Sansar Daily Current Affairs, 25 September 2018
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Publishing poll candidate’s propaganda is paid news
संदर्भ
भारत चुनाव आयोग ने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि किसी चुनाव में खड़े प्रत्याशी की प्रशंसा में बार-बार प्रकाशन सामग्री छापा जाना “पैसे देकर छपवाया गया समाचार (paid-media)” है और कुछ नहीं.
आयोग का यह भी कहना है कि इस प्रकार का समाचार न केवल प्रत्याशी के काम और उपलब्धियों का प्रशंसात्मक बखान ही है अपितु यह प्रत्याशी द्वारा मतदाताओं को किया गया प्रत्यक्ष आह्वान है. इसलिए एक राजनीतिज्ञ यह नहीं कह सकता है कि अपने बारे में उद्देश्यपूर्ण प्रचार करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उसके मूल अधिकार के अन्दर आता है.
यदि चुनाव के समय इस प्रकार के उद्देश्यपूर्ण प्रचार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर छूट दी जाए तो मजबूत रसूख वाला प्रत्याशी समाज में अपने प्रभाव का लाभ उठा सकता है. दूसरी ओर कमजोर रसूख वाला प्रत्याशी ऐसी “मौन सेवाओं” से वंचित हो सकता है तथा अवसर की असमानता का शिकार हो सकता है.
पृष्ठभूमि
ज्ञातव्य है कि भारतीय चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश में एक सांसद को प्रचार सामग्री प्रकाशित करने के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया था. परन्तु दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयोग के इस निर्णय को निरस्त कर दिया था. इस पर आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी.
भारतीय चुनाव आयोग के पैसे देकर छपवाए गए समाचार को सम्बन्धित सांसद ने बड़े प्रचार-प्रसार वाले पाँच समाचार-पत्रों में छपवाई थीं जो पक्षपातपूर्ण एवं एकपक्षीय थीं और जिनका उद्देश्य उस राजनीतिज्ञ की चुनावी संभावनाओं को सुदृढ़ करना था. छपे गए कुछ प्रतिवेदन उसके पक्ष में विज्ञापन ही थे. समिति का निर्णय था कि ये सामग्रियाँ “पैसे देकर छपवाए गए समाचारों” की परिभाषा पर सटीक बैठती थीं.
दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश और उस पर आपत्ति
दिल्ली उच्च न्यायालय ने न केवल चुनाव आयोग के निरसन आदेश को उलट दिया था अपितु यह कहा था कि आयोग का काम किसी भाषण की विषयवस्तु को देखना नहीं है, उसका काम प्रत्याशियों के द्वारा चुनाव पर किये गये खर्च को देखने तक ही सीमित है. चुनाव आयोग का विचार था कि उच्च न्यायालय के इस आदेश ने पैसे देकर छपवाए जाने वाले समाचारों के विरुद्ध उसके अभियान को बहुत बड़ा धक्का पहुँचाया है. इसलिए यद्यपि वह सामान्यतया न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाता परन्तु इस विषय में उसे न्यायालय में जाना सर्वथा उचित लगा. उसका यह भी मानना था कि पैसे देकर छपवाए जाने वाले समाचारों की लड़ाई में आयोग की भूमिका और शक्ति के निर्धारण के लिए मामले की वैधानिक स्थिति को स्पष्ट कराना आवश्यक भी था. आयोग के कानूनी सलाहकारों ने भी उसे सर्वोच्च न्यायालय में जाने की सलाह दी थी.
पैसे देकर छपवाए जाने वाले समाचारों का खतरा
सरकार द्वारा लोक सभा में दी गई एक सूचना के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनावों में चुनाव आयोग ने भारतीय प्रेस परिषद् को पैसे देकर छपवाए जाने वाले समाचार के विषय में 600 शिकायतें भेजी थीं. आयोग ने विधि मंत्रालय को बार-बार लिखा है कि पैसे देकर छपवाये जाने वाले समाचार को एक संज्ञेय अपराध घोषित किया जाए. विधि आयोग ने 2015 में भी इस समस्या की रोकथाम के लिए संशोधन लाने का आह्वान किया था. सप्रंग काल में विषय को जाँचने के लिए मंत्रियों का एक समूह भी बनाया गया था.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : National e-Vidhan Application
संदर्भ
हाल ही में भारत सरकार ने राष्ट्रीय ई-विधान आवेदन (National e-Vidhan Application – NeVA) विषय पर एक द्विदिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया है. साथ में NeVA के एक नई वेबसाइट का भी अनावरण किया है.
