Sansar डेली करंट अफेयर्स, 23 August 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 23 August 2021


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : ; India and its neighbourhood- relations. Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests

Topic : Cabinet approves MoU between India and Bangladesh on cooperation in the field of Disaster Management, Resilience and Mitigation

संदर्भ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और बांग्लादेश के बीच आपदा प्रबंधन पर समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है जिस पर मार्च, 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे.

प्रमुख बिंदु

  • समझौते के अंतर्गत भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA ), गृह मंत्रालय और बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन और राहत मंत्रालय भाग ले रहे हैं.
  • समझौते के तहत दोनों देश आपदा की स्थिति में राहत, प्रतिक्रिया, पुनर्निर्माण और रिकवरी के क्षेत्र में एक-दूसरे की सहायता करेंगे.
  • दोनों देशों के बीच प्रासंगिक जानकारी, रिमोट सेंसिंग डेटा और वैज्ञानिक डेटा का आदान- प्रदान किया जायेगा.
  • यह समझौता ज्ञापन द्विपक्षीय रूप से संयुक्त आपदा प्रबंधन अभ्यास आयोजित करने का प्रयास करता है.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

  • National Disaster Management Authority (NDMA) भारत में आपदा प्रबंधन के लिये एक सर्वोच्च निकाय है, जिसका गठन ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005’ के तहत किया गया था.
  • बाद में इस अधिनियम के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (NDMA) तथा राज्यआपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (SDMAs) गठित किये गये जिनके अध्यक्ष क्रमशः प्रधानमन्त्री और सम्बंधित राज्य के मुख्यमंत्री होते हैं. इसका प्रशासनिक नियंत्रण भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन होता है.
  • यह प्राधिकरण आपदा प्रबंधन हेतु नीतियों, योजनाओं एवं दिशा-निर्देशों का निर्माण करता है एवं आपदाओं के दौरान प्रभावी ढंग से आपदा प्रबंधन करता है.
  • उद्देश्य: इस संस्था का उद्देश्य एक समग्र, प्रो-एक्टिव, प्रौद्योगिकी-प्रेरित टिकाऊ विकास रणनीति के माध्यम से एक सुरक्षित और आपदा-प्रबंधन में सक्षम भारत का निर्माण करना है, जिसमें सभी हितधारकों को सम्मिलित किया गया है. यह आपदा की रोकथाम एवं शमन की संस्कृति का सृजन करने में सहयोग करता है.

GS Paper 2 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : Joint Comprehensive Plan of Action – JCPOA

संदर्भ

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency  – IAEA) के अनुसार, ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन को लगभग हथियार-ग्रेड तक बढ़ा दिया है.

ज्ञातव्य है कि इस वर्ष की शुरुआत में ईरान ने घोषणा की थी कि ईरान अब यूरेनियम का 20% के स्तर तक संवर्धन करेगा. दरअसल, यह वर्ष 2015 में हुए JCPOA समझौते का उल्लंघन है क्योंकि JCPOA के तहत के ईरान केवल 3.67% तक यूरेनियम संवर्धन कर सकता है.

पृष्ठभूमि

ज्ञातव्य है कि नवंबर 2020 में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फाखरीज़ादे की हत्या के बाद ईरानी संसद ने “प्रतिबंधों को हटाने के लिए रणनीतिक उपाय” नामक एक विधेयक पारित किया था. इस विधेयक के अनुसार ईरान अब IAEA द्वारा परीक्षण से संबंधित एडिशनल प्रोटोकॉल के स्वैच्छिक पालन की शर्त भी नहीं मानेगा. मोहसिन, ईरानी रक्षा मंत्रालय के नवाचार केंद्र के प्रमुख थे. 27 नवंबर, 2020 को तेहरान क्षेत्र के एब्सर्ड शहर में उनकी हत्या कर दी गई थी.

JCPOA क्या है?

