One Week Special Offer - 23 जुलाई - 31 जुलाई
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Sansar Daily Current Affairs, 24 July 2019
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : ONE STOP CENTRE SCHEME
संदर्भ
1 अप्रैल, 2015 से भारत सरकार वन स्टॉप सेंटर (OSC) चला रही है जिसका उद्देश्य हिंसा से प्रभावित स्त्रियों को सहारा देना है.
वन स्टॉप सेंटर (OSC) क्या है?
- यह योजना राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन नामक बहु-आयामी योजना के अन्दर आनेवाली एक उप-योजना है.
- यह योजना 1/7/2015 से राज्यों एवं केंद्र शाषित प्रदेशों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है.
- इस योजना का प्रचलित नामसखी है.
- यह एक केंद्र संपोषित योजना है जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है.
- ये केंद्र देश भर में स्थापित किये जा रहे हैं. इस योजना के अंतर्गत ऐसे केंद्र खोले जाते हैं जो एक ही छत के नीचे हिंसा से पीड़ित महिलाओं को निजी और सार्वजनिक दोनों स्थलों में चरणबद्ध रीति से समेकित सहयोग और सहायता प्रदान की जाती है.
- यह एक केंद्र संपोषित योजना है जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) द्वारा निर्भया कोष से चलाये जाते हैं.
- दी जाने वाली सहायताएँ कुछ इस प्रकार हैं – प्रथम सूचना प्रतिवेदन (FIR) दायर करने में सहायता, विडियो कांफ्रेंस की सुविधा, चिकित्सकीय सुविधा, मनोवैज्ञानिक-सामाजिक परामर्श, कानूनी सहायता, कम-से-कम पाँच दिन का आश्रय आदि.
सुरक्षा की आवश्यकता क्यों?
- लिंग पर आधारित हिंसा स्वास्थ्य, मानवाधिकार और विकास से सम्बंधित एक वैश्विक समस्या है जो विश्व के किसी भी कोने, वर्ग, संस्कृति, आयु, प्रजाति और धर्म में देखी जाती है.
- लिंग पर आधारित हिंसा की परिभाषा संयुत राष्ट्र हिंसा उन्मूलन घोषणा, 1993 के अनुच्छेद 1 में दी गई है. इस परिभाषा के अनुसार, ऐसा कोई भी कार्य लैंगिक हिंसा कहलाएगी जिससे स्त्रियों को शारीरिक, यौन-सम्बंधित अथवा मानसिक चोट पहुँचता है. ऐसे कार्यों की धमकी देना, दबाव डालना अथवा स्वतंत्रता से निरंकुशतापूर्वक वंचित करना भी लिंग-आधारित हिंसा कहलायेगा चाहे यह सब निजी जीवन में गठित हो अथवा सार्वजनिक जीवन में.
- भारत में लिंग पर आधारित हिंसा के कई रूप हैं. अधिकतर यह घरेलू मारपीट अथवा यौन उत्पीड़न के रूप में देखा जाता है. परन्तु इसके कई अन्य प्रकार भी हैं, जैसे – दहेज, सम्मान के लिए हत्या, एसिड फेकना, डायन हत्या, बाल यौन उत्पीड़न, वाणिज्यिक यौन शोषण के लिए तस्करी, बाल विवाह, भ्रूण हत्या, सती आदि.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : PMUY
संदर्भ
1 मई, 2016 से चल रही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) अत्यंत सफल रही है और वर्तमान सरकार के पहले 100 दिनों के भीतर आशा की जा रही है कि यह 80 मिलियन घरों तक गैस कनेक्शन देने में सफल हो जायेगी. अभी तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 7.23 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं.
प्रधानमन्त्री उज्ज्वला योजना
- पीएमयूवाई की शुरूआत एक मई 2016 को की गयी. इसके तहत मार्च 2019 तक गरीब परिवार की पांच करोड़ महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य था। बाद में लक्ष्य को बढ़ाकर 2021 तक 8 करोड़ कर दिया गया और अब सभी घर को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है.
