Sansar Daily Current Affairs, 26 February 2019
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : The dispute between Britain and Mauritius over Chagos islands
संदर्भ
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ के उच्चतम न्यायालय – अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice) – ने यह व्यवस्था दी है कि यूनाइटेड किंगडम को हिन्द महासागर में स्थित चागोस द्वीपों से अपना नियंत्रण यथाशीघ्र वापस ले लेना चाहिए क्योंकि ये द्वीप मॉरिशस से विधिवत् अलग नहीं हुए थे. इस व्यवस्था की प्रतिक्रिया में यूनाइटेड किंगडम के विदेश कार्यालय ने कहा है कि यह कोई न्याय-निर्णय नहीं है अपितु एक परामर्श मन्तव्य है.
विवाद क्या है?
मॉरिशस के स्वतंत्र होने के तीन वर्ष पहले ब्रिटेन ने चागोस द्वीपों को 1965 में मॉरिशस से अलग कर दिया था. 1967 से 1973 तक इन द्वीपों के 1,500 निवासियों को धीरे-धीरे अपना घर छोड़ने के लिए विवश कर दिया गया था जिससे कि इनमें सबसे बड़े द्वीप डिएगो गार्सिया को अमेरिका को सामरिक हवाई अड्डा बनाने के लिए लीज पर दिया जा सके. विदित हो कि आज डिएगो गार्सिया अमेरिका का एक प्रमुख सैन्य अड्डा है.
2016 में कई मुकदमों के बाद डिएगो गार्सिया की लीज को 2036 तक बढ़ा दिया और यह घोषणा की कि जो द्वीपवासी बाहर कर दिए गये हैं, उनको वापस नहीं आने दिया जाएगा. 2017 में मॉरिशस ने संयुक्त राष्ट्र को प्रार्थना पत्र देकर इस बात में सफलता पाई कि मॉरिशस से चागोस द्वीपों को अलग करने के कार्य की वैधता पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से परमर्श मन्तव्य माँगा जाए.
मॉरिशस का दावा है कि ब्रिटेन ने चागोस द्वीपों को छोड़ने के लिए उसे इस शर्त पर विवश किया था कि वह मॉरिशस को स्वतंत्रता दे देगा.
मॉरिशस के दावे का आधार
मॉरिशस का चागोस द्वीपों पर दावा मूलत: आत्म निर्धारण के अधिकार से सम्बंधित है. उसने न्यायालय को स्पष्ट कहा है कि इन द्वीपों का पृथक्करण 1960 में पारित संयुक्त राष्ट्र संकल्प संख्या 1514 (औपनिवेशक घोषणा) का सीधा उल्लंघन है क्योंकि इसमें कहा गया है कि औपनिवेशिक लोगों को आत्म-निर्धारण का अधिकार है और किसी भी स्थिति में स्वतंत्रता देने के पहले किसी उपनिवेश को बाँटा नहीं जा सकता है.
निर्णय का निहितार्थ
यह सच है कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के द्वारा दिए गये परामर्श मंतव्य बाध्यकारी नहीं होते हैं, परन्तु ऐसे मन्तव्य के कई मायने भी होते हैं. इस मन्तव्य से भविष्य में होने वाले समझौतों के समय मॉरिशस की स्थिति सशक्त होगी और साथ ही ब्रिटेन पर चागोस द्वीपों को छोड़ने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनेगा.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : National Youth Parliament Festival 2019 awards
संदर्भ
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 27 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2019 पुरस्कार के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगे.
भूमिका
- 12 जनवरी, 2019 को राष्ट्रीय युवा संसद 2019 का शुभारंभ किया गया था.
- इसकी थीम थी – “नए भारत की आवाज बने तथा समाधान निकाले और नीति में योगदान करें”.
- जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर युवा संसद में भाग लेने के लिए 18-25 आयु वर्ग के युवा आमंत्रित किए जाते हैं.
राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव का महत्त्व
- राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव युवाओं को सार्वजनिक विषयों में भागीदारी करने, जन साधारण की राय को समझने तथा सही तरीके से अपने विचार व्यक्त करने के लिए प्रोतसाहित करता है.
- यह महोत्सव नए भारत के विजन की प्रासंगिक और कारगर आवाज व्यक्त करता है और युवाओं के स्वर को नीति निर्माताओं को उपलब्ध कराया जाता है और क्रियान्वयन के लिए आगे बढ़ाया जाता है.
- यह महोत्सव युवा संसद युवाओं को नए भारत के बारे में सोचने तथा 2022 के पहले अपने संकल्पों की पूर्ति के लिए योजना बनाने का अवसर प्रदान करता है.
- यह महोत्सव नए भारत के विजन की प्रासंगिक और कारगर आवाज व्यक्त करता है और युवाओं के स्वर को नीति निर्माताओं को उपलब्ध कराया जाता है और क्रियान्वयन के लिए आगे बढ़ाया जाता है.
GS Paper 2 Source: PIB
Topic : Global Digital Health Partnership
संदर्भ
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में नई दिल्ली में चौथे वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य सोझेदारी सम्मेलन (Global Digital Health Partnership – GDHP) का उद्घाटन किया गया. विदित हो कि डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक अंतर-सरकारी सम्मेलन का आयोजन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा वैश्विक स्वास्थ्य डिजिटल साझेदारी (जीडीएचपी) के सहयोग से किया जा रहा है.
प्रमुख बिंदु
- डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक अंतर-सरकारी सम्मेलन का आयोजन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा वैश्विक स्वास्थ्य डिजिटल साझेदारी (Global Digital Health Partenership-GDHP) के सहयोग से किया जा रहा है.
- भारत ने स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में 71वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में डिजिटल स्वास्थ्य पर प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया.
- सम्मेलन में भारत द्वारा स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तन लाने हेतु प्रौद्योगिकी नवाचार पर बल दिया गया तथा डिजिटल स्वास्थ्य सेवा में सरकार की विभिन्न पहलों का उल्लेख किया गया.
- भारत डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रमों तथा डिजिटल समावेश के माध्यम से पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने के लिये संकल्पबद्ध है. डिजिटल खाई को पाटने का काम कम लागत की टैक्नोलॉजी से किया जा सकता है.
- डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रम परिवर्तन को गति प्रदान कर रहा है. डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रम में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) को समर्थन देने की अपार क्षमता है और इसके लिये भारत सरकार संकल्पबद्ध है.
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के लिये आयुष्मान भारत नाम से व्यापक स्वास्थ्य देखभाल योजना लॉन्च की गई है. इसके प्राथमिक और द्वितीय स्तर पर स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र (HWC) हैं और उच्च स्तर पर प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (PMJAY) है.
- इस योजना के अंतर्गत मात्र 155 दिनों में 3 मिलियन लोगों ने 16 बिलियन रुपए से अधिक का लाभ उठाया है.
GDHP क्या है?
- ग्लोबल डिजिटल हेल्थ पार्टनरशिप (GDHP) साक्ष्य आधारित डिजिटल प्रौद्योगिकियों के बेहतरीन उपयोग के जरिये अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और देखभाल में सुधार हेतु समर्पित सरकारों, सरकारी एजेंसियों और बहुराष्ट्रीय संगठनों के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है.
- इसे फरवरी 2018 में स्थापित किया गया था, ताकि इसके प्रतिभागियों को परिवर्तनकारी जुड़ाव का अवसर मिल सके.
- 2018 में इसके पहले शिखर सम्मेलन के लिये ऑस्ट्रेलिया मेज़बान देश था.
