Sansar डेली करंट अफेयर्स, 24 November 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 24 November 2018


GS Paper 1 Source: PIB

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Topic : Government of India to observe the remembrance of 100 years of the historical Jallianwalla Bagh massacre

Jallianwalla-Bagh-massacre

संदर्भ

भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अगले वर्ष जलियाँवाला बाग नरसंहार के 100 वर्ष पूरे होने पर उसकी याद में कई रचनात्मक गतिविधियाँ की जायेंगी. उदाहरण के लिए 13 अप्रैल, 2019 (जिस दिन यह काण्ड हुआ था) को एक स्मारक सिक्का और कई डाक टिकेट जारी किये जायेंगे. इसके अतिरिक्त संस्कृति मंत्रालय कवि सम्मेलन, नाटक, प्रदर्शनी, सेमिनार इत्यादि का आयोजन देश भर में करेगा.

जलियाँवाला बाग़ स्मारक का कायाकल्प किया जाएगा और उसे सुन्दर बनाया जाएगा. साथ ही, स्मारक परिसर में वर्चुअल रियलिटी थीम पर आधारित एक शो भी चलाया जाएगा. इस शो के लिए पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत 8 करोड़ रु. की राशि अलग से तय कर दी है. इसके लिए यदि और राशि आवश्यकता पड़ी तो उसका प्रबंध संस्कृति मंत्रालय कर देगा.

भूमिका

  • जलियाँवाला जनसंहार को अमृतसर जनसंहार भी कहते हैं.
  • 13 अप्रैल, 1919 को हजारों लोग जलियाँवाला बाग़ में जमा हुए थे. उस दिन बैशाखी का पर्व था जिसको पंजाब में नए वर्ष के आरम्भ का दिन माना जाता है.
  • उस दिन कर्नल रेगिनल्ड डायर ने कर्फ्यू लगा दिया था, पर उसे पता चला कि लोग जलियाँवाला बाग़ में जमा हो रहे हैं. सूचना पाने पर वह उस जगह सेना लेकर पहुँच गया और गोलियाँ बरसाने का आदेश दे दिया.
  • इस गोलीबारी से कई लोग मारे गये.
  • घटनास्थल के महत्त्व को देखते हुए 1920 में एक न्यास बनाया गया जिसे जलियाँवाला बाग़ में एक स्मारक बनाने का काम सौंपा गया. इस स्मारक का वास्तुकार अमेरिका का बेन्जिमिन पॉक था. इस स्मारक का उद्घाटन 13 अप्रैल, 1961 को उस समय के राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने किया था.

मार्शल लॉ के बारे में और भी गहराई से पढ़ें > Marshal Law in Hindi


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana

संदर्भ

वित्तीय समावेश के लिए तकनीक का उपयोग करने वाले डिजिटल वित्तीय समावेश केंद्र (Centre for Digital Financial Inclusion – CDFI) ने हाल ही में एक डाटा निर्गत किया है जिसके अनुसार सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत अर्हता प्राप्त माताओं को प्रत्यक्ष लाभ स्थानान्तरण द्वारा अब तक 1,600 करोड़ रुपये स्थानांतरित किये हैं. ऐसी माताओं की कुल संख्या 48.5 लाख है.

CDFI क्या है?

CDFI एक लाभ-रहित संगठन है. इसी ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना – सामान्य ऐप सॉफ्टवेर (PMMVY-CAS) की अभिकल्पना और रूपांकन किया था और इसी के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ का भुगतान होता है.

PMMVY क्या है?

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक मातृत्व लाभ की योजना है जिसका आरम्भ 2010 में इंदिरा गाँधी मातृत्व सहयोग योजना के नाम से (IGMSY) हुआ था. इस योजना के अंतर्गत पहले बच्चे के जन्म के लिए 19 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नकद राशि दी जाती है. इस राशि से बच्चा होने और उसकी देखभाल करने के कारण दिहाड़ी की क्षति का सामना करने वाली महिला को आंशिक क्षतिपूर्ति दी जाती है और साथ ही इससे सुरक्षित प्रसव और उत्तम पोषण का प्रबंध किया जाता है.

