Sansar Daily Current Affairs, 26 September 2019
GS Paper 1 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.
Topic : Sangam civilisation older than thought
संदर्भ
प्रसिद्ध संगमयुगीन स्थल – कीझड़ी (Keezhadi) – में संग्रह किये गये कार्बन के नमूनों की एक्सेलरेटर मास स्पेक्ट्रोमीटर द्वारा की गई जाँच से पता चला है कि ये 580 B.C. के हैं.
इसका अभिप्राय यह है कि वैगई मैदान का शहरीकरण छठी शताब्दी ई.पू. में हो चुका था न कि बाद में जैसा कि समझा जाता है.
मुख्य निष्कर्ष
- तमिल ब्राह्मी लिपि का उद्भव छठी शताब्दी ई.पू. में हुआ था.
- उस समय के लोग या तो साक्षर थे अथवा कम से कम लिखना अवश्य जानते थे.
- इस स्थल पर गाय, बैल, भैंस, भेड़, बकरी, नील गाय, कृष्ण मृग, जंगली सूअर और मोर के पंजर मिले हैं जिससे सिद्ध होता है कि यहाँ के कृषक पशु-पक्षी भी पालते थे.
- उस समय लोग घर बनाने के लिए उत्तम कोटि के पदार्थों का प्रयोग करते थे. उदाहरण के लिए उनकी ईंटों में और छत के खप्परों में 80% से अधिक सिलिका और 7% चूना होता था जबकि चूने के पलस्तर में 97% चूने का अंश होता था.
- संगम युग में लोगों के जीवन का स्तर ऊँचा था जो इन वस्तुओं से पता चलता है – लम्बी दीवारें, टूटा हुआ फर्श, छप्पर पर लगने वाले टाइल, खम्बों और कड़ियों में लगी हुई लोहे की कीलें.
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GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.
Topic : National Educational Alliance for Technology (NEAT) Scheme
संदर्भ
उच्चतर शिक्षा में बेहतर ज्ञान को बेहतर तकनीक से सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शैक्षणिक प्रौद्योगिकी गठबंधन [National Educational Alliance for Technology (NEAT) Scheme] योजना की घोषणा की है.
इस योजना का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धि का इस प्रकार प्रयोग करना है कि ज्ञानार्जन का कार्य अधिक व्यक्तिगत हो तथा आवश्यकताओं के अनुरूप जिसे ढाला जा सके.
यह कैसे काम करता है?
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस सन्दर्भ में सुविधा प्रदाता का कार्य करेगा जिससे कि आर्थिक रूप से पिछड़े अनेक छात्रों को अपेक्षित समाधान आसानी से उपलब्ध हो सके.
- इसके लिए एक NEAT नामक एक राष्ट्रीय मंच संधारित किया जाएगा जहाँ ये तकनीकी समाधान एक ही जगह उपलब्ध हो सकें.
- इन समाधानों के निर्माण का दायित्व EdTech कम्पनियों को दिया जाएगा जो सीखने वालों का पंजीकरण नीट के पोर्टल के माध्यम से करेंगे.
- ये कम्पनियाँ अपनी-अपनी नीति के अनुसार शुल्क लगाने के लिए स्वतंत्र होंगी.
- परन्तु क्योंकि यह कार्य राष्ट्रीय हित का कार्य है, अतः इन कम्पनियों को कुल पंजीकरण के 25% तक लाभार्थियों को निःशुल्क कूपन देना होगा.
- ये निःशुल्क कूपन उन्हीं छात्रों को दिए जाएँगे जो सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से सर्वाधिक पिछड़े हैं.
- NEAT कार्यक्रम की कार्यान्वयन एजेंसी AICTE होगी.
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Indian Constitution- historical underpinnings, evolution, features, amendments, significant provisions and basic structure.
Topic : Office of Profit
संदर्भ
पंजाब मन्त्रिमंडल ने एक अध्यादेश लाने का निर्णय किया है कि जिसके द्वारा मुख्यमंत्री के परामर्शियों की नियुक्ति को लाभ के पड़ (office of profit) की परिभाषा से अलग कर दिया जाएगा.
लाभ का पद किसे कहते हैं?
यदि कोई विधायक अथवा सांसद किसी सरकारी पद पर है और वह इसके लिए कोई लाभ प्राप्त करता है तो उस पद को लाभ का पद कहा जाता है. यदि कोई विधायक/संसद केंद्र अथवा राज्य सरकार के अन्दर किसी लाभ के पद पर कार्यरत है तो उसे विधान सभा/संसद की सदस्यता से पदच्युत किया जा सकता है.