  • यह समझौता, जिसे ईरान परमाणु समझौता के नाम से भी जाना जाता है, ओबामा के कार्यकाल में 2015 में हुआ थी.
  • इरानियन आणविक डील इरान और सुरक्षा परिषद् के 5 स्थाई सदस्य देशों तथा जर्मनी के बीच हुई थी जिसे P5+1 भी कहा जाता है.
  • यह डील ईरान द्वारा चालाये जा रहे आणविक कार्यक्रम को बंद कराने के उद्देश्य से की गई थी.
  • इसमें ईरान ने वादा किया था कि वह कम-से-कम अगले 15 वर्ष तक अणु-बम नहीं बनाएगा और अणु-बम बनाने के लिए आवश्यक वस्तुओं, जैसे समृद्ध यूरेनियम तथा भारी जल के भंडार में भारी कटौती करेगा.
  • समझौते के तहत एक संयुक्त आयोग बनाया गया था जिसमें अमेरिका, इंग्लैंड, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी के प्रतिनिधि थे. इस आयोग का काम समझौते के अनुपालन पर नज़र रखना था.
  • इस डील के अनुसार ईरान में स्थित आणविक केंद्र अमेरिका आदि देशों की निगरानी में रहेंगे.
  • ईरान इस डील के लिए इसलिए तैयार हो गया था क्योंकि आणविक बम बनाने के प्रयास के कारण कई देशों ने उसपर इतनी आर्थिक पाबंदियाँ लगा दी थीं कि उसकी आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई थी.
  • उल्लेखनीय है कि तेल निर्यात पर प्रतिबंध के कारण ईरान को प्रतिवर्ष करोड़ों पौंड का घाटा हो रहा था. साथ ही विदेश में स्थित उसके करोड़ों की संपत्तियाँ भी निष्क्रिय कर दी गई थीं.

अमेरिका समझौते से हटा क्यों था?

अमेरिका का कहना है कि जो समझौता वह दोषपूर्ण है क्योंकि एक तरफ ईरान को करोड़ों डॉलर मिलते हैं तो दूसरी ओर वह हमास और हैजबुल्ला जैसे आतंकी संगठनों को सहायता देना जारी किये हुए है. साथ ही यह समझौता ईरान को बैलिस्टिक मिसाइल बनाने से रोक नहीं पा रहा है. अमेरिका का कहना है कि ईरान अपने आणविक कार्यक्रम के बारे में हमेशा झूठ बोलता आया है.

संवर्धित यूरेनियम

  • यूरेनियम, प्लूटोनियम या थोरियम जैसे रेडियोधर्मी परमाणुओं के भारी नाभिक को कम ऊर्जा वाले न्यूट्रॉन के साथ बमबारी किया जाता है जो नाभिक को छोटे नाभिक में विभाजित करते हैं. इस प्रक्रिया को परमाणु विखंडन (Nuclear Fission) कहा जाता है. यानी इस प्रक्रिया में एक परमाणु का नाभिक दो संतति नाभिकों (Daughter Nuclei) में विभाजित होता है. जो विखंडन में खंड या अंश प्राप्त होते हैं उनका एक संयुक्त द्रव्यमान होता है जो कि मूल परमाणु से कम होता है. द्रव्यमान में हुई यह क्षति सामान्यतः परमाणु ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है उदाहरण के लिए जब यूरेनियम –235 (Uranium-235) परमाणु न्यूट्रॉन के साथ बमबारी करते हैं तो भारी यूरेनियम नाभिक तीन न्यूट्रॉन के उत्सर्जन के साथ बेरियम-139 (Barium-139) और क्रिप्टन -94 (Krypton-94) का उत्पादन करता है. इस प्रतिक्रिया में बहुत अधिक ऊर्जा भी उत्पन्न होती है क्योंकि द्रव्यमान (Mass) वर्तित हो जाता है.
  • प्राकृतिक रूप से प्राप्त यूरेनियम में यूरेनियम-235 की मात्रा केवल 0.07% होती है शेष 99.284% यूरेनियम-238 होता है.
  • जिस यूरेनियम में यूरेनियम-235 का की प्रतिशत मात्रा किसी विधि से बढ़ा दी गयी हो उसे संवर्धित यूरेनियम (Enriched uranium) कहते हैं.
  • U-235 ही प्राकृतिक रूप से प्राप्त एकमात्र आइसोटोप (समस्थानिक) है जो उष्मीय न्यूट्रानों (thermal neutrons) द्वारा विखंडित हो सकता है. संवर्धित यूरेनियम नाभिकीय रिएक्टर बनाने अथवा सैन्य हथियार (परमाणु बम) बनाने के लिये अति आवश्यक है.
  • अन्तरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेन्सी विश्व भर में संवर्धित यूरेनियम पर नजर रखती है. अल्प संवर्धित यूरेनियम इसमें यूरेनियम-235 की मात्रा 20% से कम होता है. सामान्यतः 3 से 5 % यूरेनियम-235 होती है. यह नाभिकीय रिएक्टर के लिए उपयुक्त होती है.
  • अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम में यूरेनियम-235 की मात्रा 20 % से लेकर 80% तक होती है. यह नाभिकीय अस्त्रों के विकास के लिए उपयुक्त होती है.

