One Week Special Offer - 23 जुलाई - 31 जुलाई
जो छात्र 23 जुलाई-31 जुलाई के भीतर Annual DCA सब्सक्राइब करेंगे, उनको पिछले महीने, यानी जनवरी से जून 2019 का भी DCA मेल कर के भेज दिया जाएगा. फिर पूरे साल यानी जुलाई 2019 से जुलाई 2020 तक का DCA तो मिलेगा ही. 12,116 लोगों ने अभी तक Annual DCA सब्सक्राइब किया है, उनको धन्यवाद और शुभकामनाएँ!
Sansar Daily Current Affairs, 23 July 2019
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Urja Ganga Gas Pipeline Project
संदर्भ
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना क्या है?
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का उद्देश्य पहले वाराणसी और तत्पश्चात बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों के करोड़ों निवासियों को पाइप से रसोई गैस उपलब्ध कराना है.
गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (GAIL) के अनुसार इस परियोजना के अंतर्गत तत्काल 20 लाख घरों को PNG कनेक्शन दिए जाएँगे.
ज्ञातव्य है कि GAIL ने अब तक देश में 11,000 किलोमीटर लम्बे ट्रंक पाइपलाइन का नेटवर्क बना चुका है. ऊर्जा गंगा योजना के कार्यान्वयन से यह संख्या लम्बाई बढ़कर 13,540 हो जायेगी.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Bonded Labour (Abolition) Act, 1976
संदर्भ
अध्ययन से पता चला है कि बंधुआ श्रमिक प्रणाली उन्मूलन अधिनियम, 1976 के अंतर्गत आने वाले मामलों में सजा दिए जाने की दर (low conviction rate) अत्यंत कम है.
कम सजा के संभावित कारण
- सामान्य सामाजिक पक्षपात.
- बंधुआ श्रमिकों का स्थानीय नहीं होना जिस कारण गवाह नहीं मिलते हैं.
- ऐसे मामले जिला दंडाधिकारी/अनुमंडलीय दंडाधिकारी के न्यायालयों में विचार किए जाते हैं जो न्यायिक न्यायालयों जितने कुशल नहीं होते.
बंधुआ श्रमिक प्रणाली उन्मूलन अधिनियम, 1976 क्या है?
- इस अधिनियम का कार्यान्वयन सम्बंधित राज्य सरकारें अथवा संघीय क्षेत्र की सरकारें करती हैं.
- इस अधिनियम के अंतर्गत जिला-स्तर पर निगरानी समितियाँ (Vigilance Committees) गठित की गई हैं.
- अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन हेतु राज्य/संघीय क्षेत्र सरकार किसी कार्यकारी दंडाधिकारी को प्रथम श्रेणी अथवा द्वितीय श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी की शक्तियाँ दे सकती हैं.
पृष्ठभूमि
बंधुआ श्रम का एक लम्बा इतिहास रहा है. पुरानी ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं में किसान आर्थिक रूप से वंचित समुदाय से आते थे और उन्हें जमीनदारों के काम निःशुल्क करने पड़ते थे. अभी भी इसका थोड़ा-बहुत प्रचलन गाँवों में और शहरों के किसी-किसी असंगठित उद्योग में देखा जा सकता है. ईंट भट्ठों, पत्थर-तुड़ाई फैक्टरियों और कोयला खनन में बंधुआ श्रम अभी भी चालू है. इसके अतिरिक्त सर्कस में भी बंधुआ श्रमिक होते हैं. गाँव-देहात में इनसे खेतों में और घरों में श्रम करवाया जाता है और उनका यौन उत्पीड़न भी होता है.
बंधुआ श्रमिकों की मुक्ति के लिए सरकार की पहल
बंधुआ श्रमिकों को मुक्त कराने और उनके पुनर्वास के लिए सरकार ने एक केन्द्रीय क्षेत्र की योजना (Central Sector Scheme for Rehabilitation of Bonded Labourers – 2016) चलाई है. इस योजना के अंतर्गत मुक्त कराये गये बंधुआ श्रमिकों को उनके शोषण के स्तर के अनुसार एक लाख रु., दो लाख रु. और तीन लाख रु. की आर्थिक सहायता दी जाती है. इसके अतिरिक्त उन्हें आजीविका चलाने के लिए नकद के अलावा और अन्य सुविधाएँ भी प्रदान की जाती हैं.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Atal Bimit Vyakti Kalyan Yojna
संदर्भ
कर्मचारी राज्य बीमा (The Employee’s State Insurance – ESI) ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत बीमित व्यक्तियों के लिए एक योजना की मंजूरी दी है, जिसका नाम है – अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना.
