Sansar Daily Current Affairs, 24 June 2021
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.
Topic : Information Fusion Centre for Indian Ocean Region
संदर्भ
हाल ही में, यूनाइटेड किंगडम द्वारा भारतीय नौसेना के ‘सूचना समेकन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र’ Fusion Centre for Indian Ocean Region: IFC-IOR) में एक ‘संपर्क अधिकारी’ (Liaison Officer– LO) नियुक्त किया गया है. IFC-IOR, समुद्री अधिकार-क्षेत्र जागरूकता (Maritime Domain Awareness-MDA) से संबंधित क्षेत्रों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता है.
IFC–IOR क्या है?
- यह सूचनाओं के संकलन का एक केंद्र है जहाँ हिन्द महासागर क्षेत्र से सम्बंधित सामुद्रिक सूचना इकट्ठी की जाती है. यहाँ से इस महासागर में हो रही सामुद्रिक गतिविधियों की समग्र जानकारी उपलब्ध होती है.
- समेकित सूचना संकलन केंद्र गुरुग्राम में स्थित नौसेना के सूचना प्रबंधन एवं विश्लेषण केंद्र में स्थापित है.
- इस केंद्र से सभी तटीय रडार जुड़े हुए हैं जिनसे देश की लगभग 7,500 किमी. लम्बी समुद्र तट रेखा का प्रत्येक क्षण का चित्र निर्बाध रूप से प्राप्त हो सकता है.
- इस केंद्र के माध्यम से श्वेत जहाजरानी (white shipping) अर्थात् वाणिज्यिक जहाजरानी के विषय में इस कार्यशाला में सूचनाओं का आदान-प्रदान क्षेत्र के अन्य देशों के साथ किया जाएगा जिससे कि हिन्द महासागर में सामुद्रिक गतिविधियों के प्रति जागरूकता में सुधार लाया जा सके.
IFC–IOR का महत्त्व
- IFC-IOR के अन्दर हिन्द महासागर के किनारे-किनारे अवस्थित देश और द्वीप आते हैं जिनकी अपनी-अपनी अनूठी आवश्यकताएँ, आकांक्षाएँ, रुचियाँ और मान्यताएँ हैं.
- हिन्द महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती को रोकने के लिए यह संगठन आवश्यक है.
- यह संगठन सुनिश्चित करता है कि सम्पूर्ण क्षेत्र पारस्परिक सहयोग, सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा क्षेत्र की चिंताओं और खतरों की समझ के माध्यम से लाभ उठाएँ.
इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
हिन्द महासागर का महत्त्व क्यों?
- यह महासागर वैश्विक व्यापार के चौराहे पर स्थित है. अतः यह उत्तरी अटलांटिक और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थित बड़ी-बड़ी अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ता है. इसका महत्त्व इसलिए बढ़ जाता है कि आज की युग में वैश्विक जहाजरानी उभार पर है.
- हिन्द महासागर प्राकृतिक संसाधनों में भी समृद्ध है. विश्व का 40% तटक्षेत्रीय तेल उत्पादन हिन्द महासागर की तलहटियों में ही होता है.
- विश्व का 15% मत्स्य उद्योग हिन्द महासागर में ही होता है.
- हिन्द महासागर की तलहटी तथा तटीय गाद में बहुत-सारे खनिज होते हैं, जैसे – निकल, कोबाल्ट, लोहा, मैंगनीज, तांबा, जस्ता, चाँदी, सोना, टाइटेनियम, ज़िरकोनियम, टिन आदि.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : UNDP
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) तथा आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) की संयुक्त पहल, टैक्स इंस्पेक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (टीआईडब्ल्यूबी) कार्यक्रम आज भूटान में प्रारम्भ हुआ. भारत को भागीदार क्षेत्राधिकार के रूप में चुना गया है. भारत ने इस कार्यक्रम के लिए कर-विशेषज्ञ उपलब्ध कराये हैं.
टैक्स इंस्पेक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (टीआईडब्ल्यूबी) कार्यक्रम
- इस कार्यक्रम की अवधि लगभग 24 महीने होगी.
- इस दौरान भारत, यूएनडीपी और टीआईडब्ल्यूबी सचिवालय के सहयोग से भूटान के लेखा परीक्षकों को तकनीकी जानकारी तथा आवश्यक कौशल हस्तांतरित करेगा तथा सर्वोत्तम लेखा तौर-तरीके साझा करेगा.
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य भूटान को कर प्रशासन को मजबूत करने में सहायता प्रदान करना है.
