Sansar डेली करंट अफेयर्स, 25 August 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 25 August 2021


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Govt initiatives.

Topic : E-Shram Portal

संदर्भ

सरकार 26 अगस्त को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल का अनावरण करेगी. 25 अगस्त को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने ई-श्रम पोर्टल के लोगो का अनावरण किया.

ई-श्रम पोर्टल क्या है?

  • सरकार का लक्ष्य 38 करोड़ असंगठित कामगारों को पंजीकृत करना है, जैसे कि निर्माण मजदूर, प्रवासी कार्यबल, रेहड़ी-पटरी वाले और घरेलू कामगार, आदि.
  • श्रमिकों को 12 अंकों की विशिष्ट संख्या वाला ई-श्रम कार्ड निर्गत किया जाएगा, जो आगे जाकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सम्मिलित करने में सहायता करेगा.

पोर्टल पर श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया

  • एक श्रमिक अपनी जन्म तिथि, गृह नगर, मोबाइल नंबर और सामाजिक श्रेणी जैसे अन्य आवश्यक विवरण भरने के अतिरिक्त, अपने आधार कार्ड नंबर और बैंक खाते के विवरण का उपयोग करके पोर्टल पर पंजीकरण कर सकता है.
  • पोर्टल के शुभारंभ के पश्चात्, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक उसी दिन से अपना पंजीकरण प्रारंभ कर सकते हैं.
  • पोर्टल पर पंजीकरण की मांग करने वाले श्रमिकों के प्रश्नों की सहायता और समाधान के लिए एक राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 14434 भी शुरू किया जाना है.
  • पोर्टल पर श्रमिकों के पंजीकरण का समन्वय श्रम मंत्रालय, राज्य सरकारों, ट्रेड यूनियनों और सीएससी द्वारा किया जाए श्रमिकों के राष्ट्रव्यापी पंजीकरण को सक्षम करने के लिए भारत-भर में जागरूकता अभियानों की योजना बनाई जाएगी.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Govt. policies.

Topic : Creamy Layer

संदर्भ

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की अधिसूचनाओं की वैधता पर सुनवाई के दौरान निर्णय दिया कि केवल आर्थिक कसौटी पिछड़े वर्गों में क्रीमी लेयर के निर्धारण का एकमात्र आधार नहीं होना चाहिए.

हरियाणा सरकार की अधिसूचनाएँ

हरियाणा सरकार ने वर्ष 2016 एवं 2018 में अधिसूचना जारी कर “पूर्णत: आर्थिक आधार पर” ₹6 लाख से अधिक वार्षिक आय वाले पिछड़े वर्गों के लोगों को क्रीमी लेयर में रखा था. अब सर्वोच्च न्यायालय ने इन अधिसूचनाओं को निरस्त कर दिया है.

क्रीमी लेयर की अवधारणा

  • वर्ष 1990 में मंडल आयोग की संस्तुति के आधार पर सरकार द्वारा सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों” (SEBC) के लिए 27% आरक्षण की व्यवस्था की गई थी.
  • सरकार के इस निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिस पर वर्ष 1992 में इंदिरा साहनी मामले में सुनवाई की गई.
  • इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय की 9 जजों वाली संवैधानिक पीठ ने निर्णय दिया था कि अन्य पिछड़ा वर्ग का 27% आरक्षण वैध है, लेकिन पिछड़े वर्गों के क्रीमी लेयर को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. इसके तहत वर्तमान में ₹8 लाख वार्षिक आय वाले लोगों, संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों, केंद्र/राज्य सरकारों में ऊँचे पदों पर बैठे व्यक्तियों, अन्य लोगों को रोजगार प्रदान करने वालों, एवं महत्वपूर्ण संपत्ति एवं कृषि भूमि रखने वालों को क्रीमी लेयर में रखा गया है तथा उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आरक्षण के लाभ से वंचित किया गया है. हालांकि अब इस सीमा को बढ़ाने की मांग की जा रही है.

GS Paper 2 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Related to Health.

Topic : Zoonotic

संदर्भ

कृषि पर संसदीय स्थायी समिति ने हाल ही में “देश में पशु चिकित्सा सेवाओं की स्थिति और पशु टीकों की उपलब्धता” शीर्षक के साथ के एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है. इस रिपोर्ट में समिति द्वारा पशुजन्य (zoonotic) रोगों में वृद्धि के मामलों पर चिंता व्यक्त की गई है.

