Sansar Daily Current Affairs, 23 August 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : President appoints Governors of seven states
संदर्भ
राष्ट्रपति कोविंद ने इन सात राज्यों में नए राज्यपाल नियुक्त किये हैं – बिहार, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, सिक्किम, मेघालय और त्रिपुरा.
नए राज्यपालों के नाम
- बिहार – लालजी टंडन
- हरियाणा – सत्यदेव नारायण आर्य
- उत्तराखंड -बेबी रानी मौर्य
- जम्मू और कश्मीर -सत्यपाल मलिक
- सिक्किम – गंगा प्रसाद
- मेघालय- तथागत रॉय
- त्रिपुरा – कप्तान सिंह सोलंकी
राज्यपाल के लिए योग्यताएँ – Eligibility/Qualifications
इस पद पर वही व्यक्ति नियुक्त हो सकता है जो –
- भारत का नागरिक हो.
- जिसकी आयु 35 वर्ष से अधिक हो.
- जो संसद या विधानमंडल का सदस्य नहीं है और यदि ऐसा व्यक्ति हो तो राज्यपाल के पदग्रहण के बाद उसकी सदस्यता का अंत हो जायेगा. अपनी नियुक्ति के बाद वह किसी अन्य लाभ के पद पर नहीं रह सकता.
राज्यपाल के कार्य
- वह विधानमंडल के किसी भी सदन को जब चाहे तब सत्र बुला सकता है, सत्रावसान कर सकता है और विधान सभा को, यदि वह उचित समझे, तो विघटित कर सकता है.
- वह विधान परिषद् के 1/6 सदस्यों को मनोनीत भी करता है. वह दोनों सदनों को संबोधित कर सकता है या उनमें विधेयक-विषयक कोई सन्देश भेज सकता है, जिसपर सदन शीघ्र ही विचार करेगा.
- विधानमंडल के प्रत्येक सदस्य को राज्यपाल या उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेना पड़ता है.
- वह प्रत्येक विक्तीय वर्ष के आरम्भ में उस वर्ष का वार्षिक वित्त-वितरण विधान सभा के सम्मुख प्रस्तुत करता है.
- विधान सभा में उसकी अनुमति के बिना किसी अनुदान की माँग नहीं की जा सकती. जब कोई विधेयक पारित होता है, तब वह उसकी स्वीकृति के लिए भेजा जाता है. राज्यपाल उसपर अपनी स्वीकृति दे सकता है, उसे अस्वीकृत भी कर सकता है या राष्ट्रपति के विचारार्थ रख सकता है.
- वह धन विधेयक को छोड़कर अन्य विधेयक को पुनः विचार करने के लिए विधानमंडल के पास भी भेज सकता है. लेकिन, यदि वह विधेयक पुनः संशोधनसहित या बिना किसी संशोधन के विधानमंडल द्वारा पारित हो जाए, तो उसे अपनी स्वीकृति देनी ही पड़ती है.
GS Paper 2 Source: Business Standard
Topic : FSSAI notifies standards for honey & its products to curb adulteration
सन्दर्भ
हाल ही में FSSAI ने मधु और इसके उत्पादों में मिलावट की रोकथाम के लिए खाद्य सुरक्षा मानक (food safety standards) घोषित किये हैं.
भूमिका
वर्तमान में मधु एवं इसके उत्पादों की गुणवत्ता के लिए अलग से मानक निर्धारित नहीं हैं. सरकार चाहती है कि इनके लिए मानक निर्धारित कर किसानों को मधुपालन अपनाने को प्रेरित करें जिससे कि वे अपनी आय बढ़ा सकें. मानक निर्धारित होने से किसान अपने उत्पादों को के लिए बेहतर दाम पा सकेंगे.
निर्धारित मानक
FSSAI द्वारा निर्गत अधिसूचना के अनुसार मधु की गुणवत्ता की जाँच के लिए 18 पैमाने होंगे, जैसे – सुक्रोज की मात्रा, ग्लूकोज का अनुपात, पराग की संख्या, बाह्य ओलिगोसेक्राइड (foreign oligosaccharides) आदि.
अधिसूचना के अनुसार मधु में अधिकतम 5% सुक्रोज की मात्रा होनी चाहिए और 10% कार्वियाकलोसा (carviacallosa) और हनीड्यू (honeydew) होना चाहिए. आदर्श मधु में 20% तक आद्रता तथा प्रतिग्राम 25,000 होने चाहिए. मधु के अतिरिक्त FSSAI ने मधुमक्खी मोम (Bees wax) और रॉयल जेली (royal jelly) के लिए भी मानक तय किये हैं.
FSSAI ने मधु की परिभाषा भी दी है. इसके अनुसार मधु वह प्राकृतिक मीठा पदार्थ है जिसे मधुमक्खियाँ पौधों से निकलने वाले स्राव अथवा फूलों के रस को संग्रह कर अपने छत्तों में परिपक्व कर उत्पन्न करती हैं.
