Sansar Daily Current Affairs, 25 April 2020
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.
Topic : Ambubachi Mela
संदर्भ
विश्वव्यापी महामारी COVID-19 को देखते हुए असम में होने वाले अम्बुबाची मेले का आयोजन इस वर्ष रद्द कर दिया गया है.
अम्बुबाची मेला क्या है?
- अम्बुबाची मेला चार दिनों चलने वाला एक मेला है जो कामाख्या देवी मन्दिर परिसर में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
- यह मेलापूरब का महाकुम्भ कहलाता है क्योंकि इसमें लाखों भक्त दुनिया के कोने-कोने से आते हैं.
- गुवाहाटी में नीलाचल पर्वत पर स्थित कामाख्या मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है.
- विदित हो कि प्रत्येक शक्तिपीठ में भगवान् शिव की पत्नी सती के अलग-अलग अंग गिरे थे, ऐसी मान्यता है.
इस मेले का सामाजिक महत्त्व
इस मेले में माँ काली के मासिक स्राव का उत्सव मनाया जाता है. यही कारण है कि भारत के अन्य भागों की तुलना में मासिक स्राव से जुड़े प्रतिबंध कम हैं. इस राज्य में जब बच्चियां युवा होती हैं तो उनके लिए “तुलोनी बिया” नामक एक धार्मिक कृत्य मनाया जाता है जिसका अर्थ छोटा विवाह होता है.
कामाख्या देवी मन्दिर
कामख्या मंदिर गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर अवस्थित है. यह देश के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. विदित ही कि शाक्त परम्परा के अनुसार, जब शिव की पत्नी सती का शरीर छिन्न-भिन्न हुआ था तो उसके हर अंग को लेकर एक पीठ की स्थापना हुई थी.
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Industrial Relations Code Bill, 2019
संदर्भ
हाल ही में श्रम संबंधी संसदीय समिति ने नियम-280 के तहत औद्योगिक संबंध संहिता अधिनियम, 2019 (The Industrial Relations Code-2019) पर लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष एक प्रतिवेदन प्रस्तुत की है.
प्रतिवेदन से सम्बंधित मुख्य तथ्य
- “छंटनी और तालाबंदी” से संबंधित प्रावधानों की जाँच कर रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति मंत्रालय के इस तर्क से सहमत है कि बिजली, कोयले इत्यादि की कमी मज़दूरों की वजह से नहीं होती है, इसलिये उनकी अनुपलब्धता के कारण कामकाज ठप होने की स्थिति में श्रमिकों को मुआवजा दिया जाना चाहिये.
- समिति का सुझाव है कि आँगनबाड़ी, आशा, मध्याह्न भोजन आदि कार्यक्रमों से जुड़े हुए कर्मियों को भी कामगार की परिभाषा के अन्दर लाया जाना चाहिए.
- समिति का एक सुझाव यह है कि कामगार/कर्मी की परिभाषा में पर्यवेक्षकों, प्रबंधकों आदि को भी समाहित करना चाहिए.
- समिति का मानना है कि बिजली की कमी, मशीनरी के टूटने की स्थिति में मज़दूरों को 45 दिनों के लिये 50% मज़दूरी का भुगतान उचित हो सकता है. नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच एक समझौते के बाद इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है.
- हालाँकि श्रम संबंधी संसदीय समिति का मानना है कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान श्रमिकों की मज़दूरी का भुगतान तब तक अनुचित होगा जब तक उद्योग पुनः पूर्ण रूप से संचालित न होने लगे. इन प्राकृतिक आपदाओं में भूकंप, बाढ़, सुपर साइक्लोन इत्यादि शामिल हैं.
- कानून सभी के लिये उचित और न्यायसंगत होना चाहिये और किसी भी ऐसी परिस्थिति में जो नियोक्ता के नियंत्रण से परे हो, उसे वेतन का इतना हिस्सा प्रदान करने हेतु मजबूर नहीं किया जाना चाहिये क्योंकि यह न केवल कर्मचारियों को बल्कि नियोक्ताओं को भी प्रभावित करता है.
- ज्ञातव्य है की COVID-19 की वजह से देशभर में लॉकडाउन चल रहा है. अतः समिति ने COVID-19 को प्राकृतिक आपदा में शामिल करने का सुझाव दिया है.
औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, 2019 का लक्ष्य
- इस विधेयक का लक्ष्य ट्रेड यूनियनों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों या उपक्रमों में रोजगार की सेवा शर्तों और औद्योगिक विवादों की जांच एवं निपटान से संबंधित कानूनों को समेकित एवं संशोधित करना है.
- औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक इन तीन केन्द्रीय श्रम अधिनियमों के संबंधित प्रावधानों के विलय, सरलीकरण एवं उन्हें तर्कसंगत बनाने के बाद तैयार किया गया है – ट्रेड यूनियन अधिनियम, 1926; औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1946 और औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 .
लाभ
- दो सदस्यीय ट्रिब्यूनल (एक सदस्य के स्थान पर) के गठन के जरिए एक ऐसी अवधारणा शुरू की गई है, जिससे कुछ महत्त्वपूर्ण मामलों पर संयुक्त रूप से अधिनिर्णय किया जाएगा, जबकि शेष मामलों पर एकल सदस्य द्वारा अधिनिर्णय लिया जाएगा, जिससे मामलों को तेजी से निपटाया जा सकेगा.
- ‘एक्जिट’प्रावधानों (छंटनी इत्यादि से संबंधित) में लचीलापन आएगा, जिसके अंतर्गत उपयुक्त सरकार की पूर्व मंजूरी के लिए आवश्यक आरंभिक सीमा को 100 कर्मचारियों के स्तर पर यथावत् रखा गया है. हालांकि, इसमें एक प्रावधान भी जोड़ा गया है, जिसके तहत अधिसूचना के जरिए ‘कर्मचारियों की इस तरह की संख्या’ को बदला जा सकता है.
- री-स्किलिंग फंड, जिसका उपयोग उस तरीके से कामगारों को ऋण देने में किया जाएगा, जिसे अभी निर्धारित किया जाना शेष है.
- निश्चित अवधि वाले रोजगार की परिभाषा दी गई है जिसके तहत कोई नोटिस अवधि नहीं होगी तथा छंटनी पर मुआवजे का भुगतान शामिल नहीं है.
- जुर्माने के रूप में पेनल्टी से जुड़े विवादों पर अधिनिर्णय के लिए सरकारी अधिकारियों को अधिकार दिए जाएंगे, जिससे ट्रिब्यूनल का कार्यभार घट जाएगा.
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Issues related to health.
Topic : World Malaria Day
संदर्भ
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी “विश्व मलेरिया दिवस” 25 अप्रैल को मनाया गया. इस साल “विश्व मलेरिया दिवस” की थीम है – शून्य मलेरिया मुझसे ही शुरू होता है / “Zero malaria starts with me”.
मलेरिया के बारे में मुख्य तथ्य
- मलेरिया प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवियों से फैलता है. इस गण के चार सदस्य मनुष्यों को संक्रमित करते हैं- प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम, प्लास्मोडियम विवैक्स, प्लास्मोडियम ओवेल तथा प्लास्मोडियम मलेरिये.
- इनमें से सर्वाधिक खतरनाक पी. फैल्सीपैरम माना जाता है. यह मलेरिया के 80 प्रतिशत मामलों और 90 प्रतिशत मृत्युओं के लिए जिम्मेदार होता है.
- यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्णकटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है.
भारत में मलेरिया उन्मूलन के लिए किये गये प्रयास
- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित 2018 के विश्व मलेरिया प्रतिवेदन के अनुसार मलेरिया से सर्वाधिक ग्रस्त 11 देशों में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ मलेरिया के मामलों में अच्छी-खासी कमी आई है.
- 2016 की तुलना में 2017 में मलेरिया के मामले 24% कम हुए. इसका अभिप्राय यह है कि मलेरिया को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व अब भारत के हाथ में आ गया है. भारत से प्रेरणा लेकर अन्य देश मलेरिया से निपटने की प्रेरणा ले सकते हैं.
- भारत को मलेरिया हटाने में सफलता इसलिए मिल रही है कि एक ओर जहाँ वह विश्व-भर में अपनाई गई रणनीतियों के अनुरूप चल रहा है तो दूसरी ओर अपना स्वदेशी मलेरिया-विरोधी कार्यक्रम भी चला रहा है.
- 2015 में पूर्व एशिया शिखर सम्मलेन में 2030 तक मलेरिया समाप्त करने का वचन देने के उपरान्त भारत ने इसके लिए एक पंचवर्षीय राष्ट्रीय रणनीतिक योजना का अनावरण किया था. इसमें मलेरिया को नियंत्रित करने के स्थान पर उसे समाप्त करने पर बल दिया गया था. इस योजना का उद्देश्य है कि भारत के 678 जिलों में से 571 जिलों में 2022 तक मलेरिया का उन्मूलन कर दिया जाए.
