Sansar Daily Current Affairs, 27 July 2018
GS Paper 1 Source: The Hindu
Topic : Trafficking of Persons (Prevention, Protection and Rehabilitation) Bill 2018
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के द्वारा मानव तस्करी (रोकथाम, सुरक्षा एवं पुनर्वास) विधेयक, 2018 को लोकसभा में प्रस्तुत करने की स्वीकृति दे दी गई है.
विधेयक की विशेषताएँ
1. यह विधेयक तस्करी से सम्बंधित समस्याओं के लिए समाधान प्रदान करता है.
2. तस्करी के गंभीर रूपों में जबर्दस्ती मजदूरी, भीख माँगना, समय से पहले यौन परिपक्वता के लिए किसी व्यक्ति को रासायनिक पदार्थ या हारमोन देना, विवाह या विवाह का छलावा देना या विवाह के बाद महिलाओं तथा बच्चों की तस्करी शामिल है.
3. मानव तस्करी को बढ़ावा देने एवं तस्करी में सहायता के लिए जाली प्रमाण–पत्र बनाने, छापने, जारी करने या बिना जारी किए बाँटने, पंजीकरण या सरकारी जरूरतों के अनुपालन हेतु स्टीकर एवं सरकारी एजेंसियों से मंजूरी एवं आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने हेतु जालसाजी करने वाले व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान किया गया है.
4. इस विधेयक में पीड़ितों/गवाहों एवं शिकायतकर्ताओं की पहचान गोपनीय रखने का प्रावधान है. पीड़ितों की गोपनीयता उनके बयान को वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज करके बरती जाती है.
5. समयबद्ध अदालती सुनवाई कराना एवं पीडि़तों को संज्ञान की तिथि से एक वर्ष की अवधि के अन्दर वापस भेजना.
6. बचाये गये लोगों की त्वरित सुरक्षा एवं उनके पुनर्वास हेतु प्रबंध करने का प्रावधान है. पीडित को शारीरिक, मानसिक आघात से विमुक्त होने के लिए 30 दिनों के अन्दर अंतरिम सहायता का अधिकार है एवं अभियोगपत्र दाखिल करने की तिथि से 60 दिनों के अन्दर उचित राहत भी देय है.
7. पीड़ित का पुनर्वास अभियुक्त के विरूद्ध आपराधिक कार्रवाई आरम्भ होने या मुकदमें के निर्णय पर निर्भर नहीं करता.
8. पहली बार पुनर्वास कोष बनाया गया. इसका उपयोग पीड़ित की शारीरिक, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक देखभाल के लिए होगा. इसमें उसकी शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य देखभाल, मनोवैज्ञानिक समर्थन, कानूनी सहायता एवं सुरक्षित निवास आदि शामिल हैं.
9. मुकदमों की त्वरित सुनवाई के लिए प्रत्येक जिले में विशेष अदालत बनाने का प्रावधान है.
10. यह विधेयक जिला, राज्य तथा केन्द्र स्तर पर एक संस्थागत ढांचा की परिकल्पना करता है जो तस्करी की रोकथाम, सुरक्षा जांच एवं पुनर्वास कार्य के लिए उत्तरदायी होगा. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) गृह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर तस्करी विरोधी ब्यूरो के कार्य करेगा.
11. विधेयक में न्यूनतम दंड की अवधि 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा अधिकतम दंड आजीवन कारावास एवं एक लाख रुपये का जुर्माना है.
12. राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगठित गठजोड़ को तोड़ने के लिए संपत्ति की कुर्की जब्ती तथा अपराध से प्राप्त धन को जब्त करने का प्रावधान है.
13. राष्ट्रीय तस्करी विरोधी ब्यूरो विदेशी देशों एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों के साथ तालमेल करेगा, जांच में सहायता देगा,साक्ष्यों एवं सामग्रियों, गवाहों के अंतरराज्य, सीमापार स्थानातंरण में सहायता देगा एवं न्यायिक कार्यवाहियों में अंतरराज्य एवं अंतरराष्ट्रीय वीडियो कांफ्रेंसिंग में सहायता देगा.
