Sansar Daily Current Affairs, 25 March 2021
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues
Topic : Lachit Borphukan
संदर्भ
15 अगस्त, 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं. देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के 75 सप्ताह पूर्व 12 मार्च से “स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है. ज्ञातव्य है कि 12 मार्च 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने “स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम को आगाज करने के दौरान पूर्वोत्तर में मुगल सेना का विजय रथ रोकने वाले अहोम साम्राज्य (Ahom Kingdom) के कमांडर लाचित बोड़फुकन के नाम का जिक्र भी किया.
‘लाचित बोड़फुकन’ कौन थे?
- वह अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे.
- इन्हें सन् 1671 में हुए सराईघाट के प्रसिद्ध युद्ध के लिए जाना जाता है, जिसमे उन्होंने रामसिंह प्रथम के नेतृत्व में मुगल सेना द्वारा अहोम साम्राज्य पर कब्जा करने के प्रयास को विफल कर दिया.
- लाचित बोड़फुकन, मोमाई तामुली बोड़बरुआ के पुत्र थे, जो कि प्रताप सिंह के शासन-काल में पहले बोड़बरुआ थे. लाचित बोड़फुकन ने मानविकी, शास्त्र और सैन्य कौशल की शिक्षा प्राप्त की थी. उन्हें अहोम स्वर्गदेव के ध्वज वाहकका पद सौंपा गया था, जो कि किसी महत्वाकांक्षी कूटनीतिज्ञ या राजनेता के लिए पहला महत्त्वपूर्ण कदम माना जाता था. बोड़फुकन के रूप में अपनी नियुक्ति से पूर्व लाचित अहोम राजा चक्रध्वज सिंह की शाही घुड़साल के अधीक्षक, रणनैतिक रूप से महत्त्वपूर्ण सिमुलगढ़ किले के प्रमुख और शाही घुड़सवार रक्षक दल के अधीक्षक के पदों पर आसीन रहे थे.
- सराईघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र के तट पर लड़ा गया था.
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) द्वारा वर्ष 1999 से प्रतिवर्ष सर्वश्रेष्ठ कैडेट को लाचित बोड़फुकन स्वर्ण पदक प्रदान किया जाता है.
पृष्ठभूमि
सन् 1671 में सराईघाट की लड़ाई के अंतिम चरण के दौरान, जब मुगलों ने सराईघाट में नदी से होकर असमिया सेना पर हमला किया, तो कई असमिया सैनिकों की हिम्मत ने जवाब दे दिया. ऐसे में आहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित ने सभी सैनिकों का आह्वाहन किया और उन्हें अंतिम साँस तक लड़ने के लिए प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप मुगलों की जबरदस्त हार हुई.
GS Paper 2 Source : PIB
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : Consumer Protection (E-Commerce) Rules, 2020
संदर्भ
एक संसदीय पैनल ने हाल ही में “उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020” पर अपनी संस्तुति प्रस्तुत की है. ज्ञातव्य है कि जुलाई 2020 में कंद्र सरकार न उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 अधिसूचित किये थे.
पैनल की प्रमुख संस्तुतियाँ
- पैनल से सरकार से “अनुचित व्यापार पद्धतियों” को परिभाषित करने के लिए कहा है.
- इसके अलावे पैनल के कहा है कि ई-कॉमर्स प्लटफॉर्म द्वारा वसूल जाने वाले डिलीवरी चार्ज की ऊपरी सीमा तय की जानी चाहिए.
- भ्रामक सूचनाओं से सम्बन्धित नियमों के उल्लंघन करने पर आपराधिक केस दर्ज करन का सुझाव भी दिया गया है.
उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के प्रमुख प्रावधान
- उत्पादों पर मूल देश का उल्लेख करना अनिवार्य किया गया है.
- सभी तरह के लगाये गये चार्ज सहित उत्पाद की कुल कीमत लिखी हुई होनी चाहिए.
- उपयोग की अंतिम तिथि (Expiry Date) लिखी हुई होनी चाहिए.
- रिटर्न, रिफंड, वारंटी, डिलीवरी, शिपमेंट आदि से जुडी जानकारियाँ लिखी हुई होनी चाहिए.
- कोई “कैंसलेशन चार्ज” नहीं होना चाहिए.
- उपलब्ध पेमेंट विकल्पों की जानकारी दी हुई होनी चाहिए.
- विक्रेताओं के बारे में लिखा हुआ होना चाहिए.
- ये नियम ई-कॉमर्स कंपनियों को अनुचित मूल्य के माध्यम से अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से किये जाने वाले वस्तु या सेवाओं की कीमत में हरफेर करने से भी रोकते हैं.
- नियमों के उल्लंघन पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत कारवाई की जाएगी.
- उपभेक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 अनिवार्य है, सलाहकारी नहीं.
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.
Topic : Sixth Schedule
संदर्भ
हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा लोकसभा को सूचित करते हुए कहा है, कि “वर्तमान में, छठी अनुसूची में शामिल असम के क्षेत्रों में पंचायत प्रणाली लागू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.”
इस संबंध में किये गए प्रयास- संविधान (125वाँ संशोधन) विधेयक, 2019
- 6 फरवरी, 2019 को, संविधान (125 वां संशोधन) विधेयक राज्य सभा में प्रस्तुत किया गया था. इस विधेयक में निर्वाचित ग्राम नगरपालिका परिषदों के गठन संबंधी प्रावधान किया गया है.
- यह विधेयक अभी भी क्रियाशील है और यह राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा स्वायत्त परिषदों, ग्रामों और नगरपालिका परिषदों के चुनाव कराये जाने का प्रस्ताव करता है.