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

  • पर्याप्त आबंटन नहीं: पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (LH-DC) योजना के तहत प्रस्तावित बजट और आवंटित बजट के बीच व्यापक अंतर है. अत: वित्त मंत्रालय को आवश्कताओं के अनुरूप निधि का आवंटन करना चाहिए.
  • व्यावसायिक दक्षता विकास तथा क्लासिकल स्वाइन फ्लू नियंत्रण कार्यक्रम जैसे उपघटकों के लिए वर्ष 2020-21 में कोई आवंटन नही किया गया है. इनके लिए निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने की कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए.
  • पशु चिकित्सा संस्थानों, कार्यबल की कमी: वर्तमान में देश में 65,894 पशु चिकित्सा संस्थान हैं, जबकि 1,07,156 संस्थानों की आवश्यकता है. इसके अलावा देश में पशु चिकित्सकों की संख्या 28,328 है जबकि स्वीकृत संख्या 36,623 है.
  • समिति द्वारा राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण प्रणाली (NADRS) के वेब आधारित प्लेटफ़ॉर्म को मोबाइल एप में अपग्रेड करने की सराहना की गई है.

पृष्ठभूमि

जूनोटिक रोगों – जानवरों से मनुष्यों में संचारित होने वाला रोगजनक संक्रमण- के कारण अतीत में भी महामारी फ़ैल चुकी हैं. प्रत्येक चार संक्रामक रोगों में से तीन रोग ‘जूनोसिस’ अर्थात पशुजनित-बीमारियों के कारण होते हैं. विश्व के अधिकाँश वैज्ञानिकों द्वारा कोविड-19 महामारी को भी एक जूनोसिस (zoonosis) होने का संदेह व्यक्त किया गया है.

ज़ूनोसिस/ज़ूनोटिक रोग

  • ऐसे रोग जो पशुओं के माध्यम से मनुष्यों में फैलते है उन्हें ज़ूनोसिस या ज़ूनोटिक रोग कहा जाता है.
  • ज़ूनोटिक संक्रमण प्रकृति या मनुष्यों में जानवरों के अलावा बैक्टीरिया,वायरस या परजीवी के माध्यम से फैलता है.
  • एचआईवी-एड्स, इबोला, मलेरिया, रेबीज़ तथा वर्तमान कोरोनावायरस रोग (COVID-19) ज़ूनोटिक संक्रमण के कारण फैलने वाले रोग हैं.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Economy.

Topic : Ubharte Sitaare Fund

संदर्भ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यातोन्मुखी फर्म एबं स्टार्टअप के लिए उभरते सितारे कोष का अनावरण किया है. इस कोष का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के प्रोद्योगिकीय उन्नयन हेतु वित्त की व्यवस्था करना है.

प्रमुख बिंदु

  • इस कोष को भारतीय निर्यात-आयात बैंक और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया है.
  • इसके साथ-साथ भारतीय कम्पनियों को इक्विटी में निवेश, ऋण तथा तकनीकी सहायता के माध्यम से वित्तीय एवं सलाहकार सेवाएँ दी जाएँगी.

उद्देश्य एवं महत्व

  • वित्त एवं व्यापक आरम्भिक सहयोग के माध्यम से चयनित क्षेत्रों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करना.
  • विभेदित प्रोद्योगिकी, उत्पादों या प्रक्रियाओं बाली कम्पनियों की पहचान करना और उनका पोषण करना, साथ ही निर्यात में बाधक बनने वाली चुनौतियों का समाधान करना.

भारत में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग

  • भारत में लगभग 3 करोड़ MSMEs हैं.
  • यह क्षेत्र अपने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 29% का योगदान करता है.
  • देशभर में लगभग 110 मिलियन लोग MSMEs में लगे हुए हैं.
  • कुल निर्यात में MSMEs का योगदान करीब 40% का है.

GS Paper 3 Source : The Hindu

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UPSC Syllabus : Forestation.

Topic : CAMPA

संदर्भ

उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन के सीमा से सटे माणा गाँव में 11,000 फिट की ऊँचाई पर हर्बल या औषधीय पार्क की स्थापना की गई है. इस पार्क में हिमालयी क्षेत्र के उच्च अल्पाइन क्षेत्रों में पाई जाने वाले औषधीय पादपों की करीब 40 प्रजातियाँ संरक्षित है. इस परियोजना के लिए क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना कानून (CAMPA) के तहत भूमि उपलब्ध कराई गई है.

CAMPA क्या है?

  • यह एक कोष है जिसकी स्थापना 2006 में क्षतिपूरक वनीकरण के प्रबंधन के लिए की गई थी.
  • CAMPA का पूरा नाम है –Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority (क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण).

पृष्ठभूमि

  • 2002 में सर्वोच्च न्यायालय ने यह टिपण्णी की थी कि वनीकरण के लिए राज्यों को प्रदत्त कोष का पर्याप्त उपयोग नहीं हो रहा था और इसलिए उसने आदेश किया कि इन कोषों को केन्द्रीय स्तर पर समेकित करके एक क्षतिपूरक वनीकरण कोष निर्मित किया जाए.
  • इस निर्देश को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने एक अधिनियम पारित किया जिसका नाम था – क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण अधिनियम (CAMPA Act).

CAMPA ACT क्या है?