पृष्ठभूमि:
मानव तस्करी बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है. इस अपराध से निपटने के लिए अभी तक कोई विशेष कानून नहीं है. इसको देखते हुए मानव तस्करी (रोकथाम, सुरक्षा तथा पुनर्वास) विधेयक, 2018 तैयार किया गया है. यह विधेयक महिला एवं बच्चों के जीवन को प्रभावित करने वाले घृणित एवं अदृश्य अपराधों से निपटने का समाधान प्रदान करता है.
नया कानून भारत की तस्करी से मुकाबला करने में दक्षिण एशियाई देशों का नेतृत्वकर्ता बनाएगा. तस्करी एक वैश्विक चिंता है एवं इससे अनेक दक्षिण एशियाई देश प्रभावित हैं. इन देशों में भारत व्यापक विधेयक तैयार करने वाला अग्रणी देश है. यूएनओडीसी तथा सार्क देश भारत की ओर नेतृत्व के लिए देख रहे हैं. यह विधेयक मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, स्वयंसेवी संगठनों तथा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से परामर्श करके तैयार किया गया है. इस विधेयक में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को प्राप्त सैंकड़ों याचिकाओं में दिए गये सुझावों को बड़ी संख्या में शामिल किया गया है. 60 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ क्षेत्रीय परामर्श दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई एवं मुंबई में किया गया. विधेयक का मंत्रियों के समूह ने भी अध्ययन किया.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : West Bengal Assembly passes resolution to rename state as Bangla
- पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पास हो गया है. यह प्रस्ताव 29 अगस्त, 2016 को पारित किया गया था.
- गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में राज्य के नाम को पश्चिम बंगाल से ‘बांग्ला’ में बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया.
- अब, प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा. यदि गृह मंत्रालय प्रस्ताव से सहमत होता है तो पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ कर दिया जाएगा.
- राज्य के नाम को बदलने का प्रस्ताव विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा लाया गया.
- ये प्रस्ताव राज्य के नाम को सभी भाषाओं में ‘बांग्ला’ में बदलने के लिए कहता है.
- पश्चिम बंगाल सरकार ने जब आखिरी बार प्रस्ताव भेजा था, तो केंद्र सरकार ने इसे वापस कर दिया था.
- उस प्रस्ताव में अंग्रेजी में ‘बंगाल’ बंगाली में ‘बांग्ला’ एवं हिंदी में ‘बंगाल’ नाम बदलने के लिए कहा था.
- 1947 में भारत के विभाजन के बाद बंगाल को पूर्वी बंगाल एवं पश्चिम बंगाल के रूप में विभाजित किया गया था.
- पूर्वी बंगाल पाकिस्तान का हिस्सा बन गया एवं 1971 में आजाद होकर बांग्लादेश बन गया, जबकि पश्चिम बंगाल नाम बंगाल के भारतीय पक्ष के साथ जारी रहा.
- किसी राज्य के नाम को बदलने का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 3 और 4 के तहत किया जाता है.
राज्य का नाम बदलने की प्रक्रिया
- अनुच्छेद 3 में कहा गया है कि राज्य का नाम क्षेत्र, सीमा परिवर्तन का अधिकार संसद को है.
- बिल तभी संसद में लाया जायेगा जब राष्ट्रपति इसकी अनुमति दें.
- अनुमति से पूर्व राष्ट्रपति इस को संबंधित राज्य की विधायिका के पास भेज सकता है किंतु उसके द्वारा प्रकट राय से वह बाध्य नहीं होगा न ही विधायिका अनंत काल तक इस बिल को रोक कर रख सकती है.
- यदि इस बिल में संसद कोई संशोधन करती है तो भी इसे दुबारा विधायिका के पास नहीं भेजा जायेगा.
- इस बिल को संसद के दोनों सदन सामान्य बहुमत से ही पारित कर देंगे.
- राज्य विधानसभा के विचार बाध्यकारी नहीं हैं, न तो राष्ट्रपति एवं न ही संसद पर. इस अवधि की समाप्ति पर, बिल संसद में विचार-विमर्श के लिए भेजा जाएगा.