IAEA क्या है?

  • अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency – IAEA) आणविक विषयों के लिए विश्व की सबसे प्रधान एजेंसी है. इसकी स्थापना 1957 में संयुक्त राष्ट्र के एक अवयव के रूप में परमाणु के शान्तिपूर्ण प्रयोग पर बल देने के लिए की गई थी.
  • इसका उद्देश्य है परमाणु तकनीकों के सुरक्षित, निरापद (secure) एवं शान्तिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना.
  • यह एजेंसी परमाणु के सैनिक उपयोग पर रोक लगाती है.
  • IAEA संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा सुरक्षा परिषद् के प्रति उत्तरदायी होती है.
  • इसका मुख्यालय ऑस्ट्रिया के वियेना शहर में है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

यदि इतिहास देखा जाए तो जब ईरान ने एक दशक पूर्व 20% यूरेनियम संवर्धन की दिशा में कदम उठाया था तो उसके और इजराइल के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. इसलिए यह डर अब बन चुका है कि ईरान के इस कदम का अंत कहीं ईरान और पश्चिम एशिया के बीच युद्ध न हो जाए.

ईरान कहता आया है कि वह यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का प्रयोग वह परमाणु हथियार बनाने के लिए नहीं करेगा, बल्कि वह इस कार्य्रकम के माध्यम से शांतिपूर्ण कार्यों को ही अंजाम देगा. लेकिन अमेरिका सहित पश्चिमी देश इसको मानने के लिए तैयार नहीं हैं.

आज पश्चिम एशिया में जिस प्रकार की परिस्थिति है, उसमें स्वयं को सुरक्षित रखने हेतु ईरान को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनने की आवश्यकता का अनुभव हो रहा है और इसके लिए उसे दबे जबान से रूस और चीन का भी समर्थन प्राप्त है. परन्तु मध्य एशिया एवं पश्चिमी देश इसलिए डरे हुए हैं कि अगर एक बार ईरान ने परमाणु हथियार बना लिए तो वह क्षेत्रीय शांति के लिए सबसे बड़ा संकट बन जाएगा. सबसे अधिक खतरा तो उसके परम शत्रु इजराइल को सता रहा है. इसलिए ईरान पर लगाम कसने के लिए उस पर कड़ी पाबंदियां लगी हुई हैं. परिणामस्वरूप ईरान आर्थिक रूप से पिछड़ता जा रहा है. अमेरिका भी भारत सहित कई देशों को कह चुका है कि ईरान से कोई तेल नहीं खरीदे.


GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Welfare schemes for vulnerable sections of the population by the Centre and States and the performance of these schemes; mechanisms, laws, institutions and bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections.

Topic : Kerala High-speed Net comes to a deep jungle

संदर्भ

जन शिक्षण संस्थान द्वारा केरल के नीलांबुर जंगलों के भीतर “लंबी दूरी की वाई-फाई तकनीक” (Long-Distance Wi-Fi) की स्थापना करके कुछ दूर-दराज की आदिवासी बस्तियों में हाई-स्पीड इंटरनेट की सेवा प्रदान की गई है. इसमें 5 टावरों की सहायता से क्षेत्र में 100 mbps की गति से इंटरनेट उपलब्ध कराया जायेगा.

विदित हो कि लंबी दूरी की वाई-फाई तकनीक के जरिये, संचरण में बगैर किसी बाधा के 100 किमी तक भी हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान किया जा सकता है.

जन शिक्षण संस्थान क्या है?

  • जन शिक्षण संस्थान को पहले श्रमिक विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था.
  • मार्च 1967 से देश में गैर-सरकारी संगठनों के एक नेटवर्क के माध्यम से इनका संचालन किया जा रहा है.
  • जन शिक्षण संस्थानों की स्थापना कौशल प्रशिक्षण और सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े एवं शिक्षा की दृष्टि से वंचित समूहों जैसे- नव-साक्षरों, अर्द्धशिक्षित. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं तथा लड़कियों, मलिन बस्तियों में रहने वालों, पलायन करके आए श्रमिकों के बीच उद्यमिता के अवसर प्रारम्भ करने में सहायता करने के लिए की जाती है.
  • जन शिक्षण संस्थान योजना को जुलाई 2018 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय को स्थानांतरित कर दिया गया था.

