Sansar Daily Current Affairs, 24 June 2019
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Summer solstice 2019
संदर्भ
उत्तरी गोलार्द्ध में 21 जून को ग्रीष्म अयनांत (summer solstice) घटित होता है. इस दिन सूर्य का अयन दक्षिण की ओर होने लगता है और ग्रीष्म ऋतु का आरम्भ हो जाता है. जून 21 किसी भी वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है.
अयनांत किसे कहते हैं?
अयनांत शब्द लैटिन भाषा के शब्द “solstitium” से निकला है, जिसका अर्थ है “स्थिर सूर्य”. इस दिन मकर रेखा पर सूर्य स्थिर प्रतीत होता है. कुछ लोग इस अयनांत को Sun-turn अर्थात् “सूर्य का मुड़ना” यह नाम देते हैं.
अयनांत क्यों होता है?
अयनांत एक खगोलीय घटना है जो पृथ्वी के अपनी धूरी से एक ओर झुके रहने के कारण और सूर्य की परिक्रमा के समय इसकी चाल के कारण होती है.
जून के अयनांत के समय पृथ्वी अपनी परिक्रमा के समय ऐसी स्थिति में होती है कि जिसमें उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर सबसे अधिक झुका हुआ होता है. पृथ्वी से देखने पर सूर्य दोपहर में विषुवत रेखा के उत्तरी भाग में 23 ½ डिग्री हमारे सिरों के ऊपर कर्क रेखा पर स्थित होता है. उत्तर में सूर्य इस बिंदु से अधिक आगे नहीं जा पाता है.
निहितार्थ
ग्रीष्म अयनांत में विषुवत रेखा के उत्तर के सभी भागों में दिन 12 घंटों से अधिक लम्बा होता है, परन्तु इसके ठीक विपरीत दक्षिण गोलार्द्ध में सारे भूभागों में दिन 12 घंटे से छोटे हैं.
GS Paper 2 Source: Indian Express
Topic : ‘Back to Village’ program begins in J&K
संदर्भ
जम्मू-कश्मीर में “फिर गाँव की ओर” नामक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम का अनावरण हो गया है.
कार्यक्रम के मुख्य लक्ष्य
- पंचायतों को सशक्त करना.
- सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रतिफल के विषय में जानकारी का संग्रह करना.
- विशिष्ट आर्थिक संभावनाओं का पता लगाना.
- गाँवों की आवश्यकताओं का मूल्यांकन करना.
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ
जनसाधारण से जमीनी स्तर पर जानकारी लेने के लिए इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य सरकार का समूचा प्रशासनिक तंत्र सभी 4,483 पंचायत हल्कों की यात्रा करेगा.
सरकार ने प्रत्येक पंचायत हल्के में नाभिक अधिकारी के रूप में काम करने के लिए एक राजपत्रित अधिकारी को नियुक्त किया है, जो जनसामान्य से योजनाओं के प्रतिफल के विषय में जानकारी लेने हेतु पंचायत सदस्यों और जनसाधारण से मिलकर बातचीत करेगा.
इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य सामुदायिक प्रतिभागिता के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे विकास के प्रयासों को दिशा देना है तथा ग्रामीण जनता के अन्दर स्तरीय जीवन बिताने की उत्कट इच्छा उत्पन्न करना है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Rashtriya Gokul Mission
संदर्भ
समेकित पशु विकास केन्द्रों के रूप में 21 गोकुल ग्रामों की स्थापना के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) के अंतर्गत पिछले दिनों धनराशि की व्यवस्था की गई.
राष्ट्रीय गोकुल मिशन क्या है?
भारत सरकार दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निर्मित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (National Dairy Plan 1) के माध्यम से राज्यों को सहायता कर रही है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन को देशी गायों और भैसों की नस्लों के विकास और उनके संरक्षण के उद्देश्य से शुरू किया गया है जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि हुई है. यह मिशन राष्ट्रीय गव्य प्रजनन एवं दुग्ध विकास कार्यक्रम (National Programme for Bovine Breeding and Dairy Development – NPBBD) के अधीन चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के संचालन में कई अन्य एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा जिन्हें प्रतिभागी एजेंसियाँ कहा गया है. ये हैं – CFSPTI, CCBFs, ICAR, विश्वविद्यालय, कॉलेज, गैर-सरकारी संगठन, सहकारी सोसाइटियाँ और सर्वश्रेष्ठ प्रजनन सुविधा वाली गौशालाएँ.