भारतीय संविधान की छठी अनुसूची
संविधान की छठी अनुसूची (अनुच्छेद 244) देश के चार पूर्वोत्तर राज्यों – असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम – के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से सम्बंधित है.
छठी अनुसूची के मुख्य प्रावधान
- जनजातीय क्षेत्रों में राज्यपाल को स्वायत्त जिलों का गठन और पुनर्गठन करने का अधिकार है. राज्यपाल स्वशासी क्षेत्रों की सीमा घटा या बढ़ा सकता है तथा नाम भी परिवर्तित कर सकता है.
- यदि किसी स्वायत्त जिले में एक से अधिक जनजातियाँ हैं तो राज्यपाल इस जिले को अनेक स्वायत्त क्षेत्रों में बाँट सकता है.
- प्रत्येक स्वायत्त जिले में 30 सदस्यों की एक जिला परिषद् होती है जिसमें 4 जन राज्यपाल नामित करता है और शेष 26 व्यस्क मताधिकार के आधार पर चुने जाते हैं.
- जिला परिषद् के सदस्यों का कार्यकाल पाँच वर्ष होता है और नामी सदस्य तब तक सदस्य बने रहते हैं जब तक राज्यपाल की इच्छा हो.
- प्रत्येक स्वायत्त क्षेत्र का अपनी एक अलग क्षेत्रीय परिषद् होती है.
- जिला और क्षेत्रीय परिषदें अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र का प्रशासन देखती हैं.
- जिला व क्षेत्रीय परिषदें अपने अधीन क्षेत्रों में जनजातियों के आपसी मामलों के निपटारे के लिये ग्राम परिषद या न्यायालयों का गठन कर सकती हैं. वे अपील सुन सकती हैं. इन मामलों में उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार का निर्धारण राज्यपाल द्वारा किया जाता है.
- जिला परिषद अपने जिले में प्राथमिक विद्यालयों, औषधालय, बाजारों, फेरी, मत्स्य क्षेत्रों, सड़कों आदि को स्थापित कर सकती है या निर्माण कर सकती है. जिला परिषद साहूकारों पर नियन्त्रण और गैर-जनजातीय समुदायों के व्यापार पर विनियम बना सकती है, लेकिन ऐसे नियम के लिये राज्यपाल की स्वीकृति आवश्यक है.
- जिला व प्रादेशिक परिषद को भू-राजस्व का आकलन व संग्रहण करने का अधिकार है. वह कुछ विनिर्दिष्ट कर भी लगा सकता है.
- संसद या राज्य विधानमण्डल द्वारा निर्मित नियम को स्वशासी क्षेत्रों में लागू करने के लिये आवश्यक बदलाव किया जा सकता है.
- राज्यपाल, स्वशासी जिलों तथा परिषदों के प्रशासन की जाँच और रिपोर्ट देने के लिये आयोग गठित कर सकता है. राज्यपाल, आयोग की सिफारिश पर जिला या परिषदों को विघटित कर सकता है.
नागालैंड के संबंध में
अनुच्छेद 371 ए को संविधान में 13वें संशोधन के बाद 1962 में जोड़ा गया था. यह अनुच्छेद नागालैंड के लिए है. इसके अनुसार, संसद बिना नागालैंड की विधानसभा की स्वीकृति के नागा धर्म से जुड़ी हुई सामाजिक परंपराओं, पारंपरिक नियमों, कानूनों, नागा परंपराओं द्वारा किए जाने वाले न्यायों और नागाओं की जमीन के मामलों में कानून नहीं बना सकती है अथवा इस अनुच्छेद के अनुसार, नागालैंड विधानसभा द्वारा संकल्प प्रस्ताव पारित किये बिना संसद का कोई भी अधिनियम राज्य के कई क्षेत्रों में लागू नहीं होगा.
GS Paper 2 Source : Indian Express
UPSC Syllabus : Related to Health.
Topic : National Health Mission (NHM) 2019-20
संदर्भ
मंत्रिमंडल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 2019-20 (National Health Mission (NHM) 2019-20) की प्रगति से अवगत कराया गया. NHM न्यायसंगत, वहनीय और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच की परिकल्पना करता है.
NHM के दो उप-मिशन हैं –
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और
- राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन
मिशन के मुख्य घटक है – स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करना, प्रजनन-मातृ-नवजात-बाल और किशोर स्वास्थ्य (Reproductive-Maternal-Neonatal-Child and Adolescent Health: RMNCH+A) तथा संचारी एवं गैर-संचारी रोग.
वर्ष 2019 में, निम्नलिखित नई पहलों को समाविष्ट किया गया – GS Paper 2 Source : The Hindu UPSC Syllabus : Structure, organization and functioning of the Executive and the Judiciary; Ministries and Departments of the Government; pressure groups and formal/informal associations and their role in the Polity. संदर्भ हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के सम्बन्ध में कॉलेजियम द्वारा भेजे गये नामों पर करीब एक वर्ष बीत जाने पर भी कोई निर्णय न लेने के सम्बन्ध में 8 अप्रैल तक जवाब मांगा हैं. उल्लेखनीय है कि कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में नियुक्तियों के सम्बन्ध में 55 नामों की सिफारिश केंद्र सरकार के पास भेजी थी, इसे एक वर्ष का समय हो चुका है. ध्यातव्य है कि देश के उच्च न्यायालयों मे न्न्यायधीशों के 419 पद रिक्त हैं. Istanbul Covention Action against violence against women and domestic violence :- Volcano catastrophe bonds :- Study in India Programme :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi February, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Download इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic : Collegium System
कॉलेजियम व्यवस्था क्या है?
कॉलेजियम व्यवस्था (Collegium System) कैसे काम करती है?
Prelims Vishesh