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) का शुभारम्भ डॉ. बी.आर.अम्बेडकर की जयंती परतेलंगाना राज्य में किया गया.
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लक्ष्य गरीब परिवारों तक एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) कनेक्शन पहुँचाना है.
- इस योजना के अंतर्गत सामाजिक-आर्थिक-जाति-जनगणना (SECC) के माध्यम से पहचान किये गए गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों की वयस्क महिला सदस्य को केंद्र सरकार द्वारा प्रति कनेक्शन 1600 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ जमा-मुक्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है.
- यह योजना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा लागू की जा रही है.
PMUY के फायदे
- शुद्ध ईंधन के प्रयोग से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार
- अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के प्रयोग न करने से वातावरण में कम प्रदूषण
- खाने पर धुएं के असर से मृत्यु में कमी
- छोटे बच्चों में स्वास्थ्य समस्या से छुटकारा
LPG आवश्यक क्यों?
- भारत में उपले, कोयले, लकड़ियाँ आदि से भोजन बनाने की परम्परा रही है. पर इन ईंधनों से निकलने वाला धुआँ प्रदूषण फैलाता है और महिलाओं और बालिकाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि घरों में होने वाले वायु प्रदूषण स्वास्थ्य की क्षति का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ठोस इंधन के प्रयोग से भारत में 13% मृत्यु होती है और लगभग 40% फेफड़ों की बीमारी की जड़ में यही है. 30% मोतियाबिंद और 20% स्केमिक हृदय रोग, फेफड़ा कैंसर और फेफड़ा संक्रमण ठोस इंधन के चलते होता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Paramarsh scheme
संदर्भ
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की एक योजना – परामर्श – का आनावरण किया है.
परामर्श योजना क्या है?
परामर्श योजना एक ऐसी योजना है जो देश में उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बनाई गई है. यह योजना उन शिक्षण संस्थानों को NAAC (National Accreditation and Assessment Council) से प्रमाणपत्र लेने में सहायता करेगी. विदित हो कि NAAC एक परिषद् का नाम है जिसका कार्य शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन करते हुए उन्हें राष्ट्रीय प्रमाणपत्र मुहैया कराना है.
उल्लेखनीय है कि यह प्रमाणपत्र उन्हीं संस्थानों को मिलता है जो पाठ्यक्रम, शिक्षण-ज्ञानार्जन, मूल्यांकन, शोध, नवाचार, सांस्थिक मूल्यों एवं प्रथाओं आदि पर ध्यान केन्द्रित करते हैं.
कार्यान्वयन
यह योजना “Hub & Spoke” अर्थात् “धुरी और तीलियाँ” पद्धति पर कार्यान्वित होती है. इसके अंतर्गत एक संस्थान को “गुरु” संस्थान घोषित किया जाता है और वह शेष अन्य संस्थानों को दिशा-निर्देश देता है. ये दिशा-निर्देश शैक्षणिक गुणवत्ता में उत्कृष्टता लाने के लिए दिए जाते हैं.
परामर्श योजना का माहात्म्य
- भारत में उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना एक राष्ट्रीय चुनौती है जिसका समाधान इस योजना के रास्ते संभव दिखता है.
- जिन संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है उनकी संचालनात्मक कुशलता और संसाधन उपयोगिता पर इस योजना के अंतर्गत एक केंद्रीकृत नियंत्रण होता है.
- इस योजना के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों में शोध, शिक्षण और ज्ञानार्जन पद्धतियों की गुणवत्ता बढ़ेगी.
- इस योजना के कारण संस्थान नई-नई बातों से अवगत होंगे और सर्वोत्कृष्ट प्रथाओं को अपनाएंगे.
- परामर्श योजना से संस्थानों को एक ओर ज्ञान और सूचना को साझा करने की सुविधा मिलेगी तो वहीं दूसरी ओर अन्य संस्थानों से शोध कार्य और संकाय के विकास में सहयोग मिलेगा.
