Sansar Daily Current Affairs, 27 January 2020
GS Paper 2 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate. Effects of liberalization on the economy, changes in industrial policy and their effects on industrial growth.
Topic : Democracy Index 2019
संदर्भ
The Economist Intelligence Unit द्वारा प्रतिवर्ष निर्गत होने वाला लोकतंत्र सूचकांक (2019) प्रकाशित हो चुका है.
लोकतंत्र सूचकांक क्या है?
- इस सूचकांक 165 स्वतंत्र देशों और दो भूक्षेत्रों में लोकतंत्र की स्थिति का संक्षिप्त विवरण दिया जाता है.
- यह सूचकांक इन पाँच श्रेणियों पर आधारित है – चुनाव की प्रक्रिया और बहुलतावाद; नागरिक स्वतंत्रताएँ; सरकार का काम; राजनीतिक भागीदारी; तथा राजनीतिक संस्कृति.
- इन पाँच श्रेणियों के अन्दर भी 60 संकेतक होते हैं. सभी पर विचार कर के प्रत्येक देश को इन चार वर्गों में बाँटा जाता है – पूर्ण लोकतंत्र; त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र; संकर शासनतंत्र; तथा निरंकुश शासनतंत्र.
भारत का प्रदर्शन
- 2019 में भारत 10 स्थान घटकर 51वें पर आ गया.
- 2018 में 7.23 अंक मिले थे जबकि 2019 में इसे 6.90 अंक मिले हैं.
- 2006 में आरम्भ होने के पश्चात् लोकतंत्र सूचकांक में यह भारत का निम्नतम प्रदर्शन है.
- भारत को “त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र” श्रेणी में रखा गया है जिस श्रेणी में बांग्लादेश (5.88) भी आया है.
वैश्विक प्रदर्शन
- 9.87 अंकों के साथ सूचकांक में नॉर्वे को शीर्ष स्थान मिला है और उसे एक “पूर्ण लोकतंत्र” का दर्जा दिया गया है.
- नॉर्वे के अनंतर जो तीन देश सूचकांक में सबसे ऊपर हैं, वे हैं – आइसलैंड (9.58), स्वीडन (9.39) और न्यूज़ीलैण्ड (9.26).
- सूचकांक में जिन देशों को “पूर्ण लोकतंत्र” बतलाया गया है, उनमें जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, फ़्रांस सम्मिलित हैं.
- 7.96 अंक के साथ अमेरिका को भी इस सूचकांक “त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र” बताते हुए भारत के साथ रखा गया है.
- 2019 में औसत वैश्विक अंक 2018 के 5.48 से गिरकर 5.44 हो गये जोकि 2006 के बाद सबसे अधिक गिरावट है.
- चीन (2.26) और उत्तर कोरिया (1.08) को “निरंकुश शासनतंत्र” की श्रेणी में रखा गया है. वस्तुतः उत्तर कोरिया सूचकांक में सबसे निचले स्थान पर है.
- 4.25 अंकों वाले पाकिस्तान को “संकर लोकतंत्र” की श्रेणी में डाला गया है.
- सूचकांक 2019 को एशिया का एक ऐसा कालखंड बताया गया है जो नाटक और उपद्रव से भरा हुआ रहा. विदित हो कि 2019 में होंगकोंग इस महादेश में प्रतिरोध का केंद्रबिंदु रहा.
GS Paper 2 Source: PIB
UPSC Syllabus : Bilateral, regional and global groupings and agreements involving India and/or affecting India’s interests.
Topic : Mutual Recognition of Certificates of Competency of Seafarers
संदर्भ
समुद्री नागरिकों की क्षमता से सम्बंधित प्रमाणपत्रों की एकपक्षीय/द्विपक्षीय मान्यता के निमित्त केंद्र सरकार ने अन्य देशों के साथ होने वाले समझौता-पत्र का एक मॉडल अनुमोदित किया है. ऐसा समुद्री नाविकों से सम्बंधित STCW संधि के नियम 1/10 के अनुसार किया गया है.