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजनाके लाभार्थी
- यह योजना उन बीमित व्यक्तियों के लिए है जो कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 (Employees’ State Insurance Act, 1948) के तहत कम से कम लगातार दो वर्ष तक आच्छादित (covered) रहे हों.
- जब ऐसा कोई बीमित व्यक्ति आजकल के रोजगार विषयक परिदृश्य को देखते हुए किसी कारण से बेरोजगार हो गया है तो इस योजना के माध्यम से उसे आर्थिक सहारा दिया जाएगा.
मुख्य तत्त्व
- इस योजना के तहत बेरोजगार हो गये व्यक्ति के बैंक खाते में राहत के तौर पर नकद राशि भुगतान कर दी जायेगी.
- इस राशि के लिए धन बीमित व्यक्ति द्वारा ESI योजना में पहले किये गये योगदान से आएगी.
- इस योजना के अंतर्गत नौकरी छूटने के बाद तीन महीने बेरोजगार रहने के पश्चात् बीमित कर्मचारी अपने ESI खाते से 47% तक राशि निकाल सकेगा.
- यह राशि एकमुश्त अथवा किश्तों में निकाली जा सकती है.
- अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना उन सभी कारखानों और प्रतिष्ठानों में लागू होगी जिनमें कम-से-कम 10 श्रमिक काम करते हों.
ESI क्या है?
- ESI भारतीय कर्मचारियों के लिए एक ऐसी सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा की योजना है जिसके लिए राशि उनके वेतन से जमा होती है.
- यह एक स्वायत्त निगम है जिसकी स्थापना श्रम एवं नियोजन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वैधानिक रीति (statutory creation) से की गई थी.
- इस प्रतिष्ठान का प्रबंधन कर्मचारी राज्य बीमा निगम ( Employees’ State Insurance Corporation – ESIC) के द्वाराकर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 में वर्णित नियमों और विनियमों के अनुसार किया जाता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Pradhan Mantri Rozgar Protsahan Yojana (PMRPY)
संदर्भ
प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) के अन्दर 1.04.2016 से लेकर 31.03.2019 के बीच 1.18 करोड़ कर्मचारी लाभन्वित हुए.
प्रधानमन्त्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) क्या है?
- यह योजना 2016-17 के बजट में घोषित हुई थी.
- इस योजना का कार्यान्वयन श्रम एवं नियोजन मंत्रालय कर रहा है.
- इस योजना का उद्देश्य रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना है.
- PMRPY योजना को नियुक्ति प्रदान करने वाले लोगों (employers) को नए रोजगार के निर्माण हेतु प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किया गया है.
- इस योजना के तहत नए नियुक्त कर्मचारी की EPS का 33% योगदान का वहन भारत सरकार करेगी.
- यह योजना उन कामगारों के लिए है जो 15,000 रू. तक की मजदूरी कमाते हैं.
माहात्म्य
- PMRPY योजना से नियुक्ति करने वाले व्यक्ति को अपने स्टाफ की संख्या बढ़ाने में प्रोत्साहन मिलेगा क्योंकि EPF में कर्मचारियों को ही अपने वेतन का 12% जमा करना होता है और इस पर नियुक्ति करने वाले को कोई अलग से खर्चा नहीं आता. ऐसी स्थिति में वह चाहेगा कि कर्मचारियों की संख्या जितनी भी बढ़ जाए, उतनी अच्छी है.
- इस योजना का यह भी लाभ है कि अधिक से अधिक व्यक्ति ऐसे प्रतिष्ठानों (establishment) में सम्मिलित होंगे.
- प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना का एक लाभ यह भी है कि अधिक से अधिक लोग नियुक्त होकर सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं, जैसे – भविष्य निधि, पेंशन, मृत्यु से जुड़ी बीमा आदि का लाभ प्राप्त करने की स्थिति में आ जायेंगे.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : International Solar Alliance
संदर्भ
पिछले दिनों पलाऊ गणतंत्र अंतर्राष्ट्रीय सौर संघ (ISA) में सम्मिलित हो गया और इस प्रकार वह ऐसा करने वाला विश्व का 76वाँ देश हो गया.
पृष्ठभूमि
माराकेश (Marrakech) में नवम्बर 15, 2016 को CoP22 के समय अंतर्राष्ट्रीय सौर संघ का समझौता हस्ताक्षरों के लिए खोल दिया गया था. इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में भारत, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, जापान आदि देश थे.
ISA क्या है?
- ISA (International Solar Alliance) की स्थापना CoP21 पेरिस घोषणा के अनुसार हुई है. 6 दिसम्बर, 2017 को ISA का फ्रेमवर्क समझौता लागू हो गया और इसके साथ ही यह संधि पर आधारित एक अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन के तौर पर औपचारिक रूप से अस्तित्व में आया.