- इस योजना में 10,000 करोड़ रू. का खर्च है. इस खर्च को पूरा करने के लिए पर्याप्त निवेश तो चाहिए ही, साथ ही इसके लिए सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और परोपकारी दाताओं का सहयोग भी अपेक्षित होगा क्योंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय होता हैइसलिए मलेरिया से निटपने में राज्य सरकारों को विशेष दायित्व निभाना होगा.
- विदित हो कि ओडिशा राज्य एक मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चला रहा है जिसका नाम दुर्गम अंचलेर मलेरिया निराकरण (DAMaN) रखा गया है.
मलेरिया से सम्बंधित चिंतायें
- मलेरिया से निपटने के लिए समय समय पर टेक्निकल, फाइनेंसशियल, ऑपरेशन और प्रशासनिक समस्याओं में उतार चढ़ाव देखे गए हैं.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के मुताबिक विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 के दौरान भारत में साल 2016 के मुकाबले साल 2017 में मलेरिया के मामलों में 24 फीसद की कमी पाई गई है.
- मलेरिया पर नियंत्रण पाने के लिए भारत का खर्च दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे कम है.
- WHO के अनुसार, मलेरिया को खत्म करने के लिए व्यापक तरीका अपनाना होगा. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने की अधिक आवश्यकता है.
- दक्षिण-पूर्व एशिया में कुल मलेरिया के 70 प्रतिशत मामले और मलेरिया से होने वाली 69 प्रतिशत मौतें भारत में होती हैं.
- मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से है. यह रोग प्लाज्मोडियम गण के प्रोटोजोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है.
- केवल चार प्रकार के प्लाज्मोडियम परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते हैं, जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम तथा प्लाज्मोडियम विवैक्स माने जाते हैं.
- साथ ही प्लाज्मोडियम ओवेल तथा प्लाज्मोडियम मलेरिया भी मानव को प्रभावित करते हैं. इन सभी समूहों को ‘मलेरिया परजीवी’ कहते हैं.
आगे की राह
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पिछले 15 वर्षों में मलेरिया को रोकने के लिए कई प्रयास किए गए. मच्छरदानी और दूसरे उपायों के बाद भी इस पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है. ऐसे में समाधान के तौर पर वैक्सीन ही बेहतर विकल्प है. इसकी सहायता से हजारों बच्चों को मृत्यु के मुँह में जाने से बचाया जा सकता है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : WB Commodity Markets Outlook
संदर्भ
विश्व बैंक द्वारा हाल ही में अप्रैल 2020 का “कमोडिटी मार्केट्स आउटलुक” (Commodity Markets Outlook) जारी किया गया.
- यह आउटलुक मुख्य उपभोक्ता वस्तु समूहों के विषय में बाजार विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जैसे – ऊर्जा, धातु, कृषि, मूल्यवान धातु और खाद.
- यह प्रतिवेदन पेट्रोलियम सहित 46 मुख्य उपभोक्ता वस्तुओं के दाम की भविष्यवाणी करता है.
- कमोडिटी मार्केट्स आउटलुक वर्ष में दो बार अप्रैल और अक्टूबर में छपता है.
COVID-19 के विषय में दिए गये मन्तव्य
- COVID-19 के कारण उपभोक्ता वस्तुओं की मांग और आपूर्ति दुष्प्रभावित हो रही है क्योंकि हर जगह तालाबंदी हो रही है और आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं.
- विशेषकर के परिवहन से जुड़ी उपभोक्ता वस्तुओं पर घोर संकट आ गया है.
- तेल के दाम एक दम से नीचे आ गये हैं और इसकी मांग 2020 में इतनी गिर जायेगी कि जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.
- वैसे तो खाद्य बाजारों में आपूर्ति ठीक ठाक है, परन्तु, कई देशों द्वारा व्यापार प्रतिबंध घोषित करने और आवश्यकता से अधिक क्रय करने से खाद्य सुरक्षा चिंतनीय हो गई है.
- आर्थिक गतिविधियाँ ठप होने से ताम्बे, जस्ते और धातुओं जैसी औद्योगिक उपभोक्ता वस्तुओं के दाम इस वर्ष घटते चले जायेंगे तथा इस महामारी के कारण उपभोक्ता वस्तुओं पर निर्भर उभरते हुए बाजार और विकासशील अर्थव्यस्थाओं को सर्वाधिक क्षति पहुंचेगी.