GS Paper 3 Source : Indian Express

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UPSC Syllabus : Environment.

Topic : Smog Tower

संदर्भ

दिल्ली में कनाट प्लेस में एक स्मॉग टावर का उद्घाटन किया गया. इसकी लागत 20 करोड़ बताई जा रही है.

ऐसे टावर बड़े पैमाने पर वायु को साफ़ करने का काम करते हैं. इनसे गुजरने वाली वायु प्रदूषक तत्त्वों से रहित हो जाती हैं. टावर में लगे फ़िल्टर अपने कार्बन नैनोफाइबर के द्वारा वायु में स्थित पार्टिकुलेट मैटर को घटा देते हैं.

स्मॉग टावर

  • स्मॉग टावर एक बहुत बड़ा एयर प्यूरीफायर होता है. यह अपने आसपास से प्रदूषित हवा या उसके कणों को सोख लेता है और फिर वापस पर्यावरण में साफ हवा छोड़ता है.
  • लगभग 24 मी ऊँचे इस स्मॉग टावर में एक 18-मीटर कंक्रीट टॉवर है, जिसके ऊपर 6-मीटर-ऊँची कैनोपी है. इसके आधार पर 40 पंखे (प्रत्येक तरफ 10) लगे हुए हैं. प्रत्येक पंखा 25 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड हवा छोड़ सकता है, अत: पूरे टॉवर से 1.000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड हवा छोड़ी जा सकती है.
  • इसके अतिरिक्त टावर के अंदर दो परतों में 5,000 फिल्टर लगे हुए हैं. फिल्टर और पंखे संयुक्त राज्य अमेरिका से आयात किए गए हैं.

Prelims Vishesh

IBSA :-

  • भारत द्वारा विडियो कांफ्रेंस के जरिये IBSA पर्यटन मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया गया.
  • वर्तमान IBSA अध्यक्ष के रूप में भारत ने सितम्बर 2021 में विडियो कांफ्रेंस के जरिये 6वें IBSA शिखर सम्मेलन की योजना बनाई है. इसका विषय (theme) होगा – “जनसांख्यिकी और विकास के लिए लोकतंत्र”. 
  • IBSA की स्थापना को औपचारिक रूप 6 जून, 2003 को संपन्न the Brasilia Declaration के द्वारा दिया गया था.
  • यह संगठन भारत, ब्राज़ील और दक्षिणी अफ्रीका जैसे उभरते हुए देशों के बीच समन्वयन के लिए बनाया गया है.

E-Voucher Trading :-

  • कर्नाटक स्थित अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (Authority for Advance Rulings: AAR) ने निर्णय दिया है कि वाउचर का व्यापार करने वाली बिक्री संवर्धन कंपनियों को 18 प्रतिशत की दर से GST का भुगतान करना होगा. साथ ही, इन्हें अपनी बिक्री प्रतिलाभ (sales returns) में इसका उल्लेख भी करना होगा.
  • प्राधिकरण ने निर्दिष्ट किया है कि चूंकि वाउचर को प्रेषित, स्थानांतरित, वितरित, संग्रहीत, धारित आदि किया जा सकता है, इसलिए इसे वस्तु के दायरे अंतर्गत लाया जाएगा, भले ही इसकी प्रकृति अमूर्त है.
  • माल और सेवा कर (GST) अधिनियम के तहत, AAR को लेनदेन या प्रस्तावित लेन-देन से जुड़े कर प्रभावों के संबंध में निर्णय लेने के लिए अधिदेशित किया गया है.
  • यह निवेशकों को उनकी प्रत्याशित अप्रत्यक्ष कर देनदारियों के संबंध में निश्चितता प्रदान करता है.
  • GST के संदर्भ में, इसे दो स्तरों पर स्थापित किया गया है – i) राज्य /संघ राज्यक्षेत्र GST अधिनियम के तहत संबंधित राज्य/संघ राज्यक्षेत्र स्तर पर और ii) केंद्रीय GSTअधिनियम के तहत केंद्रीय स्तर पर.

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