाओं एवं तन्त्र का सृजन भी करेगी, जैसे – शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण, पंजीकृत मामले की स्थिति को जानना, व्यक्तियों का सत्यापन आदि.
- 2015 में इस परियोजना में एक अतिरिक्त उद्देश्य जोड़ा गया जिसके अनुसार अंतर-संचालनीय अपराध न्याय प्रणाली (Inter-operable Criminal Justice System – ICJS) के लिए एक आधारभूत मंच भी स्थापित किया जाएगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : `Internet Saathi’ programme
संदर्भ
गूगल इंडिया और टाटा ट्रस्ट ने यह निर्णय किया है कि वे अपने “इन्टरनेट साथी” नामक डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम का विस्तार कर उसे पंजाब और ओडिशा के गाँवों में रहने वाली महिलाओं तक पहुँचायेंगे.
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में यह कार्यक्रम 18 राज्यों के 2.26 लाख गाँवों तक पहुँच चुका है. पंजाब और ओडिशा के गाँवों को जोड़ने से यह कार्यक्रम अब 20 राज्यों तक विस्तारित हो जाएगा.
इन्टरनेट साथी कार्यक्रम क्या है?
- यह कार्यक्रम गूगल इंडिया और टाटा ट्रस्ट के संयुक्त पहल पर संचालित हो रहा है.
- इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना है.
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत गाँवों में “साथियों” को प्रशिक्षित किया जाएगा और वे अपने-अपने गाँव की अन्य महिलाओं को यह सिखाएंगी कि इन्टरनेट का प्रयोग कैसे करें.
कार्यक्रम का माहात्म्य
इस कार्यक्रम के कारण भारत के गाँवों में डिजिटल साक्षरता को लेकर पुरुष और स्त्री के बीच जो अंतराल है उसको पाटने का काम किया जा रहा है. कई स्त्रियाँ इसके अंतर्गत प्रशिक्षित होकर छोटे-छोटे व्यवसाय करने लगी हैं जैसे सिलाई, मधुमक्खी पालन और सौन्दर्य पार्लर. कुछ महिलाएँ बालिका शिक्षा, मासिक धर्म स्वच्छता तथा अन्य कई विषयों में अपने समुदायों के बीच जागृति पैदा कर रही हैं.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : The wheels to a low-carbon transport system
संदर्भ
पिछले दिनों वैश्विक कार्बन परियोजना का प्रतिवेदन प्रकाशित हुआ है. इससे पता चलता है कि भारत के सड़क परिवहन में विश्व के अन्य देशों की तुलना में उत्सर्जन कम होता है, परन्तु यह तेजी से बढ़ रहा है. प्रतिवेदन में बताया गया है कि 2018 में भारत में इस प्रकार के उत्सर्जन के बढ़ने की दर वैश्विक वृद्धि की तुलना में दुगुनी है.
पृष्ठभूमि
विश्व में होने वाले उत्सर्जन का ¼ अंश परिवहन क्षेत्र से होता है और उसमें भी ¾ सड़क परिवहन के कारण होता है.
सड़क परिवहन से उत्पन्न उत्सर्जन को घटाना आवश्यक क्यों?
सड़क परिवहन से होने वाले CO2 उत्सर्जन को घटाने से अनेक लाभ हैं. उदाहरण के लिए इससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा और लोगों की शारीरिक गतिविधि में वृद्धि होगी. ज्ञातव्य है कि मनुष्य मात्र के लिए, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए शारीरिक गतिविधि उनके कल्याण हेतु अत्यावश्यक होती है.
उत्सर्जन को घटाने के लिए क्या करें?
- सबसे पहले यह समझना होगा कि आय और शहरीकरण में वृद्धि किस प्रकार यात्रा की दूरी और यात्रा के साधन को प्रभावित करते हैं.
- पौर एवं नगर योजना निर्माताओं को चाहिए कि वे शहरों को सार्वजनिक परिवहन तथा साइकिल चलाने की सुविधा को ध्यान में रखकर व्यवस्थित करें जिससे एक ओर जहाँ आवागमन में वृद्धि हो तो वहीं मोटर कार का प्रयोग कम से कम हो.
- स्वचालित वाहनों के लिए भारत तीसरा सबसे बाजार है जहाँ 2017 में 20 मिलियन दुपहिया वाहनों समेत 25 मिलियन अंतरदाही इंजनों वाले वाहन बिके थे. ऐसे में भारत सरकार ने बिजली से चलने वाले दुपहिया और तिपहिया वाहनों को प्रोत्साहित करने की रणनीति बनाई है. इस रणनीति को अब विशेष बल देकर लागू करना होगा.
- यदि नगर सुनियोजित ढंग से बने तो एक स्थान से दूसरे स्थान जाना सुगम हो जाता है और परिवहन से होने वाला उत्सर्जन भी घट जाता है.
Prelims Vishesh
Broadband Readiness Index for states :-
- भारत के राज्यों और संघीय क्षेत्रों हेतु एक ब्रॉडबैंड तत्परता सूचकांक (BRI) के निर्माण के लिए भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) तथा भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्बन्ध अनुसंधान परिषद् (ICRIER) ने एक स्मृति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं.
- इस सूचकांक के लिए जो मुख्य संकेतक चिन्हित किये गये हैं, वे हैं – इंटरनेट / कनेक्शन के साथ कंप्यूटर / लैपटॉप का उपयोग करने वाले परिवारों का प्रतिशत, ब्रॉडबैंड कनेक्शन के साथ घरों का प्रतिशत, इंटरनेट का प्रयोग करने वालों का प्रतिशत, स्मार्टफोन कितनों के पास है, ऐसे घरों का प्रतिशत क्या है जहाँ कम से कम एक व्यक्ति डिजिटल रूप से साक्षर है.
Russia Launches Spektr-RG :-
- पिछले दिनों Spektr-RG नामक एक रूस-जर्मनी के द्वारा तैयार की गई उच्च उर्जा वाली अन्तरिक्षीय वेधशाला का प्रक्षेपण किया गया.
- आशा की जाती है कि यह अन्तरिक्षयान 1 लाख आकाशगंगा संकुलों, 30 लाख विशाल आयतन वाले कृष्ण विवरों, लाखों तारा बनाने वाली आकाशगंगाओं का पता लगाने के अतिरिक्त प्लाज्मा की उपस्थिति और अनेक प्रकार के पिंडों का पता लगाएगा.
- वेधशाला में दो एक्स-रे दर्पण दूरबीन शामिल हैं, जिन्हें ART-XC और eROSITA कहा जाता है.
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