Sansar Daily Current Affairs, 24 February 2020
GS Paper 1 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : History of the world will include events from 18th century such as industrial revolution, world wars, redrawing of national boundaries, colonization, decolonization, political philosophies like communism, capitalism, socialism etc.- their forms and effect on the society.
Topic : Battle of Çanakkale/Gallipoli
संदर्भ
पिछले दिनों तुर्की का राष्ट्रपति रेसेप तैयब अर्दोगान (Recep Tayyip Erdogan) पाकिस्तान की संसद के संयुक्त अधिवेशन में गया और भाषण दिया. अपने भाषण में उसने कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष लिया और कश्मीर में होने वाली घटनाओं की तुलना प्रथम विश्व युद्ध के समय Çanakkale युद्ध (Battle of Çanakkale) से की.
Çanakkale युद्ध क्या है?
- Çanakkale युद्ध को गेलीपोली अभियान (Gallipoli campaign) अथवा दार्दानेल्ज़ अभियान (Dardanelles campaign) के नाम से भी जाना जाता है. यह युद्ध प्रथम विशे युद्ध के सबसे अधिक रक्तरंजित युद्धों में से एक है जिसमें एक ओर ओटमन सेना थी तो दूसरी ओर मित्रसेना. युद्ध में दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मर गये.
- मित्रसेना चाह रही थी कि दार्दानेल्ज़ जलडमरूमध्य और गेलीपोली प्रायद्वीप पर कब्ज़ा कर ले.
- इस युद्ध में मित्रसेना अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुई क्योंकि एक तो उसे उस भूभाग की पर्याप्त जानकारी नहीं थी तो दूसरी ओर तुर्की सेना ने भी जमकर लोहा लिया.
Çanakkale युद्ध का महत्त्व
- इस युद्ध में जीत को ओटोमनों की महान जीत माना जाता है.
- तुर्की के लोग इसको अपने इतिहास का निर्णायक मोड़ मानते हैं.
- इसी युद्ध के कारण तुर्की में स्वतंत्रता संग्राम आरम्भ हुआ और आठ वर्षों के पश्चात् तुर्की गणराज्य स्थापित हुआ.
- इस युद्ध की छाप सुदूर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पर भी पड़ी. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड गेलीपोली अभियान की तिथि – अप्रैल 25 – को ANZAC दिवस के रूप में मनाते हैं और इस दिन युद्ध में बलिदान देने वालों को याद किया जाता है.
ANZAC दिवस में क्या हुआ?
- ANZAC का पूरा नाम है – Australian and New Zealand Army Corps.
- 1915 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सेनाओं ने एकसाथ तुर्की के गेलीपोली में कदम रखा था.
- दरअसल इन दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियाँ भी उस संयुक्त दस्ते का हिस्सा थीं जिसे गेलीपोली प्रायद्वीप पर कब्जा करना था.
- 8 महीने तक इस अभियान में न्यूजीलैंड के करीब 3 हजार सैनिक मारे गए थे.
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Development processes and the development industry the role of NGOs, SHGs, various groups and associations, donors, charities, institutional and other stakeholders.
Topic : Institutions of Eminence (IoE) Scheme
संदर्भ
पिछले दिनों भारत सरकार की उत्कृष्ट संस्थान योजना (Institutions Of Eminence Scheme) में हुई प्रगति की समीक्षा एक उच्च-स्तरीय बैठक में की गई.
इंस्टिट्यूट्स ऑफ़ एमिनेन्स योजना क्या है?
- यह योजना भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की है. इसका उद्देश्य भारतीय संस्थानों को वैश्विक मान्यता दिलवाना है.
- चुने गये संस्थानों को सम्पूर्ण शैक्षणिक एवं प्रशासनिक स्वयत्तता मिलेगी.
- सरकार इन संस्थानों में से दस को चलाएगी और उन्हें विशेष धनराशि मुहैया कराएगी.
- उत्कृष्ट संस्थान के रूप में संस्थानों को चुनने के लिए एक विशेष विशेषज्ञ समिति गठित की गई है.
- उत्कृष्ट संस्थानों को अधिक स्वायत्तता मिलेगी और वे शुल्क निर्धारण, पाठ्यक्रम की अवधि एवं प्रशासनिक ढाँचे के विषय में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे.
- उत्कृष्ट संस्थान के रूप में चयन के लिए वही शैक्षणिक संस्थान योग्य माने जाएँगे जिन्हें वैश्विक-स्तर पर शीर्षस्थ 500 संस्थानों में स्थान मिला हुआ है.
- इसके लिए वह संस्थान भी आवेदन कर सकता है जिसको राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढाँचे (NIRF) के अंदर शीर्षस्थ 50 में स्थान मिला है.