- कार्यक्रम के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय कराधान और हस्तांतरण मूल्य निर्धारण पर विशेष दिया जाएगा.
TIWB कार्यक्रम के लाभ
- इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत, यूएनडीपी और TIWB सचिवालय के सहयोग से भूटान के लेखा परीक्षकों को तकनीकी जानकारी तथा आवश्यक कौशल हस्तांतरित करेगा तथा सर्वोत्तम लेखा तौर-तरीके साझा करेगा. इसके अलावा, इस कार्यक्रम का उद्देश्य भूटान को कर प्रशासन को मजबूत करने में सहायता प्रदान करना भी है.
भूटान का महत्त्व
- भूटान चीन के साथ 470 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा साझा करता है.
- परंपरागत रूप से, भूटान भारत और चीन के बीच एक बफर देश के रूप में अवस्थित रहा है.
- सामरिक महत्त्व: चुम्बी घाटी भूटान, भारत और चीन के तिराहे पर स्थित है और उत्तरी बंगाल में “चिकन नेक” से 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों को देश के बाकी हिस्सों के साथ जोड़ती है.
- उत्तर पूर्वी भारत में उग्रवाद को नियंत्रित करने के लिए: भूटान ने अतीत में भारत के साथ सहयोग से यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असोम (ULFA) और नेशनल डैमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड आतंकवादी समूहों को हिमालयी राष्ट्र से बाहर निकालने में मदद की है.
- भूटान में चीनी दखलंदाज़ी पर नियंत्रण रखने के लिए: चीन थिम्पू के साथ औपचारिक संबंधों को स्थापित करने में रुचि रखता है, जहां उसका अभी तक एक भी राजनयिक मिशन नहीं है. भूटान भारत और चीन दोनों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. पश्चिमी भूटान में चीनी क्षेत्रीय दावे ‘सिलीगुड़ी कॉरिडोर‘ के करीब हैं.
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Effects of liberalization on the economy, changes in industrial policy and their effects on industrial growth.
Topic : Competition Commission of India
संदर्भ
हाल ही में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India-CCI) ने देश में स्मार्ट टेलीविजन ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार में कथित ‘प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यापार पद्धति’ अपनाने के लिए गूगल के खिलाफ विस्तृत जांच का आदेश दिया है.
संबधित प्रकरण
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा की गई जांच के अनुसार, भारत में ‘लाइसेंस योग्य स्मार्ट टीवी डिवाइस ऑपरेटिंग सिस्टम’ से संबंधित बाजार में गूगल का ‘दबदबा’ है.
- प्रतिस्पर्धा आयोग के अनुसार, प्रथम दृष्टया, टेलीविजन ऐप डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (TADA) के तहत स्मार्ट टीवी में गूगल की सभी एप्लिकेशंस का अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन, टेलीविजन उपकरण निर्माताओं पर अनुचित शर्तें लगाने के बराबर है और, यह ‘प्रतिस्पर्धा अधिनियम’ की धारा 4(2)(a) का उल्लंघन है.
- प्रतिस्पर्धा अधिनियम का अनुच्छेद 4 बाजार में ‘प्रभावी स्थिति’ के दुरुपयोग से संबंधित है.
CCI क्या है?
- प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 के तहत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की स्थापना मार्च, 2009 में हुई थी.
- यह एक वैधानिक निकाय है जिसका दायित्व प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के प्रावधानों को पूरे भारत में लागू करना है तथा प्रतिस्पर्धा पर बुरा प्रभाव डालने वाली गतिविधियों को रोकना है.
- इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है.
- प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 (अधिनियम) की धारा 8 (1) के अनुसार आयोग में केवल एक अध्यक्ष होगा और सदस्यों की संख्या कम से कम दो होगी और अधिक से अधिक छह होगी.
कार्य
आयोग के निम्नलिखित कार्य हैं :-
- व्यापार से सम्बंधित प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव करने वाले कारकों को रोकना.
- बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और बनाए रखना.
- उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना.
- व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना.
- यह आयोग किसी वैधानिक प्राधिकरण के द्वारा भेजे गये प्रतिस्पर्धात्मक मामलों पर अपना परामर्श भी देता है.
- यह प्रतिस्पर्धा से जुड़े मामलों के विषय में जन-जागरूकता सृजित करता है और प्रशिक्षण प्रदान करता है.
