Sansar Daily Current Affairs, 26 June 2018
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : World Poverty Clock 2018
- अब तक भारत उस देश के रूप में जाना जाता रहा है जहाँ अति-निर्धन व्यक्तियों की विश्व में सबसे ज्यादा आबादी है.
- परन्तु World Poverty Clock 2018 के रिपोर्ट के अनुसार भारत अब अति-निर्धन लोगों की सबसे बड़ी आबादी वाला देश नहीं रह गया है.
- इस उपलब्धि को पाने में भारत को 50 साल लग गये.
- यह रिपोर्ट Brookings Institute, USA के द्वारा संकलित किया जाता है.
- इस अध्ययन के अनुसार प्रतिदिन $1.9 से कम में जीवन-यापन करने को अति-निर्धनता के रूप में परिभाषित किया गया है.
- रिपोर्ट के अनुसार नाइजीरिया इस वर्ष अति-निर्धनता के मामले में भारत को पीछे कर पहले स्थान पर जा पहुँचा है.
- नाइजीरिया में 8 करोड़ 70 लोग अति-निर्धन हैं और भारत में 7 करोड़ 30 लाख लोग अति-निर्धन हैं.
- भारत में अति-निर्धनता में कमी की दर विश्व में सर्वाधिक तेज है. प्रति मिनट 44 आदमी अति-निर्धनता की श्रेणी से बाहर आ रहे हैं.
- वैसे पूरे विश्व में अति-निर्धनता घटती जा रही है जिसका मुख्य कारण पिछले कई दशकों में वैश्विक आमदनी का बढ़ना है.
- इस अध्ययन में जानकारी दी गई है कि दो-तिहाई अति-निर्धन अफ्रीका में ही रहते हैं.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Enforcement Directorate
- प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) छत्तीसगढ़ के उन NGO पर नजर रखे हुए है जिनके बारे में उसे शक है कि वे नक्सलियों को पैसा (fund) दे रहे हैं.
- इस निदेशालय ने विभिन्न राज्यों में नक्सलियों तक पैसा पहुँचने को रोकने के लिए कौन-सा तौर-तरीका आजमाया जाए, इस विषय में कई बार सम्बंधित एजेंसियों के साथ बैठक की है.
- प्रवर्तन निदेशालय वित्त मंत्रालय के अंग राजस्व विभाग के अधीन काम करता है.
- इसका कार्य विभिन्न आर्थिक नियमों के उल्लंघन की जानकारी इकठ्ठा करना और उन्हें लागू करवाने के लिए सम्बन्धित पक्ष को विवश करना है.
- इस निदेशालय के दो सबसे प्रमुख कार्य इन अधिनियमों को लागू करना है – Foreign Exchange Management Act 1999 (FEMA) और Prevention of Money Laundering Act 2002 (PMLA).
- प्रवर्तन निदेशालय में भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पदस्थापित होते हैं.
- पहले यह निदेशालय प्रवर्तन इकाई (Enforcement Unit) के नाम से जाना जाता था. 1957 से यह Enforcement Directorate के नाम से जाना जाने लगा.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : Dam Safety Bill
- तमिलनाडु विधान सभा ने एक विशेष संकल्प पारित किया है जिसमें केंद्र से अनुरोध किया गया है कि वह बाँध सुरक्षा विधेयक (Dam Safety Bill, 2018) को अभी फिलहाल लागू न करे जब तक तमिलनाडु और अन्य राज्यों की इस विषय में चिंताओं का समाधान न हो जाए.
- तमिलनाडु ने इस बात का विरोध प्रकट किया है कि विधेयक के कुछ अनुच्छेद तमिलनाडु राज्य के हितों के विरुद्ध हैं.
- तमिलनाडु का तर्क यह है कि इस विधेयक को ज्यों-का-त्यों लागू कर देने पर तमिलनाडु इस स्थिति में नहीं रह जाएगा कि वह अन्य पड़ोसी राज्यों में स्थित बाँधों के नियंत्रण और रख-रखाव से सम्बन्धित अपने अधिकारों की रक्षा कर सके.
- इस विधेयक से सम्बंधित मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं –
- इस विधेयक में देश के सभी बाँधों की समुचित निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रख-रखाव का प्रावधान किया गया है.
- यह विधेयक में राष्ट्रीय बाँध सुरक्षा समिति के गठन का प्रावधान है जिसका काम बाँध-सुरक्षा नीतियों को तैयार करना है.
- यह विधेयक में राष्ट्रीय बाँध सुरक्षा प्राधिकरण के गठन का प्रावधान है जिसका काम तैयार की गई नीतियों को लागू करना है.
- यह विधेयक में राज्यों में भी बाँध सुरक्षा समितियों के गठन का प्रावधान है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : China Pakistan Economic Corridor (CPEC)
- हाल में एक बार फिर से भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China Pakistan Economic Corridor – CPEC) का विरोध किया है.
- CPEC चीन के One Belt One Road (OBOR) कार्यक्रम का एक अंग है.
- CPEC 51 अरब डॉलर की कई परियोजनाओं का समूह है.
- चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का उद्देश्य पाकिस्तान के बुनियादी ढांचों को तेजी से विस्तार करना और उन्नत करना है जिससे चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंध मजबूत हो जाएँ.
- CPEC अंततोगत्वा दक्षिणी-पश्चिमी पाकिस्तान के ग्वादर शहर को चीन के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र Xinjiang को राजमार्गों और रेलमार्गों से जोड़ेगा.
- CPEC की लम्बाई 3,000 km है जिसमें राजमार्ग, रेलवे और पाइपलाइन बिछेंगी.
- गलियारा का हिस्सा PoK से होकर गुजरेगा जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है.
- भारत का कहना है कि यह गलियारा उसकी क्षेत्रीय अखंडता को आहत करता है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : Mycorrhizal fungi
- मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने के अलावा वायु प्रदूषण पेड़ों में भी कुपोषण पैदा कर रहा है.
- वायु प्रदूषण पेड़ों के मायकोरिजल कवक (Mycorrhizal fungi) को नुकसान पहुँचाता है जिससे पेड़ कुपोषण का शिकार हो जाते हैं.
- Mycorrhizal fungi पेड़ों की जड़ों में रहते हैं और इनका कार्य मिट्टी से पोषक पदार्थ ग्रहण करना है और पेड़ों तक पहुँचाना है.
- जिन पोषक पदार्थों को यह पेड़ को देता है, वे हैं – नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम.
- इन पोषक पदार्थों के बदले वह पेड़ से कार्बन प्राप्त करते हैं.
- पेड़ और फंगस की यह सहजीविता पेड़ के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है.
- वायु प्रदूषित होने पर उसमें फॉस्फोरस और पोटेशियम का स्तर बढ़ जाता है जिसको ग्रहण करने से mycorrhizal fungi पोषक तत्त्वों के वाहक न होकर स्वयं प्रदूषक बन जाते हैं.
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