NeVA क्या है?
NeVA एक डिजिटल app है जो डिजिटल मंच पर विधान सभाओं में दिन-प्रतिदिन होने वाले कार्यों के सम्बन्ध में विधानसभा सदस्यों को सूचना मुहैया कराती है. इसमें प्रत्येक विधानसभा सदस्य के लिए एक सुरक्षित पेज होता है जिसके माध्यम से वह प्रश्न अथवा अन्य सूचनाएँ प्रतिवेदित कर सकता है.
यह app कार्य-प्रवाह पर आधारित है और यह क्लाउड (मेघराज) पर संरक्षित होता है. इसके कारण विधान सभा के अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने तथा सदस्यों को अपना कर्तव्य सक्षमता से सम्पादित करने में सहायता मिलती है.
ई-विधान परियोजना
e-Vidhan एक मिशन मोड वाली परियोजना है जिसका कार्य विधान सभाओं के कारोबार को डिजिटाइज करना और उसे कागज़-रहित बनाना है. इस app का प्रयोग विधानसभाओं के अतिरिक्त सरकारी विभाग भी कर सकते हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Decriminalisation of politics
संदर्भ
उच्चतम न्यायालय में एक याचिका खारिज कर दी है जिसमें माँग की गई थी कि इसमें आपराधिक इतिहास वाले व्यक्तियों को संसद अथवा विधानसभाओं में चुने जाने पर रोक लगा दी जाए. उच्चतम न्यायालय का कहना है कि इस विषय में संसद को स्वयं कानून बनाना चाहिए. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि सभी चुनावी प्रत्याशियों को अपने शपथ पत्र में साफ़ अक्षरों में अपने आपराधिक इतिहास का वर्णन करना चाहिए. साथ ही यह सभी राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे अपने वेबसाइट में के एक-एक प्रत्याशी के आपराधिक इतिहास को दर्शाए जिससे मतदाताओं को निर्णय लेने में सुविधा हो.
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम क्या कहता है?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार कोई व्यक्ति तभी चुनाव में खड़ा नहीं हो सकता है जब किसी आपराधिक मामलों में उसे सजा दी जा चुकी हो. 1951 के अधिनियम के अनुभाग 8 में यह कहा गया है कि जिस व्यक्ति को दो वर्ष या अधिक की सजा मिली है वह चुनाव नहीं लड़ सकता. परन्तु जिस पर अभी मुकदमा चल ही रहा है वह चुनाव में खड़ा हो सकता है.
वर्तमान स्थिति
चुनाव आयोग के आँकड़ों के अनुसार वर्तमान लोकसभा के 187 सांसदों पर आपराधिक आरोप हैं. इस प्रकार कह सकते हैं कि 34.4% दागी हैं. इनमें भी 113 ऐसे सांसद हैं जिनपर लगाये गए आरोप से सम्बंधित अपराध गंभीर प्रकृति के हैं. दागी सांसदों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. 2004 में यह संख्या 128 (58 गंभीर) और 2009 में 162 (76 गंभीर) थी.
दागी विधान निर्माताओं को रोकने के उपाय
इसके लिए तीन संभव विकल्प हैं –
- राजनीतिक दल को चाहिए कि वे स्वयं दागी लोगों को टिकट देने से मन कर दें.
- जनप्रतिनिधित्व अधिनयम में संशोधन कर यह नियम बना दिया जाए को कि जिस व्यक्ति के विरुद्ध गंभीर प्रकृति के आपराधिक मामले चल रहे हैं वे भी चुनाव भी नहीं खड़े हो सकेंगे.
- दागी विधान निर्माताओं के मामलों को तेजी से निपटारा करने के लिए द्रुतगति (fast-track) न्यायालयों का गठन.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Prithvi Defence Vehicle (PDV) Mission
संदर्भ
हाल ही में भारत ने ओडिशा के समुद्र तट के पास एक प्रभेदक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इस प्रकार भारत ने द्वि-स्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली को विकसित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त कर ली है. यह मिसाइल अब्दुल कलाम द्वीप से प्रक्षेपित किया गया जो पहले Wheeler Island of the Integrated Test Range (ITR) के नाम से जाना जाता था.
पृथ्वी रक्षा वाहन Prithvi Defence Vehicle (PDV) अभियान क्या है?
- PDV अभियान के अंतर्गत लक्ष्य को वायुमंडल में 50 km. की ऊँचाई पर भेद दिया जाएगा.
- PDV वर्तमान में उपलब्ध Pradyumna बैलिस्टिक मिसाइल प्रभेदक का पूरक अभियान है. Pradyumna बैलिस्टिक प्रभेदक मिसाइल वायुमंडल में अधिकतम 80 किमी. तक जाकर लक्ष्य को नष्ट कर सकता है.
- नए द्विचरणीय ठोस ईंधन से चलने वाले PDV भेदी में इमेजिंग इन्फ्रारेड सीकर (IIR) लगे हैं जो आते हुए युद्ध प्रक्षेपास्त्रों अथवा decoys में वास्तविक प्रक्षेपास्त्र को पहचान सकते हैं. यह IIR रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) द्वारा बनाया गया है.
- इसमें उच्च सटीकता वाली inertial navigation प्रणाली है. इसमें Redundant Micro Navigation System भी लगी हुई है जिस कारण लक्ष्य को भेदने के स्थान का सरलता से पता चल जाता है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : World Wildlife Foundation’s (WWF) ‘Tx2’ programme
संदर्भ
नेपाल शीघ्र ही विश्व का ऐसा पहला देश बनने वाला है जहाँ बाघों की संख्या दुगुनी हो जायेगी. ज्ञातव्य है कि बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए विश्व वन्यजीव फाउंडेशन (WWF) Tx2 कार्यक्रम चलाया जा रहा है. नेपाल सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि नेपाल में जंगली बाघों की संख्या 235 हो गयी है, जबकि 2009 में यह संख्या 121 थी.
विदित हो कि नेपाल को यह सफलता इसलिए मिली है कि वहाँ का शासन बाघों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध था और साथ ही वहाँ इसके लिए नए-नए उपायों को अपनाया गया. Conservation Assured Tiger Standards (CA|TS) के द्वारा बाघों के संरक्षण के प्रबंधन के लिए वैश्विक मानकों तक पहुँचने वाला पहला देश होने का प्रमाणपत्र दिया गया था.
Tx2 कार्यक्रम का है?
विश्व वन्यजीव फाउंडेशन (WWF) ने 2010 में St Petersburg में आयोजित व्याघ्र सम्मेलन में महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम Tx2 का अनावरण किया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2022 तक पूरे विश्व में बाघों की संख्या को दुगुना करना है. विदित हो कि चीनी पंचांग के अनुसार 2022 बाघों का वर्ष है.
Tx2 का उद्देश्य
- विश्व के नेताओं को बाघों के संरक्षण के लिए अधिक से अधिक ध्यान देने के लिए प्रेरित किया जाए.
- बाघों के संरक्षण के लिए रेंजरों को प्रशिक्षण दिया जाये और साथ ही कोई बाघ को अवैध न मारें. इसलिए संरक्षण मानक (CA|TS) और तकनीक (SMART) विकसित किये जाएँ.
- अवैध वन्यजीव व्यापार पर लगाम लगाई जाए.
- मुख्य व्याघ्र स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जाए.
- यह प्रबंध किया जाए कि भविष्य में बाघ और मनुष्य दोनों में संघर्ष की स्थिति न हो.
विश्व में बाघ कहाँ-कहाँ हैं?
जंगली बाघ केवल एशिया में ही पाए जाते हैं. एशिया में ऐसे 13 देश जहाँ बाघ हैं – बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम.
Prelims Vishesh
Severe acute malnutrition :-
- हाल ही में राष्ट्रीय पोषण प्रौद्योगिक बोर्ड (National Technical Board on Nutrition – NTBN) ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित विकट कुपोषण सम्बन्धी मार्गनिर्देशों को स्वीकृति दे दी है.
- इन मार्गनिर्देशों में कहा गया है कि जो बच्चे विकट कुपोषण के शिकार हैं उनको ताजा पकाया हुआ भोजन दिया जाए जो स्थानीय रूप से उपलब्ध अनाजों, दालों और तरकारियों से तैयार किया गया हो.
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