  • इस अधिनियम का मुख्य ध्येय वन क्षेत्रों में होने वाली कमी के बदले प्राप्त राशि का संधारण और उसका वनीकरण में फिर से निवेश करना है.
  • अधिनियम के अंतर्गत केन्द्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय क्षतिपूरक वनीकरण कोष  (National Compensatory Afforestation Fund)  तथा राज्यों में राज्य क्षतिपूरक वनीकरण कोष  State Compensatory Afforestation Fund) बनाये गये हैं जो सम्बन्धित लोकलेखा के अधीन रहेंगे.
  • इन कोषों का पैसा इन स्रोतों से आएगा – क्षतिपूर्ति वनीकरण, वन का शुद्ध वर्तमान मूल्य (net present value of forest– NPV) और अन्य परियोजनावार भुगतान.
  • प्राप्त राशियों का 10% अंश राष्ट्रीय कोष में जाएगा और शेष 90% राज्यों के कोषों में जाएगा.
  • अधिनियम के प्रावधानानुसार जो कम्पनी किसी जंगल के भूमि को उपयोग में लाना चाहती है तो उसे इसके बदले किसी उतनी ही बड़ी भूमि पर क्षतिपूरक वनीकरण का काम करना पड़ेगा.
  • जंगल लेने वाली कम्पनी सरकार द्वारा दी गई वैकल्पिक भूमि पर नए पेड़ लगाने का खर्च वहन करेगी.
  • राज्य सरकार उसी भूमि को वनीकरण के लिए देगी जो कम्पनी द्वारा ली जा रहे जंगल से सटी हुई हो जिससे कि नये वन का प्रबंधन सरलता से हो सके, पर यदि ऐसी कोई सटी हुई भूमि नहीं मिल रही तो वनीकरण के लिए उन जंगलों को चुना जाएगा जो क्षरण की अवस्था में हैं.

CAMPA से सम्बंधित चिंताएँ

  • ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में खनन का कार्य इतने बड़े पैमाने पर होता है कि वनरोपण के लिए गैर-जंगली भूमि ढूँढना मुश्किल हो जाता है.
  • कई राज्य CAMPA कोष को ठीक से उपयोग में नहीं ला रहे हैं. उदाहरण के लिए, पंजाब में कानूनी पचड़े के कारण कैम्पा कोष में से सरकार ने 86 लाख रु. मुकदमेबाजी में खर्च कर दिए.
  • ऐसे कई मामले आये हैं जिनमें देसी प्राकृतिक प्रजातियों के पेड़ कम्पनियों ने काट तो डाले, परन्तु उनको जो भूमि वनीकरण के लिए दी गई वहाँ ऐसी प्रजातियों के पेड़ लगा दिए गये जो देसी नहीं हैं. फलत: वर्तमान पारिस्थितिकी तन्त्र को खतरा पहुँच रहा है.

आगे की राह

  • अधिनियम की भावना को देखते हुए CAMPA कोष का पैसा उसी मद में खर्च होना चाहिए जिसके लिए ये दिया जाता है अर्थात् वनीकरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए.
  • कैम्पा कोष का पैसा राज्य सरकारों को किश्तों में दिया जाना चाहिए और प्रत्येक अगली किश्त के पहले इसकी जाँच हो जानी चाहिए कि पहले दिया गया पैसा सही ढंग से खर्च हुआ अथवा नहीं. अन्य शब्दों में कैम्पा कोष के लिए परिणामी बजट (outcome budgeting) की अवधारण अपनाई जानी चाहिए.

Prelims Vishesh

Aranmula Boat Race :-

  • यह केरल में ओणम पर्व के दौरान आयोजित होने वाला सबसे प्राचीन नौका-दौड़ उत्सव है.
  • इस नौका दौड़ का आयोजन, पम्पा नदी के तट पर स्थित, भगवान कृष्ण और अर्जुन को समर्पित एक हिंदू मंदिर ‘अराणमुला’ के निकट होता है.
  • इस दौड़ में ‘पल्लियोडम’ (सांप के आकर की नौका) का उपयोग किया जाता है.
  • इस नौका दौड़ में केवल गांव के पुरुषों को ही भाग लेने की अनुमति होती है.

Operation Deva Shakti :-

  • ऑपरेशन देवी शक्ति भारत ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने के अपने अभियान को “ऑपरेशन देवी शक्ति” नाम दिया है.
  • भारत अमेरिका और अन्य देशों के साथ समन्वय से निकासी अभियान चला रहा है.
  • अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से भारत अब तक 800 से अधिक लोगों को वहां निकाल चुका है. अफ़ग़ानिस्तान में फँसे भारतीयों के अलावा अफ़ग़ान हिंदू एवं सिखों को भारत लाया जा रहा है.

India to set up 100 earthquake observatories in 5 years :-

  • देश में नई भूकंप वेधशालाओं की स्थापना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार देश में इस वर्ष के अंत तक 35 तथा आगामी 5 वर्षों में 100 नई भूकंप वेधशालाएँ स्थापित की जाएँगी.
  • उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भारत में 115 भूकंप वेधशालाएं हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) देश में भूकंपीय गतिविधियों की निगरानी के लिए नोडल एजेंसी है.
  • यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का एक सम्बद्ध कार्यालय है.

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