लाभ
- भारतीय समुद्री नाविकों को जहाजरानी महानिदेशालय क्षमता प्रमाणपत्र निर्गत करता है. समझौता हो जाने के पश्चात् कोई दूसरा देश उस प्रमाणपत्र को अपने यहाँ से निर्गत इस प्रकार के प्रमाण पत्र पर भारत की मान्यता माँगे बिना ही एकपक्षीय मान्यता दे सकेगा.
- भारतीय समुद्री नाविक उस देश के झंडे तले जहाज़ों में नौकरी पाने के लिए योग्य हो जाएँगे और इस प्रकार उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ जाएँगे.
- यदि समझौता द्विपक्षीय होता है तो दोनों देशों के समुद्री नाविक एक-दूसरे देश के जहाज़ों पर अपने प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने योग्य हो जाएँगे. विदित हो कि भारत में प्रशिक्षित समुद्री नाविकों का एक विशाल समूह है जिस कारण भारत अन्य देशों को समुद्री नाविकों की आपूर्ति करता रहता है. अतः इस समझौते से भारत को लाभ होना निश्चित है.
STCW संधि क्या है?
- इसका पूरा नाम अंतर्राष्ट्रीय समुद्री नाविक प्रशिक्षण, अभिप्रमाणन एवं पहरेदारी विषयक मानक संधि [International Convention on Standards of Training, Certification and Watchkeeping (STCW) for Seafarers] है.
- यह संधि लंदन में 1978 में सम्पन्न अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक संगठन (International Maritime Organization – IMO) के सम्मेलन में अंगीकार की गई थी और यह 1984 से लागू हुई थी.
- यह संधि समुद्र में चलने वाले व्यापारी जहाज़ों पर काम करने वाले मास्टरों, अधिकारियों और संतरियों के लिए योग्यता के मानक निर्धारित करती है.
- समुद्री नाविकों के प्रशिक्षण आदि के लिए इस संधि ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानक निर्धारित किये.
- इस संधि में जिन न्यूनतम मानकों का निर्धारण किया गया है उसके पालन के लिए और उससे भी अधिक अच्छे ढंग से प्रशिक्षण आदि करने के लिए सभी सदस्य देश बाध्य हैं.
- STCW संधि और संहिता (STCW Convention and Code) में 25 जून, 2010 को कतिपय संशोधन किये गये जिन्हें मनिला संशोधन के नाम से जाना जाता है.
- संधि की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि यदि कोई जहाज ऐसे देश का है जिसने संधि को अंगीकार नहीं किया है तो फिर भी जब वह जहाज इस संधि के किसी सदस्य के बंदरगाह पर आयेगा तो उस पर भी इस संधि के नियम लागू होंगे.
GS Paper 2 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Government policies and interventions for development in various sectors and issues arising out of their design and implementation.
Topic : What is Shamlat land?
संदर्भ
पंजाब राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों ग्राम जनसामान्य भूमि (विनियमन) नियमावली 1964 में संशोधन की मंजूरी दे दी है जिससे अब पंचायतें शामिलात भूमि को औद्योगिक घरानों, उद्यमियों, व्यवसायियों और कम्पनियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयाँ खोलने के लिए बेच सकेंगी.
इस संशोधन का मूल उद्देश्य ग्राम पंचायतों को गाँवों में पड़ी हुई शामिलात भूमि का मोल लगाने और उसे उद्योग विभाग एवं PSIEC को औद्योगिक परियोजनाएँ लगाने के लिए स्थानांतरित करने में समर्थ बनाना. PSIEC का पूरा नाम पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम (Punjab Small Industries and Export Corporation) है.
शामिलात भूमि क्या है?
पंजाब के गाँवों में तीन प्रकार की जनसामान्य भूमियाँ होती हैं –
- शामिलात भूमि जिसकी स्वामी गाँव की पंचायत होती है.
- “जुमला मुस्तरका मालिकान” – यह भूमि ग्रामीणों द्वारा व्यक्तिगत रूप से दान की हुई जनसामान्य भूमि होती है जिसका प्रबंधन पंचायत के हाथों में होता है.
- “गौ चारण भूमि” – इस भूमि का भी स्वत्त्वाधिकार पंचायत के पास होता है और यह गाय-भैंसों के चरने के लिए होती है.
शामिलात भूमि का प्रयोग मुख्यतः खेती के लिए होता है. इसका आवंटन खुली नीलामी के द्वारा प्रतिवर्ष ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा होता है.