GDHP सदस्य
वर्तमान में इसके 23 सदस्य हैं, ये हैं – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, कनाडा, एस्टोनिया, हांगकांग एसएआर, भारत, जापान, रिपब्लिक ऑफ इंडोनेशिया, इटली, न्यूजीलैंड, नीदरलैंड्स, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूक्रेन, उरुग्वे और विश्व स्वास्थ्य संगठन.
GS Paper 3 Source: Down to Earth
Topic : Nine new items added to MSP for minor forest produce scheme
संदर्भ
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने लघु वन उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की अपनी योजना में 9 नए लघु वन उत्पादों को सम्मिलित कर लिया है. इस प्रकार ऐसे उत्पादों की कुल संख्या 49 हो गयी है.
जो नौ नए उत्पाद जोड़े गये हैं, वे हैं – बकुल (सूखी छाल), कुटज (सूखी छाल), नोनी/आल (सूखे फल), सोनापता/स्योनाक फलियाँ, चनोथी बीज, कालिहारी (सूखे कंद), मकोए (सूखे फल), अपांग पौधा और सुगंधमंत्री (जड़/कंद).
लघु वन उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना क्या है?
- यह योजना भारत सरकार ने 2013 में चालू की थी. इसका उद्देश्य था लघु वन उत्पादों को चुनने वाले लोगों को उचित मूल्य दिलवाना. इस योजना के लिए केंद्र ने अपना अंश 967 करोड़ रु. रखा था जो 2013-14 से 2016-17 तक खर्च होने थे.
- इस योजना का मुख्य लक्ष्य वनों में जाकर छोटे-छोटे उत्पादों को चुनकर जमा करने वाले लोगों की आजीविका को सुरक्षा देना और सुधार लाना है.
- यह योजना लघु वन उत्पादों के संग्रहणकर्ताओं को उचित राशि देकर उनकी आय के स्तर को बढ़ाती है तथा साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि लघु वन उत्पाद का सतत संग्रहण होता रहे.
- यह योजना इस बात पर ध्यान देती है कि लघु वन उत्पाद एक विशेष मूल्य पर खरीदे जाएँ और उनका प्राथमिक प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन आदि सुचारू रूप से हो सके.
- इस योजना में यह भी ध्यान रखा जाता है कि इन उत्पादों के स्रोत सदा बने रहे अर्थात् उनमें क्षरण न हो.
- इस योजना का एक पक्ष यह भी है कि इससे स्त्रियों का आर्थिक सशक्तीकरण सुदृढ़ होता है क्योंकि अधिकांश संग्रहणकर्ता स्त्रियाँ ही होती हैं और इन उत्पादों जमा करने वाली और उपयोग करने वाली एवं बेचने वाली स्त्रियाँ ही होती हैं.
- ज्ञातव्य है कि लघु वन उत्पाद प्रक्षेत्र में यह क्षमता है कि वह देश में हर वर्ष दस मिलियन कार्यदिवस का सृजन कर सकता है.
योजना का कार्यान्वयन
- वन धन योजना केन्द्रीय स्तर पर नोडल विभाग के रुप मेंजनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा तथा राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप में ट्राइफेड (TRIFED) के माध्यम से क्रियान्वित की जायेगी.
- राज्य स्तर पर MFP हेतु राज्य नोडल एजेंसी तथा प्राथमिक स्तर पर जिलाधिकारियों द्वारा योजना कार्यान्वयन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने की परिकल्पना की गई है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Prepaid payment instruments
संदर्भ
ई-वॉलेट कंपनियों को राहत देते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रीपेड भुगतान के लिए KYC पूरा करने के समय सीमा को छह महीने बढ़ा दिया है.
भूमिका
भारतीय रिज़र्व बैंक का यह निर्देश था कि प्रीपेड भुगतान साधन (prepaid payment instrument – PPI) निर्गत करने वाली कम्पनियों को KYC की प्रक्रिया फरवरी 28, 2019 तक पूरी कर लेनी चाहिए थी. अक्टूबर, 2017 में बैंकिंग नियामक ने प्रीपेड भुगतान साधन मोबाइल वॉलेट के बारे में निर्देश दिया था कि KYC के अंदर सभी वांछित सूचनाएँ प्राप्त कर ली जाएँ.