इस मिशन के तहत गायों और भैंसों की छह-छह स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया गया है. ये नस्लें हैं –> गायों की 6 देशी नस्लें : गिर, साहिल, राठी, कंकरेज, थारपारकर और हरियाणा और भैसों की 6 नस्लें : मुर्रा, मेहसानी, जाफराबादी, नीली रवि, पंढरपुरी और बन्नी.
गोकुल ग्राम
- राष्ट्रीय गोकुल योजना को देशी गायों और भैसों की नस्लों के विकास और उनके संरक्षण के उद्देश्य से शुरू किया गया है जिससे दूध उत्पादन में वृद्धि हुई है.
- इस योजना के तहत “गोकुल ग्राम” नामक देशी केन्द्रों की स्थापना के लिए राशि दी जायेगी.
- गाँवों में गोकुल ग्राम की स्थापना उन क्षेत्रों में की जायेगी जहाँ देशी नस्लों का मूल स्थान है.
- शहरी पशुओं को बड़े-बड़े नगरों के नजदीक रखा जायेगा.
- गोकुल ग्राम केन्द्रों में देशी नस्ल के पशु विकसित किए जायेंगे और यहाँ से किसानों को सच्चे देशी नस्ल के पशुओं की आपूर्ति की जायेगी.
- गोकुल ग्राम एक आत्म-निर्भर केंद्र होगा जिसकी आमदनी इन स्रोतों से होगी — A2 दूध की बिक्री, गोबर खाद, केंचुआ खाद, गोमूत्र का अर्क, बायो-गैस से उत्पन्न बिजली जिसकी खपत गोकुल धाम में ही होगी आदि.
- ये ग्राम किसानों, प्रजनन व्यवसाइयों औरकृत्रिम गर्भाधानमें MAITRI कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित गौसेवकों के लिए अत्याधुनिक प्रशीक्षण केंद्र का काम करेगा.
- इस गोकुल ग्राम में रखे जाने पशुओं में 60% दुधारू पशु और 40% बूढ़े पशु रखे जायेंगे.
- गोकुल ग्राम में 1000 तक पशु रखे जा सकते हैं.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Kaleswaram project
संदर्भ
पिछले दिनों तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने विश्व की सबसे बड़ी सिंचाई एवं पेयकल प्रणाली – कालेश्वरम बहु-उद्देश्यीय उद्वह सिंचाई परियोजना – का अनावरण किया.
कालेश्वरम परियोजना क्या है?
- कालेश्वर्म परियोजना एक लिफ्ट इरिगेशन स्कीम (Lift-irrigation scheme) है जिससे करीमनगर, वारंगल, निजामाबाद, मेडक जिलों को लाभ होगा.
- इस परियोजना के माध्यम से गोदावरी नदी की सहायक नदी (tributary river) प्रनहिता (Pranahita) के पानी को उठाया जायेगा.
- Lift Irrigation System या उद्वह सिंचाई प्रणालीमें नीचे स्थित जल को पम्प के द्वारा ऊपर स्थित भूभागों में पहुँचाया जाता है.
- मूलतः यह परियोजना अधिक विस्तृत थी. परन्तु कालांतर में एक उन्नत सर्वेक्षण – Light Detection and Ranging (LiDAR) – करवा कर सरकार ने इसे दो भागों में बाँट दिया. आदिलाबाद को पानी पहुँचाने वाले परियोजना के अंश को प्रनहिता परियोजना का नाम और शेष अंश को कालेश्वरम का नाम दिया गया.
लाभ
कालेश्वरम परियोजना में 148 tmc फीट पानी के भंडारण का प्रावधान है. योजना है कि बाढ़ वाले 90 दिनों में प्रतिदिन कम से कम 2 tmc फीट पानी का उद्वहन कर180 tmc फीट पानी का उपयोग किया जाएगा. इस परियोजना से करीमनगर, निजामाबाद, वारंगल, मेडक, नालकोंडा और रंगा रेड्डी जिलों के ऊपरी भूमि-भागों में 7,38,851हेक्टेयर (18.47 लाख एकड़ से अधिक) में सिंचाई की सुविधा दी जायेगी.
