Sansar Daily Current Affairs, 27 March 2019
GS Paper 2 Source: Indian Express
Topic : Global MPI 2018
संदर्भ
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) तथा ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल के द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया वैश्विक MPI 2018 प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया.
MPI क्या है?
- MPI का पूरा नाम है – Multi-dimensional Poverty Index अर्थात् बहु-आयामी गरीबी सूचकांक.
- प्रतिवेदन में बताया गया है कि इसमें गरीब कौन होता है और गरीबी की तीव्रता क्या होती है, इन दोनों पहलुओं पर विचार किया गया है.
- प्रतिवेदन में गरीबी दर जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में वर्णित है तथा गरीबी की तीव्रता गरीब लोगों के द्वारा झेली जा रही औसत वंचनाओं के आधार पर आकलित की गई है. इन दोनों पहलुओं को मिलाकर MPI बना है.
- गरीबी के लिए अलग-अलग वेट सहित दस संकेतक बनाये गये हैं. यदि कोई व्यक्ति इन संकेतकों के एक तिहाई अथवा अधिक संकेतकों से वंचित है तो उसको MPI गरीब कहा गया है.
प्रतिवेदन में भारत कहाँ पर है?
यद्यपि इस प्रतिवेदन में 150 देशों की दशा का वर्णन है, परन्तु इसमें भारत के लिए एक अलग अध्याय है क्योंकि भारत ने गरीबी के मामले में अच्छी-खासी प्रगति की है. परन्तु फिर भी 2015-16 में भारत में 364 मिलियन गरीब थे. ज्ञातव्य है कि 2005-06 में भारत में गरीबों की संख्या 635 मिलियन थी.
मुख्य मंतव्य
- भारत में सबसे तेज दर से जिनकी गरीबी घटी है, वे हैं – बच्चे, दरिद्रतम राज्य, अनुसूचित जनजातियाँ और मुसलमान.
- मुसलमान और अनुसूचित जनजातियों में पिछले दस वर्षों में गरीबी सबसे अधिक कम हुई है.
- 2015-16 में बिहार सबसे गरीब राज्य था. वस्तुतः यहाँ की आधी से ज्यादा जनसंख्या गरीब थी.
- बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे दरिद्रतम राज्यों में अभी भी 146 मिलियन MPI गरीब लोग रहते हैं. यह संख्या पूरे भारत में रहने वाले MPI गरीबों की आधी से अधिक है.
- सबसे अधिक सुधार झारखण्ड में हुआ है. उसके बाद अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और नागालैंड का स्थान आया है.
GS Paper 2 Source: Indian Express
Topic : Note verbale
संदर्भ
हाल ही में भारत ने पाकिस्तान में दो नाबालिग हिन्दू लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन का मामला उठाते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक लिखित विरोध-पत्र भेजा है.
नोट वर्बेल क्या है?
- एक सरकार से दूसरी सरकार के बीच कूटनीतिक लिखित संवाद को नोट वर्बेल कहा जाता है जो कि फ्रेंच भाषा की शब्दावली है.
- पहले इस प्रकार के नोट मौखिक हुआ करते थे इसलिए आज भी इसका नाम वर्बेल है.
- नोट वर्बेल कूटनीतिक संवाद के सबसे अधिक प्रचलित औपचारिक पद्धति है.
नोट वर्बेल कैसा होता है?
- नोट वर्बेल उसे भेजने वाले के लैटर हेड पर लिखा होता है पर उसपर हस्ताक्षर नहीं होते, मात्र भेजने वाली की मोहर लगी होती है.
- नोट वर्बेल अन्य पुरुष (third person) में लिखा जाता है.
कूटनीतिक संवाद के अन्य औपचारिक रूप
डेमार्स (Demarche) – यह संवाद का एक अधिक औपचारिक रूप होता है जिसमें किसी सरकार की विषय विशेष पर औपचारिक परिस्थिति, विचार अथवा इच्छा लिखी होती है जो दूसरी सरकार के उपयुक्त स्तर के अधिकारी को प्रेषित किया जाता है. सामान्यतः डेमार्स का उद्देश्य दूसरी सरकार को कुछ करने को कहने के लिए सूचना देने के लिए अथवा सूचना लेने के लिए लिखा जात है. किसी विदेशी सरकार की कार्रवाई का विरोध करने और आपत्ति जतलाने के लिए भी डेमार्स भेजा जाता है.
डेमी ऑफिसियल पत्र (DO) – यह संवाद प्रथम पुरुष (first person) में लिखा जाता है. इसमें “प्रिय…” से शुरू होता है और अंत में इसपर लिखने वाले के हस्ताक्षर अंकित होते हैं. हस्ताक्षर करने वाले बहुधा उच्च पद पर कार्य करने वाला अधिकारी होता है. डेमी ऑफिसियल पत्र तभी लिखा जाता है जब लिखने वाला और पानी दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं और ऊँचे पद पर काम रहे हों.
GS Paper 2 Source: The Hindu
Topic : The Global Fund to Fight AIDS, Tuberculosis and Malaria
संदर्भ
हैदराबाद में स्थित Laurus Labs Limited नामक फार्म कम्पनी ने घोषणा की है कि उसने ग्लोबल फण्ड नामक कम्पनी के साथ 3.5 वर्षों की रणनीतिक भागीदारी का समझौता किया है.
ग्लोबल फण्ड क्या है?
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठन है जिसका पूरा नाम Global Fund to Fight AIDS, Tuberculosis and Malaria है.