- ‘उत्कृष्ट संस्थान’ के रूप में चुने गए प्रत्येक ‘सार्वजनिक संस्थान’ को पाँच साल की अवधि में 1000 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता दी जायेगी. निजी संस्थानों को यह वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी. निजी संस्थानों को यह दर्जा तभी मिलेगा जब वह आगामी 15 वर्ष के लिए अपनी ऐसी योजना प्रस्तुत करें जो भरोसा देने वाली हो.
- इन संस्थानों को विदेशी छात्रों को प्रवेश देने के लिए, विदेशी अध्यापकों को भर्ती करने के सन्दर्भ में अधिक स्वायत्तता प्रदान की जाएगी.
- उन्हें UGC की अनुमति के बिना शीर्ष 500 विश्व-संस्थानों के साथ अकादमिक सहयोग करने की भी अनुमति प्रदान की जायेगी.
उत्कृष्ट संस्थानों को प्राप्त सुविधाएँ
- ये संस्थान अपने कार्यबल के 25% तक शिक्षकों को विदेशी शिक्षकों को नियुक्त कर सकते हैं.
- ये देश के अन्दर अन्य शैक्षणिक संस्थानों से सहयोग कर सकेंगे.
- विदेशी छात्रों को अपने संस्थान में मेधा के आधार पर ले सकेंगे बशर्ते उनकी संख्या देशी छात्रों के 30% तक हो.
- बिना किसी सीमा के ये संस्थान विदेशी छात्रों से शुल्क ले सकेंगे.
- उत्कृष्ट संस्थान बन जाने के बाद ये संस्थान UGC के पाठ्यक्रम से हट कर अपना पाठ्यक्रम निर्धारित कर सकते हैं.
- ये संस्थान अपने कार्यक्रमों के ऑनलाइन पाठ्यक्रम चला सकते हैं, परन्तु इसके लिए इसकी 20% की अधिकतम सीमा है.
- ऐसे संस्थानों में UGC के निरीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी.
विश्व-स्तरीय संस्थानों की आवश्यकता क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग के अनुसार, भारत में विश्व-स्तरीय विश्वविद्यालयों का अभाव है और यहाँ के शिक्षकों को विदेश की तुलना में कम पैसा दिया जाता है. चीन की तुलना में भारत में विश्वविद्यालय के स्तर पर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या आधी है. इस मामले में वह अधिकांश लैटिन अमेरिकी और अन्य मध्यम आय वाले देशों से कहीं पीछे है.
GS Paper 3 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Various Security forces and agencies and their mandate
Topic : What are joint commands?
संदर्भ
रक्षा स्टाफ प्रमुख (Chief of Defence Staff – CDS) का कार्यालय तीनों रक्षा सेवाओं – स्थल सेना और नौसेना एवं हवाई सेना – में संयुक्त कमांड की स्थापना करने की समयबद्ध योजना बना रहा है. सबसे पहले वायु सेना के लिए संयुक्त कमांड गठित होगा.
संयुक्त कमांड (Joint Commands) क्या होते हैं?
- यह एक एकीकृत कमांड होता है जिसके अन्दर सम्बंधित सैन्य सेवा के सभी संसाधन एक अकेले कमांडर के अधीन होते हैं.
- इस प्रकार का कमांड देश के किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र के लिए बनाया जाता है. तात्पर्य यह है कि उस भौगोलिक क्षेत्र में तैनात एक अकेला सैन्य कमांडर देश पर खतरा आने पर स्थल सेना, नौसेना और वायु सेना तीनों सेनाओं के संसाधन को आवश्यकतानुसार अपने हाथ में ले सकता है.
संयुक्त कमांड का कार्य
- संयुक्त कमांड का कमांडर अपने कमांड को सुसज्जित करने के लिए और प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के लिए स्वतंत्र होगा.
- यदि उसे माल ढुलाई की आवश्यकता पड़ी तो तीनों सेवाओं की सेवा उसे तत्काल उपलब्ध हो जायेगी. परन्तु साथ ही साथ तीनों सेनाएँ अपनी स्वतंत्र पहचान को बनाये भी रखेगी.
वर्तमान में कितने संयुक्त कमांड हैं?
- वर्तमान में एक संयुक्त कमांड अंडमान और निकोबार के लिए है. इसका नाम अंडमान और निकोबार कमांड है. तीनों सेनाओं के प्रमुख बारी-बारी से इसके अध्यक्ष होते हैं. इस संयुक्त कमांड की स्थापना 2001 में कारगिल युद्ध के पश्चात् राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय में एक मंत्रीसमूह द्वारा दिए गये प्रतिवेदन के आधार पर हुई थी.
- 2006 में एक और ऐसे कमान की स्थापना हुई थी जिसका नाम रणनीतिक सैन्य बल कमान (The Strategic Forces Command) है. यह संयुक्त कमान अभी कार्यशील है.