प्रतिस्पर्धा अधिनियम
2002 का मूल प्रतिस्पर्धा अधिनियम और उसका 2007 में संशोधन अधिनियम प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौतों का प्रतिषेध करता है, प्रतिष्ठानों द्वारा अपनी प्रबल स्थिति के दुरूपयोग पर रोक लगाता है तथा भारत के अंदर प्रतिस्पर्धा पर विपरीत प्रभाव डालने वाली गतिविधियों, यथा – अधिग्रहण, नियंत्रण हाथ में लेना आदि को नियंत्रित करता है.
हाल ही में भारत सरकार ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम की समीक्षा के लिए एक प्रतिस्पर्धा कानून समीक्षा समिति (Competition Law Review Committee) बनाई है जो यह देखेगी कि प्रतिस्पर्धा कानून आर्थिक मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप है अथवा नहीं.
GS Paper 3 Source : PIB
UPSC Syllabus : Growth & Development.
Topic : Fast Tracking Freight in India: NITI Aayog
संदर्भ
नीति आयोग ने “भारत में फास्ट ट्रैकिंग फ्रेट: स्वच्छ और लागत प्रभावी माल परिवहन के लिए एक रोडमैप” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट नीति, प्रौद्योगिकी, बाजार, व्यवसाय मॉडल और अवसंरचना के विकास से संबंधित माल-ढुलाई क्षेत्र के लिए समाधान की रूपरेखा तैयार करती है.
माल परिवहन भूमि, समुद्र या वायु द्वारा वस्तुओं, माल और कार्गो के परिवहन की प्रक्रिया है. लॉजिस्टिक क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5% का प्रतिनिधित्व करता है और 2.2 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है.
रिपोर्ट के अनुसार, माल और सेवाओं की बढ़ती माँग के कारण भविष्य में माल-ढुलाई की माँग तीव्रता से बढ़ने की अपेक्षा है.
माल-ढुलाई से संबद्ध चिंताएं
- उच्च लॉजिस्टिक लागत
- शहरों में बढ़ते कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन और वायु प्रदूषण में वर्धन होता है.
अनुशंसाएँ
- रेल परिवहन की भागीदारी में वृद्धि की जाए.
- ट्रक के उपयोग का अनुकूलन किया जाए.
- ईंधन दक्ष वाहनों और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए.
- अधिक समर्पित माल भाड़ा गलियारे विकसित किए जाए.
- इंटरमॉडल परिवहन को प्रोत्साहन दिया जाए.
- भंडारण और ट्रक परिचालन प्रथाओं में सुधार किया जाए.
- विभिन्न तरीकों से कंटेनरों की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जाए.
लाभ
- लॉजिस्टिक्स की लागत सकल घरेलू उत्पाद के 14 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2022 तक 10% तक होगी. इससे 10 लाख करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है.
- कार्बन उत्सर्जन में कमी और वायु गुणकता में सुधार हो सकता है.
- सड़कों पर निम्न ट्रक यातायात वर्ष 2050 में वाहन-माल ढुलाई गतिविधि को 48% तक कम कर सकता है.
Prelims Vishesh
El Salvador approves bitcoin as legal tender :-
- अल साल्वाडोर बिटकॉइन को विधिमान्य मुद्रा का दर्जा प्रदान करने वाला विश्व का प्रथम देश बन गया है.
- बिटकॉइन वर्ष 2009 में निर्मित की गई एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है.
- यह कथित तौर पर सातोशी नाकामोटो नामक एक जापानी उद्यमी द्वारा बनाई गई है.
- यह तत्काल भुगतान की सुविधा के लिए बिना किसी केंद्रीय प्राधिकरण के पीयर-टू-पीयर तकनीक का उपयोग करती है.
- बिटकॉइन एक जटिल प्रक्रिया के माध्यम से बनाए जाते हैं, जिसे “माइनिंग” के रूप में जाना जाता है और तत्पश्चात विश्व भर के कंप्यूटरों के एक नेटवर्क द्वारा निगरानी की जाती है.
- बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी अवधारणा का प्रथम कार्यान्वयन है.
Cabinet approves allotment of spectrum to Indian Railways :-
- स्टेशनों और ट्रेनों में 700 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को लोक सुरक्षा व रक्षा सेवाओं के लिए आवंटित किया गया है.
- इस स्पेक्ट्रम के साथ, भारतीय रेलवे का उद्देश्य परिचालन, सुरक्षा और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए सुरक्षित एवं विश्वसनीय वॉइस, वीडियो व डेटा संचार सेवाएं प्रदान करने हेतु लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (LTE) आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रदान करना है.
- इसके अतिरिक्त, भारतीय रेलवे ने स्वदेशी रूप से विकसित ATP (ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन) प्रणाली ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (TCAS) को भी स्वीकृति दी है.
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