- इसका उद्देश्य HIV-AIDS, तपेदिक और मलेरिया जैसी बीमारियों को समाप्त करने के लिए अतिरिक्त संसाधनों का निवेश करना है जिससे कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य पूरे किये जा सकें.
- ग्लोबल फंड की स्थापना जनवरी, 2002 में हुई थी. इसमें सरकारों, सिविल सोसाइटियों, निजी प्रक्षेत्र और HIV-AIDS, टीबी और मलेरिया से पीड़ित लोगों की भागीदारी है.
- ग्लोबल फंड का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है.
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- ग्लोबल फण्ड की स्थापना स्विट्ज़रलैंड के कानून के अंतर्गत एक स्वतंत्र लाभ-रहित फाउंडेशन के रूप में हुई थी.
- इसके संरक्षक के रूप में विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन इसके प्रशासनिक पहलुओं को देखता था. आगे चलकर जनवरी, 2009 में यह विश्व स्वास्थ्य संगठन से पूर्णतः अलग हो गया और प्रशासनिक दृष्टि से यह एक स्वायत्त संगठन बन गया.
GS Paper 3 Source: The Hindu
Topic : IEA status report on CO2
संदर्भ
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा आयोग (IEA) ने हाल ही में वैश्विक ऊर्जा एवं CO2 स्टेटस रिपोर्ट निर्गत कर दिया है.
रिपोर्ट के मुख्य तथ्य
- भारत ने 2018 में 2,299 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित किया था जो पिछले वर्ष की तुलना में 8% अधिक है.
- अमेरिका और चीन कार्बन डाइऑक्साइड के विश्व में सबसे बड़े उत्सर्जक हैं. किन्तु इस वर्ष इस विषय में भारत की वृद्धि दर इन देशों से अधिक रही. ऐसा इसलिए हुआ कि अहन कोयले की खपत में बढ़ोतरी हुई.
- ऊर्जा की माँग में वृद्धि का 70% चीन, अमेरिका और भारत में होता है.
- प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के मामले में वैश्विक औसत उत्सर्जन का 40% भारत के हिस्से में रहा.
- भारत का योगदान विश्व के कार्बन डाइऑक्साइड बोझ में 7% रहा.
- अमेरिका का विश्व का सबसे बड़ा उत्सर्जक देश है और वह उत्सर्जन के 14% का उत्तरदाई है.
IEA क्या है?
IEA एक अंतर्राष्ट्रीय निकाय है जिसकी स्थापना 1974 इसलिए किये गयी थी कि उस वर्ष खनिज तेल की आपूर्ति में जो बाधाएँ आई थीं उनका निराकरण किया जा सके. तब से इस निकाय की गतिविधियों में विविधता और विस्तार हुआ है.
IEA के प्रमुख कार्य
- IEA ऊर्जा से सम्बंधित सभी विषयों की पड़ताल करता है, जैसे – तेल, गैस और कोयला आपूर्ति एवं माँग, नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक, बिजली बाजार, ऊर्जा क्षमता, ऊर्जा की उपलब्धता, माँग का प्रबंधन आदि आदि.
- IEA उन नीतियों का पक्षधर है जिनसे इसके सदस्य देशों और अन्य देशों में ऊर्जा की विश्वसनीयता, सुलभता एवं सततता में वृद्धि हो सकती है.
- IEA प्रशिक्षण एवं क्षमता वृद्धि के लिए कार्यशालाओं, भाषणों एवं संसाधनों के कई कार्यक्रम चलाता ही है, इसके अतिरिक्त इसने कुछ प्रतिवेदन आदि भी प्रकाशित किये हैं, जैसे – इसका अपना मुख्य पत्रविश्व ऊर्जा दृष्टिकोण (World Energy Outlook), IEA बाजार प्रतिवेदन (IEA Market Reports), मुख्य विश्व ऊर्जा आँकड़े तथा मासिक खनिज तेल डाटा सेवा.
Prelims Vishesh
Mt Makalu :-
- भारतीय सेना का एक पर्वतीय अभियान दल पहली बार मकालू पर्वत पर चढ़ाई के लिए भेजा गया.
- विदित हो कि मकालू पर्वत नेपाल में है और इसकी ऊँचाई 8,485 मीटर है.
- यह नेपाल की चौथी सबसे ऊँची और विश्व की पाँचवी सबसे ऊँची चोटी है.
- यह माउंट एवेरेस्ट से मात्र 19 किमी. दूर है.
- विश्व-प्रसिद्ध बारुन घाटी मकालू पर्वत की ही तराई में स्थित है.
Swine Flu :-
- स्वाइन फ्लू एक स्वास रोग है जो टाइप A इन्फ्लुएंजा वायरस के कारण सूअरों में होता है.
- इस वायरस का नाम H1N1 है.
- आजकल यह वायरस मौसम के अनुसार मनुष्यों को भी लग जाता है.
SWIFT :-
- SWIFT का पूरा नाम “Society for worldwide interbank financial telecommunication” है अर्थात् “विश्वव्यापी अंतरबैंक वित्तीय दूरसंचार सोसाइटी” है.
- इसमें कोडों की एक मानकीकृत प्रणाली होती है जिसमें प्रत्येक वित्तीय संगठन के पास एक अनूठा कोड होता है जिसका व्यवहार वह भुगतान भेजने और लेने में करता है.
- यह एक सहकारी संस्था है जिसमें विश्व के कई देश सदस्य हैं.
- इसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में है.
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