पंजाब में एक तिहाई शामिलात भूमि दलितों के लिए आरक्षित है. लगभग 25-26 हजार दलित परिवार ऐसी भूमि पर अपनी रोजी-रोटी के लिए निर्भर हैं.
विवाद
सरकार के इस कदम से कई लोगों में यह चिंता फ़ैल गई है कि इससे बेरोजगारी बढ़ सकती है. फलतः इसके विरुद्ध कई संगठन खड़े हो गये हैं.
GS Paper 3 Source: Indian Express
UPSC Syllabus : Security agencies, role and mandate.
Topic : What is a Blue Corner notice?
संदर्भ
गुजरात पुलिस द्वारा इंटरपोल से हस्तक्षेप करने की माँग के कुछ-एक सप्ताह में ही इंटरपोल ने स्वयंभू भगौड़े गॉडमैन नित्यानंद का पता लगाने में सहायता करने के लिए एक ब्लू कार्नर सूचना निर्गत कर दी है. स्मरण रहे कि नित्यानंद पर बलात्कार एवं यौन दुराचार के आरोप थे और वह पिछले वर्ष भारत से भाग गया था.
इंटरपोल सूचना क्या होती है?
यदि कोई व्यक्ति अपने देश से अपराध कर के भागा हुआ हो तो उसको उसके देश में वापस बुलाने, आत्म-समर्पण करवाने अथवा इसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई करने के लिए सम्बन्धित मूल देश इंटरपोल को नोटिस निर्गत करने का अनुरोध करता है.
ये सूचनाएँ सात प्रकार की होती हैं – लाल सूचना, पीली सूचना, नीली सूचना, काली सूचना, हरी सूचना, नारंगी सूचना और बैंगनी सूचना.
नीली सूचना क्या है?
यह सूचना तब निर्गत होती है जब किसी अपराध के संदर्भ में किसी व्यक्ति की पहचान, स्थिति अथवा गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त सूचना उपलब्ध करनी होती है.
इंटरपोल क्या है?
- इंटरपोल का पूरा नाम है – International Criminal Police Organisation.
- यह एक अंतरसरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय फ्रांस के ल्यों नगर में है.
- इस संगठन में 194 देश सदस्य हैं.
- इसकी स्थापना 1923 में हुई थी. उस समय इसका नाम अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस आयोग (International Criminal Police Commission) था. इसका नाम इंटरपोल 1956 में पड़ा.
- भारत इस संगठन में 1949 में ही सम्मिलित हो गया था और इस प्रकार वह इसके पुराने सदस्यों में से एक है.
इंटरपोल के लक्ष्य
- आतंकवाद से लड़ना.
- संकटापन्न समुदायों को सुरक्षा देना.
- जनसामान्य और व्यवसायों के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस की व्यवस्था करना.
- अवैध बाजारों पर लगाम लगाना.
- पर्यावरण सुरक्षा में सहयोग करना.
इंटरपोल महासभा (INTERPOL GENERAL ASSEMBLY) क्या है?
- इंटरपोल महासभा इंटरपोल कासर्वोच्च प्रशासी निकाय है जिसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि होते हैं.
- अपनी गतिविधियों एवं नीतियों पर मतदान के लिए यह महासभाप्रत्येक वर्ष बैठती है. यह बैठक लगभग चार दिन चलती है.
- महासभा में प्रत्येक देश के एक अथवा अधिक प्रतिनिधि होते हैं जो अपने-अपने देश के कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुख होते हैं.
- इंटरपोल महासभा इंटरपोल कार्यकारिणी समिति का भी चुनाव करती है. इस समिति का काम उस समय मार्ग-निर्देश, दिशा-निर्देश उपलब्ध कराती है जब महासभा की बैठक नहीं हो रही होती है.
GS Paper 3 Source: The Hindu
UPSC Syllabus : Awareness in Space.
Topic : EAO (East Asian Observatory)
संदर्भ
बड़ी दूरबीनों और साझा संसाधनों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध आठ देशों के समूह – पूर्व एशियाई वेधशाला कंसोर्टियम (East Asian Observatories Consortium) – का एक अंग बनने के लिए भारत प्रारम्भिक वार्ताएँ कर रहा है.