PPI क्या होते हैं?
- प्रीपेड भुगतान साधन (PPI) वे साधन हैं जो वस्तुओं और सेवाओं के क्रय के लिए उन साधनों में जमा मूल्य के अनुरूप सुविधा देते हैं.
- इन साधनों में जमा मूल्य का भुगतान इनके धारणकर्ताओं द्वारा नकद, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से किया जाता है.
- भुगतान के ये साधन सामान्यतः स्मार्ट कार्ड, मोबाइल वॉलेट, पेपर वाउचर, इन्टरनेट अकाउंट/वॉलेटके रूप में निर्गत होते हैं.
- इन साधनों में पहले से ही मूल्य अंकित रहता है और कुछ मामलों में भुगतान का उद्देश्य भी निश्चित किया रहता है. इन साधनों से वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय तो किया ही जाता है, साथ ही व्यक्ति से व्यक्ति (जैसे मित्र को अथवा परिवारजन को) धन की लेन-देन भी की जाती है.
- इन भुगतान साधनों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक लाइसेंस देता है और उन्हें विनियमित करता है.
- प्रीपेड भुगतान साधन तीन प्रकार होते हैं – बंद प्रणाली वाला PPI, आधी बंद प्रणाली वाला PPI और खुली प्रणाली वाला
- बंद प्रणाली वाले PPI का सबसे प्रचलित उदाहरण वह गिफ्ट कार्ड होता है जो किसी ब्रांड के लिए विशेष रूप से बना होता है. ऐसे कार्ड किसी विशेष स्थानों में ही प्रयोग में लाये जा सकते हैं और इनका प्रयोग एक खाते से दूसरे खाते में पैसा भेजने में नहीं किया जा सकता.
GS Paper 3 Source: Indian Express
Topic : NASA New Horizons
संदर्भ
हाल ही में नासा ने अल्टिमा थूले का सबसे साफ़ चित्र भेजा है. इस चित्र में धरातल के गोल-गोल टुकड़े, गहरी खाइयाँ और अन्य ऐसी वस्तुएँ दिखती हैं जो पहले दिख नहीं पाती थीं.
अल्टिमा थूले क्या है?
- अल्टिमा थूले सौर मंडल के अन्दर वरुण ग्रह के परिक्रमा पथ से भी आगे स्थित कुइपर बेल्ट (Kuiper belt) में स्थित है.
- इसका व्यास 30 किलोमीटर है और इसका आकार अनियमित है.
- इसका रंग लाल है जो करोड़ों वर्षों से इसके हाइड्रोकार्बनों पर धूप पड़ने से हुआ है.
- अल्टिमा थूले कुइपर बेल्ट पर पाए जाने वाले उन पिंडों में से एक है जिसे वैज्ञानिक कोल्ड क्लासिकल्स कहते हैं.
- इन पिंडों का परिक्रमा पथ लगभग गोल होता है और ये सूर्य के तल की ओर कम झुके रहते हैं.
न्यू होराइजन्स क्या है?
न्यू होराइजन्स 19 जनवरी, 2006 को छोड़ा गया था और तब से यह यात्रा कर रहा है. इस अन्तरिक्षयान का मूल कार्य प्लूटो और चारोन की सतह का नक्शा तैयार करना, प्लूटो के वायुमंडल का अध्ययन करना और तापमान का पता लगाना है.