परियोजना की विशेषता
इंजीनियरों का कहना है कि कालेश्वरम उद्वह सिंचाई परियोजना की एक अनूठी विशेषता यह है कि इसमें येल्लमपल्ली बाँध और मल्लनसागर जलाशय के बीच में 81 किलोमीटर की एक सुरंग बनाई गई है जो एशिया की सबसे बड़ी सुरंग है. इसके अतिरिक्त इस परियोजना में 139 मेगवाट तक के उच्च क्षमता वाले पम्पों का प्रयोग होगा जो देश में पहले कभी नहीं हुआ.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Namma Kolhapuri chappal gets GI boost
संदर्भ
नम्मा कोल्हापुरी चप्पल को पिछले दिनों GI टैग मिल गया.
इन चप्पलों को बनाने के लिए यह टैग संयुक्त रूप से कर्नाटक और महाराष्ट्र को दिया गया. ऐसी धारणा रही है ये चप्पलें केवल महाराष्ट्र के कारीगर ही बनाते हैं, परन्तु सच्चाई है कि इनके बनाने का काम शताब्दियों से कर्नाटक के भी कारीगर करते रहे हैं.
कोल्हापुरी चप्पलें चमड़े की बनी होती हैं. इन्हें हाथ से बनाया जाता है और वानस्पतिक रंगों से रंगा जाता है. इनके बनाने की कला पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आती है.
GI Tag क्या है?
- GI का full-form है – Geographical Indicator
- भौगोलिक संकेतक के रूप में GI tag किसी उत्पाद को दिया जाने वाला एक विशेष टैग है.
- नाम से स्पष्ट है कि यह टैग केवल उन उत्पादों को दिया जाता है जो किसी विशेष भगौलिक क्षेत्र में उत्पादित किये गए हों.
- इस टैग के कारण उत्पादों को कानूनी संरक्षण मिल जाता है.
- यह टैग ग्राहकों को उस उत्पाद की प्रामाणिकता के विषय में आश्वस्त करता है.
- डब्ल्यूटीओ समझौते के अनुच्छेद 22 (1) के तहत GI को परिभाषित किया गया है.
- औद्योगिक सम्पत्ति की सुरक्षा से सम्बंधित पहली संधि के अनुसार GI tag को बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का एक अवयव माना गया है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर GI WTO के बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के व्यापार से सम्बंधित पहलुओं पर हुए समझौते से शाषित होता है. भारत में वह भौगोलिक वस्तु संकेतक (पंजीकरण एवं सुरक्षा) अधिनयम, 1999 से शाषित होता है.
भौगोलिक संकेतक पंजीयक
- भौगोलिक वस्तु संकेतक (पंजीकरण एवं सुरक्षा) अधिनयम, 1999 के अनुभाग 3 के उप-अनुभाग (1) के अंतर्गत पेटेंट, रूपांकन एवं व्यापार चिन्ह महानिदेशक की नियुक्ति GI पंजीयक के रूप में की जाती है.
- पंजीयक को उसके काम में सहयोग करने के लिए केंद्र सरकार समय-समय पर अधिकारियों को उपयुक्त पदनाम के साथ नियुक्त करती है.
Prelims Vishesh
Varunastra torpedoes :-
- भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं जिसके अंतर्गत वह नौसेना को वरुणास्त्र नामक भारी-भरकम टोरपिडो की आपूर्ति करेगा.
- वरुणास्त्र पोत से छोड़ा जाने वाला तथा बिजली से चलने वाला हथियार है जो पानी के अंदर से छोड़ा जा सकता है.
- पूरे विश्व में यह एकमात्र टोरपिडो है जो GPS के आधार पर लक्ष्य की स्थिति का पता लगाने में समर्थ है.
- इसका प्रयोग शत्रु की पनडुब्बी को ध्वस्त करने के लिए किया जाएगा.
Operation Sankalp :–
- भारतीय नौसेना ने पिछले दिनों फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी में ऑपरेशन संकल्प नामक गतिविधि का अनावरण किया जिसका उद्देश्य उस क्षेत्र से होकर यात्रा करने वाले भारतीय जहाज़ों को सुरक्षा प्रदान करना है.
- विदित हो कि हाल में इस क्षेत्र में भारतीय तेल वाहकों पर आक्रमण हुए थे.
International Yoga Day 2019:-
- 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया.
- यह दिवस जून 21, 2015 से संयुक्त राष्ट्र के अनुमोदन से मनाया जाना आरम्भ हुआ.
- इसका मुख्य लक्ष्य पूरे विश्व में स्वस्थ रहने की महत्ता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है.
- इस बार की थीम है – योग जलवायविक कार्रवाई के लिए / Yoga for Climate Action.
Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA
May, 2019 Sansar DCA is available Now, Click to Download