संयुक्त कमांड की आवश्यकता क्यों?
सेना में अभी जो कमांड हैं उनके प्रमुख की तुलना में एकीकृत कमांड के प्रमुख के पास बहुत प्रकार के संसाधन होंगे. उदाहरण के लिए वह वायु सेना के लड़ाकू जेट की भी सेवा आवश्यकता पड़ने पर ले सकता है.
संयुक्त कमान के अन्दर दोहरे संसाधन की स्थिति नहीं आती है क्योंकि किसी एक सेना को उपलब्ध संसाधन दूसरी सेना के लिए भी काम आ जाता है.
कमांड के संयुक्त होने से सेना की तीनों सेवाओं के लोग एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझ पायेंगे और इस प्रकार रक्षा स्थापना में सामंजस्य बढ़ेगा.
देश में कितने सैन्य कमान (Commands) हैं?
- वर्तमान में 17 कमान हैं. स्थल सेना और वायु सेना के अन्दर 7-7 कमान हैं जबकि नौसेना के अन्दर 3 कमान हैं.
- ये कमान अपनी-अपनी सेना के प्रति उत्तरदायी होते हैं और इनके प्रमुख तीन तारों वाले अधिकारी होते हैं.
दूसरे देशों में संयुक्त कमान होते हैं?
कई देशों में सेनाओं के अन्दर समेकित थिएटर कमांड होते हैं. उदाहरण के लिए चीन की सेना में पाँच थिएटर कमान हैं – उत्तरी, पश्चिमी, पूर्वी, दक्षिणी और मध्य कमान. इनमें से पश्चिमी कमांड भारत के मामलों को देखता है. अमेरकी सेना के अन्दर 11 एकीकृत कमान हैं जिनमें 7 भौगोलिक और 4 कार्यपरक कमांड हैं. भौगोलिक कमान विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों का काम देखते हैं जैसे – अफ्रीका, सेंट्रल अमेरिका, यूरोप, भारत-प्रशांत, उत्तरी, दक्षिणी और अन्तरिक्षीय. अमेरिकी सेना के कार्यपरक कमान ये सब काम देखते हैं – साइबर, विशेष कार्रवाई, परिवहन और रणनीति.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Economics of animal rearing.
Topic : Sutra Pic
संदर्भ
भारत सरकार ने देशी गायों पर शोध करने के लिए एक कार्यक्रम का अनावरण किया है जिसका नाम सूत्र पिक (Sutra Pic) रखा गया है.
सूत्र पिक क्या है?
- Sutra Pic का पूरा नाम है – Scientific Utilisation Through Research Augmentation-Prime Products from Indigenous Cows.
- यह कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग संचालित करेगा.
- इसके संचालन में जो अन्य संस्थाएँ सहयोग देंगी, वे हैं – जैव प्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद्, आयुष (आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होमियोपेथी) मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद् आदि आदि.
इस कार्यक्रम की पाँच थीमें
- देसी गाय अनूठी होती है.
- औषधि एवं स्वास्थ्य के लिए देसी गायों के उत्पाद
- कृषि अनुप्रयोग के लिए देसी गायों के उत्पाद
- भोजन एवं पोषण के लिए देसी गायों के उत्पाद
- देसी गायों से उपयोग में आने वाले उत्पाद
कार्यक्रम का उद्देश्य
- भारत की देसी गायों से निकलने वाले दूध और दुग्ध उत्पादों के सम्पूर्ण गुणधर्मों के विषय में वैज्ञानिक शोध करना.
- पारम्परिक शैली में देसी नस्लों की गायों से बनाए गये दही और घी के पोषक एवं औषधीय गुणों पर वैज्ञानिक शोध करना.
- भारतीय मूल की गायों आदि के दुग्ध उत्पादों के पारम्परिक ढंग से प्रसंस्करण हेतु मानकों का निर्धारण करना.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Science and Technology- developments and their applications and effects in everyday life Achievements of Indians in science & technology; indigenization of technology and developing new technology.
Topic : Station WiFi Programme
संदर्भ
पाँच वर्ष पहले भारत के 400 व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों पर निःशुल्क सार्वजनिक वाई-फाई लगाने का “स्टेशन” नामक एक कार्यक्रम गूगल ने चलाया था. अब उसने निश्चय किया है कि वह धीरे-धीरे पूरे विश्व में इस सेवा को समाप्त कर देगा.
परन्तु इससे भारतीयों को हानि नहीं होगी क्योंकि गूगल का ही भागीदार RailTel ऊपर बताये गये भारत के 400 स्टेशनों पर वाई-फाई की सेवा देता रहेगा.
स्टेशन कार्यक्रम क्या है?