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.
Topic : United Nations Conference on Trade and Development (UNCTAD)
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) ने अपना नवीनतम व्यापार एवं विकास प्रतिवेदन (Trade and Development Report) प्रकाशित कर दिया है.
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य
- विकासशील देशों का सार्वजनिक बाह्य ऋण 2020-21 में बढ़ कर 2.4- 3.6 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा.
- महामारी के पहले से ही कई विकासशील अर्थव्यस्थाएँ ऋण के जाल में फंसी हुई हैं और बढ़ती हुई स्वास्थ्यगत एवं अर्थगत आवश्यकताओं के कारण यह बोझ बढ़ता ही रहा है.
- इस संकट से उत्पन्न वित्तीय उथल-पुथल के कारण उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से पोर्टफोलियो पूँजी का अभूतपूर्व प्रवाह देखने को मिला है. साथ ही विकासशील देशों में मुद्रा का तेजी से अवमूल्यन हुआ है जिस कारण उनके ऋण का शोधन कठिन से कठिन होता जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) क्या है?
- 30 दिसम्बर, 1964 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव के अंतर्गत एक स्थायी अंतर-सरकारी संस्था के रूप में UNCTAD की स्थापना की गई थी.
- इसका मुख्यालय जेनेवा में है.
- यह संयुक्त राष्ट्र सचिवालय UN Secretariat का एक भाग है. इसके अतिरिक्त यह संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का भी भाग है.
UNCTAD के प्रमुख उद्देश्य क्या-क्या हैं?
- अल्पविकसित देशों के त्वरित आर्थिक विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करना.
- व्यापार एवं विकास नीतियों का निर्माण तथा उनका क्रियान्वयन करना.
- व्यापार एवं विकास के संबंध में संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न संस्थाओं के मध्य समन्वय स्थापित करते हुए समीक्षा व संवर्द्धन संबंधी कार्य करना.
- विभिन्न सरकारों एवं क्षेत्रीय आर्थिक समूहों के मध्य व्यापार व विकास से सम्बंधित नीतियों के विषय में सामंजस्य स्थापित करना.
UNCTAD के द्वारा निर्गत किये जाने वाले रिपोर्ट
- व्यापार एवं विकास प्रतिवेदन (Trade and Development Report)
- वैश्विक निवेश प्रतिवेदन (World Investment Report)
- प्रौद्योगिकी एवं नवाचार प्रतिवेदन (Technology and Innovation Report)
- डिजिटल अर्थव्यस्था प्रतिवेदन (Digital Economy Report)
GS Paper 3 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indian Economy and issues relating to planning, mobilization of resources, growth, development and employment.
Topic : Operation Twist
संदर्भ
मौद्रिक संचरण को सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऑपरेशन ट्विस्ट कहे जाने वाले अपने बांड के आदान-प्रदान वाले कार्यक्रम को वापस लाने का निर्णय किया है.
RBI ने कहा है कि 27 अप्रैल को वह खुला बाजार ऑपरेशन (Open Market Operations – OMO) के अंतर्गत 10,000 करोड़ रु. की सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करेगा.
ऑपरेशन ट्विस्ट क्या है?
- केन्द्रीय बैंक द्वारा एक साथ बॉन्ड की खरीद-बिक्री करने की पहल को वित्तीय जगत में ऑपरेशन ट्विस्ट के नाम से जाना जाता है.
- लगभग एक दशक पहले अमेरिकी केन्द्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ऐसा किया था. वित्त वर्ष 2011-12 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व नें लंबी अवधि के कर्ज को सस्ता करने के लिए ऐसा कदम उठाया था.
- उसी के तर्ज पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी कार्रवाई करने का सोचा था जिससे कि ब्याज की दरें नीचे आ सकें.
- सरल शब्दों में कहें तो ‘ऑपरेशन ट्विस्ट’ का अर्थ है कि सरकार या देश की मोनेटरी अथॉरिटी एक ही समय में अल्पकालिक प्रतिभूतियों को बेचकर मिली धन राशि को दीर्घकालिक प्रतिभूतियों में ओपन मार्किट ऑपरेशन के जरिये बेच देती है ताकि देश में दीर्घकालिक निवेश के लिए ब्याज दर में कमी हो जाये और दीर्घकालिक निवेश बढ़ जाये.