यदि कोई वस्तु मधु कहकर बेची जाती है तो उसमें कोई भी दूसरा पदार्थ नहीं होना चाहिए. इसे इतना गर्म नहीं करना चाहिए या इतना प्रसंस्कृत नहीं किया जाए कि इसका अपना मूल स्वरूप बदल जाए और गुणवत्ता को हानि पहुँचे.
यदि मधु किसी विशेष फूल अथवा पौधे से बनाया गया है और उसी हिसाब से उसमें ओर्गेनोलेप्टिक, फिजियोकेमिकल और माइक्रोस्कोपिक गुण विद्यमान हैं तो उसे सम्बंधित फूल अथवा पौधे के अनुसार लेबल दिया जा सकता है.
यदि एक ही फूल से मधु निकाला गया है तो FSSAI का कहना है कि सम्बंधित फूल की प्रजाति के परागकण सम्पूर्ण परागकणों के 45% से कम नहीं होने चाहिएँ. यदि कई फूलों से मधु तैयार किया गया है तो किसी भी फूल के परागकण सम्पूर्ण परागकणों की संख्या के 45% से अधिक नहीं होने चाहिएँ.
मधु के उत्पाद
- मधुमक्खी मोम (Bees wax) = यह मधुमक्खी के छत्ते से मधु निकालने के बाद छत्ते को साफ़कर निकाला जाता है. ये मोम दो प्रकार के होते हैं – पीला और सफ़ेद. पीला मोम छत्ते को गरम पानी, भाप या धूप में पिघलाकर तैयार किया जाता है. सफ़ेद मोम पीले मोम को ओक्सीकरण के द्वारा साफ़ करके तैयार किया जाता है.
- रॉयल जेली (Royal jelly) = रॉयल जेली श्रमिक मधुमक्खियों की hypopharyngeal और mandibular के रिसाव का एक मिश्रण होता है जो लार्वाओं और रानी मधुमक्खी का भोज्य पदार्थ होता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Quad Grouping
सन्दर्भ
हाल ही में हिन्द महासागर की सुरक्षा के विषय में क्वाड देशों (Quad countries) के चार थिंकटैंकों ने एक प्रतिवेदन (report) प्रस्तुत किया है.
मुख्य अनुसंशाएँ
चारों quad countries (ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका) उच्चस्तरीय विमर्श जारी रखें जिससे कि स्वतंत्र और खुले भारतीय-प्रशांत सागरीय क्षेत्र का लक्ष्य पाया जा सके.
चीन इस क्षेत्र में एकतरफ़ा निवेश और राजनैतिक संधियाँ कर रहा है. चीन के इन क़दमों का प्रत्युत्तर देने के लिए चारों देशों को चाहिए कि वे आपस में सहयोग करते हुए ऐसी स्वतंत्र, सुरक्षात्मक और आर्थिक नीतियाँ बनाएँ जिससे क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व को रोका जा सके.
भारतीय-प्रशांत सागरीय क्षेत्र में चीन स्थायी सैन्य अड्डे स्थापित करना चाह रहा है. चारों देशों को इसका विरोध करना चाहिए और चीन को यह बता देना चाहिए कि वह एकपक्षीय सैन्य उपस्थिति की नीति छोड़े और क्षेत्र के देशों से विचार विमर्श कर उनका सहयोग प्राप्त करे.
क्वाड प्रतिवेदन (Quad Report) में यह अनुशंसा भी की गई है कि चारों देश अपने-अपने नौसैनिक बेड़ों को सुदृढ़ करें और अधिक शक्तिशाली बाएँ तथा यथासंभव अपनी पनडुब्बियों को आणविक प्रक्षेपण के लिए समर्थ बानाएँ.
Quad क्या है?
- Quad एक क्षेत्रीय गठबंधन है जिसमें ये चार देश शामिल हैं – ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका.
- ये चारों देश प्रजातांत्रिक देश हैं और चाहते हैं कि समुद्री व्यापार और सुरक्षा विघ्नरहित हो.
- Quad की संकल्पना सबसे पहले जापान के प्रधानमन्त्री Shinzo Abe द्वारा 2007 में दी गई थी. परन्तु उस समय ऑस्ट्रेलिया के इससे निकल जाने के कारण यह संकल्पना आगे नहीं बढ़ सकी.
Quad समूह भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के बीच विचारों के आदान-प्रदान का एक रास्ता मात्र है और उसे उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए. इसके गठन का उद्देश्य प्रतिस्पर्धात्मक नहीं है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : ICOMOS
सन्दर्भ
ICOMOS एक वैश्विक गैर-सरकारी संगठन है जो स्मारकों के संरक्षण का काम करता है. केरल में आई बाढ़ की विभीषिका से हुई क्षति को देखते हुए इसने केरल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को हुए नुक्सान का आकलन करने का एक कार्यक्रम बनाया है.