- स्टेशन कार्यक्रम 2015 में गूगल तथा भारतीय रेलवे एवं RailTel की भागीदारी में आरम्भ हुआ था. इसका उद्देश्य 2020 तक भारत के 400 से अधिक व्यवस्ततम रेलवे स्टेशनों पर निःशुल्क सार्वजनिक Wi-Fi मुहैया करना था.
- परन्तु गूगल ने अपना लक्ष्य जून 2018 तक ही प्राप्त कर लिया था. तत्पश्चात् देश के कई और स्टेशनों को इस कार्यक्रम में जोड़ा गया जिसमें दूरसंचार कम्पनियों, ISPs और स्थानीय अधिकारीयों की प्रतिभागिता रही.
गूगल की “स्टेशन” सेवा क्यों बंद की जा रही है?
- गूगल का मानना है कि बेहतर डाटा स्कीमों के आ जाने से और मोबाइल सम्पर्कशीलता बढ़ जाने से ग्राहकों को ऑनलाइन ही अधिक सरल और सस्ती सेवाएँ मिल जा रही हैं.
- देखा जाए तो प्रति GB मोबाइल डाटा की दर भारत में विश्व में सबसे सस्ता है. मोबाइल डाटा के दाम पिछले पाँच वर्षों में 95% घट गये हैं जैसा पिछले वर्ष TRAI ने बताया था.
- आज भारतीय ग्राहक औसतन प्रत्येक माह 10GB डाटा की खपत करता है.
अन्य कारण
“स्टेशन” सेवा को वापस लेने के पीछे अन्य कारण हैं –
- भारत सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के माध्यम से इन्टरनेट सेवा के फैलाव के लिए निरंतर किया जा रहा प्रयास.
- निजी क्षेत्र द्वारा उठाये गये कदम जैसे वोडाफोन की सुपर वाई-फाई सेवा.
- रिलायंस जियो 4G आने के बाद इन्टरनेट ग्राहकी की लागत अतिशय घट गई है. इन सब कारणों से भारत में इन्टरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या में अत्यंत वृद्धि हुई है.
- एक और कारण से गूगल के “स्टेशन” कार्यक्रम को आगे बढ़ाने और टिकाऊ बनाने में समस्या आ रही है और वह कारण है विश्व में तकनीकी आवश्यकताओं और अवसंरचनाओं में पेश आती हुई नई-नई चुनौतियाँ.
Prelims Vishesh
East-West Industrial Corridor :-
- अरुणाचल प्रदेश सरकार पूर्वी कामेंग जिले में स्थित पक्के व्याघ्र आश्रयणी (PTR) से होकर के 692.7 किलोमीटर का एक राजमार्ग बनाने की सोच रही है.
- इस राजमार्ग का नाम पूर्वी-पश्चिमी औद्योगिक गलियारा होगा जो पश्चिमी कामेंग जिले के भैराभुंडा को चांगलांग जिले के मनमाओ से जोड़ देगा.
Olive Ridley turtles :–
- ओडिसा के समुद्री तट पर स्थित ऋषिकुल्य काकविहार में आगामी सामूहिक अंडा सेवने के मौसम में ओलिव रिडले कछुओं को सुरक्षित करने और उनका स्वागत करने की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं.
- इसके लिए गोखरकुड्डा से लेकर बटेश्वर तक पाँच किलोमीटर लम्बी धात्विक जाल की बाड़ वन विभाग खड़ी कर रहा है जिससे कि कछुओं के अंडों तक आदमी या कोई पशु शिकारी न पहुँच सके.
- ज्ञातव है कि ओलिव रिडले विश्व में सबसे अधिक पाए जाने वाले समुद्री कछुए होते हैं और ये आकार में दूसरे सबसे छोटे कछुए हैं.
- विदित हो कि भारतीय जल मेंसमुद्री कछुओं की पाँच प्रजातियाँ हैं – लैदरबैक, लॉगरहेड, हॉक्सबिल, ग्रीन और ओलिव रिडले. ये कछुए ज्यादातर देश के पूर्वी तट पर पाए जाते हैं.
- इन कछुओं की IUCN स्थिति है –
- हॉक्सबिल- गंभीर रूप से संकटग्रस्त(Critically Endangered या CR)
- ग्रीन कछुआ- संकटग्रस्त(Endangered या EN)
- लैदरबैक हॉक्सबिल – असुरक्षित (Vulnerable या VU)
- लॉगरहेड – असुरक्षित (Vulnerable या Surajkund International Crafts Mela: VU)
- ओलिव रिडले – असुरक्षित (Vulnerable या VU)
Rohtang pass :–
हिमालय की पूर्वी पीर पंजाल श्रेणी में स्थित रोहतांग दर्रा हिमाचल प्रदेश में कुल्लू घाटी को लाहौल-स्पीति घाटियों से जोड़ता है और चेनाब तथा व्यास नदी घाटियों से गुजरता है.
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