GS Paper 3 Source: Times of India
Topic : Wide Field InfraRed Survey Telescope
संदर्भ
नासा की वेधशाला – WFIRST (Wide Field InfraRed Survey Telescope) – हबल अन्तरिक्ष दूरबीन के पश्चात् ऐसी दूरबीन होगी जो सौर मंडल के बाहर स्थित उपग्रहों का पता लगाएगी और ब्रह्मांड का सबसे बड़ा, सबसे गहरा और सबसे स्पष्ट चित्र खींचेगी. इससे पृथ्वी के बाहर जीवन के अस्तित्व के विषय में अधिक सटीक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. ज्ञातव्य है कि लगभग 100 ऐसे उपग्रह हैं जिनकी खोज नहीं हुई है और जिनका आयतन पृथ्वी के समान अथवा कम है.
WFIRST क्या है?
- WFIRST नासा की एक दूरबीन है जिसको बनाया ही इसलिए गया है कि उन प्रश्नों का उत्तर पाया जा सके जो डार्क एनर्जी, सौर मंडल के बाहर के उपग्रहों और इन्फ्रा-रेड अन्तरिक्ष भौतिकी के विषय में वैज्ञानिकों के मन में उभरते रहते हैं.
- WFIRST में दो उपकरण हैं – वाइड फील्ड इंस्ट्रूमेंट और कोरोनाग्राफ इंस्ट्रूमेंट.
- वाइड फील्ड इंस्ट्रूमेंट का दृष्टिक्षेत्र हबल के इन्फ्रा-रेड उपकरण से 100 गुना अधिक बड़ा है और इसलिए यह कम समय में आकाश के अधिक भाग को देख सकता है. यह उपकरण अपने जीवन काल में एक बिलियन आकाशगंगाओं से निकलने वाले प्रकाश का मापन करेगा.
- WFIRST में लगा हुआ कोरोनाग्राफ इंस्ट्रूमेंट सौरमंडल के बाहर स्थित बर्फ और गैस से बने विशालकाय उपग्रहों का छायाचित्र सीधे-सीधे लेने में समर्थ है.
- नए उपग्रहों की खोज के लिए WFIRST गुरुत्वाकर्षणात्मक माइक्रो-लेंसिंग का प्रयोग करेगा. यह एक ऐसी तकनीक है जो तारों और उपग्रहों के गुरुत्वाकर्षण का सहारा लेकर मुड़ जाता है और दूरबीन की जद में पीछे से आने वाले तारों से निकलते प्रकाश को विशालकाय बना देता है.
- WFIRST दूरबीन का व्यास 4 मीटर है.
- इस दूरबीन के द्वारा उपलब्ध कराए गए चित्रों से लाखों आकाशगंगाओं का पता करे. उदाहरण के लिए जहाँ हबल ने बिग बैंग के 500 मिलियन वर्ष की दूरी के अंदर कुछ ही आकाशगंगाओं का पता लगाया था, वहीं WFIRST सैंकड़ों ऐसी आकाशगंगाओं की जानकारी देगा.
Prelims Vishesh
Skill Saathi Youth Conclave :-
- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने हाल ही में भुवनेश्वर में रेल सभागार में नुआ ओडिशा – धर्मपद संवाद – स्किल साथी युवा सम्मेलन का उद्घाटन किया और सम्मेलन को संबोधित किया.
- इस पहल से स्किल इंडिया मिशन के तहत व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करने के साथ ही परीक्षण कर इच्छुक लोगों को उनकी रुचि और योग्यता के आधार पर सही विकल्प चुनने के लिए परामर्श दिया जाता है.
IPrism :-
- उद्योगिक संवर्धन आंतरिक व्यापार विभाग के आईपीआर संवर्धन और प्रवंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) ने ASSOCHAM और ERICSSON इंडिया की सहायता से विद्यालयों, पोलिटेक्नीक संस्थानों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए बौद्धिक सम्पदा (आईपी) प्रतिस्पर्धा ‘आईप्रिज्म’ का दूसरा संस्करण प्रारम्भ किया है.
- युवा पीढ़ी में नवाचार और सृजनात्मकता की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह प्रतिस्पर्धा युवा निर्माताओं को अपनी सृजनात्मकता को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का एक अवसर प्रदान करेगा.
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