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक मंच भी बनाया जा रहा है जिसके माध्यम से बाढ़ से धरोहरों को हुई क्षति के सम्बन्ध में त्वरित कार्रवाई की जायेगी.
- ICOMOS ने इस काम के लिए अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्पदा संरक्षण एवं पुनुरुद्धार अध्ययन केंद्र (International Centre for the Study of the Preservation and Restoration of Cultural Property – ICCROM) से सहायता माँगी है.
पृष्ठभूमि
केरल प्राकृतिक सौन्दर्य से सम्पन्न राज्य है और यहाँ कई सुविख्यात किले, महल और अन्य धरोहर भवन हैं जिनको देखने के लिए हर वर्ष बहुत सारे यात्री पहुँचते हैं. राज्य में इस वर्ष आई बाढ़ इस शताब्दी की सबसे भयंकर बाढ़ सिद्ध हुई है.
ICOMOS
- ICOMOS का full form है – International Council on Monuments and Sites
- यह एक सुप्रतिष्ठित गैर-सरकारी संगठन है.
- यह विश्वभर में फैली स्थापत्य और पुरातात्विक धरोहर के संरक्षण के लिए सिद्धांत, प्रक्रिया एवं वैज्ञानिक तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देती है.
- ICOMS सांस्कृतिक धरोहर के मामले में, विशेषतः विश्व धरोहर संधि (World Heritage Convention) के कार्यान्वयन में, UNESCO को परामर्श देता है.
GS Paper 3 Source: Times of India
Topic : CERT-In report on cyber attacks
सन्दर्भ
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (Computer Emergency Response Team – CERT-In) ने देश में हो रहे साइबर आक्रमणों के विषय में एक रिपोर्ट तैयार किया है.
रिपोर्ट के मुख्य तत्त्व
- भारत के सरकारी वेबसाइटों पर कई देशों से साइबर आक्रमण हो रहे है. सबसे अधिक आक्रमण (35%) चीन से हो रहा है. जिन अन्य देशों से आक्रमण हो रहे हैं, वे हैं – अमेरिका (17%), रूस (15%), पाकिस्तान (9%), कनाडा (7%) और जर्मनी (5%).
- यह संभावना है कि पाकिस्तान के कुछ लोग जर्मनी और कनाडा के साइबर स्पेस का उपयोग कर भारतीय साइबर स्पेस में गलत गतिविधियाँ चला रहे हैं.
- साइबर आक्रमण करने वाले लोग malware attachments के साथ फिशिंग ईमेल भेजते हैं. ये ईमेल किसी विश्वस्त स्रोत से निर्गत दिखाई देते हैं और इनके माध्यम से व्यक्तिगत ब्यौरे, जैसे – बैंक विवरण, व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड आदि माँगे जाते हैं.
प्रभावित संस्थाएँ
रिपोर्ट में बताया गया है कि कौन-कौन संस्थाएँ साइबर आक्रमण के शिकार हो रही हैं और उन्हें उचित प्रतिरोधात्मक कार्रवाई करने का परामर्श दिया गया है.
ये संस्थाएँ हैं – तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC), राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC), रेलवे, रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (CRIS) और कुछ बैंक जैसे पंजाब नेशनल बैंक आदि.
CERT-In क्या है?
- CERT-In का full form है – Computer Emergency Response Team – India
- यह एक सरकारी सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा संगठन है.
- इसे 2004 में भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने सृजित किया था और यह उसी विभाग के अधीन काम करता है.
CERT-In के उद्देश्य
CERT- In के कार्य हैं – कंप्यूटर सुरक्षा से सम्बंधित मामलों पर प्रतिक्रिया देना, कहाँ-कहाँ साइबर आक्रमण हो सकता है उस पर प्रतिवेदन देना और देशभर में सूचना प्रौद्योगिकी सुरक्षा के लिए कारगर चलनों को बढ़ावा देना.
सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम, 2008 में यह प्रावधान किया गया है कि इस अधिनियम के कार्यान्वयन का निरीक्षण करने के लिए CERT-In ही उत्तरदायी होगी.
Prelims Vishesh
“Kowsar”:
Kowsar एक नया स्वदेश निर्मित लड़ाकू जेट विमान है जिसे हाल ही में ईरान ने आनावृत किया है.
International Buddhist Conclave 2018:
विश्व-भर में बौद्ध धर्म के प्राकृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं की ओर ध्यान खींचने के लिए महाराष्ट्र के पर्यटन विकास निगम ने औरंगाबाद में छठा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मलेन, 2018 आयोजित किया है.
इसकी theme है – बौद्ध पथ – जीवंत धरोहर / Buddha Path – The Living Heritage.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA