Sansar Daily Current Affairs, 23 January 2021
GS Paper 1 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.
Topic : Veer Savarkar
संदर्भ
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के एक विधान परिषद् सदस्य द्वारा हिंदू महासभा के नेता वीर सावरकर के चित्र को राज्य विधान परिषद की तस्वीर गैलरी से हटाने की मांग की गयी है. विधान परिषद् सदस्य ने कहा है, कि सावरकर के चित्र को स्वतंत्रता सेनानियों के बगल में लगाया जाना इनका अपमान है. इससे राज्य में विवाद छिड़ गया है.
वीर सावरकर से सम्बंधित मुख्य तथ्य
- सावरकर का पूरा नाम गणेश दामोदर सावरकर था.
- सावरकर ने 1904 में नासिक में ‘मित्रमेला’ नाम से एक संस्था आरंभ की थी जो शीघ्र ही मेजनी के ‘तरुण इटली’ की तर्ज पर एक गुप्त सभा ‘अभिनव भारत’ में परिवर्तित हो गयी.
- अभिनव भारत ने अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए विदेशों से अस्त्र-शस्त्र मंगवाया और बम बनाने का काम रूसियों के सहायता से किया. अनेक गुप्त संस्थाएं बम्बई, पूना, नासिक, नागपुर, कोल्हापुर आदि जगहों में सक्रिय थीं. शीघ्र ही सरकार इनकी कार्यवाहियों से पराजित हो गयी.
- सावरकर स्वदेशी आन्दोलन से भी जुड़े रहे.
- कालांतर में सावरकर तिलक की स्वराज पार्टी में भी शामिल हुए थे.
- उनके राष्ट्रभक्ति से पूर्ण भाषणों एवं गतिविधियों से क्रुद्ध होकर ब्रिटिश सरकार ने उनकी BA की डिग्री वापस ले ली थी.
- जून, 1906 को बेरिस्टर बनने के लिए लंदन गये. वहाँ उन्होंने भारतीय छात्रों को भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एकत्र किया.
- सावरकर ने फ्री इंडिया सोसाइटी नामक एक समूह बनाया जो भारत की स्वतंत्रता के विषय में चर्चा करने के लिए बना था. यह सोसाइटी भारतीय पंचाग के अनुसार विभिन्न पर्वों तथा स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बंधित मुख्य तिथियों को मनाया करती थी.
- उन्होंने अंग्रेजो से भारत को मुक्त करने के लिए सशस्त्र आन्दोलन को बढ़ावा दिया और इसके लिए इंग्लैंड में रहने वाले भारतीयों का एक जत्था तैयार किया जिनके पास हथियार भी होते थे.
- 1908 में उन्होंने 1857 की क्रांति पर एक प्रमाणिक शोधग्रन्थ लिखा. वे अंग्रेजों के इस दावे को नहीं मानते थे कि यह घटना सिपाहियों का विद्रोह थी. इस पुस्तक का नाम ही रखा गया था – 1857 का भारतीय स्वातंत्र्य युद्ध. ब्रिटेन की सरकार ने इस पुस्तक के ब्रिटेन और भारत दोनों जगह छपने पर प्रतिबंध लगा दिया. आगे चलकर इस पुस्तक को मैडम भिकाजी कामा ने हौलेंड में प्रकाशित किया और कालांतर में यह पुस्तक भारत में क्रांतिकारियों तक पहुँच गई.
- जन नासिक के कलक्टर ए.एम.टी. जैक्सन को किसी युवा व्यक्ति ने गोली मारी तो सावरकर को इस हत्या का आरोपी इस आधार पर बनाया गया क्योंकि उनकाइंडिया हाउस से सम्बन्ध रहा था.
- लन्दन में ही सावरकर को मार्च 13, 1910 को बंदी बना दिया गया और भारत भेज दिया गया.
- 1920 में विट्ठल भाई पटेल, महात्मा गाँधी और बाल गंगाधर तिलक जैसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों ने वीर सावरकर की रिहाई की माँग की परन्तु सावरकर को छोड़ा नहीं गया.
- मई 2, 1921 को उनको पहले रत्नागिरी जेल भेजा गया और फिर वहाँ से यरवदा जेल में बंद किया गया. कालांतर में उन्हें कालापानी की सजा मिली और उनको अंडमान निकोबार के सेलुलर जेल में रख दिया गया. वहाँ उन्होंने 14 वर्ष तक यातनाओं को सहा.
- रत्नागिरी जेल में रहते हुए सावरकर ने एक और पुस्तक लिखी, जिसका नाम था – हिंदुत्व, हू इज हिन्दू?
- सावरकर 1937 से 1943 तक हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे. जब 22 अक्टूबर, 1939 को कांग्रेस के मंत्रियों ने सरकार से त्यागपत्र दे दिया तो हिन्दू महासभा ने मुस्लिम लीग के साथ सहयोग कर सिंध, बंगाल और उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रान्त में सरकारें गठित कीं.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important aspects of governance, transparency and accountability
Topic : Vice Prez suggests corporates to encourage whistle-blowing mechanism
संदर्भ
भारतीय उप-राष्ट्रपति ने कॉरपोरेट्स को व्हिसलब्लोअर तंत्र को सुदृढ़ करने का सुझाव दिया है.
व्हिसलब्लोइंग के परिणामस्वरूप नियोक्ता की प्रतिष्ठा को क्षति पहुँचने के कारण व्हिसलब्लोअर्स को अधिकांशत: अपने नियोक्ता से या अवैध गतिविधियों में लिप्त रहे अपने सहकर्मियों की ओर से प्रतिशोध की कार्यवाही का सामना करना पड़ता है.
ऐसे सुझाव देने की आवश्यकता क्यों आई?
व्हिसलब्लोअर कॉर्पोरेट और वित्तीय अनियमितताओं को प्रकट कर सकते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनों की आवश्यकता है. उदाहरण के लिए, CIA के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने गोपनीय जानकारी सार्वजनिक कर दी थी.
व्हिसलब्लोइंग क्या है?
व्हिसलब्लोइंग, सार्वजनिक, निजी या तृतीय-क्षेत्र के संगठनों के भीतर अनुचित कृत्यों, कदाचार, भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी आदि की गतिविधियों के बारे में एक प्राधिकारी व्यक्ति या जनता का ध्यान आकर्षित करने का कार्य है. कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार, व्हिसलब्लोइंग (Whistleblowing) एक ऐसी कार्रवाई है जिसका उद्देश्य किसी संगठन में अनैतिक प्रथाओं (जैसे कि अनियमित लेखांकन) के लिये हितधारकों का ध्यान आकर्षित करना हैं. केंद्रीय कानून के अंतर्गत, यह लोकसेवको के विरुद्ध कथित भ्रष्टाचार या शक्ति या स्वविवेक के दुरुपयोग से संबंधित शिकायतों को प्राप्त करने का एक तंत्र है. व्हिसलब्लोअर कोई भी व्यक्ति हो सकता है जो गलत प्रथाओं को उजागर करता है. ये संगठन के भीतर या बाहर से हो सकते हैं, जैसे- वर्तमान और पूर्व कर्मचारी, शेयरधारक, बाहरी लेखा परीक्षक और अधिवक्ता.
भारत में व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा के लिए तंत्र
- सूचना प्रदाता (व्हिसल ब्लोअर) संरक्षण अधिनियम, 2014 (Whistle Blowers Protection Act, 2014): यह व्हिसलब्लोअर की पहचान की सुरक्षा और उनके उत्पीड़न को रोकने के लिए कठोर नियमों का प्रावधान करता है.
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (अंतरंग व्यापार का प्रतिषेघ) विनियम {SEBI PIT (Prohibition of Insider Trading) Regulations}, जो इनसाइडर ट्रेडिंग मामलों (अंतरंग व्यापार) के बारे में जानकारी साझा करने के लिए व्हिसलब्लोअर और अन्य सूचना प्रदाताओं को पुरस्कृत करने का प्रावधान करता है.
इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) क्या है?
इनसाइडर ट्रेडिंग से तात्पर्य उन प्रतिभूतियों के व्यापार से है, जिनके बारे में अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी ज्ञात हो. किसी भी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी की प्रतिभूतियों में कंपनी के बारे में आतंरिक जानकारी (जो बड़े पैमाने पर जनता के लिये उपलब्ध नहीं है) के आधार पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ट्रेडिंग करना, जो की कंपनी की प्रतिभूतियों के बाज़ार मूल्य को प्रभावित कर सकता है.
कंपनी अधिनियम, 2013 (Companies Act, 2013)
कंपनी अधिनियम, 2013 ने स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया है कि उनके द्वारा व्हिसलब्लोअर की शिकायतों की जांच के लिए एक लेखा परीक्षा समिति का गठन किया जाए.
मेरी राय – मेंस के लिए
व्हिसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2014 को जल्द-से-जल्द क्रियान्वित किया जाना चाहिये. 2015 के संशोधन विधेयक को पारित करने से पूर्व व्यापक विचार-विमर्श किया जाना चाहिये. व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अमेरिका जैसे देशों की तर्ज़ पर संस्थागत उपाय किये जाने की आवश्यकता है. व्हिसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2014 के अंतर्गत अत्याचार को परिभाषित किया जाना चाहिये. इसके अतिरिक्त व्हिसलब्लोअर के लिये वित्तीय प्रोत्साहन के प्रावधान के साथ-साथ पहचान रहित शिकायतों को स्वीकार कर इसे व्यापक बनाया जाना चाहिये.
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : National Education Policy 2020: Ministry to soon release implementation plan
संदर्भ
शिक्षा मंत्रालय जल्द ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के लिए कार्यान्वयन योजना निर्गत करने वाला है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020
- अंतिम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी जिसमें वर्ष 1992 में संशोधन किया गया था.
- वर्तमान नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है.
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अंतर्गत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio-GER) को 100% लाने का लक्ष्य रखा गया है.
- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर जीडीपी के 6% हिस्से के सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है.
- नई शिक्षा नीति की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम परिवर्तित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है.
और अधिक विस्तार से पढ़ें > राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
अब तक क्या-क्या कदम उठाये गये हैं?
- प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों और विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की क्षमता के निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्कूल प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक समग्र उन्नति पहल (निष्ठा) (National Initiative for School Heads’ and Teachers’ Holistic Advancement: NISHTHA) नामक योजना आरंभ की गई है.
- डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग (दीक्षा) पोर्टल {Digital Infrastructure for Knowledge Sharing (DIKSHA) Portal} को बड़ी संख्या में पाठ्यक्रम से जुड़े ई-कंटेंट (डिजिटल पाठ्य सामग्री) तक पहुंच प्रदान करके ई-लर्निंग का विस्तार करने के लिए आरंभ किया गया था.
- बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान पर एक राष्ट्रीय मिशन की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है.
- छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए “मनोदर्पण” नामक पहल आरंभ की गई है. यह छात्रों को तनाव के दौरान भावनात्मक सहायता और परामर्श प्रदान करने के लक्ष्य पर केंद्रित है.
- स्कूली शिक्षा के लिए मारतीय सांकेतिक भाषा कोश का विकास प्रस्तावित किया गया है.
- समग्र शिक्षा, मध्याह्न भोजन और पढ़ना लिखना अभियान जैसी मौजूदा योजनाओं को NEP-2020 की अनुशंसाओं के साथ संयोजित किया जा रहा है.
- राज्य और संघ शासित प्रदेश भी NEP को लागू करने के लिए अपना कार्यबल गठित कर रहे हैं.
मेरी राय – मेंस के लिए
नई शिक्षा नीति में विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया गया है, विभिन्न शिक्षाविदों का मानना है कि विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश से भारतीय शिक्षण व्यवस्था महँगी होने की संभावना है. परिणामस्वरूप निम्न वर्ग के छात्रों के लिये उच्च शिक्षा प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा. शिक्षकों का पलायन: विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश से भारत के दक्ष शिक्षक भी इन विश्वविद्यालयों में अध्यापन हेतु पलायन कर सकते हैं. शिक्षा का संस्कृतिकरण: दक्षिण भारतीय राज्यों का यह आरोप है कि ‘त्रि-भाषा’ सूत्र से सरकार शिक्षा का संस्कृतिकरण करने का प्रयास कर रही है. संसद की अवहेलना: विपक्ष का आरोप है कि भारतीय शिक्षा की दशा व दिशा तय करने वाली इस नीति को अनुमति देने में संसद की प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया. पूर्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 भी संसद के द्वारा लागू की गई थी. मानव संसाधन का अभाव: वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में कुशल शिक्षकों का अभाव है, ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा हेतु की गई व्यवस्था के क्रियान्वयन में व्यावहारिक समस्याएँ हैं.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Supreme Court dismisses review petitions challenging 2018 Aadhaar judgment
संदर्भ
उच्चतम न्यायालय ने, बहुमत से, वर्ष 2018 में दिए गए अपने निर्णय की समीक्षा करने के संबंध में दायर की गयी याचिकाओं को निरस्त कर दिया है. शीर्ष अदलत ने अपने फैसले में, लोकसभा अध्यक्ष द्वारा ‘आधार’ कानून को ‘धन-विधेयक’ के रूप में प्रमाणित करने तथा संसद में इस क़ानून को पारित करने को बरकरार रखा था.
पृष्ठभूमि
सरकार द्वारा ‘आधार विधेयक’ को ‘धन विधेयक’ के रूप में सदन में प्रस्तुत किया गया था, जिससे इसे पारित करने के लिए राज्यसभा में बहुमत प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं रही. तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पाँच न्यायाधीशों की एक पीठ ने 26 सितंबर, 2018 को 4:1 के बहुमत से निर्णय सुनाते हुए ‘आधार क़ानून’ को बरकरार रखा था.
‘धन विधेयक’ के रूप में ‘आधार विधेयक’
आधार अधिनियम की धारा 7 में प्रावधान है कि कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सब्सिडी, सेवाएँ अथवा सुविधाओं से संबंधित व्यय भारत की संचित निधि (Consolidated Fund of India) से पूरा किया जाएगा. इस प्रावधान की वजह से, ‘आधार विधेयक’ को धन विधेयक की श्रेणी में वर्गीकृत किए जाने हेतु ‘अर्हता’ प्राप्त करार दिया गया.
संबंधित प्रकरण
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अदालत में दो मुद्दों पर याचिकाएँ दायर की गईं. इसमें शामिल है:
- क्या ‘लोक सभा के अध्यक्ष का निर्णय किसी विधेयक को ‘धन विधेयक‘ के रूप में प्रमाणित करना अंतिम है और अदालत में इसे चुनौती नही दी जा सकती है’?
- क्या आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवा के लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 को संविधान के अनुच्छेद 110 (1) के अंतर्गत ‘धन विधेयक’ के रूप में सही ढंग से प्रमाणित किया गया था.
अदालत की टिप्पणियाँ
- लोक सभा अध्यक्ष के फैसले को “कुछ परिस्थितियों” के अंतर्गत ही अदालत में चुनौती दी जा सकती है.
- ‘आधार अधिनियम’ को ‘धन विधेयक’ कहना सही है.
धन विधेयक क्या है?
धन विधेयक उस विधेयक को कहते हैं जिसका सम्बन्ध संघ की आय, व्यय, निधियों, हिसाब-किताब और उनकी जाँच इत्यादि से हो. निम्नलिखित विषयों से सम्बद्ध विधेयक धन विधेयकों होते हैं –
- कर लगाने, घटाने, बढ़ाने या उसमें संशोधन करने इत्यादि से सम्बद्ध विधेयक.
- ऋण या भारत सरकार पर आर्थिक भार डालने की व्यवस्था से सम्बद्ध विधेयक.
- भारत की संचित या आकस्मिक निधि को सुरक्षित रूप से रखने या उसमें से धन निकालने की व्यवस्था से सम्बद्ध विधेयक.
- भारत की संचित निधि पर किसी व्यय का भार डालने या उसमें से किसी व्यय के लिए धन की स्वीकृति देने से सम्बद्ध विधेयक.
- सरकारी हिसाब में धन जमा करने या उसमें से खर्च करने, उसकी जाँच करने आदि से सम्बद्ध विधेयक.
कोई विधेयक धन विधेयक (money bill) है या नहीं, इसका निर्णय करने का अधिकार लोक सभा के अध्यक्ष को प्राप्त है.
धन विधेयक के बारे में विस्तार से पढ़ें > धन विधेयक
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Awareness in space.
Topic : Satellite imagery to aid elephant conservation from space
संदर्भ
हाथियों को अंतरिक्ष से गिनने के लिए संरक्षणवादियों ने उपग्रह इमेजरी (satellite monitoring) का प्रयोग शुरू कर दिया है. यह तकनीक, ब्रिटिश विशेषज्ञों को उम्मीद है, अफ्रीका में खतरे की आबादी को बचाने में मदद करने की उम्मीद है.