विवाद क्या है?
पंजाब में मुख्यमंत्री के लिए परामर्शियों की नियुक्ति का विपक्ष ने इस आधार पर विरोध किया है कि यह सब राज्य मंत्रिमंडल के आकार के विषय में विहित संवैधानिक ऊपरी सीमा से बचने के लिए किया जा रहा है. विदित हो कि संविधान के अनुच्छेद 164(1A) में हुए 91वें संशोधन में यह प्रावधान किया गया है कि मंत्रियों की संख्या सदन के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से अधिक नहीं होना चाहिए.
विधायक/सांसद को पदच्युत करने का आधार
संविधान की धारा 102 और धारा 191 में क्रमशः सांसद और विधायक को पदच्युत करने का आधार वर्णित किया गया है. इसके अनुसार इनकी पदच्युति इन कारणों से हो सकती है –
- केंद्र अथवा राज्य सरकार के अन्दर लाभ का पद धारण करना.
- पागल होना.
- दिवालिया होना.
- भारत का नागरिक नहीं होना अथवा किसी दूसरे देश की नागरिकता ले लेना.
विधायक/सांसद लाभ के पद से वंचित क्यों हैं?
संविधान के निर्माताओं का विचार था कि विधायक/सांसद को किसी भी रूप में कार्यकारिणी के प्रति उत्तरदायी नहीं होना चाहिए, अन्यथा विधायी करते समय वह प्रभावित हो सकता है. दूसरे शब्दों में यदि कोई विधायक/सांसद सरकार के अन्दर लाभ के पद पर नहीं है तो वह स्वतंत्र होकर बिना सरकारी दबाव के अपने कर्त्तव्य का निर्वाह कर सकेगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Conservation and pollution related issues.
Topic : Stubble burning
संदर्भ
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के विशेषज्ञों के एक दल के द्वारा किये गये विश्लेषण के अनुसार, फसल जलाने से होने वाले उत्सर्जन का 62% केवल पंजाब के आठ जिलों और हरियाणा के तीन जिलों से ही होता है.
पराली जलाना क्या होता है?
नवम्बर महीने में धान की फसल कट जाने पर उसी खेत में गेहूँ बोने की जल्दबाजी होती है जिस कारण किसान फसल कटाई से बची हुई पराली को जलाकर गेहूँ की तैयारी झट-पट करने लगते हैं. ऐसा करने से न केवल वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक गैसों का ही, अपितु पार्टिकुलेट पदार्थ का भी उत्सर्जन होता है.
किसान पराली जलाना क्यों चाहते हैं?
- किसान पराली जलने से होने वाले स्वास्थ्य के खतरे को समझते हैं, परन्तु उनके पास खेत को दुबारा झट-पट खेती के योग्य बनाने का और कोई दूसरा उपाय नहीं होता.
- फसल कटाई से बची हुई पराली के निस्तारण के लिए नई तकनीक उपलब्ध है, परन्तु उनके लिए ये तकनीक सुलभ नहीं होती.
- विशेषज्ञों का कहना है कि नई तकनीक के खर्चीले होने के कारण किसान पराली को जला देने में ही अपनी भलाई समझते हैं.
ऐसा नहीं है कि पराली जलाने से क्षति ही क्षति होती है. इसके कुछ लाभ भी हैं, जैसे –
- इससे खेत झट-पट तैयार हो जाता है.
- यह सबसे सस्ता उपाय है.
- यह खरपतवार को समाप्त कर देता है. इन खरपतवारों में कुछ ऐसे भी होते हैं जिनको कीटनाशक दवाओं से मारना कठिन होता है.
- यह कीड़े-मकौडों को मार देता है.
- इससे नाइट्रोजन टाई-अप में कमी आती है.
पराली जलाने से बचने के वैकल्पिक उपाय
- धान के डंठलों से बिजली बनाई जा सकती है. ऐसा करने से किसान पराली को नहीं जलाएंगे और उन्हें रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
- पराली को मिट्टी में ही दबा देने से मिट्टी की नमी में सुधार आएगा और इसके भीतर मृदा सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ेगी जो अंततः पौधों के बेहतर विकास में काम आएगी.
- पराली को कम्पोस्ट करके जैव-खाद में बदला जा सकता है.
- पराली से खमीर प्रोटीन भी निकल सकता है जिसका उद्योगों में उपयोग हो सकता है.