- बिल के अनुमोदन के बाद, बिल एक कानून बन जाता है एवं राज्य का नाम संशोधित किया जाता है.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : BRICS 2018 Summit
- प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों, रवांडा, युगांडा एवं दक्षिण अफ्रीका की अपनी पाँच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के अंतिम चरण में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे.
- प्रधानमन्त्री मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में गुरुवार से शुरू होने वाली 10वीं ब्रिक्स शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेंगे.
- BRICS 2018 की थीम है – BRICS in Africa: Collaboration for Inclusive Growth and Shared Prosperity in the 4th Industrial Revolution.
- ब्रिक्स में भारत के अतिरिक्त ब्राजील, रूस, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं.
- रवांडा एवं युगांडा की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी 25-27 जुलाई तक दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हैं.
- दक्षिण अफ्रीका की अपनी इस आधिकारिक यात्रा के दौरान वे ब्रिक्स समिट-2018 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
- प्रधानमन्त्री मोदी रवांडा की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गये हैं.
- विदित हो कि BRICS का पहला शिखर सम्मलेन जून 2009 में रूस के शहर Yekaterinburg में आयोजित हुआ था.
BRICS क्या है?
BRICS विश्व की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले पाँच बड़े देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका – का संघ है. इसका नाम इन देशों के पहले अक्षरों को मिला कर बना है. 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल किए जाने से पहले इसे “BRIC” के नाम से जाना जाता था. यह नाम 2001 में Goldman Sachs संस्था के अर्थशास्त्री Jim O’Neill द्वारा सुझाया गया था.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : FDI Confidence Index 2018
- हाल ही में निर्गत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश विश्वास सूचकांक या FDI कॉन्फिडेंस इंडेक्स में भारत तीन पायदान नीचे गिरकर 11वें रैंक पर पहुँच गया है.
- उल्लेखनीय है कि यह सूचकांक वैश्विक सलाहकार कंपनी ए. टी. कीर्ने (AT Kearney) ने तैयार किया है.
- यह एक वार्षिक सर्वेक्षण है जो मुख्य कार्यकारी अधिकारियों एवं मुख्य वित्तीय अधिकारियों की FDI वरीयताओं पर संभावित राजनीतिक, आर्थिक एवं नियामक परिवर्तनों के प्रभाव का मूल्यांकन करता है.
- 2015 के बाद यह पहली बार है जब भारत इस सूचकांक में शीर्ष दस की सूची से बाहर हुआ है.
- वर्ष 2017 में भारत इस सूची में आठवें तथा वर्ष 2016 में नौवें स्थान पर था.
- इस सूचकांक में 25 देशों/अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है.
- यह सूचकांक किसी देश विशेष के संदर्भ में आगामी तीन वर्षों में होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की संभाव्यता पर उच्च, मध्य एवं निम्न प्रतिक्रिया के भारात्मक माध्य (weighted mean) के आधार पर तैयार किया गया है.
- अमेरिका ने इस सूची में 6ठी बार सर्वोच्च स्थान हासिल किया है, जबकि कनाडा दूसरे, जर्मनी तीसरे, ब्रिटेन चौथे तथा चीन पाँचवें स्थान पर हैं.
- जापान, फ्राँस, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्ज़रलैंड, इटली क्रमशः छठवें, सातवें, आठवें, नौवें तथा दसवें स्थान पर रहे.
- रिपोर्ट के अनुसार, एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रति निवेशकों का विश्वास घटा है लेकिन अपने विशाल बाज़ार एवं अर्थव्यवस्था के मज़बूत प्रदर्शन की वज़ह से भारत के प्रति निवेशकों का विश्वास यथावत् बना रहेगा.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : “Innovate India Platform”
अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग एवं माईगव ने 26 जुलाई 2018 को ‘इनोवेट इंडिया प्लेटफॉर्म’ का आरम्भ किया.