  • अपवाद : जो महिलाएँ केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में काम करती हैं अथवा जिन्हें इसी प्रकार का लाभ पहले से मिल रहा है, उनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
  • वित्त पोषण : यह एक केंद्र संपोषित योजना है जिसमें केंद्र और राज्य की लागत 60:40 होती है. पूर्वोत्तर राज्यों में और तीन हिमालयवर्ती राज्यों में यह अनुपात 90:10 है. जिन केंद्र शाषित क्षेत्रों में विधान सभा नहीं है वहाँ इस योजना के लिए केन्द्रीय योगदान 100% होता है.

प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना का महत्त्व

आज भी महिलाओं में कुपोषण की समस्या है. भारत में हर तीसरी महिला कुपोषित है और हर दूसरी महिला में रक्ताल्पता की शिकायत है. कुपोषित महिला से जन्मे बच्चे का भार भी कम होता है. जब बच्चा पेट में है, उसी समय से पोषाहार मिले तो इसका लाभ बच्चे को जीवन-भर के लिए मिल जाता है. यह योजना इसी समस्या को केंद्र में रखकर पोषाहार पर विशेष बल देती है.

आर्थिक और सामाजिक दबाव से कई महिलाएँ गर्भ के अंतिम दिनों तक रोजी-रोटी के लिए काम करती रहती हैं. साथ ही बच्चा होते ही ये पुनः काम में जुट जाती हैं. यद्यपि उनका शरीर इसकी अनुमति नहीं देता. इससे इसका परिणाम यह होता है कि एक ओर जहाँ वे शारीरिक रूप से सामान्य नहीं हो पातीं हैं, वहीं दूसरी ओर बच्चे को पहले छह महीने में अपना दूध नहीं पिला पातीं हैं.


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Quadricycles

Quadricycles

संदर्भ

हाल ही में भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने निजी उपयोग के लिए चार चक्कों वाली गाड़ी (Quadricycles) की बिक्री की अनुमति दे दी है.

Quadricycle क्या है?

Quadricycle अर्थात् चरचक्का एक मोटर गाड़ी है जिसका आकार तीन चक्कों वाली गाड़ी के बराबर होता है किन्तु इसमें चार टायर होते हैं और यह गाड़ी कार की भाँति पूरी ढकी होती है. पर इसका इंजन तीन चक्के वाली गाड़ी जैसा ही होता है.

ज्ञातव्य है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अंतर्गत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय Quadricycle को एक परिवहन-इतर गाड़ी के रूप में अधिसूचित कर चुका है. इसका अभिप्राय यह हुआ कि Quadricycle का प्रयोग केवल सार्वजनिक परिवहन के लिए हो सकता था न कि निजी परिवहन के लिए. परन्तु मंत्रालय के इस निर्णय से इसका प्रयोग निजी काम के लिए भी हो सकता है. परन्तु इस गाड़ी का उपयोग सामान अथवा माल की ढुलाई के लिए मना है.

विदित हो कि बजाज ऑटो लिमिटेड के द्वारा Qute नामक Quadricycle बनाया गया है जो अपने प्रकार का पहला स्वदेशी वाहन है.

गैर-जीवाश्म ईंधन वाले Quadricycle 

सरकार ने इस बात की भी अनुमति दी है कि पूरी तरह से बिजली से चलने वाले अथवा संकर-मॉडल वाले Quadricycle भी बनाए जा सकते हैं, परन्तु इनके लिए वही कठोर जाँच मानक होंगे जो अन्य गाड़ियों के लिए होते हैं. उन्हें भी अन्य गाड़ियों की भाँति Bharat New Vehicle Safety Assessment Program (BNVSAP) के सुरक्षा मानकों और BS-VI उत्सर्जन मानकों का पालन करना पड़ेगा.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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Topic : Open Transit Data platform

संदर्भ

पारदर्शिता बढ़ाने के लिए परिवहन से जुड़े समाधान उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने ओपन ट्रांसिट डाटा नामक एक डिजिटल मंच का अनावरण किया है जो आँकड़ों का क्षण-प्रतिक्षण का डाटा निःशुल्क देगा.

ओपन ट्रांसिट डाटा क्या है?