GS Paper 3 Source: Times of India
UPSC Syllabus : Awareness in space.
Topic : Aditya- L1 mission
संदर्भ
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 2020 के आरम्भ में सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य – L1 अभियान आरम्भ करने की योजना बना रहा है.
आदित्य – L1 अभियान क्या है?
- यह भारत का पहला सौर अभियान है. इसके अंतर्गत एक अंतरिक्षयान सूर्य तक भेजा जाएगा.
- उद्देश्य :यह अन्तरिक्षयान सूर्य की सबसे बाहरी परतों कोरोना और क्रोमोस्फीयरों का अध्ययन करेगा और साथ ही कोरोना प्रतिप्रेषण (corona ejection) के सम्बन्ध में आँकड़े जमा करेगा. इन आँकड़ों से अन्तरिक्षीय मौसम के पूर्वानुमान के लिए सूचना प्राप्त होगी.
- अभियान का माहात्म्य :आदित्य अभियान से प्राप्त आँकड़ों से सौर आँधियों की उत्पत्ति से सम्बंधित विभिन्न मॉडलों को अलग-अलग समझने में सहायता मिलेगी. साथ ही यह पता चलेगा कि यह आंधियाँ कैसे बनती हैं और सूर्य से लेकर पृथ्वी तक पहुँचने के लिए ये अन्तरिक्ष में कौन-सा मार्ग अपनाती हैं.
- यान की स्थिति: सूर्य का सबसे अच्छा दृश्य पाने के लिए यह आवश्यक है कि वहाँ भेजा गया यान ऐसी स्थिति में हो जहाँ सूर्य को बिना अड़चन (ग्रहण) के लगातार देखा जा सकता है. इसलिए आदित्य – L1 को सौर-पृथ्वी प्रणाली के लेग्रेंगियन बिंदु 1 (L1) के चारों ओर के हेलो परिक्रमा पथ में स्थापित किया जाएगा.
लेग्रेंगियन बिंदु क्या हैं?
लेग्रेंगियन बिंदु (Lagrangian pointS) अन्तरिक्ष के उस स्थान को कहते हैं जहाँ दो बड़े पिंडों का गुरुत्वाकर्षण बल परस्पर संतुलित रहता है. यदि उस स्थान पर कोई छोटा पिंड होता है तो वह बड़े पिंड से सदैव एक निश्चित दूरी पर रहेगा. सौर-पृथ्वी प्रणाली में ऐसे पाँच बिंदु हैं जिनको L1, L2, L3, L4 और L5 कहा जाता है.
हेलो परिक्रमा पथ क्या है?
हेलो परिक्रमा पथ एक त्रिआयामी सामयिक परिक्रमा पथ (periodic three-dimensional orbit) है जो L1, L2 अथवा L3 के पास विद्यमान होता है.
Prelims Vishesh
SITMEX-19 :-
भारतीय नौसेना, सिंगापुर नौसेना और रॉयल थाई नौसेना ने पिछले दिनों अंडमान समुद्र में SITMEX–19 नामक पहला सामुद्रिक अभ्यास आरम्भ किया.
Submarine Khanderi :-
- मज़गाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने खंडेरी नामक दूसरी स्कॉर्पीन पनडुब्बी भारतीय नौसेना को सौंप दी.
- विदित हो कि 2005 में हुए फ्रांस के साथ समझौते के अंतर्गत मज़गाँव डॉक लिमिटेड, मुंबई छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियाँ बनाने का काम कर रहा है.
- नई पनडुब्बी का नाम हिन्द महासागर में पाई जाने वाली खतरनाक चौड़े थूथने वाली खंडेरी मछली के नाम पर पड़ा है.
September 17- World Patient Safety Day :-
- सितम्बर 17 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहला विश्व रोगी सुरक्षा दिवस मनाया.
- इसकी थीम थी – “रोगी की सुरक्षा : एक वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता”.
- इसका नारा है – “रोगी की सुरक्षा के लिए बोलो”.
Tatpar app :-
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के निवासियों को सुरक्षा देने के लिए तत्पर नामक एक ऐप चलाया है जो 24×7 ऑनलाइन रहेगा.
What is a teaser loan? :-
बहुधा देखा जाता है कि ऋण देने वाले शुरू में कम दर पर और निश्चित दर पर ब्याज का प्रस्ताव करते हैं और आगे चलकर उसे फ्लोटिंग दर बना देते हैं. इसे अनौपचारिक भाषा में “टीजर लोन” कहते हैं.
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