#इनोवेट इंडिया पोर्टल से संबंधित मुख्य तथ्य:
- #इनोवेट इंडिया पोर्टल देश में होने वाले समस्त अभिनव कदमों के लिए एक साझा केंद्र के रूप में कार्य करेगा.
- #इनोवेट इंडिया माईगव-एआईएम पोर्टल राष्ट्रीय स्तर पर आधारभूत एवं गहन तकनीक वाले शोधकर्ताओं दोनों को ही पंजीकृत करने के लिए अत्यंत आवश्यक नवाचार प्लेटफॉर्म का सृजन करता है.
- ऐसे लोग जो किसी महत्त्वपूर्ण नवाचार की खोज में हैं वे इस पोर्टल से लाभ उठा सकते हैं.
प्रमुख विशेषताएँ:
- यह प्लेटफॉर्म सभी भारतीय नागरिकों को समर्पित है.
- इसके उपयोगकर्ता (user) #इनोवेट इंडिया पोर्टल पर एकत्र नवाचारों को देख सकते हैं, उनपर टिप्पणी कर सकते हैं एवं उन्हें साझा कर सकते हैं तथा इसके साथ ही इनकी रेटिंग भी कर सकते हैं.
- उपयोगकर्ता लीडरबोर्ड का अवलोकन कर सकते हैं, जिसकी गणना प्रत्येक नवाचार को मिले वोटों के आधार पर की जाती है.
- नागरिक MyGov वेबसाइट पर लॉग-इन करके अपने/संगठन/किसी एवं के नवाचार को इस प्लेटफॉर्म पर साझा कर सकते हैं.
- इन नवाचारों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों, जैसे कि व्हाट्सएप, फेसबुक एवं ट्विटर पर भी साझा किया जा सकता है.
- इस प्लेटफॉर्म का लोकार्पण करने के साथ ही भारत के लोग अब अपने/संगठन के नवाचार को इस प्लेटफॉर्म पर अपलोड एवं उसकी रेटिंग करने में समर्थ हो जायेंगे.
- नागरिक https://innovate.mygov.in/innovateindia/ के जरिए प्लेटफॉर्म पर पहुँच सकते हैं.
अटल नवाचार मिशन:
- अटल नवाचार मिशन (AIM) देश में नवाचार एवं उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आरम्भ की गई केंद्र सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है.
- अटल नवाचार मिशन निदेशालय की स्थापना में एकीकृत तरीके से मिशन की गतिविधियों के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी.
- अटल नवाचार मिशन के तहत एक ऐसे सहयोगात्मक परितंत्र की परिकल्पना की गई है जिसके अंतर्गत विद्यार्थी, शिक्षक, मार्गप्रदर्शक एवं औद्योगिक साझेदार आपस में सहयोग कर नवाचार को सुविधाजनक बनाएंगे. वे वैज्ञानिक सोच के साथ-साथ आज के बच्चों में उद्यमिता की भावना को भी बढ़ावा देंगे एवं इस प्रकार आने वाले समय में राष्ट्र निर्माण में सफलतापूर्वक योगदान करेंगे
माईगव (MyGov ) पोर्टल क्या है?
- माईगव (MyGov) भारत सरकार का एक पोर्टल है जिसका शुभारंभ 26 जुलाई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया.
- इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य है नागरिकों को सरकार के साथ जोड़ना तथा उन्हें राष्ट्र के विकास में भागीदार बनाना है.
- माईगव नागरिकों को कई विषयों पर चर्चा एवं विचार-विमर्श में भाग लेने का अवसर देता है तथा अनेक लोगों के साथ विचारों के आदान-प्रदान का अवसर भी प्रदान करता है.
- नागरिक इस मंच पर कागजात, केस स्टडी, चित्र, वीडियो एवं अन्य कार्य योजनाओं को अपलोड कर सकते हैं. वे ऐच्छिक रूप से विविध कार्य भी कर सकते हैं एवं अपनी प्रविष्टियाँ जमा करा सकते हैं.
- राष्ट्रीय सूचना केंद्र -एनआईसी, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा इस पोर्टल का प्रबंधन किया जायेगा.
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