  • इस मंच का उद्देश्य ऐसा क्षण-प्रतिक्षण का डाटा उपलब्ध कराना है जिसका उपयोग तृतीय पक्ष के ऐप बनाने वाले और अनुसन्धानकर्ता कर सकते हैं. यह मंच जो डाटा उपलब्ध कराएगा उनमें कुछ ये हैं – सभी बस स्टॉपों, रास्तों के नक़्शे, समयसारिणी और बसों की GPS स्थिति जिसे हर 10 सेकंड पर अपडेट किया जाएगा.
  • इस पोर्टल का रूपांकन और निर्माण दिल्ली सरकार की ओर से IT दिल्ली ने किया है.

माहात्म्य

यह पोर्टल दिल्ली के लोगों के लिए नए-नए और समावेशी परिवहन समाधानों की रचना को बढ़ावा देगा जिससे लोगों को ढेर सारी परिवहन से सम्बंधित जानकारियाँ मिल सकेंगी और लोगों में सार्वजनिक यातायात की ओर रुझान बढ़ेगा. यदि ऐसा हुआ तो इसका अच्छा प्रवाह प्रदूषण पर भी पड़ेगा.


GS Paper 3 Source: Livemint

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Topic : NBFC Mudra loans grew faster than banks in FY18

संदर्भ

2017-18 के वार्षिक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) प्रतिवेदन के अनुसार गैर-बैंकिंग वित्त निगमों (NBFCs) ने यद्यपि वित्त-वर्ष 2018 में मुद्रा योजना के तहत मात्र ₹27,000 करोड़ मंजूर किये हैं, फिर भी इस मामले में उनकी वार्षिक वृद्धि दर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तुलना में अधिक तेज़ रही है. ज्ञातव्य है कि बैंकों की ओर से मुद्रा योजना में इस अवधि में ₹92,492.68 बाँटे गये.

पिछले वर्ष की तुलना में इस अवधि में गैर-बैंकिंग वित्त निगमों के द्वारा निर्गत ऋणों की राशि ₹21,562.63 करोड़ बढ़ गयी. दूसरी ओर, सार्वजनिक बैंकों द्वारा दिए गये ऋण की राशि उस अवधि में मात्र ₹20,539.01 करोड़ ही बढ़ी.

सबसे पते की बात यह है कि गैर-बैंकिंग वित्त निगमों ने न केवल वित्तीय वर्ष 2018 के अपने मुद्रा लक्ष्य (₹9,050 करोड़) को ही प्राप्त किया अपितु पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में उन्होंने पाँच गुना अधिक ऋण मंजूर किए.

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)

  • मुद्रा योजना का पूरा नाम प्रधानमन्त्री मुद्रा योजना (PMMY) है. इसका आरम्भ अप्रैल, 2015 में हुआ था. इस योजना का उद्देश्य छोटे-छोटे ऋणार्थियों को जमानत-मुक्त ऋण देना है.
  • इस योजना के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई पूँजी 20,000 करोड़ रु. है. इसके तहत छोटे-छोटे व्यवसायियों को 50,000 रु. से लेकर 10 लाख रु. तक का कर्ज दिया जाता है.
  • गैर-कृषि गतिविधियों के लिए 10 लाख रु. तक का मुद्रा ऋण दिया जाता है. ये गतिविधियाँ हैं – दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन आदि.
  • मुद्रा योजना की एक अनूठी विशेषता यह है कि इसमें एक मुद्रा कार्ड भी दिया जाता है जिसके माध्यम से ATM और कार्ड मशीन से वांछित कार्यपूँजी निकाली जा सकती है.
  • मुद्रा योजना के ऋणों को इन तीन भागों में बाँटा गया है –
  1. शिशु (50,000 रु. तक)
  2. किशोर (50,001 रु. से 5 लाख रु. तक)
  3. तरुण (500,001 रु. से 10,00,000 रु. तक)