- वर्तमान में उच्चतर शिक्षा में 6 करोड़ छात्र नाम लिखा रहे हैं. इस योजना से इन सभी को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने में सहायता मिलेगी.
GS Paper 3 Source: Indian Express
Topic : Ramanujan Machine
संदर्भ
इजरायल के तकनीकी संस्थान Technion के वैज्ञानिकों ने एक अवधारणा विकसित की है जिसका नाम उन्होंने भारतीय गणितज्ञ रामानुजन के नाम पर रामानुजन मशीन रखा है.
रामानुजन मशीन क्या है?
वास्तव में यह कोई मशीन नहीं है, अपितु एक अल्गोरिदम है जो एक बहुत अपारम्परिक कार्य करता है.
यह क्या करता है?
रामानुजन मशीन एक मशीन न हो कर अवधारणा है. इसमें कई कंप्यूटरों का एक नेटवर्क होता है जो सभी ऐसे अल्गोरिदम चलाते हैं जिनका काम मूलभूत कांस्टेंटों (fundamental constants) के विषय में अनुमान (conjectures) लगाना होता है. इसके लिए इसमें अनंत लम्बाई के भिन्नांशों (fractions) का प्रयोग होता है.
मशीन का नाम रामानुजन पर क्यों पड़ा?
इस मशीन में प्रयुक्त अल्गोरिदम वैसा ही है जिसका प्रयोग श्रीनिवास रामानुजन अपनी छोटे जीवन में (1887-1920) में किया करते थे. उन्हें औपचारिक प्रशिक्षण बहुत कम मिला था, परन्तु विश्व के सबसे अधिक प्रसिद्ध गणितज्ञों के साथ उन्होंने काम किया था जब वे इंग्लैंड में थे (1914-19). अंततः उन्हें रॉयल सोसाइटी का फेलो चुना गया और उन्होंने कैंब्रिज से शोध की डिग्री प्राप्त की.
रामानुजन ने जीवन भर नए-नए समीकरण बनाए जिनमें पाई (pi) के मूल्य का पता करने वाले सूत्र भी थे.
अनुमान (conjectures) क्या होता है?
विज्ञान की किसी भी शाखा, विशेषकर गणित, में नई-नई खोज करने की प्रक्रिया में अनुमान (conjectures) बहुत बड़े कदम होते हैं. पाई (pi) जैसे मूलभूत गणितीय कांस्टेंटों को परिभाषित करने वाले समीकरणों को अत्यंत मूल्यवान माना जाता है. किन्तु गणित में नए-नए अनुमान अब बहुत कम और कभी-कभी ही देखने को मिलते हैं. रामानुजन मशीन का उद्देश्य है ऐसे यत्र-तत्र बिखरे अनुमानों पर प्रकाश डालना और नई खोज में तेजी लाना.
यह अनुमान जब तक सिद्ध नहीं होते हैं तोअनुमान ही रहते हैं. दूसरे शब्दों में जब तक ये गलत सिद्ध नहीं होते हैं तो इनको अनुमान (conjectures) ही कहेंगे. यह बहुत संभव है कि अल्गोरिदम जिन अनुमानों को प्रस्तुत करेंगे उनको सिद्ध करने में वर्षों लग जाएँ.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : NAVIC
संदर्भ
वर्तमान वैश्विक स्थिति प्रणाली (Global Positioning System – GPS) को हटाकार उसके स्थान पर स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन (NAVIC) को लागू करने के लिए ISRO Qualcomm जैसे प्रोसेसिंग चिप निर्माताओं से बातचीत कर रहा है.
NAVIC क्या है?
- इसका पूरा नाम Navigation with Indian Constellation है.
- यह एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली है जो भारत की मुख्य भूमि के चारों ओर 1,500 किमी. तक के क्षेत्र के विषय में स्थिति से सम्बंधित सूचना देने के लिए तैयार की गई है.
