Sansar Daily Current Affairs, 26 June 2021
GS Paper 1 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, literature and Architecture from ancient to modern times.
Topic : Gujarat to get India’s first maritime heritage complex
संदर्भ
हाल ही में संस्कृति मंत्रालय व पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (National Maritime Heritage Complex – NMHC) के विकास में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.
प्रमुख बिंदु
- समझौते के अंतर्गत गुजरात के अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित लोथल के भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण स्थल के आस-पास के क्षेत्र में एक विश्व स्तरीय सुविधा राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) को विकसित किया जाना है.
- NMHC को विभिन्न अद्वितीय संरचनाओं के साथ लगभग 400 एकड़ के क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा. इनमें राष्ट्रीय समुद्री विरासत संग्रहालय, लाइट हाउस म्यूजियम, हेरिटेज थीम पार्क, म्यूजियम थीम्ड होटल और मेरिटाइम थीम्ड इको-रिसॉर्ट्स और समुद्री संस्थान आदि शामिल हैं.
- NMHC की अनूठी विशेषता प्राचीन लोथल शहर की फिर से रचना है, जो 2400 ईसा पूर्व से प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक है.
- इसके अतिरिक्त, विभिन्न कालों के दौरान भारत की समुद्री विरासत के विकास को विभिन्न दीर्घाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा.
- NMHC में विभिन्न थीम पार्क सार्वजनिक-निजी साझेदारी के जरिये विकसित किए जाएंगे, जो आगंतुकों को एक पूर्ण पर्यटन स्थल का अनुभव प्रदान करेगा.
- संस्कृति मंत्रालय NMHC की स्थापना के लिए तीन वर्षों (प्रत्येक वर्ष 5 करोड़ रुपये) में समान किश्तों में 15 करोड़ रुपये (राष्ट्रीय संस्कृति कोष के माध्यम से) जारी करेगा.
लोथल के बारे में
- सिंधु घाटी सभ्यता में लोथल एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह एवं संपन्न व्यापार केंद्र था, जिसके मोतियों, रत्नों और बहुमूल्य गहनों का व्यापार पश्चिम एशिया और अफ्रीका के सुदृर क्षेत्रों तक विस्तृत था.
- इसकी खोज वर्ष 1954 में ए. रंगनाथ राव द्वारा की गई थी.
- इस नगर की बस्ती एक दीवार से घिरी हुई थी. इसमें एक इमारत मिली है जो कुछ पुरातत्वविदों के अनुसार एक बन्दरगाह थी. यह इस बात की ओर संकेत करता है कि लोथल एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र रहा होगा जहां विदेशी नावें भी आती होंगी.
- विशेषताएँ: बंदरगाह, डॉकयार्ड, धान, बाजरे के साक्ष्य, फारस की मुहरे, पक्के रंग में रंगे हुए पात्र, युगल समाधियाँ.
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GS Paper 1 Source : PIB
UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.
Topic : Sant Kabir
संदर्भ
जून को संत कबीर दास जयंती मनाई . इस अवसर पर देश भर में समारोह आयोजित किये गये. हिंदू चंद्र कैलेंडर (Hindu Lunar Calendar) के अनुसार, कबीर जयंती, ज्येष्ठ पूर्णिमा को मनाई जाती है.
संत कबीर दास
- संत कबीर दास 15वीं शताब्दी के भारत के एक बहुत प्रसिद्ध संत, कवि और सामाजिक सुधारक थे.
- उन्होंने अपनी महान रचनाओं में परमात्मा की एकता और महानता का वर्णन किया है.
- वे धार्मिक भेद-भाव पर विश्वास नहीं रखते थे तथा सभी धर्मों को सहर्ष रूप से स्वीकार करते थे.
- कबीर दास अपने समय के प्रतिष्ठित कवि थे और उनकी रचनाओं ने भक्ति आन्दोलन को बहुत हद तक प्रभावित किया.
- इनकी कुछ रचनाएँ हैं –सखी ग्रन्थ, अनुराग सागर, बीजक.
- उनके नाम पर कबीर पन्थ नामक धार्मिक सम्प्रदाय चला जो आज भी चल रहा है. इसके अनुयायी कबीरपंथी कहलाते हैं.
- कबीर दास की विचारधारा उनके गुरु स्वामी रामानंद से काफी प्रभावित थी.
- उनकी मृत्यु मगहर नामक स्थान में हुई थी.
- यहाँ हिन्दुओं ने एक कबीर मंदिर बनाया है और यहाँ मुसलमानों का भी एक मजार है.
- उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने मगहर को पर्यटन केंद्र बनाने का निर्णय लिया है.