पृष्ठभूमि
अफ्रीकी हाथियों की आबादी पिछली सदी में अवैध शिकार, फसल की कटाई और निवास के विखंडन से हुई हत्याओं के कारण गिर गई है. उनके संरक्षण के लिए उन्हें ज्ञान की आवश्यकता है कि वे कहाँ हैं, और कितने हैं: सटीक निगरानी महत्वपूर्ण है.वर्तमान में, सवाना वातावरण में हाथी आबादी का सर्वेक्षण करने के लिए सबसे आम तकनीक मानवयुक्त विमान से हवाई गिनती है.
सैटेलाइट मॉनीटरिंग
सैटेलाइट मॉनीटरिंग एक विनीत तकनीक है, जिसके लिए किसी जमीनी उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है, इस प्रकार डेटा संग्रहण के दौरान परेशान करने वाली प्रजातियों, या मानव सुरक्षा के लिए चिंता का खतरा समाप्त हो जाता है.
अफ्रीकी हाथी (African Elephant)
- अफ्रीकी हाथी, भारी-भरकम आकार के शाकाहारी जीव हैं और समूहों में रहते हैं. ज्ञातव्य है कि हाथी बड़े स्थलीय स्तनपायी होते हैं.
- अफ्रीकी हथियों को 2004 से आईयूसीएन की रेड लिस्ट में सुभेद्य कैटेगरी में सूचीबद्ध किया गया है. वर्तमान में हाथी-दांत के लिए इनका अवैध शिकार बहुत हो रहा है.
एशियाई हाथी
- यह हाथी भारत, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार में पाया जाता है.
- IUCN में इसे “संकटग्रस्त” (Endangered) की पदवी मिली हुई है.
- इसके अतिरिक्त यह निम्नलिखित प्रलेखों में भी सूचीबद्ध है – संकटग्रस्त वन्य जीव एवं वनस्पति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संधि (CITES) तथा भारतीय वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 की अनुसूची.
- भारत सरकार ने भारतीय हाथी को राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित किया है. भारतीय हाथी को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध करके कानूनी सुरक्षा भी प्रदान की गई है.
- फरवरी 2020 में गुजरात के गांधीनगर में आयोजित हुए, प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर संधि (सीएमएस) के 13वें सम्मेलन (कॉप-13) में भारतीय हाथी को भी सीएमएस समझौते की अनुसूची-I में सम्मिलित किया गया है.
Prelims Vishesh
AI Cameras to Recognise Facial Expressions of Women in Distress and Alert Officers :-
- लखनऊ पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence-AI) युक्त सुरक्षा कैमरों के माध्यम से चेहरे की पहचान तकनीक का प्रयोग करने का निर्णय किया है.
- इस तकनीकी में महिलाओं के चेहरे के भावों को पढ़ने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करने का दावा किया जाता है.
- इसके अंतर्गत AI युक्त कमरों की मदद से पुलिस महिलाओं के तनाव भरे चहरे का अध्ययन कर उनके संकट में होने का आकलन करेगी और उन तक आवश्यक सहायता पहुँचाएगी. यह तकनीकी महिलाओं की अभिव्यक्तियों अध्ययन कर संभावित संकट के प्रति उनके नजदीकी पुलिस स्टेशन को सतर्क करेगी.
Sea on Saturn’s Moon Titan :-
- हाल ही में शनि के चंद्रमा (Saturn’s moon) टाइटन (Titan) पर लगभग 1000 फुट गहरे समुद्र का पता चला है.
- खगोलविदों ने शनि के चंद्रमा टाइटन की सतह पर सबसे बड़े समुद्र का अनुमान लगाया है, जो अपने केंद्र के पास कम से कम 1,000 फीट गहरा है. इस समुद्र का नाम क्रैकन मारे (Kraken Mare) रखा गया है.
- क्रैकन मारे टाइटन के उत्तरी ध्रुव के निकट तरल ईथेन और मीथेन (liquid ethane and methane) का एक विशाल समुद्र (sea) है. इसका क्षेत्रफल करीब 154,000 वर्ग मील है.
- क्रैकन मारे की गहराई और संरचना को समझना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसके द्वारा टाइटन के मीथेन जल विज्ञान (methane hydrology) का और अधिक सटीक मूल्यांकन हो सकता है. इसके अतिरिक्त, इससे हमें शनि ग्रह व अपने सौरमंडल के बारे में और अधिक जानकारियाँ प्राप्त होंगी.
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