- इस संघ का उद्देश्य है सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना जिससे पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम की जा सके.
- सौर संघ का प्रधान लक्ष्य विश्व-भर में 1,000 GW सौर ऊर्जा का उत्पादन करना और इसके लिए 2030 तक सौर ऊर्जा में 1,000 बिलियन डॉलर के निवेश का प्रबंध करना है.
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय, अंतर-सरकारी संघ है जो आपसी समझौते पर आधारित है.
- अब तक 54 देशों ने इसके फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
- यह 121 ऐसे देशों का संघ है जो सौर प्रकाश की दृष्टि से समृद्ध हैं. (Source : ISA official website)
- ये देश पूर्ण या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं.
- इसका मुख्यालय भारत में है और इसका अंतरिम सचिवालय फिलहाल गुरुग्राम में बन रहा है.
GS Paper 2 Source: Indian Express
Topic : Karnataka crisis: What was SC’s Kihoto Hollohan order of 1992, what is the role of Speaker?
संदर्भ
पिछले दिनों कर्नाटक के राजनीतिक संकट से जुड़े वाद पर सर्वोच्च न्यायालय में हो रही बहस के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि 1992 में Kihoto Hollohan बनाम Zachillhu एवं अन्य मामले में न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया था कि विधायकों को अयोग्य घोषित करने के सम्बन्ध में विधानसभा अध्यक्ष को अपने विवेक के अनुसार निर्णय लेने की पूर्ण स्वछंदता है.
Kihoto Hollohan वाद क्या है?
ज्ञातव्य है कि 1985 में संविधान की 10वीं अनुसूची को अंगीकृत किया गया था. इसमें विधि-निर्माताओं को अयोग्य घोषित करने और ऐसे मामलों में अध्यक्ष/सभापति की शक्तियों का वर्णन है. कालांतर में इस अनुसूची की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक वाद दायर किया गया था जो Kihoto Hollohan वाद के रूप में जाना जाता है.
विधानसभा के अध्यक्ष/सभापति की शक्तियाँ
10वीं अनुसूची के अनुच्छेद 6(1) के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष के पास व्यापक विवेकाधिकार है. यदि किसी सदन के सदस्य को अयोग्य घोषित करने का मामला सामने आता है तो वह मामला सभापति अथवा सदन के अध्यक्ष के पास निर्णय के लिए भेज दिया जाएगा और उसका निर्णय अंतिम होगा.
Hollohan वाद में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय
सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले यह व्यवस्था दी कि संसदीय लोकतंत्र में अध्यक्ष/सभापति सदन के अधिकारों और विशेषाधिकारों की रक्षा करने वाले अभिभावक होते हैं. इसलिए 10वीं अनुसूची में उन्हें सदस्यता समाप्ति के सम्बन्ध में निर्णय लेने की शक्ति दी गई है.
सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय बहुमत से लिया गया था. कुछ न्यायाधीशों को इस बात पर आपत्ति थी कि अध्यक्ष अपने पद पर सदन के बहुमत के बल पर बना रहता है, अतः उसका निर्णयाधिकार स्वतंत्र नहीं कहा जा सकता. उनका यह भी कहना था कि सदस्यता समाप्ति आदि मामलों पर निर्णय के लिए एक स्वतंत्र तन्त्र होना चाहिए.
Prelims Vishesh
Upliftment of Women of Backward Communities :-
- पिछले दिनों लोकसभा को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने सूचित किया कि तीन लाख से कम प्रतिवर्ष की पारिवारिक कमाई वाली महिलाओं के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (National Backward Classes Finance and Development Corporation – NBCFDC) दो योजनाएँ चला रहा है. वे हैं – महिला समृद्धि योजना और स्वर्णिमा योजना.
- महिला समृद्धि योजना में पिछड़े वर्ग की महिला उद्यमियों को छोटे-छोटे ऋण दिए जाते हैं.
- स्वर्णिमा योजना में सावधिक ऋण देने का प्रावधान है जिससे इन महिलाओं में आत्म-निर्भरता की भावना उत्पन्न हो सके.
Markandeshwar temple in Maharashtra :-
- वर्तमान में भारतीय पुरातात्विक सर्वे महाराष्ट्र में स्थित मार्कंडेश्वर मन्दिर के जीर्णोद्धार में लगा हुआ है.
- इस मंदिर को विदर्भ का खजुराहो कहा जाता है.
- यह गढ़चिरौली जिले में वैनगंगा नदी के तट पर स्थित है और नागर शैली में बना हुआ है.
- अनुमान है कि इसका निर्माण 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच हुआ था.
- यहाँ पर शैव, वैष्णव और शाक्त तीनों प्रकार के मंदिर हैं.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA
June, 2019 Sansar DCA is available Now, Click to Download