पूर्व एशियाई वेधशाला कंसोर्टियम क्या है?
- यह एक ऐसी संस्था है जिसका गठन पूर्व एशियाई मूल वेधशाला संघ (East Asian Core Observatories Association – EACOA) पूर्व एशियाई क्षेत्र में खगोलशास्त्रीय परियोजनाओं के संचालन के लिए किया गया है.
- यह संस्था ऐसे केन्द्रों का निर्माण और संचालन करेगा जो वर्तमान एवं योजनान्वित क्षेत्रीय सुविधाओं को आगे बढ़ाएगा.
- यह EACOA संस्थानों से अलग वेधशाला कर्मचारीवृन्द तैयार करेगा और इसके लिए संसाधन जुटाएगा.
- EAO एक लाभ-रहित हवाई निगम (Hawaii Corporation) के रूप में पंजीबद्ध है.
- इसमें पूर्ण सदस्यता वाले देश हैं – चीन, जापान, ताइवान और कोरिया. इसके अतिरिक्त इसमें ये चार देश पर्यवेक्षक के रूप में हैं – थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया और इंडोनेशिया.
- इसका सबसे पहला काम हवाई प्रांत के मौनाकि (Maunakea) के शिखर पर स्थित जेम्स क्लर्क मैक्सवेल सबमिलीमीटर टेलिस्कोप (JCMT) का संचालन अपने हाथ में लेना है.
भारत के लिए निहितार्थ
इस समूह में भारत के जुड़ने से नए प्रकार के दूरबीनों की स्थापना का मार्ग खुलेगा जिनसे नए कृष्ण विवरों (black holes) के निरीक्षण तथा ब्रह्मांडीय घटनाओं के बारे में जानने में सहायता मिलेगी. विदित हो कि तिब्बत में इस प्रकार की एक दूरबीन लगाने का प्रस्ताव है.
Prelims Vishesh
Archaea :-
- हाल ही में वैज्ञानिकों ने सूचना दी है कि राजस्थान की साम्भर झील में Archaea नामक एक नये सूक्ष्मजीव का पता चला है.
- ये सूक्ष्मजीवों का एक आदिम समूह है जो गर्म झरनों, ठंडे रेगिस्तान और अत्यधिक नमकीन झीलों जैसे जीवन के अयोग्य स्थलों में भी पनप जाते हैं.
- ये धीमी गति से बढ़ने वाले सूक्ष्मजीव मनुष्य की आंत में भी पाए जाते हैं और इनका मानव स्वास्थ्य के साथ संभावित संबंध है.
- ये सूक्ष्मजीव माइक्रोब प्रतिरोधी कण उत्पन्न करने के लिए तथा ओक्सिडेंट प्रतिरोधी गतिविधि के लिए जाने जाते हैं. इनका प्रयोग पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट जल के उपचार में होता है.
Hemorrhagic septicemia :–
- पिछले दिनों 40 के आस-पास भैंसें चार दिन के भीतर मर गईं. इसका कारण ओडिशा के केंद्रपाड़ा प्रखंड के गर्दापुर में स्थित कई गाँव में फैले सहाना रोग का प्रकोप समझा जा रहा है.
- इस रोग का वैज्ञानिक नाम Hemorrhagic septicaemia है.
- यह बैक्टीरिया से उत्पन्न होने वाला एक विकट रोग है जो संक्रमित पशुओं, कपड़ों, उपकरणों आदि के साथ-साथ बैक्टीरिया को साँस में या भोजन के माध्यम से शरीर में लेने से फैलता है.
- इसके प्राथमिक लक्षण हैं – पूँछ का कंपकंपाना, विष्ठा में बिना पचा हुआ भोजन, दूध की पैदावार में कमी.
Sagarmatha Sambaad :–
- सगरमाथा संवाद नेपाल के हालिया इतिहास में सबसे पहली बार कई हितधारकों के बीच होने वाला संवाद है जिसका आयोजन अप्रैल में होने वाला है.
- इस आयोजन में SAARC के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त विश्व के कई वैश्विक जाने-माने चेहरे प्रतिभागिता करेंगे.
- ऐसा माना जा रहा है कि यह एक बहुत ही बड़ी कूटनीतिक पहल होगी.
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