GS Paper 2 Source : The Hindu
UPSC Syllabus : Mechanisms, laws, institutions and Bodies constituted for the protection and betterment of these vulnerable sections; Important International institutions, agencies and fora- their structure, mandate.
Topic : International Labour Organization– ILO
संदर्भ
हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation – ILO) की ‘गवर्निंग बॉडी’ (शासी निकाय) के अध्यक्ष के रूप में भारत का कार्यकाल (अक्टूबर 2020- जून 2021) समाप्त हो गया.
गत वर्ष, भारत ने 35 वर्षों के अंतराल के बाद अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के शासी निकाय की अध्यक्षता ग्रहण की थी.
ILO का प्रशासी निकाय
- प्रशासी निकाय (Governing Body), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) का शीर्ष कार्यकारी निकाय है जो नीतियों, कार्यक्रमों, एजेंडे, बजट का निर्धारण करता है और महानिदेशक का चुनाव का कार्य भी करता है.
- इसकी जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड में प्रतिवर्ष तीन बैठकें होती हैं.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के बारे में
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की स्थापना प्रथम विश्व युद्ध के बाद ‘लीग ऑफ़ नेशन’ की एक एजेंसी के रूप में की गयी थी.
- इसे वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा स्थापित किया गया था.
- वर्ष 1946 में ILO, संयुक्त राष्ट्र (United Nations– UN) की पहली विशिष्ट एजेंसी बन गया.
- वर्ष 1969 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया.
- यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र त्रिपक्षीय एजेंसी है जो सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाती है.
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की प्रमुख रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र चार्टर में यह प्रावधान था कि आवश्यकता पड़ने पर इसकी प्रमुख अंगीभूत संस्थाएँ अपनी-अपनी आवश्यकतानुसार विशिष्ट संगठन का निर्माण कर सकें. ऐसे संगठनों को विशिष्ट एजेंसियाँ कहा जाता है जिनमें प्रमुख हैं – अंतर्राष्ट्रीय आणविक ऊर्जा एजेंसी, खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), UNESCO, विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO). इन विशिष्ट संगंठनों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ अपने अधिकांश मानवतावादी कार्य संपादित करता है. नीचे कुछ इसी तरह की प्रमुख विशिष्ट एजेंसियों के नाम दिए गए हैं और बगल में उनके मुख्यालय का भी उल्लेख है – GS Paper 2 Source : The Economic Times UPSC Syllabus : Indian and its neighbourhood. Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate. संदर्भ हाल ही में, ‘वित्तीय कार्रवाई कार्य बल’ (Financial Action Task Force- FATF) ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ (Grey List) से बाहर निकालने से इनकार कर दिया है. FATF के अनुसार, पाकिस्तान 26/11 के आरोपी हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में विफल रहा है. पृष्ठभूमि वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (FATF) द्वारा जून 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल किया गया था. उस समय से ही पाकिस्तान, इस सूची से बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहा है. पाकिस्तान ने, वर्ष 2018 में 27 एक्शन पॉइंट लागू करने के लिए एक समय-सीमा निर्धारित की गई थी, जिसमें से यह अभी तक 26 एक्शन पॉइंट को लागू कर चुका है. FATF का उद्देश्य मनी लौन्डरिंग, आतंकवादियों को धनराशि मुहैया करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को खतरे में डालने जैसी अन्य कार्रवाइयों को रोकने हेतु कानूनी, नियामक और संचालन से सम्बंधित उपायों के लिए मानक निर्धारित करना तथा उनको बढ़ावा देना है. FATF देशों के लिए दो अलग-अलग सूचियाँ संधारित करता है. पहली सूची में वे देश आते हैं जहाँ मनी लौंडरिंग जैसी कुप्रथाएँ तो हैं परन्तु वे उसे दूर करने के लिए एक कार्योजना के प्रति वचनबद्ध होते हैं. दूसरे प्रकार की सूची में वे देश हैं जो इस कुरीति को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. इनमें से पहली सूची को ग्रे लिस्ट और दूसरी को ब्लैक लिस्ट कहते हैं. एक बार जब कोई देश ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो FATF अन्य देशों को आह्वान कर उनसे कहता है कि ब्लैक लिस्ट में आये हुए देश के साथ व्यवसाय में अधिक सतर्कता बरतें और यदि आवश्यक हो तो उसके साथ लेन-देन समाप्त ही कर दें. Carbon nanotubes (CNTs) :- Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Current Affairs Hindi May,2021 Sansar DCA is available Now, Click to Download इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?
Topic : Pakistan to stay in FATF ‘grey list’
FATF क्या है?
FATF के उद्देश्य
ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट क्या हैं?
Prelims Vishesh