योजना के उद्देश्य

  • जो व्यक्ति आमदनी करने के लिए खेती से अतिरिक्त कोई व्यवसाय करना चाहता है, जैसे – निर्माण, प्रसंस्करण, व्यापार अथवा सेवा और उसके पास पर्याप्त पैसे नहीं है तो वह इस योजना के तहत 10 लाख तक ऋण ले सकता है.
  • मुद्रा बैंक की सहायता से सूक्ष्म वित्त संस्थानों के नेटवर्क पर नजर रखी जायेगी तथा साथ ही नए पंजीकरण भी होंगे.
  • इस योजना का एक उद्देश्य वित्तीय समावेश की पहुँच को बढ़ाना है.
  • इस योजना के तहत यदि लोग ऋण लेकर छोटे-छोटे व्यवसाय चलाते हैं तो रोजगार बढ़ेंगे ही, साथ में GDP में भी बढ़ोतरी होगी.
  • भारत में अनौपचारिक क्षेत्र से कर प्राप्त नहीं होता है. यदि मुद्रा योजना के लाभार्थी व्यवसाय करेंगे तो आयकर देने वालों की संख्या भी बढ़ेगी जो अंततः देश की वित्तीय स्थिति के लिए लाभकारी होगा.

GS Paper 3 Source: The Hindu

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Topic : Prompt corrective action (PCA) framework

संदर्भ

सितम्बर 2018 को समाप्त होने वाले चार वर्षों की अवधि में भारतीय रिज़र्व बैंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) के अन्दर आने वाले 11 सरकारी बैंकों के खुदरा ऋणों के अंश में 400 बेसिस पॉइंट की वृद्धि देखी गई है जो 19% होता है.

भूमिका

त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सरकारी बैंकों पर सितम्बर 2016 में पहली बार इसलिए लागू किया गया कि उनके NPA असहनीय हो गये थे. PCA के अन्दर आने वाले बैंकों पर यह प्रभाव पड़ा कि निगम ऋणों (coorporate loans) और असुरक्षित व्यक्तिगत ऋणों के मामले में ये बैंक निजी क्षेत्र के बैंकों से पिछड़ गये. इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अब इन बैंकों को कड़ी मुशक्कत करनी पड़ेगी.

PCA ढाँचा (PCA Framework) कमजोर बैंकों पर कई प्रतिबंध लगा देता है. इस फ्रेमवर्क के दायरे में आने के बाद —->

  • ये बैंक शाखा विस्तार नहीं कर सकते.
  • RBI इनको लाभांश भुगतान (dividend payment) करने से रोक सकता है.
  • इन बैंकों द्वारा लोन देने पर भी RBI के द्वारा कई शर्तें लगाई जा सकती हैं.
  • RBI इन बैंकों के एकीकरण, पुनर्गठन और बंद करने की कार्रवाई कर सकता है.
  • RBI इन बैंकों के प्रबंधन के मुआवजे और निदेशकों के फीस पर प्रतिबंध लगा सकता है.

PCA Framework क्या है?

PCA का फुल फॉर्म है – Prompt Corrective Action. बैंकों के 2017-18 के वित्तीय नतीजे आने के बाद इन बैंकों की परिसंपत्तियों के पुनर्गठन के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया था. इसके अलावा बढ़ते घाटे और डूबते कर्ज की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के 21 में से 11 बैंक PCA के दायरे में है. ये बैंक हैं – इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉर्पोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र. ये बैंक क्रेडिट बाजार के 20 प्रतिशत पर नियंत्रण करते हैं.

इस फ्रेमवर्क के दायरे में आने के बाद —->

  1. ये बैंक शाखा विस्तार नहीं कर सकते.
  2. RBI इनको लाभांश भुगतान (dividend payment) करने से रोक सकता है.
  3. इन बैंकों द्वारा लोन देने पर भी RBI के द्वारा कई शर्तें लगाई जा सकती हैं.
  4. RBI इन बैंकों के एकीकरण, पुनर्गठन  और बंद करने की कार्रवाई कर सकता है.
  5. RBI इन बैंकों के प्रबंधन के मुआवजे और निदेशकों के फीस पर प्रतिबंध लगा सकता है.

त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई फ्रेमवर्क (PCA Framework) के उपबंध 1 अप्रैल, 2017 को लागू किये गये थे. लागू होने के तीन वर्ष बाद इस फ्रेमवर्क की समीक्षा होनी है.

PCA कब लागू की जाती है?

किसी भी बैंक पर त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की व्यवस्था तब लागू की जाती है जब उसका डूबा हुआ कुल ऋण 12% से अधिक हो जाता है और उसके चार लगातार वर्षों की परिसंपत्तियों (assets) पर नकारात्मक प्रतिलाभ (return) मिलने लगता है.


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