- इसे ‘ऑपरेशन ट्विस्ट’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें अल्पकालिक प्रतिभूति को दीर्घकालिक प्रतिभूति में ट्विस्ट या परिवर्तित कर दिया जाता है.
ऑपरेशन ट्विस्ट क्यों किया जाता है?
- यदि देश में दीर्घकालिक निवेश में कमी हो और निवेशक अर्थव्यवस्था में निवेश करने से कतरा रहे हों तो सरकार यह कोशिश करती है कि दीर्घकाल के लिए ब्याज दर को कम किया जाए ताकि निवेशक अधिक लम्बे समय के लिए अर्थात् घर बनाने, फैक्ट्री लगाने, आधारभूत संरचना का विकास करने जैसे लॉन्ग टर्म कार्यों में निवेश करने लगें.
- इस दीर्घकालिक निवेश का लाभ यह होगा कि देश में नौकरियों की संख्या में वृद्धि होगी, उद्योगों की स्थापना होगी और आधारभूत संरचना का विकास होगा जिससे अंततः सम्पूर्ण देश का विकास बढेगा.
- इसका अन्य लाभ यह होगा कि अब दीर्घकालिक प्रतिभूति में निवेश करने के लिए लोगों को सस्ती दरों पर ब्याज मिल जायेगा. इसके कारण लोग अधिक मात्रा में लोन लेंगे, घर खरीदेंगे, उद्योग लगायेंगे इत्यादि.
- चूंकि इस समय देश में कोरोना के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति धीमी है, लोग निवेश नहीं कर रहे हैं, इसलिए हर उद्योग क्षेत्र में मांग में कमी आ रही है जैसे घरों, कारों इत्यादि की मांग में कमी इसके उदाहरण हैं.
- विदित हो कि या सिक्योरिटीज की कीमत और ब्याज दर के बीच विपरीत सम्बन्ध होता है.
ऑपरेशन ट्विस्ट के लाभ
- देश में दीर्घकालिक ब्याज दरों में कमी आती है, जिसके फलस्वरूप निवेश बढ़ता है और देश की आर्थिक हालत सुधरती है.
- देश में मुद्रा का प्रवाह बढ़ता है, अर्थात् जो लोग निवेश नहीं कर रहे हैं और पैसा दबाकर बैठे हैं वे भी निवेश करने लगते हैं.
ओपन मार्किट ऑपरेशन (OMO) क्या है?
- OMO भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों और कोषागार विपत्रों के क्रय एवं विक्रय को कहते हैं.
- OMO का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति को नियमित करना होता है.
- भारतीय रिज़र्व बैंक इस प्रकार का क्रय-विक्रय केवल वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से करता है और जनसाधारण से वह प्रत्यक्ष कारोबार नहीं करता है.
- For more details, read this > Open market operations in Hindi
Prelims Vishesh
What is remdesivir? :-
- रेमडेसिविर वह दवा है जिसका निर्माण 2014 में एक अमेरिकी कम्पनी ने इबोला रोग के उपचार के लिए किया था और जिसका प्रयोग MERS और SARS नामक कोरोना वायरस परिवार के वायरस के शिकार रोगियों पर भी हुआ था.
- रेमडेसिविर वर्तमान में इसलिए चर्चा में आया है कि कोविड-19 के उपचार के लिए इसके प्रयोग पर अध्ययन चल रहा है.
What are Blazars? :-
- दैत्याकार कृष्ण विवरों (black holes) में होने वाले सशक्त उत्सर्जन से उत्पन्न सबसे चमकीले पिंडों को ब्लेजर नाम दिया गया है.
- सभी सक्रिय आकाशगंगाओं के समान ब्लेजर भी एक केन्द्रीय विशाल आयतन वाले कृष्ण विवर की ओर प्रवाहित होने वाले पदार्थ से ऊर्जा प्राप्त करते हैं.
Goa is now COVID free :-
गोवा में कोविड-19 के अंतिम सात पॉजिटिव मामले भी नेगटिव में बदल चुके हैं और इस प्रकार यह देश का पहला शून्य कोविड-19 राज्य बन गया है.
Bangalore Blue variety of grape :-
- बेंगलुरु के आस-पास के जिलों में उपजने वाले बेंगुलुरु नीले अंगूर को 2013 में भारत सरकार ने भौगोलिक संकेतक (GI) टैग दिया था.
- कर्नाटक में उपजने वाले अन्य दो अंगूर हैं – बीज रहित टॉमसन और अनब-ए-शाही दिलखुश.
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