- NAVIC दो प्रकार की सेवाएँ देता है – 1. मानक स्थिति सेवाएँ (Standard Positioning Services) जो सभी उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध होंगी. 2. सीमित सेवाएँ (Restricted Services) जो केवल प्राधिकृत उपयोगकर्ताओं को मिलेंगी.
NAVIC का प्रयोग किन-किन कार्यों के लिए हो सकता है?
- धरती, वायु और समुद्र में नेविगेशन
- आपदा प्रबंधन
- वाहनों और पानी के जहाज़ों का पता लगाना
- मोबाइल फोन पर स्थिति की सूचना देना
- सटीक समय बताना
- मानचित्र बनाने और भूमि संरक्षण के लिए आँकड़े इकठ्ठा करना.
- हाइकर और पर्यटकों को धरती से सम्बंधित नेविगेशन में सहायता पहुँचाना.
- चालकों को दृश्य एवं श्रव्य नेविगेशन की सुविधा देना.
NAVIC में कितने उपग्रह लगे हैं?
NAVIC एक क्षेत्रीय प्रणाली है और इसलिए इसके लिए सात उपग्रह काम करेंगे. इन उपग्रहों में से तीन हिन्द महासागर के ऊपर भूस्थैतिक दशा में रहेंगे और चार ऐसे होंगे जो भूसमकालिक होंगे अर्थात् प्रत्येक दिन आकाश में एक ही समय और एक ही बिंदु पर दिखेंगे. धरती पर इस प्रणाली के लिए 14 स्टेशन काम करेंगे.
स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली आवश्यक क्यों?
स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली होने से देश की सुरक्षा के विषय में सटीक जानकारी मिलती है. इसके प्रयोग से राहत का कार्य भी अच्छे ढंग से किया जा सकता है.
Prelims Vishesh
Sangeet Natak Akademi :-
- संगीत नाटक अकादमी भारत में संगीत, नृत्य और नाट्यकला के लिए स्थापित पहला राष्ट्रीय अकादमी है जिसकी स्थापना 1952 में हुई थी.
- इसके द्वारा प्रत्येक वर्ष दिए गये पुरस्कार कलाकारों के लिए सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार माने जाते हैं.
- यह अकादमी प्रसिद्ध लोगों को फेलोशिप भी देता है जिसे रत्न सदस्य कहा जाता है.
- 40 वर्ष की कम आयु वाले कलाकारों को उस्ताद बिस्मिल्ला खां युवा पुरस्कार दिया जाता है.
Incredible India Campaign :-
- भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे अतुल्य भारत (Incredible India) को 2018-19 के लिए PATA (Pacific Asia Travel Association) द्वारा “विपणन – प्राथमिक सरकारी गंतव्य” श्रेणी में स्वर्ण पुरास्कार का विजेता घोषित किया गया है.
- विदित हो कि PATA गोल्ड अवार्ड पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में पर्यटन उद्योग में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पर्यटन उद्योग संगठनों और व्यक्तियों को दिया जाता है.
Dibang Multipurpose Project (MPP) :-
- पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अरुणाचल प्रदेश में 1,600 करोड़ रु. के व्यय से कार्यान्वित होने वाली 2880 MW की दिबांग बहु-उद्देश्यीय परियोजना को अनुमोदित कर दिया है.
- यह एक पनबिजली परियोजना है जो बाढ़ के नियंत्रण में भी काम आएगी.
- यह भारत की सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना होगी. इसमें 278 मीटर ऊँचा बाँध बनाया गया है जो पूरा होने के बाद भारत का सबसे ऊँचा बाँध कहलायेगा.
Red Corner notices :-
- 1 अप्रैल, 2019 तक 27 आरोपित व्यक्तियों को रेड कार्नर सूचनाओं के आधार पर भारत में लाया गया है.
- विदित हो कि रेड नोटिस इंटरपोल द्वारा निर्गत होता है और ऐसी नोटिस पाने के बाद अपराधी का तीव्रतम गति से पता लगाया जाता है और उसे बंदी बनाया जाता है.
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